Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2021 · 2 min read

कमजोर नहीं है नारी : व्यंग

कमजोर नहीं है नारी : व्यंग
———————————

कौन कहता है कमजोर है नारी
कमजोर कभी नहीं थी वो बेचारी.
मुझे तो याद आते हैं बचपन के वो दिन
जब साथी मुझे धमकाते थे, डराते थे, हड़़काते थे,
साथ ही कहते जाते थे, ;नानी याद आ जाएगी,
तभी मुझे पता लगा था कि नानी तो नाना से ज्यादा पॉवरफुल है
स्कूल में ही एक पहलवानी का मुकाबला हुआ.
वहाँ भी यही सुना;जिसने अपनी माँ का दूध पिया हो, सामने आ जाए
मुझे लगा मैं व्यर्थ ही पिताजी से डरता हूँ,
असली ताकतवर तो माँ है
जिसके दूध में इतनी ताकत है, कि पहलवान भी उसी से डरता है.
फिर पहलवान को यह भी कहते सुना, इतनी मार लगाऊँगा कि छठी का दूध याद आ जाएगा,
अब भाई छठी का दूध तो बच्चा माँ का ही पीता है.
वैसे तो आजकल तमाम बच्चे सीजेरियन से पैदा होते हैं,
लेकिन छठी का दूध तो वह भी माँ का ही पीते हैं,
बल्कि आजकल तो डाक्टर छह महीने तक सिर्फ माँ का दूध ही पिलवाते हैं
भले ही बाप फिर बड़े होने तक खिलाता हो, पिलाता हो, पढ़ाता हो, लिखाता हो, लेकिन याद छठी का दूध ही आता है, याद नानी ही आती है, काम माँ का दूध ही आता है. इतनी शक्तिशाली है नारी.
हाँ अभी कल ही एक कार्यक्रम में एक अजीब प्रतियोगिता हुई. जो व्यक्ति अपनी पत्नि से डरता है, हाथ ऊपर उठाए. कसम से सारे हाथ ऊपर उठ गए. लेकिन सामने ही एक दुबला पतला व्यक्ति दोनों हाथ नीचे रखे चुपचाप बैठा था. सबने उसे बड़ी ईर्ष्या से देखा. उसे पुरस्कार देने के बाद पूछा गया, क्या.वाकई तुम अपनी पत्नी से नहीं डरते हो?
वो डायस पर बैठी अपनी पत्नी की ओर देखता हुआ बोला, मुझे कुछ नहीं पता, मुझसे तो इन्होंने कहा था बगैर हिलेडुले चुपचाप बैठे रहना.
मान गए भाई, यहाँ भी पत्नियां ही ताकतवर हैं
आज जब मैं आसपास चारों ओर नजर डालता हूँ
तो साफ साफ देख पाता हूँ
यहाँ तो हर व्यक्ति अपनी पत्नि से डरता है,
और सच कहूँ तो मैं भी बाहर भले ही शेर बनता हूँ,
लेकिन घर में तो भीगी बिल्ली बना रहता हूँ,
तभी तो कहता हूँ शक्तिमान है नारी,
मत समझो उसको बेचारी.
वो तो इसीलिए कमजोर पड़ जाती है,
क्योंकि आज नारी ही नारी की दुश्मन बन जाती है.
सास बनकर बहू को सताती है,
कोख में पलती बेटी को मरवाती है,
खुद की बेटी से दिनभर घर का काम कराती है,
और बेटे को दूध मलाई खिलाती है,
सोचती है, बेटा बड़ा होकर बहू लाएगा, साथ में दहेज भी लाएगा,
बेटी का क्या, ये तो पराया धन है, पराए घर जाएगी, और घर भी खाली कर जाएगी,
यही सोच, मित्रों बस यही सोच नारी को बेबस कर जाती है,
वास्तव में नारी ही नारी को कमजोर बनाती है,
नारी ही नारी को कमजोर बनाती है।

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
17रिश्तें
17रिश्तें
Dr Shweta sood
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
किसान और जवान
किसान और जवान
Sandeep Kumar
कविता (आओ तुम )
कविता (आओ तुम )
Sangeeta Beniwal
दो नयनों की रार का,
दो नयनों की रार का,
sushil sarna
किसी नौजवान से
किसी नौजवान से
Shekhar Chandra Mitra
"मन"
Dr. Kishan tandon kranti
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
🙅आज है दो जून🙅
🙅आज है दो जून🙅
*प्रणय प्रभात*
*हारा कब हारा नहीं, दिलवाया जब हार (हास्य कुंडलिया)*
*हारा कब हारा नहीं, दिलवाया जब हार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ॐ
Prakash Chandra
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
बहर- 121 22 121 22
बहर- 121 22 121 22
Neelam Sharma
*कभी  प्यार में  कोई तिजारत ना हो*
*कभी प्यार में कोई तिजारत ना हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
🌷मनोरथ🌷
🌷मनोरथ🌷
पंकज कुमार कर्ण
#कहमुकरी
#कहमुकरी
Suryakant Dwivedi
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीवन के हर युद्ध को,
जीवन के हर युद्ध को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कन्या रूपी माँ अम्बे
कन्या रूपी माँ अम्बे
Kanchan Khanna
"लेखक होने के लिए हरामी होना जरूरी शर्त है।"
Dr MusafiR BaithA
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
बचपन
बचपन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
सेंगोल जुवाली आपबीती कहानी🙏🙏
सेंगोल जुवाली आपबीती कहानी🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...