Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2018 · 1 min read

सिर्फ जय भीम नमोबुद्धाय से नहीं चलेगा काम

सिर्फ जय भीम
नमो बुद्धाय से
नहीं चलेगा काम
बढ़ना है तो कर दो
सारे रस्ते कर दो
उनके जाम
करना हो कुछ काम
तो साथी हो जाओ ………………इकसाथ
भूलभुलैया में कब तक ……………….भटकोगे
नहीं कोई तुम्हारे साथ
एक आस …. ..विश्वास
जीवन जीना अपने हाथ
मरना है तो मरो साथियों अपनी ही …….,औकात
न समझे …हमको कोई
निरीह ……..भेड़ समान
जीना है तो जियो साथियो
यह इज्जत ….अपने हाथ
मरना है तो मरो साथियों
छोड़ो ………तुच्छ विचार
जो मरने को .. आतुर हो
उसको कोई मार न पाया
जग जाये आत्म विश्वास
तो निश्चित होना है
उद्धार करना है तो .करो काम
तरना है तो.. करो काम
हो मन में एक विश्वास
केवल जपने से नहीं
तपने से ही होगा काम ।।
मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 467 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
इसरो के हर दक्ष का,
इसरो के हर दक्ष का,
Rashmi Sanjay
सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान।
सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिंदगी
जिंदगी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Sangeeta Sangeeta
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
संस्कार
संस्कार
Sanjay ' शून्य'
नैन
नैन
TARAN VERMA
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
सिपाहियों के दस्ता कर रहें गस्त हैं,
सिपाहियों के दस्ता कर रहें गस्त हैं,
Satish Srijan
मेरा प्रेम पत्र
मेरा प्रेम पत्र
डी. के. निवातिया
*बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)*
*बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
मैं
मैं "लूनी" नही जो "रवि" का ताप न सह पाऊं
ruby kumari
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
2693.*पूर्णिका*
2693.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धिक्कार है धिक्कार है ...
धिक्कार है धिक्कार है ...
आर एस आघात
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
गं गणपत्ये! माँ कमले!
गं गणपत्ये! माँ कमले!
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
"रुपया"
Dr. Kishan tandon kranti
उनसे  बिछड़ कर
उनसे बिछड़ कर
श्याम सिंह बिष्ट
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
कार्तिक नितिन शर्मा
अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...