भूरचन्द जयपाल 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2018 · 1 min read ** मौत का अटल नियम है ** मौत का अटल नियम है वह टल नहीं सकती जिंदगी एक शटल कॉक है टिक नहीं सकती बिकती तो बहुत, वस्तुऐं बाज़ार में अफ़सोस मौत-अटल है जिंदगी बिक-टिक नहीं सकती।।... Hindi · मुक्तक 1 260 Share भूरचन्द जयपाल 15 Aug 2018 · 1 min read *देखो भईया ये आज़ादी कैसी लूट मची है* धर्म और जाति पर देखो कैसी लूट मची है आज भाई-भाई में देखो कैसी लूट मची है हर हराम का खाकर हलाल है जो कहता देखो भईया ये आज़ादी कैसी... Hindi · मुक्तक 1 300 Share भूरचन्द जयपाल 12 Aug 2018 · 1 min read * क्या जज़्बात लिखूं * लिखना चाहूं दिल की बात क्या जज़्बात लिखूं लोग समझते नहीं मुझको..क्या जज़्बात लिखूं बात बात पे अपनी जो, कभी टिकते ही नहीं है बिकते हैं जो टकों में उनके... Hindi · गीत 1 333 Share भूरचन्द जयपाल 31 Jul 2018 · 2 min read ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है ? ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है ? ******* ****** **** ***** *** ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है हम आज ख़ुद-ब-खुद छले जा रहे हैं पाते... Hindi · कविता 1 398 Share भूरचन्द जयपाल 26 Jul 2018 · 1 min read उम्र क्या मायने रखती शुक्र है हमें इस क़ाबिल समझा आपने आप गुणीजन मित्र गुण समझाआपने उम्र क्या मायने रखती विचार - मिलन हम हृदय-आभारी जो समझा आपने ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 239 Share भूरचन्द जयपाल 19 Jul 2018 · 1 min read *ऐ बेअदबों ये कैसी खुशीहै* किसी के जाने की ख़ुशी है किसी के आने की खुशी है आना-जाना दस्तूर दुनियां फिर क्यों अनजानी खुशी है बनते हैं जाने- अनजाने दोस्त- दुश्मन दुनियां में कितने आये... Hindi · मुक्तक 1 212 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jun 2018 · 1 min read ** तक़दीर अपनी बनाओगे *** तबियत से किसी चीज को अपनी बनाओगे जिस्मों-जां जो कभी उनकी-अपनी बनाओगे उतर आयेगी तस्वीर उनकी आपकी आंखों में तस्वीर से जो उनकी तक़दीर अपनी बनाओगे । मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 597 Share भूरचन्द जयपाल 12 Jun 2018 · 1 min read ** अरुणोदय ** मेट स्याह रातों की कालिख रवि उदित होता देखो कवि-हृदय- प्रकाश देखो रश्मिरथी सूरज को देखो धीरे-धीरे आता है वह सागर के तट से उबर- उबर कर किरणें फैलाता अपनी... Hindi · कविता 1 521 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jun 2018 · 1 min read लोगों की नुमाईश तुम टूटते दिलों की ख्वाहिस तुम दिल की धड़कनो की पैमाइस तुम मेरे ख्वाबों की हक़ीक़त हो तुम ना बनो लोगों की नुमाईश तुम ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 516 Share भूरचन्द जयपाल 1 Jun 2018 · 1 min read ** मैं गीत कहूं या कथा कहानी ** यह केवल मेरे भावों का सायास अंकन ना होकर अनायास अंकन है शायद .................. १.६.१६ ,प्रातः८.१५ *********** ग़ज़ल कहूं या गीत कहूं ये रीत पुरानी आई है कहता आया हूं... Hindi · कविता 1 447 Share भूरचन्द जयपाल 29 May 2018 · 1 min read ** एतबार ** ना उम्र का एतबार है ना जिंदगी का मौत का फ़लसफ़ा आहिस्ता आहिस्ता याद आ रहा है ।। तस्वीर पे एतबार करें या तक़दीर पर तस्वीरें रोज बदलती है तक़दीर... Hindi · मुक्तक 1 374 Share भूरचन्द जयपाल 28 May 2018 · 1 min read * जख़्म-ए-दिल की दवा करते हैं * 3.47 *** दोपहर *** 28.5.18 चलो आज जख्मों की बात करते हैं चलो आज मरहम की बात करते हैं ख़ुदा ज़ख्म मुझे अर मरहम तुम्हें दे चलो जख़्म-ए-दिल की दवा... Hindi · मुक्तक 1 372 Share भूरचन्द जयपाल 6 May 2018 · 1 min read ** हम सिकन्दर थे कभी ** 6.5.18 ******* रात्रि 10.57 हम सिकन्दर थे कभी इसीलिए आज अपना मुकद्दर हार गये हैं जो पता होता सिकन्दर को तो बन कलन्दर जीत जग को लेता ना हास होता... Hindi · मुक्तक 1 386 Share भूरचन्द जयपाल 3 May 2018 · 1 min read * * कुछ कहे अनकहे जज़्बात * * कुछ कहे अनकहे जज़्बात बात-बेबात मैंने कहे कुछ चाहत के अल्फ़ाज वजह-बेवजह मैंने कहे सुन रहा कौन मेरे लबों की ख़ामोश वह आवाज़ लिखी कागज़ पे दिल-आवाज़ जज़्बात मैंने कहे।।... Hindi · मुक्तक 1 257 Share भूरचन्द जयपाल 1 May 2018 · 1 min read ** हम हिन्दू हैं ? ** हम हिन्दू हैं कहते सभी इंसानियत की अहमियत नहीं जाति है क्या इन्सां से बड़ी इन्सां से बड़ी जाति क्या होगी समझा नहीं यह मर्म कभी कर्म सबसे पहले करते... Hindi · कविता 1 475 Share भूरचन्द जयपाल 1 May 2018 · 1 min read भोर हुए वो जाती है भोर हुए वो जाती है सूनी उजाड़ गलियों से मजदूरिन थी वो नहीं थी कसबिन जाती थी भोर मजदूरी के लिए नहीं आ जाये उसकी जगह कोई ओर भूखे ना... Hindi · कविता 1 311 Share भूरचन्द जयपाल 1 May 2018 · 1 min read मुक्तक मिला है वियोग हमें तो हम भाग्यशाली हुए वरना शारीरिक योग भी एक तन्हाई ही था ।। मधुप बैरागी ज़हन जख़्मी हो जिस अल्फ़ाज से वो अल्फ़ाज बोलना छोड़ दो... Hindi · मुक्तक 1 540 Share भूरचन्द जयपाल 30 Apr 2018 · 1 min read ** यह टूटती शाखाऐं है ** यह उस पेड़ की टूटती हुई शाखाऐं है वृद्ध हो चुका है वह जीर्ण हो चुका है यह शाखाऐं छोड़ती हुई नज़र आती है उसे अपने में समाये रखने की... Hindi · कविता 1 275 Share भूरचन्द जयपाल 30 Apr 2018 · 1 min read * ख़तरा नहीं मोल लेते हैं वो लोग * ख़तरा नहीं मोल लेते हैं वो लोग जो ज़िन्दगी को तराजू में तोल लेते हैं नीतिज्ञ,राजनीतिज्ञ सभी दूर रहकर थोड़ी बहुत मीठी बातें बोल लेते हैं कुर्सी अपनी बचने के... Hindi · कविता 1 274 Share भूरचन्द जयपाल 30 Apr 2018 · 1 min read * हक़ीक़त बनने लगा ख्वाब * मैंने देखा था इक ख़्वाब मगर आँख लगने लगी उसमें मेरी हर हक़ीक़त बनने लगा ख्वाब जब लेने लगा मैं ख्वाब ही ख्वाब तन्द्रा टूटी जब मेरी हक़ीक़त कुछ ओर... Hindi · गीत 1 442 Share भूरचन्द जयपाल 30 Apr 2018 · 1 min read इम्पोर्टेन्स ऑफ लव लव इज लाइफ़ ओनली लव एबल डू नॉट लव रिफ्यूज लव टू लिविंग बेस्ट लाइफ़ लव इज प्लीजेंट लाइफ़ लव मैक्स एम्फेसिज़ेड एम्स लोविंग लाइफ़ इज बेस्ट लाइफ़ ।। मधुप... Hindi · कविता 1 264 Share भूरचन्द जयपाल 30 Apr 2018 · 1 min read लिविंग बेस्ट लाइफ़ लाइफ़ इज डिफिकल्ट डू नॉट लाइफ़ लॉन्ग लाइफ़ इज शॉर्ट टाइम डू नॉट लाइफ़ एस्टेब्लिस्ट लाइफ़ इज ऑलवेज वॉकिंग लव मेक इज ब्रेव मैन ओनली ब्रेव मैन लिविंग इज गुड... Hindi · कविता 1 277 Share भूरचन्द जयपाल 29 Apr 2018 · 1 min read ** ज़ख्म हंसते रहे ** ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी एक तन्हा था मैं दर्देदिल सहता रहा दील अपना था मगर दर्द पराया रहा एक एकांत... Hindi · गीत 1 261 Share भूरचन्द जयपाल 12 Apr 2018 · 1 min read जलता कफ़न है भीतर ही भीतर जलता कफ़न है जिंदा हूँ मगर सपने दफ़्न है फ़र्क करना नामुमकिन है जलता क़फ़न है या मन ज़ाहिर है जलता कफ़न तो ना होता दफ़्न मझधार... Hindi · कविता 1 295 Share भूरचन्द जयपाल 12 Apr 2018 · 1 min read जिंदगी जिंदगी जीना सीख ले मानव भेद धर्म-सम्प्रदाय छोड़ जी ले नहीं मिलेगा ये जीवन फिर छोड़ बैरभाव जी ले पी ले अमृत-रस जीवन है ये थोड़ा मानव कुछ निमिषों का... Hindi · कविता 1 559 Share भूरचन्द जयपाल 12 Apr 2018 · 1 min read प्रेम गीत शेर सुनना और सुनाना तो एक रीत है प्यार करना तो सिर्फ प्रीत है इसमें न कोई नफरत की भीत है यही तो इसकी अनोखी रीत है इसीलिए तो लिखे... Hindi · कविता 1 589 Share भूरचन्द जयपाल 8 Apr 2018 · 1 min read आप पूछेंगे सवाल आप पूछेंगे सवाल जवाब तो हम देंगे क्यों मचाते हो बवाल जवाब हम देंगे ये जरूरी नहीं, आपके हर सवाल का सवाल बनकर बेवजह जवाब हम देंगे।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 261 Share भूरचन्द जयपाल 8 Apr 2018 · 1 min read सिर्फ जय भीम नमोबुद्धाय से नहीं चलेगा काम सिर्फ जय भीम नमो बुद्धाय से नहीं चलेगा काम बढ़ना है तो कर दो सारे रस्ते कर दो उनके जाम करना हो कुछ काम तो साथी हो जाओ ..................इकसाथ भूलभुलैया... Hindi · कविता 1 499 Share भूरचन्द जयपाल 4 Apr 2018 · 1 min read * ऐ सखी ! ठहर इक पहर ठहर * ऐ सखी ! ठहर इक पहर ठहर यादों की दुनियां का सुंदर मंजर छोटे से दृश्यांकन चित्रयन्त्र पर अंकित कर लूं यादों का सफर जब होंगे हम दिन-दिन और बडे... Hindi · कविता 2 1 289 Share भूरचन्द जयपाल 18 Mar 2018 · 1 min read नूतनववर्ष मंगलमय नववर्ष हो नववर्ष नूतनवर्ष मंगलमय नववर्ष हो हो दिलों में अपार हर्ष ऐसा नववर्ष हो दुश्मन बने, ना दोस्त ऐसा संकल्प लो सहर्ष मिलो गले ऐसा पावन पर्व हो हो सर्व समाज... Hindi · गीत 1 231 Share भूरचन्द जयपाल 4 Mar 2018 · 1 min read * नसीहतें प्यारभरी * नसीहतें प्यारभरी दी है हमें तुम्हें रास ना आई ना मानोगे , पछताओगे जब रूखसत यार होंगे प्यारभरी इल्तजा ठुकराना नहीं तोड़कर यूं शीशा-ए-दिल मुस्कराना नहीं तन्हा रहकर कितना सह... Hindi · मुक्तक 1 250 Share भूरचन्द जयपाल 3 Mar 2018 · 1 min read * जो बुरा लगे तुम्हें कभी * जिंदगी के सफर में ऐसा भी मोड़ आता है जिसे भुलाया नहीं जा सकता तब मौत जिंदगी से अच्छी लगती है कभी प्यार तो कभी नफरत अच्छी लगने लगती है... Hindi · कविता 1 478 Share भूरचन्द जयपाल 2 Mar 2018 · 1 min read * गौरी लाड लडावण आया मैं तो * गौरी लाड लडावण आया मैं तो तू रूठ कै कहाँ चली जावे है मैं पतंग तो डोर थारे हाथ है तू खींचे तो मैं दौड़या चल्या आंवा हां गौरी ......................जावे... Hindi · गीत 1 306 Share भूरचन्द जयपाल 2 Mar 2018 · 1 min read * एक थी वो हसी * एक चांद था, एक मैं और एक थी वो हसी क्या गम था क्या खुशी सब बांट लेते थे हम मगर आज चांद में लग चुका है दाग़ वो भी... Hindi · कविता 1 536 Share भूरचन्द जयपाल 2 Mar 2018 · 1 min read ** आचमन कर गालो-गुल ** ना मैं भूलूंगा ना तुम्हें भूलनें दूंगा ऐ बाग-ए-गुल महकने दो बगिया - दिल बत्ती हो जाये ना गुल बुलबुल बाग -ए-दिल में ही चहकेगी शामोशहर महकता है दिल बगिया... Hindi · मुक्तक 1 488 Share भूरचन्द जयपाल 1 Mar 2018 · 1 min read * सांवरिया मोहे रंग दे रे * रंग दे रंग दे रंग दे रे सांवरिया मोहे रंग दे रे अपने ही रंग रंग दे रे सांवरिया मोहे रंग दे रे थोड़ी सी अब भंग दई दे थोड़ी... Hindi · गीत 1 926 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2018 · 2 min read * होली के रंग रंग दे * रंग दे रंग दे रंग दे होली के रंग रंग दे रंग दे होली के रंग रंग दे तूं अपने संग संग इक रंग तन रंग दे ऐ ऐ ऐ... Hindi · गीत 1 265 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2018 · 1 min read ** हम तो हम हैं ** हम तो हम हैं आज भी पर लोग बदल गये हैं राजकाज सबसाज होते नहीं पूरे सब काज अब याद रख ।। मधुप बैरागी हमने तो उस दौर में भी... Hindi · मुक्तक 1 249 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2018 · 1 min read *वक्त कब ठहरता है ऐ दोस्त* वक्त कब ठहरता है ऐ दोस्त ठहरती तो है ज़िंदगी उस वक्त ना तुम चल सकोगे ना हम क्यों झूठा वहम करते हो ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 640 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2018 · 1 min read * कहता है नबी * आज झूठ और भ्रष्टाचार इतने हावी हैं कि लोगों को हरे पत्तों के सिवाय कुछ भी नज़रनहींआता उसर में भी हरियाली ही ढूंढते हैं।। मधुबैरागी कहता है नबी गर मेरे... Hindi · मुक्तक 1 285 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2018 · 1 min read ** कुछ स्याह रातें ** कुछ स्याह रातें अमां की अब और भी बाकी है ला'दे अब शराब-शबाब जो भी बाकी साकी है ।। मधुप बैरागी हुस्न क्या है एक बला है बस कहने को... Hindi · शेर 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2018 · 1 min read *** कागज की नाव *** कभी कागज की नाव भी डूब जाया करती थी आज पत्थर के दिल भी तैरा करते हैं पानी में।। मधुप बैरागी हमें दवाओ की नहीं आपकी दुआओं की जरूरत है... Hindi · शेर 1 320 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2018 · 1 min read * दिल अब बैंगन का भुर्ता हो गया * दिल अब बैंगन का भुर्ता हो गया प्यार में पहले सेका जाता है और फिर तेल की कढ़ाई में तला जाता है ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 467 Share भूरचन्द जयपाल 22 Feb 2018 · 1 min read * एक-दूजे-बीच अनमनापनी है * जब हम सब-मन सनातनी हैं क्यों फिर हममें यूं तनातनी है देश,मजहब,जातिनाम पर क्यों एक- दूजे- बीच अनमनापनी है ।। मधुपबैरागी Hindi · मुक्तक 1 175 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2018 · 1 min read ** चश्मदीद है वही जाने ** लोग समझे हैं आंखें चार हो गई ये बात दिल के आर-पार हो गई चश्मदीद है वही जाने अब उम्र क्या वास्तव में सत्तर पार हो गई ।। मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 244 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2018 · 1 min read * जुल्म तब तक सहन करते रहो * जुल्म तब तक सहन करते रहो जब तक आप में क्षमता ना आ जाये क्षमता आने पर जुल्म करने वाले और सहयोग करने वालों को खत्म कर दो ।। मधुप... Hindi · मुक्तक 1 385 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2018 · 1 min read * ना जाने क्या रिश्ता है * ना जाने क्या रिश्ता है ये दिल क्यों पिसता है मेरी मैयत पे मत रोना तेरा-मेरा क्या रिश्ता है मधुप बैरागी जिंदगी धुंवा है और क्या है आदमी जीते जी... Hindi · मुक्तक 1 407 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2018 · 1 min read * किसी ओर पे है क्या दिल उसका * मैं छुप-छुप इंतजार कर रही उसका कहीं जमाना करे ना सामना उसका कब आयेगा सितमग़र सतानेवाला किसी ओर पे है क्या दिल उसका !! मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 243 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2018 · 1 min read ** वक्त किसको किस वक्त. ** वक्त किसको कब बाहों का गलहार पहनाये वक्त किसको किस वक्त सिर-सेहरा पहनाये आजमाये वक्त- बेवक्त-वक्त किसको बताये वक्त कब किसको अपनी गलबहियां पहनाये !! मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 275 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2018 · 1 min read *** प्यार में *** स्टार किसके कितने काम करते हैं लोग यूँही मुझको बदनाम करते हैं आई लाईक लुक-ए-सम-स्टार बट प्यार में समय का इंतजार करते हैं !! मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 311 Share Previous Page 3 Next