Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Mugdha shiddharth 1 Sep 2020 · 1 min read दिखा कोई अपना क्या यहां ? एक खिड़की है गली में मेरे चांदनी छिटकी रहती है यहां डर अंधियारे का था शायद इस लिए ज्यादा रहती थी यहां ! कोई नहीं था अपना शायद बस हम... Hindi · कविता 4 190 Share Mugdha shiddharth 31 Aug 2020 · 1 min read तभी स्त्री पुरुष किसान हो गए थे जब लोग सीख रहे थे धर्म की बोआई करना ताल पत्रों के सीने पर उस से बहुत पहले ... पहला पुरुष और पहली स्त्री जान गये थे पेट के भूख... Hindi · कविता 3 249 Share Mugdha shiddharth 31 Aug 2020 · 1 min read अपने अस्त होने से पहले अपने अस्त होने से पहले किसी दिन उतर आऊंगी तुम्हारी पीठ के आंगन में टांग दूंगी अपने भिंगे मन को तुम्हारी बांहों के अलगनी पर ताकि सूख सके तुम्हारे आंच... Hindi · कविता 3 239 Share Mugdha shiddharth 31 Aug 2020 · 1 min read इक ख़वाब ऑंखों को मेरे तर कर जाता है इक ख़वाब ऑंखों को मेरे तर कर जाता है ख़वाब के अंगनाई में तू ही तू नज़र आता है । देखे मुस्काए बात करे ख़वाब में तू प्यार लिखे मैं... Hindi · कविता 4 267 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2020 · 1 min read मेरे दिल का गांव उजड़ गया मेरा चांद मुझ से बिछड़ गया मेरा मुश्क कहीं पे गिर गया मै होश वालों से क्या ही कहूं मेरा जोश मुझ से बिछड़ गया मैं हॅंस रही हूं ...... Hindi · कविता 3 210 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2020 · 1 min read प्रेम का नशा प्रेम बन्धु बांधव नहीं जिसका अवसान हो जाय प्रेम कोई नदी तालाब नहीं जो सूख जाय पानी विषाक्त हो जाय प्रेम एक एहसास है प्रेम एक नशा है प्रेमी वो... Hindi · कविता 3 2 748 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2020 · 1 min read हमीं बैठे रहे देर तलक हमीं बैठे रहे बड़ी देर तलक उनको न आना था न वो आए उस पुर नूर सुबह की बात ही अलग खिड़की से कोई फूल वो जब दे जाए हम... Hindi · कविता 2 226 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2020 · 1 min read खुशी हुई मुझ से मिलकर तुम्हें खुशी हुई, ये जान कर हमें भी खुशी हुई मुझ में तो मैं ही रही नहीं ... अब फिर किस से मिले और तुम्हें खुशी हुई... Hindi · कविता 2 262 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2020 · 2 min read फिराक गोरखपुरी फिराक गोरखपुरी उर्फ रघुपति सहाय : 28 अगस्त 1896 “आने वाली नस्लें तुम पर रश्क करेंगी हम असरों जब भी उनको ध्यान आएगा, तुमने फ़िराक़ को देखा है” इस शेर... Hindi · लेख 3 4 574 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2020 · 1 min read गणेशा माटी कोड़ी,माटी को छानी कूट पीस के फिर उस में मिलाया थोड़ा सा पानी पैरों से मर्दन दिए फिर माटी बनी मूर्ति बनने के लाने सयानी हाथों से आकर दिए... Hindi · कविता 2 4 237 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2020 · 1 min read मुझ से मेरे सफ़र की न पूछ मुझ से मेरे सफ़र की न पूछ वो जिस दम तू मुझ से रूठा था साथ रूह का अपना छूटा था खाली जिस्म सफ़र कर के घर की दहलीज पे... Hindi · कविता 2 216 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2020 · 5 min read शनिचरी नई दिल्ली से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जाने के लिए राजधानी एक्सप्रेस में तमाम छोटी बड़ी मुश्किलों को पराजित कर भाई ट्रेन के रिजर्व सीट पर बैठा कर वापस हो... Hindi · कविता 4 1 307 Share Mugdha shiddharth 24 Aug 2020 · 1 min read तेरे साथ होने के भरम को जिंदा हम रखते हैं सभी एक दूसरे के हाल पे रोते हमें दिखते हैं सब के सब यहां बेहाल ही हम को दिखते हैं ! इक बस आप के आंगन से आती थी चांदनी... Hindi · कविता 2 232 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2020 · 1 min read तुम्हीं सब्र तुम्हीं जब्र रहे होगे उसका हदफ़ बन कर तुम शायद रह गए होगे उसका वक़्त की पैकर में दिल छिल गया होगा उसका उतरती रात की अंगनाई में चल कर आई तो होगी तुम मिले... Hindi · कविता 4 1 397 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2020 · 1 min read क्यूॅं कर रंजीदा रहे दिल तुम से क्यूॅं कर रंजीदा रहे दिल तुम से तुम्हीं से दिल ने धड़कना सीखा है हर आहट पे पलट कर तुम्हीं को देखे फिर तेरे नाम से ही ये पागल खाबिदा... Hindi · कविता 3 222 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2020 · 1 min read वो तेरा ही तो नाम था! अटका था दिल मेरा, जगह वो आम था पलट कर देखा, वो तेरा ही तो नाम था! इन दिनों कुछ बुझी बुझी सी दिखती हूॅं मैं इश्क हुआ होगा, अपनों... Hindi · कविता 2 1 240 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2020 · 1 min read दहाड़े मार कर रोना चाहती हॅं दहाड़े मार कर रोना चाहती हॅं देखो तो जां मैं ए क्या चाहती हॅं ! बड़ी उलझी उलझन सी रहती है मन के गांठों को खुलवाना चाहती हूॅं ! रात... Hindi · कविता 1 324 Share Mugdha shiddharth 20 Aug 2020 · 1 min read वो तेरा ही तो नाम था अटका था दिल मेरा जगह वो आम था पलट कर देखा, वो तेरा ही तो नाम था इन दिनों कुछ बुझी बुझी सी दिखती हूॅं मैं इश्क हुआ होगा, अपनों... Hindi · कविता 2 260 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2020 · 1 min read एक बुद्घ ढूंढ के लाओ एक बुद्घ ढूंढ के लाओ पत्थरों में नहीं ... अपने अंतस् में पत्थरों में मिले बुद्ध भी देवता हो जाते हैं अंतस् के बुद्ध ही जारित होते हैं ~ सिद्धार्थ Hindi · कविता 3 1 237 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2020 · 1 min read भूख और राम अतड़ियों की ऐठन जब अपने पूरे उरूज पर होती है मूक - बाधिर से भी रोटी और भूख पर चर्चा करवा लेती है चौंक पड़ेंगे वो भी इक दिन अपने... Hindi · कविता 5 2 523 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2020 · 1 min read जब तक बांस कांच नमक पानी से गूंथी गई मिट्टी हो तो चाक पे नहीं चढ़ती आग में तप जाने पे सुराही अपना आकार नहीं बदलती ~ सिद्धार्थ जब तक बांस कांच तभी तक... Hindi · कविता 4 231 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2020 · 1 min read हम रोज उम्मीदों वाला एक शजर लगाते हैं हम रोज उम्मीदों वाला एक शजर लगाते हैं तुम्हें खिड़की पे सोच कर ही मुस्कुराते है चाॅंद दूर गगन में ही सही, मुस्कुराता तो होगा हम जमीं से ही देख... Hindi · कविता 3 2 234 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2020 · 2 min read अंधेरा अंधेरा ... अंधेरा ही तो था जब नन्ही हथेलियों से दरवाजे को धकेला था उसने माॅं के सीने से लग कर सोने के लिए चुभ गई थी कुछ रक्त लगी... Hindi · कविता 3 1 356 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक बड़े ऎहतियत से दिल को अपने हमने समझाया था यार को भूल जाने पे भी उसे मनुहार से मनाया था स्वप्न से भिंगी आंख खुली तो था पेशानी पे बोसा... Hindi · कविता 5 2 290 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2020 · 1 min read बीज पुरुष बीज हो सकते थे और स्त्री धरा जो धारण कर सकती थी बीज को और दे सकती थी एक बीज के एवज में सैकड़ों बीज ... प्रतिदान में महानता... Hindi · कविता 5 1 255 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2020 · 1 min read उम्र वो रोज व रोज, लम्हा दर लम्हा कुछ कदम चलती है उम्र ... मौत से ही तो गले मिलने को निकलती है मैं कहती रहती हूं, अक्सर जरा तेज कदमों... Hindi · कविता 3 1 245 Share Mugdha shiddharth 16 Aug 2020 · 1 min read कुछ खाब कुछ खाब चूमती थी पलकें, कुछ बूंदे मोती सी हो जाती थी उसको छूकर जब पगली हवा हौले से मुझको छू जाती थी ~ सिद्धार्थ हॅंस दूॅं क्या ... कि... Hindi · कविता 7 2 267 Share Mugdha shiddharth 16 Aug 2020 · 1 min read अभिशप्त बीज अभिशप्त बीज चिड़िया के चोच से गिरी दर्रे में सदियों सिसकती रही इक दिन ... पानी मिट्टी मिली इश्क की सोंधी सी हवा चली चटक कर बीज टूट गई बीज... Hindi · कविता 4 1 463 Share Mugdha shiddharth 16 Aug 2020 · 1 min read कमी हर बार मुझी में ढूंढी गई कमी हर बार मैं इंसान ही बनी रही हर बार पलट कर हमने कहा फ़रिश्ते कहीं और ढूंढे जाएं हम इंसान हैं ... बेहतर... Hindi · कविता 5 1 272 Share Mugdha shiddharth 15 Aug 2020 · 1 min read सन्नाटे को तकिया धुआं को गिलाफ कर लिया सन्नाटे को तकिया धुआं को गिलाफ कर लिया हमने आज फिर से "जाना" तुझ को मांफ कर दिया भटकते रहे देर तक दिल के सर्द गलियों में तन्हा हम ये... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 203 Share Mugdha shiddharth 15 Aug 2020 · 1 min read बुलाई नहीं गई तुझ से लाई नहीं गई, मुझ से बुलाई नहीं गई रूह की फरमाइश थी यही बताई नहीं गई मसला ये नहीं दस्तक दिए हमने कितनी बार मसला तो ये हुआ... Hindi · कविता 4 413 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2020 · 1 min read उसका होना न होना अर्थहीन हो चुका था उसका होना न होना अर्थहीन हो चुका था वो डूबती निकलती संसो की तरह मुझ में ही समाहित हो चुका था उसका मुझ में ही ठहर जाने को मैं ठीक... Hindi · कविता 4 1 435 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2020 · 1 min read अना मेरे नाखून पे लगे नेलपालिश से लिपट गया था उसका आना मैं चबा रही थी धीरे धीरे जाने कब ... अंगुलियाॅं चबा बैठी ... ~ सिद्धार्थ Hindi · कविता 2 1 452 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2020 · 1 min read संभावना बड़ी देर तक करवट बदलती रही बिस्तरे के चौबारे में मेरी देह और मन था कि तुम्हारे आंगन में खिल उठा था रात रानी की तरह यक ब यक एक... Hindi · कविता 3 4 240 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2020 · 1 min read जान हम तुमसे कैसे मिलें कितना खुलें, कितना खिलें कैसे कहें ... जान मुहब्बत है ये आंखों से मेरे बहता पानी ये शब्दों की अपनी मनमानी सतरंगी इश्क को कैसे लिखें जान हम तुमसे कैसे... Hindi · कविता 3 428 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2020 · 1 min read सावन - भादो तुम नाचते हो सावन भादो का नाम सुन कर जिस्म से चश्म तक मेरी सब धुलने लगती है करूं भला मैं किस दरवेस से तब शिकवा नेमत-ए-ज़ीस्त भी जब पिघलने... Hindi · कविता 5 2 561 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2020 · 1 min read हम न थे वो, वो कोई और ही रहे होंगे हम न थे वो, वो कोई और ही रहे होंगे यार के दिल को जो यूॅं ही भा गए होंगे उनके मुहब्बत के हसीन बुत खाने में हम जैसे कई... Hindi · कविता 2 187 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2020 · 1 min read मौत के हथेली पे लिखा इक मेरा नाम था मौत के हथेली पे लिखा इक मेरा नाम था हमने कहा … जा अभी फुर्सत नहीं यार से मिलना मेरा सबसे जरूरी काम था जिंदगी से कोई गिला शिकवा नहीं... Hindi · कविता 6 238 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2020 · 1 min read राहत ... ️ ??? देह का मर जाना हुआ, नेह का रह जाना हुआ वो क्या गया यारों आंखों से लहू का छलक जाना हुआ सब का जाना तय है, उसको तो यूॅं... Hindi · कविता 5 1 451 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2020 · 1 min read राहत खूंटा ठोक कर इस दहर में रहने भला कौन आया है सभी ने कभी न कभी चमड़े के जुबां से गंध फैलाया है तारीखों के सफ़हा पे सब के सब... Hindi · कविता 4 379 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2020 · 1 min read मैं पत्थर हूं... चलो घिस लो हमें कि पत्थरें नहीं रोती है घिस कर भी अपनी खासियत नहीं खोती है कभी मेहंदी, कभी चानन को पिसती है पत्थर से पत्थर घिस दो तो... Hindi · कविता 4 2 394 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2020 · 1 min read प्यार घास है प्यार नहीं मरता प्यार मारा जाता है घास से रिक्त धरती धीरे धीरे उसड हो जाती है दिल के धरती पे प्यार घास है और मैं अपनी धरती उसड़ नहीं... Hindi · कविता 2 1 343 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2020 · 1 min read यार न रहा भीग रही हूं खुद के ही टूट के बरस जाने से तुम खोल दो दरवाजे हम से सब्र नहीं हो रहा चलो माना हमने, तुम्हारा हमरा कोई रिश्ता नहीं क्या... Hindi · कविता 2 426 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2020 · 1 min read दर्द अंदरुनी नहीं कंठ घिस गए हैं चीखते चीखते आप कहते हैं दर्द अंदरुनी नहीं आप ही कहें किस तरह से चींखें हम कि आप को लगे दर्द ये बेमानी नहीं आईए कि... Hindi · कविता 2 202 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read हां ... वो लडके भी अच्छे लगते हैं कुछ वो लडके भी अच्छे लगते हैं जो खोए रहते हैं अपने ही ख्यलों में ओढ़े रहते हैं दर्द की चादर चौक चौराहों में थाम लेते हैं बरबस गिरते हुए... Hindi · कविता 3 4 364 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक देर तक न देख सका वो यार मेरा, मेरे जनाजे को मैं उसके आंखों से गया लम्हा बन बह निकली ~ सिद्धार्थ गर होती कहीं दुआ कबूल तो, सच... दुआ... Hindi · मुक्तक 2 201 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read मुहब्बत का गुल खिला कैसे दिल ए बाम में मुहब्बत का गुल खिला कैसे मुझ को सारी रात ये सोच कर रोना आया उस मकां में जो रहता था एक शख्स उसके धुआं हो जाने... Hindi · मुक्तक 2 215 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read सुखनवर आप इश्क में दर्द ए सुखनवर होते रहीए जनाब ये इश्क जो है न आप के बस का रोग नहीं ~ सिद्धार्थ गमों की फेहरिस्त लंबी तो न थी बांटने... Hindi · मुक्तक 2 266 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read ग़ुंचा दिल के वीरान सहरा में ग़ुंचा ए इश्क का खिलना सदीद दर्द देता है अपने भॅंवरे से नहीं मिलना ~ सिद्धार्थ कदमों से मुहब्बत कभी नापा नहीं जाता ये वो... Hindi · मुक्तक 1 376 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read मैं किस तरह भला उसको बताऊंगी मैं किस तरह भला उसको बताऊंगी यार तेरे हर बात पे सदके मैं जाऊंगी वो तेरा मेरे मुॅंह पे दरवाजा बन्द करना बस उस लम्हें को कभी न भुला पाऊंगी... Hindi · कविता 1 269 Share Previous Page 3 Next