Shailendra Aseem Language: Hindi 105 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shailendra Aseem 6 Dec 2024 · 1 min read तरही ग़ज़ल रंजो अलम नसीब के कहते रहे सबसे। मिलती हैं मगर राहतें उस एक ही रब से।। आता है दोस्तों से लुत्फ़ ज़िन्दगी का अस्ल, रोटी तो फ़क़त चाहिए जीने के... Hindi · ग़ज़ल 1 19 Share Shailendra Aseem 26 Aug 2024 · 1 min read राधे राधे बोल मेरे मन राधे राधे बोल नाम सुनेंगे श्याम तेरे हो जाएंगे बिन मोल मेरे मन........ राधा नाम लगे मनभावन मनभावन उतना ही पावन अन्तर्मन में ज्योति जगा ले, अधर सुधा-रस... Hindi · गीत 37 Share Shailendra Aseem 25 Jul 2024 · 1 min read दादी कल फिर आईं थीं दादी पूरे एक साल बाद आते ही खोल दिया अपनी झोली और निकालने लगीं रंग बिरंगी कहानियाँ गुदगुदाते चुटकुले हँसते-गाते संस्मरण खट्टी-मीठी लोरियाँ 'दादी! भजन सुनाओ... Hindi · कविता 1 87 Share Shailendra Aseem 22 Jul 2024 · 1 min read किराये का मकान अच्छी हों या बुरी आदतें जरूरत बन जाती हैं अक्सर सुनता रहा हूँ यह बात दिन चढ़े सोकर उठा हूँ अरे! इतनी देर तक सोता रहा? नहीं सुनाई दिया मकान... Hindi · कविता 80 Share Shailendra Aseem 13 Jul 2024 · 1 min read नई प्रजाति के गिरगिट विकास के साथ उत्पन्न हुई है गिरगिटों की एक नई प्रजाति जिनका ध्येय वाक्य है 'रंग बदलो पाओ ख्याति' कुछ दिनों पहले जो लाल झण्डा लगाए साइकिल से गली-गली फिर... Hindi · कविता 1 51 Share Shailendra Aseem 13 Jul 2024 · 2 min read हिंग्लिश कुछ तथाकथित आधुनिक लोगों ने मिलकर एक विद्यालय खोला उन बुद्धिजीवियों का गुरुघंटाल बैठक में बोला विद्यालय हमारे दादा-परदादा घुरहू-कतवारू के नाम पर चलेगा इसका नाम जी के इण्टर कॉलेज... Hindi · कविता 1 59 Share Shailendra Aseem 12 Jul 2024 · 2 min read माँ बहुत दिनों के बाद आज माँ को गौर से देखा देखा, उसके चेहरे पर असमय उग आईं झुर्रियों को काँपते हाथों को और सोचता रहा पुरानी बातों को क्या यही... Hindi · कविता 1 68 Share Shailendra Aseem 12 Jul 2024 · 1 min read महँगाई लोग कहते हैं कि महँगाई आ गई टमाटर सौ रुपये और प्याज एक सौ बीस पर आ गई क्या खायेंगे हम कहते हैं कि आप भी जम के खाइए जैसे... Hindi · कविता 1 51 Share Shailendra Aseem 12 Jul 2024 · 1 min read ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म है जिस तरह प्लेटफॉर्म पर गाड़ियाँ आती हैं और चली जाती हैं उसी तरह ज़िन्दगी में लोग आते हैं और चले जाते हैं रह जाती हैं यादें... Hindi · कविता 1 47 Share Shailendra Aseem 7 Jul 2024 · 1 min read ज़मींदार मेरे प्यारे गाँव में पीपल की छाँव में पक्का मकान है गाँव भर की शान है चारों तरफ झोंपड़े हैं रात में जो सो पड़े हैं मकान फिर भी जागता... Hindi · कविता 1 51 Share Shailendra Aseem 7 Jul 2024 · 1 min read मेरी ज़िन्दगी किताब, कविता और संगीत यही मेरी ज़िन्दगी है क्योंकि किताब मेरी प्रेरणा है कविता मेरी दोस्त है और संगीत मेरी धड़कन है यदि इनमें से एक भी बिछड़ गया तो... Hindi · कविता 1 48 Share Shailendra Aseem 7 Jul 2024 · 1 min read विकास कभी-कभी मेरे मन में एक सवाल उठता है मच्छरों में क्यों नहीं बवाल उठता है काश! ये भी हमारी तरह लड़ते छोटी-छोटी बातों के लिए आपस में झगड़ते एक मच्छर... Hindi · कविता 1 83 Share Shailendra Aseem 5 Jul 2024 · 1 min read सहपाठी मेरे एक सहपाठी हैं देखने में लाठी हैं रात में जब सो रहे थे ख्वाब में वे खो रहे थे बड़ा सुन्दर दृश्य था गुरु थे एक शिष्य था शिष्य... Hindi · कविता 1 59 Share Shailendra Aseem 5 Jul 2024 · 1 min read स्पोरोफाइट इस देश रूपी स्पोरोफाइट में हम लोगों जैसे स्पोर्स पल रहे हैं और हमारे जैसे स्पोर्स को झटका देने के लिए कुछ मुट्ठी भर लोग इलैटर का काम कर रहे... Hindi · कविता 1 46 Share Shailendra Aseem 5 Jul 2024 · 1 min read फर्क रात के अँधेरे में दिन के उजाले में बस यही फर्क है कि रात के अँधेरे में पुलिस वालों की चाँदी है चोर-डाकुओं को मिली आज़ादी है क्योंकि ऐसे में... Hindi · कविता 92 Share Shailendra Aseem 4 Jul 2024 · 2 min read दूबे जी का मंच-संचालन एक बार दूबे जी साइकिल से जा रहे थे दूसरे की चुराई हुई कविता गुनगुना रहे थे बड़ा ही आराम था शाहपुर में काम था जाने क्या सोचकर मेरे मोहल्ले... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 53 Share Shailendra Aseem 4 Jul 2024 · 2 min read आदमी और गधा कल मैंने एक गधे को देखा उसके आगे फैली हुई हरी हरी घास को देखा गधा घास चर रहा था और मैं अपनी नई गढ़ी कविता का रसास्वादन कर रहा... Hindi · कविता 1 36 Share Shailendra Aseem 4 Jul 2024 · 1 min read नालन्दा आखिर वह दिन आ ही गया जिसकी आठ सौ से अधिक वर्षों से थी प्रतीक्षा वह समय आ गया जब पूर्ण होगी अधूरी दीक्षा सोचा था उन्होंने कि विश्वविद्यालय की... Hindi · कविता 1 89 Share Shailendra Aseem 27 Sep 2023 · 1 min read आज फिर दर्द के किस्से ग़ज़ल ~~~ आज फिर दर्द के क़िस्से तमाम कर आये हम उसी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर आये क्या तेरे दिल ने कहा तुझसे ये तुझे मालूम ज़िन्दगी हम... Hindi 2 1 269 Share Shailendra Aseem 27 Sep 2022 · 1 min read पिता का जाना पिता का जाना जैसे, आकाश का छन से टूट कर बिखर जाना चुभ जाना अंग-प्रत्यंग में असंख्य सुइयों की तरह जैसे, कैनवस पर उभर रहे सुन्दर चित्र पर अनायास रंगों... Hindi 2 1 164 Share Shailendra Aseem 25 Sep 2022 · 1 min read बेटियाँ फूल हैं बेटियाँ बाग हैं बेटियाँ। नेह संगीत का राग हैं बेटियाँ।। सृष्टि की सर्जना का यही मूल हैं। शक्ति का पुंज हैं आग हैं बेटियाँ।। ✍️ शैलेन्द्र 'असीम' Hindi 3 1 292 Share Shailendra Aseem 27 Jun 2022 · 1 min read रहे न रहे रक़्स-ए-जज़्बात फिर रहे न रहे ये हसीं रात फिर रहे न रहे आज ग़ज़लों से गुफ़्तगू कर लूँ खुल्द-ए-नग़मात फिर रहे न रहे © शैलेन्द्र 'असीम' Hindi · मुक्तक 3 1 272 Share Shailendra Aseem 21 May 2022 · 1 min read पुरी के समुद्र तट पर (1) पुरी के समुद्र तट पर हो चुका है सूर्योदय मछुवारों की नावें आ गयी हैं किनारे जाल में फंसी हैं रंग-बिरंगी मछलियाँ, केकड़े,घोंघे,सुंदर सीप, और भी बहुत कुछ उठाता हूँ... Hindi · कविता 3 3 420 Share Shailendra Aseem 20 May 2022 · 1 min read इक मुलाक़ात इक नज़र इक मुलाक़ात इक नज़र के लिए। है तरसती दुआ असर के लिए।। बस मेरी ही नज़र से पर्दा है, उनके दीदार हैं शहर के लिए। मालिके-ख़ुल्द ! काश हो जाये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 204 Share Shailendra Aseem 16 May 2022 · 1 min read प्रिय सुनो! दग्ध अन्तर में व्यथाएँ टूटतीं मृदु कामनाएँ दीप की प्रज्ज्वलित लौ सा रक्त प्राण जला रहा हूँ प्रिय सुनो! मैं जा रहा हूँ शक्ति क्या है भक्ति क्या है प्रेम... Hindi · गीत 2 442 Share Shailendra Aseem 6 May 2022 · 1 min read कैसे ढूँढ़ूँ ? कैसे ढूँढ़ूँ, जाने क्या-क्या खोता है सागर जैसा आँखों में कुछ होता है जब भी तेरी यादें आकर छूती हैं चन्दन चन्दन तन-मन सारा होता है - शैलेन्द्र 'असीम' Hindi · मुक्तक 208 Share Shailendra Aseem 4 May 2022 · 1 min read धूप में मैं चला था आस लेकर रौशनी की, धूप में पाँव छालों से भरे हैं, ज़िन्दगी की धूप में दब गयी फ़रियाद, मोटी फाइलों के बोझ से मर गया इंसाफ़ देखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 306 Share Shailendra Aseem 2 May 2022 · 1 min read उबारो हे शंकर ! जगत को मिटाने चला है बवण्डर। उबारो हे शम्भू! उबारो हे शंकर!! पड़ा सृष्टि-अस्तित्व पर घोर संकट, किया कण्ठ-धारण हलाहल तुम्हीं ने। चलीं स्वर्ग से वेग लेकर थीं गंगा, जटा... Hindi · गीत 3 4 443 Share Shailendra Aseem 30 Apr 2022 · 1 min read पहाड़ों की रानी मैं लगाना चाहता हूँ तुम्हारे जूड़े में चेस्टनट के फूल क्योंकि मुझे दिखते हैं इनमें कई साफ शफ़्फ़ाफ़ दिल नहीं है जिनमें ज़रा सी भी कटुता आज के प्रयोगवादी युग... Hindi · कविता 2 760 Share Shailendra Aseem 29 Apr 2022 · 2 min read सुन ज़िन्दगी! सुन ज़िन्दगी! चौंक गयी ना, देखकर मुझे? तूने क्या समझा था, मिट गया मैं? लुट गया मैं? बहुत खुश थी तू मेरे ख्वाबों के पर काटकर दौड़ते पैरों में ज़ंजीर... Hindi · कविता 1 543 Share Shailendra Aseem 27 Apr 2022 · 1 min read पिता पहचान, आन-बान व सम्मान पिता हैं होठों पे थिरकती हुई मुस्कान पिता हैं चन्दन की तरह पाक व गंगा सी विमलता भगवान के भेजे हुए वरदान पिता हैं अपनी न... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 14 922 Share Shailendra Aseem 20 Mar 2022 · 1 min read रंग की वर्षा रंग की वर्षा अनंग करे, ऋतुराज उमंग भरे तन-मन में। गाल गुलाल से लाल रहे, नित फाग का राग रहे जीवन में।। द्वेष कपट कुविचार जले, मधुमास का वास हो... Hindi · सवैया 417 Share Shailendra Aseem 17 Jan 2022 · 1 min read ये हाल मेरे दिल का ये हाल मेरे दिल का दिलदार तक न पहुँचा ख़त लेके मेरा क़ासिद सरकार तक न पहुँचा बादे हयात भी मैं इक ऐसा परिन्दा हूँ 'जो छूटकर क़फ़स से गुलज़ार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 396 Share Shailendra Aseem 10 Jan 2022 · 1 min read चाँद से दिल लगा के चाँद से दिल लगा के बैठा हूँ चाँदनी में नहा के बैठा हूँ उस सितमगर से आशना दिल है चोट सारे भुला के बैठा हूँ ओढ़ ली है रिदा सियासत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share Shailendra Aseem 7 Jan 2022 · 1 min read अदब ही खेत है मेरा अगर मैं इक फ़साना हूँ तो ये उनवान है मेरा तेरी जागीर से प्यारा मुझे ईमान है मेरा बज़ाहिर यूँ तो मैं हर हाल में दिलशाद हूँ लेकिन चले आओ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 297 Share Shailendra Aseem 16 Dec 2021 · 1 min read आपसे दूरियाँ आपसे दूरियाँ हो गयीं ख़्वाब सी चिट्ठियाँ हो गयीं कौन अब ज़ेह्नो-दिल में रहे ख़ाक ये बस्तियाँ हो गयीं पाँव अपने ज़मीं पर रहे चाँद सी रोटियाँ हो गयीं वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 514 Share Shailendra Aseem 11 Dec 2021 · 1 min read कहाँ पाओगे? कहाँ पाओगे ? ~~~~~~~~ (1) कौन भला रोके सुगन्ध को हवा कहाँ प्रतिबन्ध मानती पंछी के आने - जाने पर सीमा कैसे रार ठानती स्निग्ध चाँदनी की शीतलता कैसे ठहरे,... Hindi · कविता 2 1 390 Share Shailendra Aseem 6 Dec 2021 · 1 min read फ़िक्र का गहरा समन्दर फ़िक्र का गहरा समन्दर देखिए फिर अदब के लालो-गौहर देखिए हौसले से क्या नहीं मुमकिन हुआ जीत कर हारा सिकन्दर देखिए यूँ तो इक छोटा सा पंछी हूँ मगर छू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share Shailendra Aseem 1 Dec 2021 · 1 min read महकेगी शाम महकेगी शाम वक़्त वो तेरा भी आएगा ख़ुशियाँ लिए तमाम, सवेरा भी आएगा माना कि धूप तेज़ व रस्ते में ख़ार हैं मंज़िल पे सायबान घनेरा भी आएगा जलते दिये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 335 Share Shailendra Aseem 30 Nov 2021 · 1 min read कहने को तेरा कहने को तेरा हुस्न ज़माने के लिए है तू सिर्फ हसीं ख़्वाब सजाने के लिए है हर सुब्ह तुझे भूलने की सोच रहा हूँ हर शाम तेरी याद दिलाने के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 367 Share Shailendra Aseem 17 Nov 2021 · 1 min read उलझनें धड़कनों में पल रही हैं कल्पना की उलझनें पाँव से लिपटी हुई हैं वर्जना की उलझनें तुम तो सुख ठहरे, तुम्हारा हमसे क्या रिश्ता भला साथ अब देने लगी हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share Shailendra Aseem 17 Nov 2021 · 1 min read हुस्न चाहत की हुस्न चाहत की निगाहों से निखारुं आ जा मैं कलम से तेरी तस्वीर उतारूँ आ जा ऐ ग़ज़ल तू मेरी हर साँस में, धड़कन में रहे फिर तेरे गेसू-ए-अशआर संवारूं... Hindi · मुक्तक 1 439 Share Shailendra Aseem 16 Nov 2021 · 1 min read मैं लिखता हूँ दुनिया भर की बातें ख़ुद से करती है, मैं लिखता हूँ। लम्हा-लम्हा रात अकेली ढलती है, मैं लिखता हूँ।। तनहाई में टकराते हैं दर्दो-ग़म के पैमाने, दिल के मयख़ाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 562 Share Shailendra Aseem 16 Nov 2021 · 1 min read मेरी भावना चाँद-तारों सी चमकी मेरी भावना। आपको पा के बहकी मेरी भावना।। दिल के पन्ने पे इक नाम रोशन हुआ, फिर गुलाबों सी महकी मेरी भावना। माँ के हाथों की रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 962 Share Shailendra Aseem 15 Nov 2021 · 1 min read साहिल के आस-पास साहिल के आस पास लिये जा रहा मुझे तूफान जो तबाह किये जा रहा मुझे खुद आसमां पे हो के भी वो चांद, देखिए हर रात नये ख़्वाब दिये जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 522 Share Shailendra Aseem 4 Nov 2021 · 1 min read एक ज्योति दीपावली मनायें मिलकर जय बोलें श्रीराम की एक ज्योति प्रज्ज्वलित करें हम भारत माँ के नाम की धन्य धन्य उनका जीवन जो लौट नहीं फिर घर आये मातृभूमि की बलिवेदी... Hindi · गीत 271 Share Shailendra Aseem 3 Nov 2021 · 1 min read मैं पीड़ा का मैं पीड़ा का पागल प्रेमी, तुम सुख की युवरानी हो कथ्य-कथानक अलग-अलग हैं कैसे प्रेम-कहानी हो मैं पतझड़ का सूखा पत्ता तुम वसन्त की डाली मैं पलकों पर रात बिताऊँ... Hindi · गीत 1 250 Share Shailendra Aseem 27 Oct 2021 · 1 min read एक दीपक स्वप्न नयनों में समय के पल रहा है देहरी पर एक दीपक जल रहा है देर तक मुंडेर पर जलते रहे जो तिमिर से संघर्ष थे करते रहे जो प्रज्ज्वलित... Hindi · गीत 2 4 394 Share Shailendra Aseem 25 Oct 2021 · 1 min read पाप का प्रतिकार पाप का प्रतिकार होना चाहिए कम धरा का भार होना चाहिए हर गली रावण की लंका हो गयी राम का अवतार होना चाहिए ✍️ शैलेन्द्र 'असीम' Hindi · मुक्तक 334 Share Shailendra Aseem 23 Oct 2021 · 1 min read हाथों में क़लम हाथों में क़लम लब पे मुहब्बत का फ़साना। तुलसी के घराने से हूँ कविता है ख़ज़ाना।। लिखता हूँ, ये बस शारदे मइया की कृपा है। मुझको 'असीम' प्यार से कहता... Hindi · मुक्तक 287 Share Page 1 Next