श्रीकृष्ण शुक्ल Language: Hindi 137 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next श्रीकृष्ण शुक्ल 6 Sep 2021 · 1 min read गुरु घंटाल शिक्षक दिवस पर एक नजरिया यह भी: हास्य : छंद कुंडलिया : गुरुघंटाल गुरुजन के सम्मान में, नत हैं सारे भाल, उनका भी सम्मान हो, जो हैं गुरुघंटाल! जो हैं... Hindi · कुण्डलिया 3 2 400 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Aug 2021 · 1 min read संवाद :भक्त और भगवान भक्त उवाच: जब जब धरती पर मचे, अनाचार अरु पाप! तब तब प्रभु हों अवतरित, काटें सब संताप!! आज चहुँदिशि व्याप्त हैं, पाप ताप संताप! हे माधव अवतरित हो, और... Hindi · दोहा 1 539 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Aug 2021 · 1 min read बेटी बनाम बहू बेटी बनाम बहू --------------- मम्मी कल तीजो है, शालिनी को मायके वालों ने बुलाया है। आप कहो तो इसे सुबह छोड़ आऊँगा, तीजो करके शाम को आ जायेगी; सतीश ने... Hindi · लघु कथा 2 7 381 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Aug 2021 · 1 min read सखी ये है कैसा सावन। सखी ये है कैसा सावन। पहले तो तीजो पर भैया, लेने आ जाते थे। आँगन में अमुआ के नीचे, झूले पड़ जाते थे। ननद भावजें मिल जुलकर सब, झूले झुलवाती... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 2 2 594 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 Jul 2021 · 1 min read मानसून की बिगड़ी चाल। आज की बाल कविता मानसून की बिगड़ी चाल। ------–------------------- मानसून की बिगड़ी चाल। सूखे हैं सब पोखर ताल। जून गया जौलाई आयी। गरमी से है विकट लड़ाई।। बदन चिपचिपा रहा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 306 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 Jul 2021 · 1 min read मानवता दम तोड़ रही है, इसका कुछ उपचार लिखें।। मानवता दम तोड़ रही है, इसका कुछ उपचार लिखें।। -------------------------–------------------------------------- द्वेष घृणा मिट सके दिलों से, कुछ ऐसे अश्आर लिखें। मानवता दम तोड़ रही है, इसका कुछ उपचार लिखें।। सावन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 Jun 2021 · 1 min read पिता बनकर पिता का मोल अब अपनी समझ आया। पिता बनकर पिता का मोल अब अपनी समझ आया। नहीं चिंता रही कोई, न कोई डर सता पाया पिताजी आपके आशीष.की हम पर रहे छाया हमारी प्रेरणा है आपका सादा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 309 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 Jun 2021 · 1 min read जिंदगी से दर्द ये जाता नहीं (तरही गज़ल) जिंदगी से दर्द ये जाता नहीं (तरही गज़ल) जिन्दगी से दर्द ये जाता नहीं और अपना चैन से नाता नहीं। आस की कोई किरण दिखती नहीं। बेबसी में कुछ कहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 Jun 2021 · 1 min read गज़ल (पत्थरों सा जो हो गया होता) गज़ल (पत्थरों सा जो हो गया होता) -------------------------------------- पत्थरों सा जो हो गया होता। आज मैं भी खुदा हुआ होता। फूल ये इस तरह न मुरझाता। प्यार से आपने छुआ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Jun 2021 · 1 min read पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद हैं, सभी सम्मानित कविवृंद को नमन। आज की गोष्ठी में प्रस्तुत हैं चार चार पंक्तियों की चंद चतुष्पदियां। 1. कोरोना के चलते पूरा देश बंद है। घर, दफ्तर, बाजार पूर्ण परिवेश... Hindi · कविता 1 2 326 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 May 2021 · 1 min read पशु पक्षी आजाद मगर इन्सान बंद है। कोरोना के चलते पूरा देश बंद है। घर, दफ्तर, बाजार पूर्ण परिवेश बंद है।। रैली, रेले, मेले, टेले, हाट, सिनेमा, आलू, टिक्की, चाट,बंद, संदेश बंद है। घर से बाहर आवाजाही... Hindi · कविता 2 2 229 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 May 2021 · 1 min read आओ आशा दीप जलाएं माना चहुँ दिशि अंधकार है। सांसों पर निष्ठुर प्रहार है।। आओ आशा दीप जलाएं, दूर भगाना अंधकार है। रात भले हो घोर अँधेरी, उसकी भी सीमा होती है। रवि के... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 2 286 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Apr 2021 · 1 min read वक्त की अब नज़ाकत भी पहचान ले वक्त की अब नजाकत भी पहचान ले।। --------------------------------------- वक्त की अब नजाकत भी पहचान ले।। वक्त क्या कह रहा है जरा जान ले। मौत का कुछ हवा से मसौदा हुआ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 272 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 27 Apr 2021 · 1 min read तटस्थ धर्मराज तटस्थ धर्मराज ------------------ वाह रे धर्मराज, कलियुग में भी दिखा ही दिया अपना प्रभाव। तब एक युधिष्ठिर थे, यद्यपि धर्मराज कहलाते थे, लेकिन उन्होंने घोर अधर्म किया हारा हुआ राज्य... Hindi · कविता 1 299 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Apr 2021 · 1 min read आज है बेबस हर इन्सान। आज है बेबस हर इन्सान। आज है बेबस हर इन्सान। सभी के संकट में हैं प्राण।। करोना मचा रहा उत्पात। कर रहा है छिप छिप कर घात। मनुज है बेबस... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 287 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Mar 2021 · 4 min read अथ माला महात्म्य अथ माला महात्म्य ----------------------- आजकल प्रत्येक कार्यक्रम में माला की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कार्यक्रम का शुभारंभ भी सरस्वती जी को माला पहनाए बगैर नहीं होता। मंच पर बैठने... Hindi · लेख 574 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Mar 2021 · 1 min read शिव विवाह पर घनाक्षरी शिव बारात : छंद घनाक्षरी मस्तक पे अर्द्ध चंद्र, शीष जटा बीच गंग, गले में पड़े भुजंग, बाघंबर धारे हैं। कर में त्रिशूल लिये, डमरू का नाद किये, देवों के... Hindi · घनाक्षरी 1 778 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2021 · 2 min read कमजोर नहीं है नारी : व्यंग कमजोर नहीं है नारी : व्यंग --------------------------------- कौन कहता है कमजोर है नारी कमजोर कभी नहीं थी वो बेचारी. मुझे तो याद आते हैं बचपन के वो दिन जब साथी... Hindi · लेख 2 2 273 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2021 · 1 min read जिस जगह पूज्य होती नारी, उस जगह देवता बसते हैं। आज महिला दिवस पर ब्रह्मांड की समस्त नारी शक्ति को नमन। नारी के महत्व को दर्शाती मेरी रचना। जिस जगह पूज्य होती नारी, उस जगह देवता बसते हैं नारी तो... Hindi · कविता 2 2 333 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Mar 2021 · 3 min read वर्ष 2020 में मेरी साहित्यिक उपलब्धियां वर्ष 2020 में मेरी साहित्यिक उपलब्धियां वैसे तो वर्ष 2020 श्रीमान कोविद नाइंटीन द्वारा अग्रिम रूप से आरक्षित कर लिया गया था, जिस कारण उन्हीं के चर्चे साल भर चले,... Hindi · लेख 1 283 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Mar 2021 · 1 min read औकात औकात : लघुकथा 'भाइयों और बहनों, हमें ऐसी पार्टी को चुनाव में हराना होगा जो लोगों को जाति और मजहब में बाँटकर सांप्रदायिकता का जहर घोल रही है। हमारे दल... Hindi · कविता 4 6 475 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 2 Mar 2021 · 1 min read मुस्कुराने के लिए मुस्कुराने के लिए रूठना भी है जरूरी, मान जाने के लिये। कुछ बहाना ढूंढ लीजे मुस्कुराने के लिए । जिन्दगी की जंग में उलझे हुए हैं इस कदर। वक्त ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 330 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 Jan 2021 · 3 min read और रायता फैल गया और रायता फैल गया। ---------------------------- बात वर्ष 2010 की है। मैं उन दिनों बिधुना जिला औरेया में नियुक्त था। बैंक के कार्य में अत्यधिक व्यस्तता के कारण साहित्यिक क्षेत्र में... Hindi · लेख 3 8 250 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Jan 2021 · 1 min read बहुत हो गया कोविद जी अब तो जाओ बहुत हो गया कोविद जी अब तो जाओ। जाओ भी अब हठधर्मी मत दिखलाओ।। कुछ दिन के मेहमान सरीखे आ जाते। खाते पीते कुछ दिन और चले जाते। लेकिन तुम... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 4 230 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 30 Jun 2020 · 1 min read चलो अब लौटें अपने गाँव चलो अब लौटें अपने गाँव -------------------------------- उखड़ने लगे यहाँ से पाँव। चलो अब लौटें अपने गाँव। बुला रहा है बूढ़ा पीपल, अरु बरगद की छाँव। चलो अब लौटें अपने गाँव।... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 3 1 218 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 1 Jun 2020 · 1 min read आशियाँ ही आशियाँ गज़ल जिन दरख्तों को गिराना चाहती हैं आँधियाँ।। कुछ परिन्दों ने बना रक्खे हैं उनमें आशियाँ। कल यहाँ पर खेत थे बस और कुछ पगडंडियाँ। अब यहाँ पर दूर तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 370 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 May 2020 · 1 min read क्या होता है कोरोना क्या होता है कोरोना छोटू ने मम्मी से पूछा एक बात बतलाओ। क्या होता है यह कोरोना, आप मुझे समझाओ। बंद हुए स्कूल, खेलने पर भी पाबंदी है। शापिंग माल,... Hindi · कविता · बाल कविता 1 239 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 May 2020 · 1 min read कवि पत्नी की नोंकझोंक 07.02.2020 कवि पत्नी की नोंकझोंक कवि जी और घराणी में नित नोंकझोंक चलती थी। अपना घर तुम स्बयं सम्हालो, वो अक्सर कहतीं थी।। आप गोष्ठियों में सखियों सँग मौज मजा... Hindi · कविता 1 2 467 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 May 2020 · 3 min read रोज़ा इफ्तार रोज़ा इफ्तार -------------- बाबूजी, पाँच बजने वाले हैं, ये फोल्डर ऐसे ही रख देता हूँ, कल काम पूरा कर दूँगा, मुनव्वर ने रामबाबू से कहा। अरे ऐसा कैसे, ये तो... Hindi · कहानी 2 272 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 13 May 2020 · 2 min read घर वापसी घर वापसी -------------- पापा, अभी कितना और चलना है, घर कब पहुँचेंगे, नन्हीं मुनिया ने राकेश से पूछा। पहुँच जायेंगे बिटिया, जल्दी पहुँच जायेंगे, कहते कहते राकेश का स्वर भर्रा... Hindi · कहानी 2 2 437 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 May 2020 · 1 min read कोरोना तू अब तो जा कोरोना तू अब तो जा -------------------------- कोरोना तू जा जा जा। खा के जहर कहीं मर जा।। बहुत हो चुका तेरा राज। बंद घरों में हैं हम आज।। लॉबी, कमरा,... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 300 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Apr 2020 · 1 min read कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। ---------------------------------------------------------- कोरोना का संकट मित्रों, कब तक हमें डरायेगा। अनुशासन में अगर रहेंगे, तो संकट टल जायेगा।। लॉकडाउन में कब तक खुद... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 344 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 22 Apr 2020 · 1 min read कब तक घर में बंद रहूँगा कब तक घर में बंद रहूँगा। -------------------------------- छोटू पापा से ये बोला, कब तक घर में बंद रहूँगा बैठे बैठे ऊब गया हूँ, कब बाहर जाकर खेलूंगा। पापा ने उसको... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 407 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष मात्र इतना करना। नववर्ष मात्र इतना करना पूरा करना सबका सपना चहुँ ओर शांति सुख चैन रहे माँ बहनों का सम्मान रहे वहशी हैवान दरिंदों से नारी की अस्मत बची रहे फिर हो... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 1 4 221 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 11 Jan 2020 · 1 min read रूढ़ियों को तोड़िए। यह कविता मैंने सन् 1985 में लिखी थी। रूढ़ियों को तोड़िए, धर्मांधता को छोड़िए। और सबको राष्ट्र की धारा में लाकर जोड़िए।। हैं नहीं केवल अँधेरे, रौशनी भी है यहाँ।... Hindi · कविता 2 218 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Nov 2019 · 1 min read धार के विपरीत ही मैं तो सदा चलता रहा एक दर्पण रूप मेरे नित्य नव गढ़ता रहा। मैं स्वयं की झुर्रियों के बिंब ही पढ़ता रहा।। दौड़ता हरदम रहा लेकिन कहीं पहुँचा नहीं। धार के विपरीत ही मैं.तो सदा... Hindi · कविता 1 255 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 2 Nov 2019 · 1 min read जैसी करनी वैसी भरनी दूर दूर तक धुआँ धुआँ है दिन में ही अँधकार हुआ है घोर कुहासे के बादल में बेबस सूरज कैद हुआ है. दृश्य सभी धूमिल दिखते हैं चक्षु हारते से... Hindi · कविता 2 2 468 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 Sep 2019 · 2 min read बाबूजी का श्राद्ध बाबूजी का श्राद्ध --------------------- बाबूजी के श्राद्ध पर पंडित जी बोले, सुनो जजमान, जो बाबूजी खाते थे, वही बनवाना पकवान। यदि कुछ कमी रही तो, बाबूजी की आत्मा अतृप्त रह... Hindi · कविता 2 2 347 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Sep 2019 · 1 min read कुछ हमको भी जी लेने दो कुछ हमको भी जी लेने दो। कुछ हमको भी खुश रहने दो।। हम तो सुनते ही आए हैं , सुन सुन कर घुटते आए हैं, अपने सपने ध्वस्त हुए हैं,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 2 4 268 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Sep 2019 · 1 min read बाल कविता:दूध के दाँत कविता: दूध के दाँत ------------------------- नटखट छोटू लगा बिलखने उसका दाँत लगा था हिलने दाँत कहाँ से मैं लाऊँगा बाबा जैसा हो जाऊँगा मम्मी पापा ने समझाया दाँत दूध के... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 252 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 17 Aug 2019 · 1 min read मैं हूँ नंबर वन बाल कविता ः मैं हूँ नंबर वन ----------------- नटखट छोटूराम मुहल्ले भर का प्यारा। हर चाची ताई नानी का रहा दुलारा।। खेल कूद में बच्चों का अगुआ रहता था। घर... Hindi · कविता · बाल कविता 422 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 23 Jun 2019 · 1 min read सैनिक की जिंदगी, दिवाली पर न आऊँगा, उमंगों को सुला देना नहीं मिल पाई है छुट्टी अकेले घर सजा लेना यहाँ सरहद पे हम मिलकर बमों को खूब फोड़ेंगे हमारे नाम के दीपक... Hindi · कविता 313 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 11 Jun 2019 · 1 min read बेटियाँ अब देश में कैसे जियें। बेटियाँ अब देश में कैसे जियें ----------------------------------- खून के आँसू भला कैसे पियें। बेटियाँ अब देश में कैसे जियें।। हर घड़ी कितनी निगाहें घूरतीं भेड़ियों के बीच हर पल घूमतीं... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 374 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Jun 2019 · 1 min read जीवन की परिभाषा जीवन भर सँग सँग चलती है, आशा और निराशा । सुख.दुख से ही रची गई है, जीवन की परिभाषा ।। सुख की इच्छा मन को प्रतिपल, स्वप्न दिखाती रहती, और... Hindi · गीत 2 2 561 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 14 May 2019 · 2 min read मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ मैं सीमाओं पर रहूँ सजग, अपना कर्तव्य निभाता हूँ मैं भारत माँ का प्रहरी हूँ, चरणों में शीश झुकाता हूँ। है शस्य श्यामला भारत माँ, मुझको प्राणों से प्यारी है... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 2 412 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2019 · 1 min read जिस जगह पूज्य होती नारी, उस जगह देवता बसते हैं नारी ही तो जननी सबकी, उससे ही जीवन पाया है उसने पयपान कराकर ही, हमको बलवान बनाया है वह जननी है, वह भगिनी है, सहचरिणी है, पुत्री भी है निज... Hindi · कविता 1 207 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 5 Sep 2018 · 2 min read नेकी कर दरिया में डाल नेकी कर दरिया में डाल नमस्ते सर, हरीश ने सिर उठाकर देखा तो एक अधेड़ सा व्यक्ति जो देखने में उद्विग्न सा लग रहा था, हाथ जोड़े खड़ा था. नमस्ते,... Hindi · कहानी 523 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 3 Sep 2018 · 2 min read भगवान और भक्त : कलियुगी संवाद भक्त और भगवान, कलियुगी संवाद जन्माष्टमी पर भक्ति भाव कुछ ऐसा हो गया कि कान्हा से साक्षात्कार हो गया मैं नतमस्तक हो गया कान्हा के चरणों में लोट गया कान्हा... Hindi · कविता 1 750 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 13 Aug 2018 · 2 min read दुनियादारी मिलना जुलना, शादी उत्सव, यारी रिश्तेदारी एक लिफाफे में सिमटी है सारी दुनियादारी प्रेम भाव तो लुप्तप्राय दिखता है संबंधों में रिश्ते तो अब बचे हुए हैं केवल अनुबंधों में... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 701 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 2 Aug 2018 · 1 min read नुकसान ए बाबू कुछ पैसे दे दो, सुबह से कुछ नहीं खाया है. कहते कहते वो औरत सतीश के सामने आकर खड़ी हो गई. चेहरे पर ही मजबूरी के भाव झलक... Hindi · लघु कथा 419 Share Previous Page 2 Next