श्रीकृष्ण शुक्ल Language: Hindi 137 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Jul 2018 · 2 min read नमामि गंगे हर हर गंगे नमामि गंगे हर हर गंगे ============== नमामि गंगे सुनते सुनते इक दिन हमने भी ये सोचा गंगा को हम भी दे आएं पापों का सब लेखा जोखा स्वच्छ मिलेगी गंगा... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · हास्य व्यंग रचना 740 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 7 Jul 2018 · 1 min read गज़ल: मुफलिसी में ज़िन्दगी दुश्वार है गज़ल --–---- मुफलिसी में जिन्दगी दुश्वार है जेब पर भारी हुआ बाजार है पेट भरना जंग ही है आजकल अर्थ ही सबसे बड़ा हथियार है क्या करें क्या ना करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 16 May 2018 · 1 min read माँ तेरा अहसास लगता है तुम यहीं कहीं हो छिपी हमारे पास यदा कदा होता रहता है माँ तेरा अहसास तुमने ही जन्म दिया मुझको जब आँख खुली तुमको पाया पहला स्पर्श तुम्हारा... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत 1 2 589 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 1 May 2018 · 1 min read हम श्रमिक आज श्रमिक दिवस है. श्रमिक की वेदना व्यक्त करती मेरी कविता. हम श्रमिक हम रहे श्रमिक हम क्या जानें अच्छे दिन कैसे होते हैं दो जून की रोटी की खातिर,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सामाजिक विसंगतियां 244 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Apr 2018 · 1 min read लाज रखनी है अपने वतन की हमें गज़ल है ज़रूरत सदा इस वतन की हमें इस चमन की हमें, अंजुमन की हमें मर मिटेंगे वतन के लिए दोस्तो लाज रखनी है अपने वतन की हमें जान जाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 418 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 6 Apr 2018 · 1 min read आओ हम सब बनें भगीरथ आओ हम सब बनें भगीरथ एक भगीरथ के तप से ही, धरती पर गंगा आई शिव के सहस्त्रार से होकर, अमृतमय जल ले आई गंगाजल का एक आचमन, तन मन... Hindi · कविता 490 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 30 Mar 2018 · 1 min read हवा कुछ बेतुकी चलने लगी है हवा कुछ बेतुकी चलने लगी है फिज़ां भी मजहबी होने लगी है जलाए थे दिये जो रौशनी को उन्हीं से आग अब लगने लगी है किसी ने हाल क्या पूछा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 186 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Mar 2018 · 1 min read फुटपाथों का बचपन आँखों में अगणित प्रश्न लिए और मन में बस जिज्ञासा तन से कोमल मन से कुंठित लगता है डरा डरा सा बचपन में मानो जान लिया हो सारा जीवन दर्शन... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सामाजिक विसंगतियां 482 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 Mar 2018 · 1 min read जंगल में दरबार उपचुनाव की हार से, कैसा हाहाकार बुआ भतीजा सोचते, जीत लिया संसार गठबंधन पर पड़ रही, टुकड़ा टुकड़ा धूप सभी मुखौटे खुल गए, दिखता असली रूप गीदड़ अब लगवा रहे,... Hindi · दोहा 310 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 18 Mar 2018 · 1 min read हम दर्पण भी दिखलाते हैं हम भक्त नहीं, शुभचिंतक हैं, हम सच्ची बात बताते हैं केवल गुणगान नहीं करते, हम दर्पण भी दिखलाते हैं क्यों जनता तुमसे विमुख हुई, क्यों उसने तुम्हें हराया है थोड़ा... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सचेतक 437 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Feb 2018 · 1 min read ससुराल में पहली होली खूब याद आती है अब भी पहली होली पहुँचे जब ससुराल मनाने को हम होली पत्नी मैके गई हुई थी, मन आतुर था होली पर पत्नी सँग होगी खूब ठिठोली... Hindi · कविता 658 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Feb 2018 · 1 min read होली है आज गले मिल लो मन के सारे बंधन खोलो होली है आज गले मिल लो इस अवसर पर लज्जा कैसी ये तो है रीत जमाने की तुम कर लो आलिंगन कर लो होली है... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · पर्व विशेष 262 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Feb 2018 · 1 min read एक गज़ल हालात से लड़ा है वो दिखता थका थका चलता ही जा रहा है वो लेकिन झुका झुका वो शख्स शक्ल से भी तो दिखता लुटा लुटा तकदीर से पिटा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 28 Jan 2018 · 1 min read गज़ल अचानक वो नजदीक आने लगे हैं नया मुझसे रिश्ता जताने लगे हैं मैं जबसे हुआ हूँ महकमे का हाकिम सभी हाजिरी अब लगाने लगे हैं चुनावी हुआ है ये माहौल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Jan 2018 · 1 min read रंग तिरंगे के छाएं जन जन को प्राणों से प्यारा, ये गणतंत्र हमारा है संविधान निज मिला राष्ट्र को, सबका बना सहारा है संविधान के इस उत्सव को, हम प्रतिवर्ष मनाते हैं भारत माँ... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · देश भक्ति 421 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Dec 2017 · 1 min read प्रीत के ही गीत गाना चाहता हूँ प्रीत के ही गीत गाना चाहता हूँ प्यार मै सबको सिखाना चाहता हूँ मैं विरह के गीत गाकर क्या करूँगा वेदना में मुस्कुराना चाहता हूँ पास सब कुछ है मगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 435 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 26 Dec 2017 · 1 min read दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए एक नुस्खा आजमाना चाहिए दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए दोस्ती सच्ची किसी से है अगर गर्दिशों में काम आना चाहिए छोड़ बातें मजहबी उन्माद की प्रेम के ही गीत गाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 25 Oct 2017 · 1 min read वोटर सबपे भारी है मंच सज गया है दंगल की देखो फिर तैयारी है आरोपों प्रत्यारोपों का, खेल बराबर जारी है दावेदार टिकट के देखो, भागदौड़ में उलझे हैं रोज रोज दल बदल रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 417 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Oct 2017 · 1 min read मन की कोई थाह नहीं पल में जाता आसमान पे पल में सपनों की उड़ान पे सपनों में ही भरे कुलाचें मन को कुछ परवाह नहीं मन को कोई जान न पाया मन की कोई... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · जीवन दर्शन 1 741 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 6 Oct 2017 · 1 min read शत् कोटि नमन मेरे भगवन् भगवान तुम्हारी करुणा से चलता क्षण क्षण मेरा जीवन किस भांति तुम्हें आभार कहूं शत कोटि नमन मेरे भगवन रवि बनकर तुमने दिया तेज चंदा बनकर शीतलता दी धरती मां... Hindi · ईश प्रार्थना · काव्य संग्रह 1 · गीत 271 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 30 Sep 2017 · 1 min read विजयादशमी तभी मनायेंं विजयादशमी के उत्सव को, धूमधाम से सभी मनाते नगर नगर में रावण के, ऊँचे पुतले फूंके जाते त्रेतायुग की उस घटना का, ढोल पीटते नहीं अघाते कलियुग में कितने रूपों... Hindi · कविता 251 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 22 Sep 2017 · 1 min read ये तूने क्या कर डाला आज प्रस्तुत हैं पर्यावरण पर दो मुक्तक वृक्ष काट कर इस धरती को, हमने बंजर कर डाला भूजल का अतिशय दोहन कर, रिक्त किया जल का प्याला सूर्य ताप अब... Hindi · मुक्तक 273 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Sep 2017 · 1 min read मुस्कुराना आ गया =हार में भी जीत सी खुशियाँ मनाना आ गया दर्द सहकर भी हमें अब मुस्कुराना आ गया, आपकी इस खुशमिजाजी ने किया ऐसा असर आपसे मिलकर हमें भी मुस्कुराना आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 17 Sep 2017 · 1 min read श्वासों का होम नित्य होम श्वासों का करता हूँ नित्य ही जीता नित्य ही मरता हूँ सूनी आँखों में स्वप्न सँजोए हैं, बगिया में थोड़े पौधे बोए हैं विकसित होंवें ये फूलें और... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सामाजिक विसंगतियां 609 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Aug 2017 · 1 min read आँसू बहाते ही रहे हादसों पर आप बस, लाशें गिनाते ही रहे या मदद के नाम पर, आँसू बहाते ही रहे था बड़ा वीभत्स मंजर रेल पलटी थी जहाँ जो मदद के हाथ थे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 12 Jul 2017 · 1 min read नींव का पत्थर एक छंदमुक्त रचना नींव का पत्थर ========== क्यों कुरेदते हो मुझे, ये दर्द मुझे सहने दो मैं नींव का पत्थर हूँ, मुझे यूँ ही दबा रहने दो तुम्हारी ऊँचाइयाँ, ये... Hindi · कविता 1 2 5k Share श्रीकृष्ण शुक्ल 30 May 2017 · 1 min read ये जिंदगी ये जिंदगी ====== हर वक्त नए रंग, दिखाती है जिंदगी पग पग पे हंसाती है, रुलाती है जिंदगी बचपन का दौर बीत, गया हंसी खेल में उस वक्त क्या पता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 20 May 2017 · 1 min read गतिमान रहो दो पल का ये नश्वर जीवन हर पल इसको भरपूर जियो तुम किस उलझन में ठहरे हो गतिमान रहो, गतिमान रहो रवि में गति है, शशि में गति है पृथ्वी... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · जीवन दर्शन 1 2 406 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 May 2017 · 1 min read हो सके तो ज़रा मुस्कुरा दीजिए साऱे शिकवों गिलों को भुला दीजिए हो सके तो जरा मुस्कुरा दीजिए आप नाहक ही ऐसे परेशान हैं बात को बेवजह मत हवा दीजिए वक्त मुश्किल हुआ तो दुआ कीजिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 509 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 5 Apr 2017 · 1 min read एक पौधा बेटी के नाम आज एक पौधा लगाओ बेटियों के नाम लाड़ नित उसपर लुटाओ हर सुबह औ शाम ब्याह कर जाए जहां सब के दिलों जीत ले फूल सी महके वहां रक्खे सभी... Hindi · मुक्तक 296 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Mar 2017 · 4 min read जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो पूरी हो मन की अभिलाषा जन जन का कल्याण हो जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर का निर्माण हो आक्रंता था बाबर जिसने जन्मभूमि कब्जाई थी परकोटों का नाम बदल कर,... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · धार्मिक 882 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Mar 2017 · 1 min read द्रौपदी ही अब हरेगी द्रौपदी के उर की पीड़ा रोज होते हैं स्वयंवर, रोज होती द्यूत क्रीड़ा है नहीं कोई हरे जो, द्रौपदी के उर की पीड़ा दांव पर लगती है प्रतिदिन द्रौपदी क्षण क्षण यहां पर आस्था थी... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · नारी विमर्ष 701 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 31 Jan 2017 · 1 min read वोट डालने निश्चित जाना नेताजी लेकर आए हैं लोक लुभावन ढेरों वादे जनता तो है भोली भाली समझ न पाती कुटिल इरादे. इनको आज बदलना होगा जन जन को समझाना होगा जात धर्म से... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · मतदान प्रेरणा 245 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 10 Jan 2017 · 1 min read हिंदी अपनाओ हिंदी दिवस पर वर्ष १९८६ , १४_९_८६ को लिखी अपनी एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ. अपनी भाषा अपनाने में, अब तो लज्जा मत दिखलाओ हिन्दुस्तानी हो, हिंदी को पूर्ण... Hindi · कविता 357 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 8 Jan 2017 · 1 min read असुर हमारे भीतर ही है बंगलोर में छात्रा से छेड़छाड़ की घटना से क्षुब्ध मन द्वारा उत्पन्न हुई मेरी रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ. असुर हमारे भीतर ही है __________________ वह जो आगे जा रही... Hindi · कविता 344 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 4 Jan 2017 · 1 min read नववर्ष की शुभकामना नववर्ष आपके जीवन में खुशियाँ अनन्त दे पल पल में हर स्वप्न आपका पूरा हो स्वर्णिम हर रोज सवेरा हो चहुं ओर शांति और सौरभ हो पद में गरिमा और... Hindi · कविता 563 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 3 Dec 2016 · 1 min read चोरों की बस्ती में हल्ला है बड़े बड़े नोटों की बंदी का जबसे फरमान हुआ है एक एक भारतवासी के मन में ये अरमान जगा है अब अमीर भी मुझ गरीब सा खाली हाथ निठल्ला है... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · परिस्थितिजन्य व्गग 476 Share Previous Page 3