महेश चन्द्र त्रिपाठी 192 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next महेश चन्द्र त्रिपाठी 29 Aug 2023 · 1 min read आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत। आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत। नहीं भुलाए भूलता, दुर्वह वक्त व्यतीत।। दुर्वह वक्त व्यतीत, काम आए जब अपने। नहीं धूसरित हुए, सलोने सुखप्रद सपने।। समय पड़े पर साथ,... Quote Writer 364 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 26 Aug 2023 · 1 min read जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग जो दुर्दिन में दम न तोड़ते, सहते विरह वियोग जो न पलायनवादी होते, करें सतत संघर्ष उनका ही वंदन अभिनंदन, करते... Quote Writer 1 243 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 25 Aug 2023 · 1 min read शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता। शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता। और सफलताओं से हरदम जोड़े नाता।। वोट बैंक के लिए जुगाड़ किये जाते हैं। जो सर्वथा अभक्ष्य, राजनेता खाते हैं।। © महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 321 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 22 Aug 2023 · 1 min read नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता। नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता। वीरांगना नारियां ही बनती हैं वीर-प्रसूता।। हर युग में कवि गाते आए हैं नारी की महिमा, नारी की क्षमता-ममता को जा... Quote Writer 419 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 21 Aug 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक हर फल की अपनी ऋतु होती, ऋतु आने पर फलता हर फल को जीवन देने को, सूरज नित्य निकलता पानी धूप वायु धरती से, पाता सम्यक पोषण तब ही... Quote Writer 261 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 10 Aug 2023 · 1 min read नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है नर का हर यज्ञ पूर्ण करती, वह उसकी मां है,धात्री है नारी निन्दा करने वाले, नर नहीं, बृषभ हैं,... Quote Writer 367 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 8 Aug 2023 · 1 min read वातायन से साथ वात के वातायन से साथ वात के कोई आया। कमरे के अंदर आकर जादू बगराया।। कमरे को मह-मह महकाया उसने आकर। विहग-वृंद को भी चहकाया गुन-गुन गाकर।। पलक झपकते कक्ष बना फूलों... Hindi · गीत 276 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 7 Aug 2023 · 1 min read तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार? तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार? तो तुम कैसे सृजन करोगे, यदि पड़ जाओगे बीमार? तो तुम कैसे मीत बनोगे, नहीं लुटाओगे यदि प्यार? तो तुम कैसे... Quote Writer 1 267 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 2 Aug 2023 · 1 min read सच्चाई प्रियतम! तुम आधा बटेर हो मैं हूँ आधा तीतर मुझमें यदि उग्रता अपरिमित क्षमा तुम्हारे भीतर रूठ गए तुम भले मगर है क्षमा अभी भी उर में और उग्रता भरी... Hindi · कविता 258 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 2 Aug 2023 · 1 min read संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर। संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर। प्रेम हृदय का बाँटते रहते वे भरपूर।। राम नाम के नूर की सदा जोहते बाट, नहीं चाहते कभी भी वे जन्नत की हूर।।... Quote Writer 382 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Aug 2023 · 1 min read जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर उनसे ही लिपटे रहते हैं बड़े बड़े वृश्चिक विषधर वे विषपान किया करते हैं सदा लोक की रक्षा हित... Quote Writer 232 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 30 Jul 2023 · 1 min read घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार। घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार। पता नहीं कब घड़ी आखिरी, आए छूट जाय संसार।। मूल्य समय का पहचानें हम, जीवन-मूल्य नहीं भूलें, बंद घड़ी... Quote Writer 236 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 21 Jul 2023 · 1 min read उषा का जन्म जब हुआ उषा का जन्म, मृदुल- शीतल-सुरभित समीर डोली मुर्गे की बांग सुनाई दी, सुन पड़ी धतूरे की बोली विहगों ने त्याग बसेरा निज कलरव से जग को जगा दिया... Hindi · कविता 216 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 21 Jul 2023 · 1 min read स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं। स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं। काबुल वाले गदहे भी हॅंसते- रोते हैं ।। थोड़े दिन ही ख्याति किसी दानव की टिकती, काल-गाल में बड़े - बड़े ससमय... Quote Writer 365 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 20 Jul 2023 · 1 min read मछली कब पीती है पानी, मछली कब पीती है पानी, कोई नहीं जान पाता है। ऐसे ही यह पता न चलता, नेता कब कितना खाता है।। -- महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 198 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 19 Jul 2023 · 1 min read स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर भॅंवर में जो नाव निकलेगी समय पर समय से पहले न किस्मत साथ देती स्वयं से जागीर सॅंभलेगी समय पर — महेशचन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 94 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 19 Jul 2023 · 1 min read नींद न उनको आती जिन्हें सताती हैं चिन्ताएं, नींद न उनको आती और प्रेम में पड़ने पर भी, नींद हिरन हो जाती नींद नहीं आती चोरों को, निशि में जाग्रत रहते कवि भी प्रायः... Hindi · Poem 173 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 17 Jul 2023 · 1 min read सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का देश हमेशा आभारी है हर बलिदानी बेटी का राजा रानी का युग बीता प्रजातंत्र बलवान हुआ अब इतिहास लिखा जाएगा हर मर्दानी बेटी... Quote Writer 217 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 17 Jul 2023 · 1 min read रेल प्रगति की चली जा रही रेल प्रगति की, जो चलती कम, रुकती ज्यादा सकुशल मंजिल तक पहुंचाने, का सबसे करती है वादा हर स्टेशन पर सवारियों का, मेला देता है दिखलाई कोई... Hindi · गीत 108 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 16 Jul 2023 · 1 min read जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं मंजिल उनको ही मिलती है जो करते बन्द प्रयास नहीं जो हार मान लेते मन में, जिनका प्रयास रुक जाता... Quote Writer 337 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 14 Jul 2023 · 1 min read नेता खाते हैं देशी घी नेता खाते हैं देशी घी कृषकों को मिलता घासलेट गुलछर्रे धनिक उड़ाते हैं मेहनतकश सोते दबा पेट महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 189 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 12 Jul 2023 · 1 min read स्वप्न बेचकर सभी का स्वप्न बेचकर सभी का हृदय लीजिए जीत। सपने कम होंगे नहीं, सपने संख्यातीत।। महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 101 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 10 Jul 2023 · 1 min read वंशवादी जहर फैला है हवा में वंशवादी जहर फैला है हवा में भेद की रोटी पड़ी है हर तवा में साम का तो नाम ही अब मिट गया है दाम द्वारा दण्ड से होती दवा में... Quote Writer 172 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 9 Jul 2023 · 1 min read पाने को गुरु की कृपा पाने को गुरु की कृपा प्रतिदिन करें प्रयास। दिशा दिखाएँ राष्ट्र को हम भी बन युग व्यास।। © महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 406 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 9 Jul 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम सदा कामनारहित है यह निर्मल उर का विलास है यह अनुक्षण बढ़ता जाता है दुनिया को देता प्रकाश है यह न कभी टूटता बीच में यह प्रतिपल अखण्ड रहता... Hindi · कविता 92 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 8 Jul 2023 · 1 min read मेघों के साथ साथ मन भी मेघों के साथ साथ मन भी उड़ने से बाज नहीं आता उड़ उड़ जन जन को जगा रहा हर दिल की सांकल खटकाता + दामिनि दिपदिप दिपदिप करती रास्ता दिखाती... Hindi · कविता 89 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 8 Jul 2023 · 1 min read परिभाषाएं अनगिनत, परिभाषाएं अनगिनत, प्रेम न परिभाषेय। जो हारा जीता वही, प्रेम सदैव अजेय।। महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 206 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 7 Jul 2023 · 1 min read आओ उठें स्वयं से ऊपर आओ उठें स्वयं से ऊपर लें न कभी निर्बल से टक्कर मस्ती में जीवन जीने को पिएं काव्य की हाला छककर खेलें विघ्नों बाधाओं से झेलें चुनौतियों को डटकर शिखर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 68 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 7 Jul 2023 · 1 min read जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट, जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट, जब कुटुम्ब में जाय पड़, बिना वजह ही फूट, तब भी बिन विचलित हुए, चलें सुपथ पर आप बरसेगी प्रभु की... Quote Writer 1 2 245 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 6 Jul 2023 · 1 min read तुझमें मुझमें रहा न अन्तर जैसे छिपी रात में प्रात शान्ति छिपाए झंझावात कड़ी धूप में छिपकर बैठी रहती है भीषण बरसात वैसे ही तू मुझमें आया मैं भी तुझमें सदा समाया तुझमें—मुझमें भेद न... Hindi · कविता 75 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 6 Jul 2023 · 1 min read सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है सेवा के बदले में मेवा बिन माँगे मिल जाती है सेवा करें पिता-माता की, असहायों, लाचारों की मिटती है भव-बाधा सारी,... Quote Writer 230 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 5 Jul 2023 · 1 min read ज्ञानवान के दीप्त भाल पर ज्ञानवान के दीप्त भाल पर सदा खिली रहती मुस्कान अन्तस्तल में उदित अरुण का कभी नहीं होता अवसान है अनित्य में नित्य समाया, नहीं भूलता यह एहसास ज्ञानी सदा वही... Quote Writer 121 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 5 Jul 2023 · 1 min read अविनश्वर हो यह अभिलाषा अविनश्वर हो यह अभिलाषा — मिटे न प्यास, रहूँ चिर प्यासा अपलक तेरी ओर निहारूँ तुझ पर अपना जीवन वारूँ हारूँ अगणित बार भले,पर अपनी हार नहीं स्वीकारूँ घेरे मुझे... Hindi · गीत 84 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Jul 2023 · 1 min read शिर ऊँचा कर शिर ऊँचा कर हृदय जोश भर देशप्रेम को दें नूतन स्वर भीतर बाहर हम अजरामर विनयशील हैं नतशिर होकर महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 1 271 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 3 Jul 2023 · 1 min read कल पर कोई काम न टालें बदल गए अब ढंग प्रसव के अब न पुजायी जाती पाटी। संस्कार सम्बोधन बदले बदल गई युग की परिपाटी।। बदले खेल, खिलौने बदले बदल गए रंजन के साधन। बदल गई... Hindi · कविता 131 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 2 Jul 2023 · 1 min read जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है, जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है, उससे विलग न कोई जग में कहीं खुदा है। सौंपोगे किसे जीवन, जीवन तुम्हारा है क्या? नादानियां भुला दो, कोई न... Quote Writer 407 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत कभी न बदला करती फितरत कभी न बदला करती, नर हो अथवा नारी चोरी भले न करे चोर पर, करता लउकाटारी सन्त सन्तई नहीं त्यागते, परहित में रत रहते कभी किसी को सपने में... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 168 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Jul 2023 · 1 min read बदल गई मेरी फितरत बदल गई मेरी फितरत अब, मुझमें अब न बुराई है घनीभूत होती जाती अब, जीवन में अच्छाई है मेरी काया हुई कुंदनी, रोग न मुझे सताते अब भाॅंति-भाॅंति के सद्विचार... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 98 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 30 Jun 2023 · 1 min read मशक-पाद की फटी बिवाई में गयन्द कब सोता है ? मशक-पाद की फटी बिवाई में गयन्द कब सोता है ? चींटी के बिल में प्रवेश कर ऊंट भला कब खोता है ? धीर पुरुष गरिमा से गिरकर कोई काम नहीं... Quote Writer 2 238 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 28 Jun 2023 · 1 min read रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है ज्योति जिसका हृदय है, जो हरण करता शोक है नमन बारम्बार उसको क्यों न मेरा मन करे वह साथ दे तो प्रगति... Quote Writer 237 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 27 Jun 2023 · 1 min read रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है कर्मभूता सृष्टि लौकिक दृष्टि की अनुरंजिका है आत्मा जगदात्मा में भेद क्या है, कौन जाने देह हस्ताक्षर करे, जग हाजिरी की पंजिका... Quote Writer 1 259 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 26 Jun 2023 · 1 min read माॅं लाख मनाए खैर मगर, बकरे को बचा न पाती है। माॅं लाख मनाए खैर मगर, बकरे को बचा न पाती है। रस्सी जल जाती पर उसकी, ऐंठन न कभी भी जाती है।। पुष्पित और पल्लवित होते, संस्कार मानव जीवन में... Quote Writer 320 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 25 Jun 2023 · 1 min read हमें प्रदान करें आनन्द हम समृद्धि के याचक कब थे रचे अकिंचन रहकर छन्द हमें अमरता नहीं चाहिए हमें प्रदान करें आनन्द * हे प्रभु! हम मिट्टी के पुतले वह्नि उदर में करती वास... Hindi · गीत 1 105 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 24 Jun 2023 · 1 min read बेहद मुश्किल हो गया, सादा जीवन आज बेहद मुश्किल हो गया, सादा जीवन आज चक्कर में पड़ योग के, लोग न करते काज लोग न करते काज, निरर्थक देह थकाते जब देखो तब बैठ, योग के ही... Quote Writer 200 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 24 Jun 2023 · 1 min read हॅंसना है जीवन की धड़कन हँसने से हुलसित होता मन हँसना है जीवन की धड़कन हँसी ज्ञान है, हँसी ध्यान है जो हँसता, सचमुच महान है हँसने से सम्भव है होना रोगमुक्त हम सबका तन-मन... Hindi · गीत 242 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 24 Jun 2023 · 1 min read किए जिन्होंने देश हित किए जिन्होंने देश हित अपने सारे काम। उन्हें नित्य अर्पित करें अपने कोटि प्रणाम।। महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 221 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 23 Jun 2023 · 1 min read बारिश की संध्या बारिश की संध्या मदमाती आती प्राणों को मथ जाती रिमझिम रिमझिम झरता पानी करता संध्या की अगवानी लौ सॅंझवाती के दीपक की अन्तस में ज्वाला सुलगाती गूॅंजती हवा में स्वर... Hindi · गीत 1 248 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 23 Jun 2023 · 1 min read यदि मन में हो संकल्प अडिग यदि मन में हो संकल्प अडिग रास्ता स्वयं बन जाता है। संकल्पवान को परमात्मा खुद मंजिल पर पहुंचाता है।। महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 347 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 23 Jun 2023 · 1 min read देह धरे का दण्ड यह, देह धरे का दण्ड यह, भुगत रहा दिन-रैन। देख दुर्दशा देश की, उर-अन्तर बेचैन।। महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 233 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 22 Jun 2023 · 1 min read जो चाकर हैं राम के जो चाकर हैं राम के जिनका सरल स्वभाव। काल कर्म गुण दोष का उन पर नहीं प्रभाव।। Quote Writer 339 Share Previous Page 3 Next