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कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
Kumar Kalhans
जीवन का त्योहार निराला।
Kumar Kalhans
उन्हें पुकारो।
Kumar Kalhans
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
Kumar Kalhans
परछाई उजली लगती है।
Kumar Kalhans
संभवतः अनुमानहीन हो।
Kumar Kalhans
आज अकेले ही चलने दो।
Kumar Kalhans
खुद को समझ सको तो बस है।
Kumar Kalhans
पीले पत्ते दूर हो गए।
Kumar Kalhans
ढल गया सूर्य फिर आएगा।
Kumar Kalhans
जाने क्यों उससे ही अदावत थी।
Kumar Kalhans
मुझे प्रेम और पूजा में कुछ अंतर नहीं दिखाई पड़ता।
Kumar Kalhans
सब्र का इम्तेहान लेते हो।
Kumar Kalhans
अर्द्ध रात्रि अंधकार में हुआ।
Kumar Kalhans
रंग तुम जिस रोज छू लोगी कहर बरपाओगी।
Kumar Kalhans
जो मुझे तुमसे मिला है मैं वही लौटा रहा हूं।
Kumar Kalhans
आप सहलाओगे तो सो जायेगा।
Kumar Kalhans
तासीर है मेरी अच्छा भी हूं बुरा हूं।
Kumar Kalhans
हम अपनी छोटी सी दुनियां के भगवान बने फिरते हैं।
Kumar Kalhans
समय समय की बात है।
Kumar Kalhans
वसूली।
Kumar Kalhans
कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिए।
Kumar Kalhans
नजरों से नजरें मिलाना आ गया।
Kumar Kalhans
तेरी गुस्ताख निगाहों में हया देखी है।
Kumar Kalhans
पछतावा।
Kumar Kalhans
मान लें।
Kumar Kalhans
कहानी
Kumar Kalhans
ज़हर
Kumar Kalhans
प्याला।
Kumar Kalhans
प्याला।
Kumar Kalhans
प्याला।
Kumar Kalhans
प्याला।
Kumar Kalhans
बेहयाई हया का नया नाम है।
Kumar Kalhans
इक जीवन दो रूप हमारे।
Kumar Kalhans
राह चलने से ही कटती है चला करते हैं।
Kumar Kalhans
जोर जवानी चुटकी में।
Kumar Kalhans
गीत नया गाता हूं।
Kumar Kalhans
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
Kumar Kalhans
कलम ठहर न जाए देखो।
Kumar Kalhans
हवस का सूरज।
Kumar Kalhans
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
प्याला।
Kumar Kalhans
ज़हर
Kumar Kalhans
छिप न पाती तेरी ऐयारी है।
Kumar Kalhans
बहु बहु रे बयार।
Kumar Kalhans
रुझान।
Kumar Kalhans
सबकी आंखों में एक डर देखा।
Kumar Kalhans