डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 141 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 18 May 2022 · 1 min read नज़्म - मुझे तुमसे प्यार है शीर्षक- " तुझसे प्यार है " दिल से जुदा नहीं हो तुम, मेरे ज़ेहन में तेरी यादें हैं । अधूरी हैं रस्में मोहब्बत की, पतझड़ से ये तेरे वादे हैं... Hindi · नज़्म 1 330 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 17 May 2022 · 1 min read मतला और एक शे'र आँखों को उनकी हम पढ़ने लगे हैं । चाहत की इंतिहा समझने लगे हैं ।। ज़ेहन में उनका.. करके तसव्वुर । राह ए इश्क़ पर.... चलने लगे हैं ।। ©डॉक्टर... Hindi · शेर 1 440 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 8 May 2022 · 1 min read माँ की महानता 【 शीर्षक - " माँ की महानता " 】- फ़क़त मेरे बारे में वो....... सोचती रहती है । ख़ामुशी उसकी बहुत कुछ बोलती रहती है ।। न दिखाई दूँ ..इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 161 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 5 May 2022 · 2 min read संवेदनशील मुद्दों पर सृजनात्मक प्रहार करता सिनेमा -आलेख़ शीर्षक - 【 " संवेदनशील मुद्दों पर सृजनात्मक प्रहार करता सिनेमा " 】 समाज में व्याप्त बुराईयों को फ़िल्मकार, सिनेमा के माध्यम से जनसाधारण के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास... Hindi · लेख 134 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 5 May 2022 · 1 min read एक शे'र थकान सारी काफ़ूर हो गई मेरी जब । तस्बीह उनके नाम की पढ़ ली मैंने ।। ©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर Hindi · शेर 1 1 157 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 2 May 2022 · 1 min read परिंदों की व्यथा शीर्षक - " परिंदों की व्यथा " खुली हवा में उड़ना चाहते हैं परिंदे । उन्हें क़ैद कर क्या मिलेगा तुमको ? नापना चाहते हैं आसमाँ को वो अब ।... Hindi · कविता 1 174 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 28 Apr 2022 · 3 min read अर्थहीन कहानियों को नकारता दर्शक वर्ग शीर्षक - " अर्थहीन कहानियों को नकारता दर्शक वर्ग " - आधुनिक युग के दर्शक का सिनेमा के प्रति दृष्टिकोण शनैः शनैः परिवर्तित होता जा रहा है , वह परिवर्तनशील... Hindi · लेख 1 180 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 27 Apr 2022 · 1 min read दिल धड़कता तेरे लिए शीर्षक - " दिल धड़कता तेरे लिए " मुझे मोहब्बत तुम्हीं से है बस । ये दिल धड़कता तेरे लिए है ।। तू ही है बस एक सुकून दिल का... Hindi · नज़्म 138 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 18 Apr 2022 · 1 min read पापा जैसा कोई नहीं पापा जैसा कोई नहीं शीर्षक – ” पापा जैसा कोई नहीं ” साथ न होकर भी मेरे साथ रहते हैं । पापा तो हरदम यूं मेरे पास रहते हैं ।।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 174 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 17 Apr 2022 · 1 min read चंद अश'आर यार ने जिनका..... हल निकाला है । उन मुश्किलों को दामन में पाला है ।। लोग घबराते हैं....... ग़मों से अपने । ग़मों ने ही अब तक मुझको संभाला है... Hindi · मुक्तक 133 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 11 Apr 2022 · 1 min read शे'र चाहत के खेल में इतना रिस्क ले रहे थे । वो हवस को मुहब्बत का नाम दे रहे थे ।। ©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर ©काज़ीकीक़लम Hindi · शेर 136 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 10 Apr 2022 · 1 min read शे'र धैर्य और सदाचार का दूसरा नाम है । बस वही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ।। ©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर ©काज़ीकीक़लम #HappySriRamaNavami Hindi · शेर 175 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 7 Apr 2022 · 1 min read " ज़िंदा ज़ख़्म " शीर्षक - " ज़िंदा ज़ख़्म " भूलकर भी कैसे भूलाऊँ तुमको । ज़ख़्म ये... कैसे दिखाऊँ तुमको ।। रूठकर बैठे हो.. मेरी जाँ मुझसे । तुम बताओ कैसे मनाऊँ तुमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 108 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 4 Apr 2022 · 1 min read मेरे अश'आर दूर रहकर भी पास लगने लगे हैं । बस वो मुझे ख़ास लगने लगे हैं ।। सभी ने तोड़ी है उम्मीद सफ़र में । अब वो आख़िरी आस लगने लगे... Hindi · मुक्तक 1 172 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 30 Mar 2022 · 1 min read 🌺 मेरे अश'आर 🌺 इश्क़ के खेल में कुछ खोना पड़ सकता है । दामन पर लगे दाग को धोना पड़ सकता है ।। वस्ल में तो बहुत मुस्कुरा लिए हम दोनों । हिज्र... Hindi · मुक्तक 122 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 29 Mar 2022 · 3 min read साहित्य के रंगों से रोशन हुई सिनेमा की दुनिया - आलेख साहित्य, समाज का पथ प्रदर्शक होता है , उत्कृष्ट सृजन, स्वस्थ सामाजिक परिवेश का निर्माण करता है । साहित्य का उद्देश्य जनमानस में नवचेतना का संचार करना है और सिनेमा,... Hindi · लेख 402 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 29 Mar 2022 · 1 min read भाग्य शीर्षक - " भाग्य " बहाकर खूब पसीना अब, भाग्य ख़ुद लिखना होगा । अपने अटल इरादों से ही, इस रण में टिकना होगा ।। भूल पराजय का भय अब... Hindi · कविता 123 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 27 Mar 2022 · 1 min read मेरे अश'आर ख़्वाब उनके... आँखों में ज़िंदा है । उड़ने को बेचैन दिल का परिंदा है ।। मैंने पाला है बस शौक़ मुहब्बत का । सब जानते हैं. मेरे शौक़ चुनिंदा है... Hindi · शेर 185 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 19 Mar 2022 · 1 min read असर इश्क़ का तेरे उनवान ( शीर्षक )- " असर इश्क़ का तेरे " तेरी मुहब्बत का असर दिखता है । बियाबां में भी हरा शजर दिखता है ।। दस्तक देता है यादों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 270 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 19 Mar 2022 · 1 min read सीख गए हैं उनवान( शीर्षक )- " सीख गए हैं " 】 उदास रहकर मुस्कुराना सीख गए हैं । ग़मों को अपने छुपाना सीख गए हैं ।। मुहब्बत में निभायी थी ...वफ़ा जिनसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 153 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 19 Mar 2022 · 1 min read नीर बिना है नीरस जीवन शीर्षक - " नीर बिना है नीरस जीवन " बिन पानी नामुमकिन जीवन । बंजर धरती...... सूना उपवन ।। हे अमृत सा ......प्यास बुझाता । तभी तो यह ...जीवन कहलाता... Hindi · कविता 1 284 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 24 Feb 2022 · 1 min read मुक्तक ( क़ता ) साथ उसके रहने का ठिकाना मिला है । पल में सदियां जीने का बहाना मिला है ।। ढूंढ रहा था एक मुद्दत से ज़माने में जिसे । दर पर उनके... Hindi · मुक्तक 173 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 2 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल मेरी हसरत " - क़ायनात के हर ज़र्रे से प्यार है । चमन को बागबां का इंतज़ार है ।। ये वतन तो है अमन का मरकज़ । फ़िर क्यूँ इंसाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 590 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 30 Jan 2022 · 1 min read नवप्रभात शीर्षक - " नवप्रभात " भय के बादल छँट जाने दो , प्रेम की अब बात हो । अलविदा कहो आतंकी रात को, एक नया प्रभात हो ।। गोली चली,खून... Hindi · कविता 1 1 375 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 30 Jan 2022 · 1 min read कमाल इश्क़ का शीर्षक ..... " कमाल इश्क़ का " इश्क में तेरे ग़ुम हूं मैं, ख़ामोश और गुमसुम हूं मैं । नाम से तेरे इश्क मुकम्मल, बिन तेरे गुमनाम हूं मैं ।।... Hindi · कविता 2 1 268 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 27 Jan 2022 · 1 min read याद आते हो नज़्म- " याद आते हो " तुम्हारे ग़म, उलझनें ज़िन्दगी की, अपनी हंसी में छुपाते हो । बिछड़ कर आज भी रहनुमा, तुम याद बहुत आते हो ।। सहर की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 468 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 8 Jan 2022 · 1 min read गुरु की महिमा - सादर आदरांजलि शीर्षक - " गुरु की महिमा " ज्ञान गुरु के बिना नहीं, गुरु की महिमा न्यारी है । रोशन है उनसे जीवन ये, बिन उनके दुनिया अंधियारी है ।। गढ़ते... Hindi · कविता 3 2 276 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 21 Dec 2021 · 1 min read चंद अश'आर - © डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर ? मतला और शे'र ? भीड़ में रहकर भी तन्हाई देख रहा हूँ । ख़ुद में यहां अपनी परछाई देख रहा हूँ ।। लोग देखते हैं....... अच्छाईयाँ बस मेरी ।... Hindi · शेर 1 222 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 21 Nov 2021 · 1 min read धुंध इश्क़ की ? चंद अश'आर ? शीर्षक( उनवान ) - " धुंध इश्क़ की " गहरे कोहरे सा है इश्क़ मेरा । तुमसे आगे कुछ दिखता नहीं ।। क़ोशिश करना इंसानी फ़ितरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 392 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 7 Nov 2021 · 1 min read शर्मीला चाँद शीर्षक - " शर्मीला चाँद " मेरा चांद बहुत शर्मीला है , चांद रातों को भी दीदार नहीं होते । जो आ जाता तू एक बार आसमां में, हर शब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 533 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 26 Oct 2021 · 1 min read मुश्किलें इश्क़ की शीर्षक *** " मुश्किलें इश्क़ की " तुम्हारी यादों से निकल पाना मुश्किल हो गया है । तुम्हें यूं भूल पाना अब मुश्किल हो गया है ।। गुज़रे साल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 278 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 20 Oct 2021 · 1 min read मेरी हसरत - चंद अश'आर चंद अश'आर - - " मेरी हसरत " - क़ायनात के हर ज़र्रे से प्यार है । चमन को बागबां का इंतज़ार है ।। ये वतन तो है अमन का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 324 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 8 Oct 2021 · 1 min read इश्क़ की जादूगरी शीर्षक - इश्क़ की जादूगरी तेरी ख़ुशबू से महक़ रहा हूँ आजकल । ये तेरा इश्क़ संदल से कम नहीं ।। मिल जाये अगर साथ तेरा तो ।।। ज़माने का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 6 Oct 2021 · 1 min read इंतिहा चाहत की शीर्षक - इंतिहा चाहत की अब तो तन्हाई से भी डरने लगे हैं । हम ख़ुद से ही गुफ्तगू करने लगे हैं ।। इश्क़ को आसान समझकर हम । दरिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 346 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 6 Oct 2021 · 1 min read जय भारत शीर्षक - जय भारत... विश्व विजेता बन कर जग में , इसकी जय जयकार हो । है भारत भूमि अपनी माता , सबको इससे प्यार हो ।। अमन पसंद इस... Hindi · कविता 1 1 227 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 6 Oct 2021 · 1 min read मुहब्बत की मिसाल - ताज बेमिसाल मोहब्बत की मिसाल : ताज बेमिसाल " बनाकर ताज शाहजहां ने, दुनिया को तोहफा दिया है । हर आशिक की यादों में, मुमताज को जिंदा कर दिया है ।। संगमरमर... Hindi · कविता 2 261 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 3 Oct 2021 · 1 min read हादसा हिज्र का चंद अश'आर ** 【 उनवान - " हादसा हिज्र का "】 कैसी कश्मक़श है ज़िंदगानी में । क्यूँ लगी फ़िर आग पानी में ।। दीदार ए यार की हसरत नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 328 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 19 Sep 2021 · 1 min read ये अपनी हिंदी - हिंदी गीत हिंदी-गीत शीर्षक - " ये अपनी हिंदी " ध्वजा हिंदी की लहरायी । दिशा ज्ञान की दिखलायी ।। सरल ,सौम्य और सहज भी है । ताल में खिलता जलज भी... Hindi · गीत 3 2 605 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 26 Aug 2021 · 1 min read क़िरदार ज़िंदगी के शीर्षक *** क़िरदार ज़िंदगी के *** इस कहानी में अब आना होगा , तुम्हें मेरा क़िरदार बताना होगा । था अब तलक़ ख़ुद से अंजान मैं , मुझको मुझसे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 466 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 25 Aug 2021 · 1 min read पापा जैसा कोई नहीं शीर्षक - " पापा जैसा कोई नहीं " साथ न होकर भी मेरे साथ रहते हैं । पापा तो हरदम यूं मेरे पास रहते हैं ।। हर फ़तेह में मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 445 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 20 Aug 2021 · 1 min read रहनुमा हर रोज़ ईद का त्यौहार होता है । जब मुझे आपका दीदार होता है ।। आपके नूर की रोशनी से हरदम । रोशन ये फ़लक हर बार होता है ।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 658 Share Previous Page 3