वीर कुमार जैन 'अकेला' 369 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Jan 2022 · 1 min read गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस की खुशियां देखो आज हम मनाते हैं लाल चौक हो या इंडिया गेट तिरंगा वहां फहराते हैं यह संविधान किसी एक का नहीं पूरे राष्ट्र की संपत्ति है... Hindi · मुक्तक 406 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 Jan 2022 · 1 min read सुभाष खून के बदले आज़ादी दिलाने वाला अंग्रेजी हुकूमत को ललकारने वाला आज़ाद हिंद फौज को बनाने वाला भारत का सपूत वो तो सुभाष ही था सिंहनाद कर अंग्रेजों को भगाने... Hindi · गीत 237 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 21 Jan 2022 · 1 min read मौका है बात चीत बंद है बीते दिनों से चलो अब फिर बात करें मौका है मिलना मिलाना भी बंद है तभी से चलो मुलाकात करें मौका है शरारतें जो करते थे... Hindi · गीत 266 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Jan 2022 · 1 min read मौसम भीगी भीगी सी सुबह की वो शबनम चेहरे को मेरे जब उसने छुआ था। लगा मुझे जैसे था जुल्फों से झटका पानी मेरे दिलो दिमाग में कुछ कुछ हुआ था।। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 439 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 9 Jan 2022 · 1 min read तुझे रास न आई रे मानव क्यों दलदल में धंस रहा है निढाल पड़ा है और कामकाजी को कोस रहा है क्या बदले हुई हालात नही दीख रहे हैं काम कैसे करते हैं ये... Hindi · कविता 296 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 1 Jan 2022 · 1 min read अतिथि आज सुबह सुबह उषा बेला में किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी आधी अधूरी नींद से जाग कर बेमन से दरवाजा खोला तो पाया एक अजनबी सिर झुकाए खड़ा था... Hindi · कविता 1 2 463 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 31 Dec 2021 · 1 min read 31 दिसंबर जाने वाले तू जा तुझे हम याद रखेंगे सदा आते भी सताया तूने जाते भी दे रहा दगा साल 2021 तूने सबक बहुत सिखाया है नए नए शब्दों से हमें... Hindi · कविता 419 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Dec 2021 · 1 min read आड़ धर्म की आड़ में पाप किये जा रहे हैं कर्म की आड़ में नोट छापे जा रहे हैं जिनकी गवाही मात्र से अपराधी छूट जाते थे वही जैनी आज अपराध... Hindi · मुक्तक 240 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Dec 2021 · 1 min read छाप बीतते वर्ष में कुछ कहानी बनी कुछ इतिहास कुछ गम के साये में जिये कुछ बने परिहास अयोध्या काशी हो या क्रांति धरा का बाजार आने वाला युग भी रचेगा... Hindi · मुक्तक 2 2 261 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Dec 2021 · 1 min read नव वर्ष हर बरस की तरह कहो जाने वालों को अलविदा जो इस बरस में बिछुड़ गए उनको भी है अलविदा आने वाले साल का करो स्वागत भूल कर सारे गम अपने... Hindi · मुक्तक 1 2 490 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 21 Dec 2021 · 1 min read चेतावनी हिंदू गर ना जागा तो देर बहुत हो जाएगी योगी मोदी की सरकार भी कुछ ना कर पाएगी अहिंसा के इस देश में फिर हिंसा का तांडव होगा हर गली... Hindi · मुक्तक 347 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Dec 2021 · 1 min read मंदिर भगवान का मंदिर भी अब काँपने लगा है पत्थर दीवार का भी अब हांफने लगा है तंग कपड़ों में जब बेटियां यहां आने लगी भगवान को छोड कर उन्हें निहारने... Hindi · मुक्तक 2 1 410 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 15 Dec 2021 · 1 min read सोच आज हरेक की सोच वासना हो गयी परोपकार में भी अब वासना हो गयी सेवा भाव भी अब भाव करने लगा है आरती पूजा अर्चना सब वासना हो गयी Hindi · मुक्तक 1 1 479 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Dec 2021 · 1 min read नुमायश आजकल बेटियां शहर की नुमाइश हो गई हर सिरफिरे शख्स की ख्वाहिश हो गई पल पल छली जाने वाली किसी खिलौने की तरह महफ़िल में हर एक की फरमाइश हो... Hindi · मुक्तक 1 2 416 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 11 Dec 2021 · 1 min read इज़हार वो अपने प्यार का इज़हार कुछ इस तरह कर गए जाते जाते मेरी लिखी चिट्ठियां मुझे लौटा कर गए गुस्ताखी ना जाने क्या हुई कल शाम महफ़िल में जाने से... Hindi · मुक्तक 198 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 9 Dec 2021 · 1 min read श्रद्धांजलि शोक में डूबा राष्ट्र वीर सपूत को खोकर असमय हुई अनचाही घटना को देख कर शब्द भी सिसक रहे वीरों की शहादत पर लिखे अक्षर भी ना उभर रहे काले... Hindi · मुक्तक 1 1 365 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Nov 2021 · 1 min read कैसे मैं प्यार कैसे जताऊँ मुझको जताना नही आता रूठे हुये को कैसे मनाऊं मुझको मनाना नही आता जतन सारे कर लिए जिसने जैसा बताया था में बस प्यार करता हूँ... Hindi · मुक्तक 1 1 212 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Nov 2021 · 1 min read गीत जब सूरज ढलने लगे और चांद निकलने लगे तब तुम आना प्रिय मेरे प्यार की प्रेम गली मंद मंद बयार चली फूलों की महक बही तब तुम आना प्रिय मेरे... Hindi · गीत 2 2 701 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Nov 2021 · 1 min read चुनाव सत्ता के गलियारों से अब चुनावी बिगुल बज रहा है तरह तरह के बैनरों से अब देखो मेरा शहर सज रहा है हर मोहल्ले की हर गली साफ नजर आने... Hindi · कविता 1 1 363 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Nov 2021 · 1 min read एक हो गए जिंदगी में दो अनजान मुसाफिर एक हो गए दो जिस्म और एक जान जैसे वो एक हो गए अग्नि को मान साक्षी खाई थी जो कसमें उनकी खातिर ही इस... Hindi · मुक्तक 1 1 243 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Nov 2021 · 1 min read मुक्तक एक अनजान मुसाफिर से राह में पहचान हो गई बातों बातों में ही सही उनसे जान पहचान हो गई चलते चलते कहीं दूर निकल आये थे हम दोनों दोनों की... Hindi · मुक्तक 2 2 552 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Nov 2021 · 1 min read ढूंढ रहा हूँ अपनों से चोट खाया हूँ मरहम ढूंढ रहा हूँ जख्म कहाँ कहाँ लगे हैं जख्म ढूंढ रहा हूँ ना जाने कब कैसे किसने छला है मुझको दुनिया की भीड़ में... Hindi · मुक्तक 3 2 277 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Nov 2021 · 1 min read संभल कर चल संभल कर चल रास्ते में पत्थर बहुत हैं कदम सोच समझ कर रख पत्थर बहुत हैं ठोकर लगने पर हंसने वालों की कमी नही है आजकल तो दिलों में भी... Hindi · मुक्तक 2 1 483 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Nov 2021 · 1 min read ये ज़रूरी तो नही सब मुझसे प्यार करें ये ज़रूरी तो नही और मैं सब को चाहूं ये ज़रूरी तो नही उसकी नफरत से मुझे इश्क हो गया है ये इश्क़ परवान चढ़े ये... Hindi · मुक्तक 1 223 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Nov 2021 · 1 min read जेब आम आदमी की कमीज में दो जेब लगा दी गई हैं एक से पैसे निकाल रहे हैं दूसरी जेब में डाल रहें हैं इस तरह एक आम आदमी की आंखों... Hindi · कविता 1 1 317 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read बंदर बांट एक आम इंसान की रोटी गरीबों में मुफ्त बंट रही है फिर भी ना जाने क्यों देश से गरीबी ना छंट रही है सत्ता की कुर्सी पर बैठ कर मुफ़्त... Hindi · कविता 1 2 518 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read किस्मत से मंच, माइक, श्रोता और वाह वाह एक कवि का खुली आँखों का सपना है चांद सितारे और एक रात का सफर बाकी सब पराये सिर्फ यही तो अपना है किस्मत... Hindi · कविता 2 1 357 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read अभिमान आज चौपाल पर कुछ ज्यादा हलचल थी किसी के हाथ में हुक्का किसी के चिलम थी चर्चा शायद किसी गंभीर बात पर थी साईकल, हाथी, कमल और हाथ पर थी... Hindi · कविता 2 1 316 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read विडंबना जिंदगी की जंग में जो जीत गए महंगाई ने चुपके से वार कर दिया सब कुछ लुटा आस लेकर लौटे बचा खुचा महँगाई ने बर्बाद कर दिया Hindi · मुक्तक 1 1 429 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read वो फिर ना आएंगे मालूम है उन्हें वो फिर ना आएंगे सत्ता का ताज फिर पहन ना पाएंगे सिक्खों की तरह बलिदान ना दे पाएंगे हिन्दू शायद फिर हिन्दू ना रह पाएंगे Hindi · मुक्तक 1 1 180 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Nov 2021 · 1 min read क्या चाहिए सिंहनाद चाहिए या गीदड़ जैसी भभकियां चेहरे पर मुस्कान चाहिए या चाहिए सिसकियां। वक़्त निकलने से पहले फैसला कर लीजिए वरना ना आप सुरक्षित रहेंगे ना रहेंगी बेटियां।। Hindi · मुक्तक 1 1 439 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 Nov 2021 · 1 min read कमाल करते हो जख्म देते हो दिल पर तो मरहम भी तुम लगाया करो। क्यों फिर अफसोस करते हो चेहरा यूँ ना तुम छुपाया करो।। दर्द गर हो तुम मेरे दिल का दवा... Hindi · शेर 1 1 347 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 13 Nov 2021 · 1 min read शेर पनाह में तेरी मां मैं जब तक हूँ महफूज हूँ। तेरा साथ छुटा तो मुमकिन है फना हो जाऊंगा।। वीर कुमार जैन 'अकेला' Hindi · शेर 1 1 156 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 12 Nov 2021 · 1 min read बोलो तो तुम ये खामोशी तोड़ एक बार बोलो तो सही। बन्द पड़े ये लब तुम एक बार खोलो तो सही।। खता अनजाने में ही सही गर हो गई हमसे। हमें परखो... Hindi · मुक्तक 1 6 513 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 10 Nov 2021 · 1 min read दौर नही अब रूठने मनाने का दौर नही अब तू रूठा तो मनाने वाला कोई न होगा। आंसू गर तेरी आँखों से कोई छलका छुपा लेना यहां पोंछने वाला कोई न होगा।। तन्हाई... Hindi · गीत 1 2 491 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 7 Nov 2021 · 1 min read फर्क नही पड़ता उसका गम कम है पर मेरा भी तो है। उसकी आंखें नम हैं पर मेरी भी तो है।। जब साथ रहने वाले से पूछा सभी ने। मुस्कुरा कर बोला कुछ... Hindi · मुक्तक 1 2 346 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 6 Nov 2021 · 1 min read हीरो वो जाते जाते भी लोगों का भला कर गया। दान वीर था वो अपने नेत्र भी दान कर गया।। वृद्धाश्रम के वृद्ध सभी अनाथाश्रम के सभी बच्चे। इंसान तो इंसान... Hindi · मुक्तक 4 179 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 4 Nov 2021 · 1 min read मरहम घाव दिए पहाड़ से, मरहम - जितनी राई मेरी मोटी खोपड़ी में बात समझ ना आई बात समझ ना आई ये मरहम बे असर है और कितना निचोड़ोगे बची कोई... Hindi · कुण्डलिया 235 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Nov 2021 · 1 min read मनः दशा एक भाई के मातम दूजा खुशियां मना रहा। एक के घर अंधेरा दूजा रोशनी जला रहा।। दीपावली पर दिए जलाना परम्परा को निभाना है। आंखों में आंसू का सैलाब जिसे... Hindi · कविता 2 192 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Nov 2021 · 1 min read मजबूर इंसान हाथों में सिर्फ दीपक हैं, ना है बाती और तेल। इस बार दीवाली पर देखो, कैसा हुआ ये मेल।। कैसा हुआ ये मेल, क्या दीवाली सूनी रह जायेगी। क्या इस... Hindi · कुण्डलिया 1 2 432 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Nov 2021 · 1 min read हाय रे सितम कोरोना से बचे तो पेट्रोल ने मार दिया उसने सामने से इसने पीछे से वार किया हर सुबह दामों में उछाल से मर रहे तिल तिल महंगाई ने देखो जिंदगी... Hindi · मुक्तक 2 2 255 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Nov 2021 · 1 min read बहार तू आयी तो ज़िन्दगी में बहार आ गयी जैसे गम की चादर हटा कर खुशियां छा गयी जैसे मैंने तो रब से खुशियां मांगी थी दुनिया के लिए ऐ वैक्सीन... Hindi · मुक्तक 232 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Oct 2021 · 1 min read शेर गुलशन में खिले फूलों की किस्मत भी क्या कहिए जनाब एक भगवान के चरणों में और एक मज़ार पर चढ़ाया जाता है एक ही डाली पर खिले थे पर टूट... Hindi · शेर 182 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Oct 2021 · 1 min read शेर दर्द सीने का यूँ किसी को दिखता नहीं ये शब्द ही हैं जो अहसास करा देते हैं वीर कुमार जैन 'अकेला' Hindi · शेर 173 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Oct 2021 · 1 min read शेर पायल बनूं तेरे पैरों की या बनूं माथे का टीका मैं चांदी हूँ पर किस्मत बनाने वाले के हाथ में वीर कुमार जैन 'अकेला' Hindi · शेर 165 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Oct 2021 · 1 min read शेर वो गया तो गया कुछ इस तरह इस जहान से मुझको अकेला कर गया क्यों इस जहान में साथ निभाया उसने मेरा उम्र के इस पड़ाव तक वादा हमदम का... Hindi · शेर 180 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Oct 2021 · 1 min read शेर ज़ुबान चलती है, कैंची की तरह, कहते हैं लोग। कैंची से कपड़े और ज़ुबान से, कटते हैं लोग।। वीर कुमार जैन 'अकेला' Hindi · शेर 266 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 28 Oct 2021 · 1 min read बूंद अम्बर पर छाए बादलों की कोख से एक बूंद रिस कर धरती पर आ गयी। किस्मत से सीप का मुंह खुला था गिरते ही सीप के मुंह में समा गयी।।... Hindi · मुक्तक 1 4 236 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Oct 2021 · 1 min read विश्वास कल अचानक पार्क में बहुत पुराने साथी से मुलाकात हो गई। बात जो शुरू हुई तो फिर पुरानी यादें ताजा करते रात हो गई।। अगले दिन फिर से मिलने के... Hindi · कविता 173 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 Oct 2021 · 1 min read इन्तज़ार आज न जाने क्यूं तेरा इन्तज़ार करना गवारा नही मुझको। सालों साल गुजर गए हैं मेरी ज़िंदगी से गये हुए तुझको।। ना तू आई ना तेरा ख्याल आया कभी भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share Previous Page 3 Next