सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: मुक्तक 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Apr 2022 · 1 min read बन जाओ इंसान मस्जिद में गीता रखवा दो, मंदिर बीच कुरान। मुल्ला जी हनुमान चलीसा, पंडित करें अज़ान। उलझो मत टीका, टोपी में, मिथ्या है संसार- जाति धर्म का चक्कर छोड़ो, बन जाओ... Hindi · मुक्तक 2 568 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read यार के नाम दिन-रात गावल करीं तहरा से हँसि हँसि बतियावल छोड़ब ना। जिनगी भर हम साथ निभावल छोड़ब ना। शर्त इहे बा तहरा से यदि मानऽ तू, एक बार बस कहि दऽ की मुँह मोड़ब... Bhojpuri · मुक्तक 366 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Feb 2022 · 1 min read मुक्तक यहांँ की हर परिस्थिति में हमें ढ़लना ही है साथी। कड़कती धूप हो फिर भी हमें जलना ही है साथी। यही कर्त्तव्य अपना है नहीं इससे विमुख होना, कुहासा है... Hindi · मुक्तक 210 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Feb 2022 · 1 min read कुहासा है घना बेशक हमें चलना ही है साथी यहांँ की हर परिस्थिति में हमें ढ़लना ही है साथी। कड़कती धूप हो फिर भी हमें जलना ही है साथी। यही कर्त्तव्य अपना है नहीं इससे विमुख होना, कुहासा है... Hindi · मुक्तक 1 263 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Nov 2021 · 1 min read दहेज भगावलि जाति हऽ बेटी। मुआवलि जाति हऽ बेटी। दहेजे की चिता पर अब- जरावलि जाति हऽ बेटी। कहीं आज बेटी जरावलि गइलि। कहीं दे के माहुर मुवावलि गइलि। दहेजे क... Bhojpuri · मुक्तक 225 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Nov 2021 · 1 min read दिल है मेरा बुर्ज खलीफा प्रेम नगर में घर है मेरा, गली गली हरियाली है। खट्टी मीठी याद सहेजे, जीवन जैसे थाली है। एक बार सेवा का अवसर, देकर देखो यार मुझे- दिल है मेरा... Hindi · मुक्तक 205 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read संत मिलते अब संत कहाँ जग में। उलझे सब दौलत की पग में। मन में सबके मद लोभ भरा- छल दंभ समाहित है रग में। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)... Hindi · मुक्तक 1 241 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read बदला कब विधना का लेख स्वाभिमान की रक्षा खातिर, सत्य मार्ग पर अड़े रहो। काम नहीं करना है जिनको, हाथ जोड़ कर खड़े रहो। लड़कर मरने वालों की हीं, गाथा गायी जाएगी- कायर पिछलग्गू सत्ता... Hindi · मुक्तक 1 181 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read तेरी नैनों में मैं मुस्कुराता मिलूं प्यार के चर्चे हमारे हर तरफ चलने लगे हैं। लोग बस इस बात से ही आजकल जलने लगे हैं। गैर से शिकवा न था हर दर्द गम मंजूर था जी-... Hindi · मुक्तक 1 161 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read जिलेबी का दिवाना है, कभी मधुमेह ना देखे मुहब्बत हो जहाँ झगड़ा न कर्कश नाद करना है। हमेशा साथ के अच्छे दिनों को याद करना है। किसी का दिल कभी मत तोड़ना कोशिश रहे इतना- बढे मतभेद जब... Hindi · मुक्तक 161 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read जिंदगी फिर शूल से ज्यादा सितम करने लगी दो दिलों के बीच में जब दूरियांँ बढ़ने लगी। जिंदगी फिर शूल से ज्यादा सितम करने लगी। हो गया है बंद यदि संवाद कटुता वैर से- बढ़ चला मतभेद रिश्तों... Hindi · मुक्तक 151 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read सूख रहा है बूढ़ा बरगद अच्छा है मुख मोड़ रहे हो मुझको तनहा छोड़ रहे हो। सूख रहा है बूढ़ा बरगद। जिससे रिश्ता तोड़ रहे हो। देखिए हर बात पे रोने लगा। बाप का दिल... Hindi · मुक्तक 167 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Oct 2021 · 1 min read वतन विधा- मुक्तक वीरगति जो वरण किए थे, ख्वाब लिए आजादी का। दिल में भरकर देश-प्रेम जो, दंश सहे बर्बादी का। नमन करो उन वीरों की जो, हँसकर जान गँवा बैठे-... Hindi · मुक्तक 1 2 291 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Oct 2021 · 1 min read वरना इश्क लड़ाता कौन गम की काली रातों में भी, मीठे स्वप्न सजाता कौन। आँसू को नैनों में अपने, बिना वजह उलझाता कौन। मौत मुहब्बत संगी साथी, अक्सर ले लेते हैं जान- आशिक तो... Hindi · मुक्तक 3 5 241 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Oct 2021 · 1 min read सियासत में लपकने को नया सामान आया है सभी चिल्ला रहे लगता, कहीं पर श्वान आया है। न जाने आज मुर्दों में, कहाँ से जान आया है। नजर गिद्धों की रहती लास पर, दावत उड़ाने को, सियासत में... Hindi · मुक्तक 258 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Sep 2021 · 1 min read दिवाना कर गई बेटी चहककर घर गली आँगन, सुहाना कर गई बेटी। जहाँ रख दी कदम मिट्टी, खजाना कर गई बेटा। कभी हँसना कभी रोना, कभी यूंँ खिलखिला देना, तुम्हारी हर अदा मुझको, दिवाना... Hindi · मुक्तक 1 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Sep 2021 · 1 min read कर रहे देखो बगावत सांस भी- 'सूर्य' मुझसे दूर क्या रहने लगे। नीर नैनों से सदा बहने लगे। कर रहे देखो बगावत दिल जिगर- गैर मुझको आजकल कहने लगे। Hindi · मुक्तक 1 219 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Sep 2021 · 1 min read जिंदगी रेत जैसे फिसलती गयी प्यास जीने की ज्यों-ज्यों मचलती गयी। जिंदगी रेत जैसे फिसलती गयी। ख्वाब पूरे नहीं हो सके उम्र भर- देह बचपन जवानी में ढ़लती गयी। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य Hindi · मुक्तक 3 424 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read जिलेबी का दिवाना है कभी मधुमेह ना देखे मुहब्बत उम्र ना देखे, मुहब्बत देह ना देखे। मिले महबूब की बाहें, खुदा का नेह ना देखे। बुढ़ापे में हसीनों पर नजर, ताज्जुब नहीं होता- जिलेबी का दिवाना है, कभी... Hindi · मुक्तक 3 350 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read जुदाई है, जुदाई है जहर यदि जिंदगी है तो, मुहब्बत ही दवाई है। जहाँ से दिल नहीं मिलता, बिछड़ने में भलाई है। बहाना लाख कर लो तुम, सफाई दो भले जितना- छलकते नैन कह... Hindi · मुक्तक 2 713 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read कमरा किराए का है खाली तो करना होगा इस राह से एक दिन सबको, गुजरना होगा। कमरा किराए का है, खाली तो करना होगा। तू बादशाह होगा बेशक, अपने शहर का- जहाँ का मालिक है वह, उससे तो... Hindi · मुक्तक 182 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read अश्क पीकर आइए अब खिलखिलाएँ रहें आंँसू भरी आंँखें, निकलता हो तुम्हारा दम। नहीं मतलब सियासत को, तुम्हे क्या दर्द है क्या गम। सड़क पर चिप्पियाँ तुम देखकर, हैरान मत होना, चुनावी साल है भाई,... Hindi · मुक्तक 229 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read नैन द्वार अधखुले छोड़कर कैसे कोई जा सकता है, अपनों से यूँ मुंह मोड़कर। सँगदिल बनकर पत्थर बनकर,नाज़ुक सा यह हृदय तोड़कर। अब भी क्या उम्मीद बची है, लौट पुनः तुम आओगी क्या- क्या... Hindi · मुक्तक 295 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक बड़ा मासूम है चेहरा है, निगाहें हैं बड़ी कातिल। छलकते होंठ के प्याले, किए जीना बड़ी मुश्किल। तुम्हारी गेसुओं की छांव में, रहने की हसरत थी- मगर किस्तम में कोई... Hindi · मुक्तक 1 189 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक दोराहे पर तड़प रही है, हिंदी अपनी प्यारी। कोर्ट कचहरी से संसद तक, फिरती मारी-मारी। बोल विदेशी सबको प्यारे, हिंदी से शरमाते- गैरों की मत बात करो जी, अपनों से... Hindi · मुक्तक 398 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक आधार छन्द -मोटनक(मापनी युक्त, वार्णिक, 12,मात्रा) मापनी-गागा,ललगा,ललगा,ललगा। 'मुक्तक ' मेरे सपने सब टूट रहे। साथी अपने सब छूट रहे। है हाल बुरा अब क्या कहना- जो रक्षक थे वह लूट... Hindi · मुक्तक 336 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी दिवस विधा:- मुक्तक अंग्रेजी मोहित करे, घर आंगन बाजार। हिंदी दिवस मना लिए, कर आए उपकार। हिंदी से जिसको नहीं, हुआ अभी तक प्रेम- हिंदुस्तानी है नहीं, लगता है गद्दार। हुई... Hindi · मुक्तक 193 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 2 min read मुक्तक 28 मात्रिक ( मुक्तक 28 मात्रिक) प्रदत्त शब्द- शिक्षा, जीवन, अनुदान तुहीं सांसें, तुहीं धड़कन, तुहीं हर अंग है भगवन। तुम्हारे बिन कहाँ जीवन, में' कोई रंग है भगवन। न कोई गम... Hindi · मुक्तक 217 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक मानवता का दुश्मन है यह, नशा न करना भाई। नशा किया है जिसने उसका, जीवन है दुखदाई। घर परिवार बिखर जाता है, दुख मिलता जीवन भर- इज्ज़त और प्रतिष्ठा खोती,... Hindi · मुक्तक 285 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक अश्क हरपल बहाना नहीं जिंदगी। हर घड़ी सर झुकाना नहीं जिंदगी। सांस जबतक रहे आस मत छोड़ना हार कर बैठे जाना नहीं जिंदगी। जख्म अपना सभी से छुपाया गया। अश्क... Hindi · मुक्तक 227 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ मुक्तक बेवजह सर खपाने से क्या फायदा। उम्र अपनी छुपाने से क्या फायदा। चेहरे पर बुढ़ापा नजर आ रहा- केश डाई कराने से क्या फायदा। हर घड़ी आप गैरों के' होते... Hindi · मुक्तक 1 472 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Sep 2021 · 1 min read तोटक छंद आधारित मुक्तक आधार छंद- "तोटक" (मापनीयुक्त वर्णिक, 12 वर्ण) वर्णिक मापनी- ललगा ललगा ललगा ललगा ध्रुव शब्द- "विष" ॐ शिव वंदन तो भगवान किये। सुत अंजन के हनुमान किये। विष वारिधि मंथन... Hindi · मुक्तक 197 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Sep 2021 · 1 min read मुझे भी याद कर लेना हृदय से आज अपनी याद, को आजाद कर लेना। मिले जितनी खुशी उतना, मुझे बर्बाद कर लेना। तुम्हारे बिन सुनो अब तो, बड़ा मुश्किल हुआ जीवन। मिले फुर्सत कभी तुमको,... Hindi · मुक्तक 444 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read तीन भोजपुरी मुक्तक जुदाई वाला याद कइसे बतावऽ न आई कबो। देखिहऽ एक दिन ई रुलाई कबो। हमके पत्थर कहऽ शौक से यार तूं, याद पत्थर न दिल से भुलाई कबो। याद पत्थर ई दिल... Bhojpuri · मुक्तक 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Sep 2021 · 1 min read जाति मजहब जिंदगी में भाव मत दीं जाति, मजहब जिंदगी में, भाव मत दीं। बाति जब नफरत क होखे, चाव मत दीं। तीर शब्दन के बहुत ही, दर्द देला- शब्द के मरहम लगाईं, घाव मत दीं। भजि... Bhojpuri · मुक्तक 251 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक -----: मुक्तक :----- वादे करना स्वप्न दिखाना, हाय चुनावी रोग। नेताओं की चिकनी चुपड़ी, समझ गये हैं लोग। जाति धर्म का जाल बिछा कर, झोंक रहे हैं धूल- जनता की... Hindi · मुक्तक 2 220 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read आम आदमी मुक्तक ३२ मात्रिक प्रदत्त शब्द-आम आदमी बेबस भूख गरीबी से हो, खेतों में लाचार रो रहा। आम आदमी के सपने का, संसद में व्यापार हो रहा। मँहगाई विकराल हो गई,... Hindi · मुक्तक 2 230 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read रक्षाबंधन मुक्तक रक्षाबंधन का त्योहार। भइया बहिनी का है प्यार। राखी का यह बंधन खास- लेकर आये खुशी अपार। खुशियों भरा संसार है अनमोल। पावन बहुत त्योहार है अनमोल। विश्वास है... Hindi · मुक्तक 2 237 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read प्यार कालू त हमसे निभा जा सनम मुक्तक मापनी- २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार कइलू त हमसे निभा जा सनम। छोडि दऽ साथ हमरो भुला जा सनम। ख्वाब में नाहि आइब इ वादा रहल- मौत के नींद... Bhojpuri · मुक्तक 450 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति मुक्तक मुक्तक आधार छंद- सार खून गरम हऽ हिंदुस्तानी, समझ न लीहऽ पानी। यारन खातिर यार, शत्रु ला, दुश्मन बड़का मानी। पाक चीन से पूछ सकेनी, घाव दिहल हमनी के- रण... Bhojpuri · मुक्तक 1 393 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Aug 2021 · 1 min read जीवन में आधार छंद - सिंधु मापनी - 1222 1222 1222 रहे खुशियों भरा संसार जीवन में। मिले बस प्रेम का व्यापार जीवन में। सुसंगत में कटे जीवन कृपा करना- बहे साहित्य... Hindi · मुक्तक 200 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read दो मुक्तक जबसे दिल पर वार हुआ है। घायल दिल बीमार हुआ है। अश्क छुपाए रहता हरपल- आशिक क्यों लाचार हुआ है। रिमझिम बारिश की बूंदों को, लाया सावन। बच्चे बूढ़े सबके... Hindi · मुक्तक 263 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 3 min read देशभक्ति मुक्तक **************************** तिरंगा तीन रंग का प्यारा झंडा, भारत की है शान। इस झंडे के खातिर लाखों, वीरों ने दी जान। झुकने कभी न देंगें इसको, जब तक तन में प्राण-... Hindi · मुक्तक 418 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 2 min read कुछ मुक्तक विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 192 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read चौपाई छंद आधारित मुक्तक विधा-मुक्तक आधार छंद-चउपाई कवनो नाहीं चली बहाना। लागल रहि ई जाना आना। लाख उधापन कऽ लऽ भाई- साथ न जाई माल खजाना। जीवन अउर मरण के खेला। मानव मूरख निपट... Bhojpuri · मुक्तक 452 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read कर्त्तव्य विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 438 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read सबके दिलों में प्यार हो छन्द हरिगीतिका मापनीयुक्त वाचिक मापनी गागालगा गागालगा गागालगा गागालगा ध्रुव शब्द-प्यार हो मुक्तक धड़कन रहे जबतक हृदय में सत्य ही आधार हो। दौलत रहे या ना रहे खुशियों भरा संसार... Hindi · मुक्तक 296 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 27 Jul 2021 · 1 min read राधिका छंदाधारित चार मुक्तक आधार छंद- राधिका (मापनीमुक्त मात्रिक, 22 मात्रा) विधान- 13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल, गाल-यति-लगा उत्तम, आदि में वाचिक गा अनिवार्य। ---------- देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ... Hindi · मुक्तक 572 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Jul 2021 · 1 min read जय महादेव देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ , अनघ त्रिपुरारी। आदर पाते सर्वत्र, उमापति भोले- बोलो सब जय जयकार , चलो नर-नारी। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया,... Hindi · मुक्तक 194 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Jul 2021 · 1 min read बिरहन साजन सावन का मास, करूंँ मनुहारी। देखो बिरहन है आज, तुम्हारी प्यारी। चूड़ी कंगन बेकार, महावर पायल- आदर सादर बिन हाय, तुम्हारी नारी। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.) ☎️7379598464 Hindi · मुक्तक 1 320 Share Page 1 Next