दिनेश एल० "जैहिंद" 287 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दिनेश एल० "जैहिंद" 15 Dec 2020 · 1 min read #कोरोना दोहे# कोरोना दोहे //दिनेश एल० "जैहिंद" अब दो हज़ार बीस तो, बन बैठा यमराज, ज़िंदगी तो ठहर गई, ठप्प पड़े सब काज,, साँस रुके अरु दम फुले, हिया बड़ा घबराय, मौत... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 97 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 Feb 2021 · 1 min read #प्रेम में पल-पल# प्रेम में पल-पल // दिनेश एल० "जैहिंद" बार-बार तेरी याद आने का क्या राज़ है। सुहानी बरसात के वो दिन मुझे याद हैं।। यादकर क्षण काटना तेरे प्यार में, पल-पल... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 32 103 737 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Oct 2021 · 4 min read अंतहीन उत्सव अंतहीन उत्सव //दिनेश एल० "जैहिंद" चोटिल विमला चौकी पर लेटी हुई थी। वह सिर दर्द और चोट की पीड़ा से परेशान थी। सिर में ६ टांगे लगे थे। उसका चेहरा... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 11 936 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 22 Oct 2021 · 10 min read दुर्गोत्सव दुर्गोत्सव // दिनेश एल० "जैहिंद" दशहरे के दिन चल रहे थे। दुर्गोत्सव अपने चरण पर था। आए दिन लोग मेला घूमने की प्लानिंग करते हुए नज़र आ रहे थे। कोई... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 6 578 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Sep 2020 · 2 min read ** वो साइकिल ** वो साइकिल //दिनेश एल० "जैहिंद" चावल से सफेद कंकड़ बीनते हुए रामदीन की पत्नी ने कहा- "बीस रूपये दे जाते तो थोड़ी दाल व कुछ आलू मँगा लेती। चावल के... Hindi · लघु कथा 7 4 282 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 Apr 2022 · 1 min read $$पिता$$ पिता : कुछ मुक्तक बाल मेरे पक गये होंठ अब सील गये // गाल मेरे सूख गये दाँत अब हिल गये // आँखें धँस गईं आईना फिर चढ़ गया,, चमड़ी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 6 9 516 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 30 May 2023 · 6 min read प्राचीन दोस्त- निंब प्राचीन दोस्त- निंब // दिनेश एल० "जैहिंद" आज रविवार का दिन है। सभी जानते हैं इस दिन छुट्टी रहती है। गाँव के स्कूलों की छुट्टी थी। राजू का भी स्कूल... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read वर्षागमन वर्षागमन //दिनेश एल० "जैहिंद" गर्मी के दिन बीत जाते हैं,, बारिश के दिन तब आते हैं। प्यासी धरती प्यास बुझाती,, चहुँ ओर हरियाली लहराती।। उमड़-घुमड़ कर आते हैं,, गरज-गरज कर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 24 Apr 2022 · 1 min read (((मन नहीं लगता))) "मन नहीं लगता" झंझावतों से ऊब कर, संघर्षों से अब टूट कर, मेरा मन कहता है सही-सही -- "मन नहीं लगता है !" गृहस्थी की जरूरतों से, बाज़ारों की हसरतों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 6 600 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 3 May 2018 · 1 min read श्री रामचंद्र जी पर 7 दोहे श्री रामचंद्र जी पर 7 दोहे // दिनेश एल० “जैहिंद” ( 7 दोहे आप सबों के समक्ष रामनवमी के उपलक्ष्य में श्री रामचंद्र जी को भेंट सहित ) जबहिं विश्नु... Hindi · दोहा 3 1 2k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 26 Jul 2020 · 5 min read आज़ादी के बाद महिलाओं की स्थिति आज़ादी के बाद महिलाओं की स्थिति //दिनेश एल० "जैहिंद" पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवधारियों की अपनी-अपनी जन्म गाथा है ! क्या थलचर हो, क्या जलचर हो, क्या नभचर हो,... Hindi · लेख 3 336 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read बरसात के प्यारे गड्ढे "बरसात के प्यारे गड्ढे" (हास्य क्षणिकाएँ) // दिनेश एल० "जैहिंद" (१) गाँव के फेक छोरों से नकचढे होते बरसात के ये बरसाती गड्ढे अगर तुम घुस के जाओगे तो ठीक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 487 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read [[[गप्पू काका]]] कथा : #गप्पू_काका गप्पू काका के बड़े भाई के तीन बच्चे शहर से गाँव अपने घर स्कूल की गर्मी की छुट्टियों में आए हुए थे ! यहाँ भी मझिले भैया... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 605 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read {{{{लालूजी का ब्रह्म पिशाच}}}} ## लालूजी का ब्रह्म पिशाच ## लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" जीत की खुशी में कुछ इतने मगन हुए लालूजी कि मत पूछिए ..! कुछ ज़्यादा ही रोहू मछली और मिठाइयाँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 696 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 26 May 2023 · 2 min read गुणवत्ता का ह्रास गुणवत्ता का ह्रास // दिनेश एल० "जैहिंद" ना संस्कृति की बात करो, ना अब संस्कार पर बोलो। हे मनुज, तुम कितने गिर चुके अब अपने आप ही तोलो।। नीति-न्याय की... Poetry Writing Challenge · कविता 3 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 14 Jan 2018 · 1 min read ग़ज़ल : ..... बिखर गए घर-बार आजकल !! ..... बिखर गए घर-बार आजकल !! दिलों में नहीं है वो प्यार आजकल । गायब है घरों से संस्कार आजकल ।। नेताओं के दबदबे से सारे परेशान,, जनता से है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 219 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Feb 2018 · 1 min read ## धोखा : नौ दोहे धोखा: नौ दोहे धोखा है ये जिन्दगी, मिली हमको उधार । झूठे तन कर घूमते, _ बने हम होशियार ।। लालच बड़ी बला बुरी, _ है धोखे की यार ।... Hindi · दोहा 2 1 3k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read पी के माँ का दूध कुछ....... काफिया : आर वज्न : २१२२_२१२२_२१२२ मैंने ढूढ़ा एक कई सरकार निकले // पी के माँ का दूध कुछ गद्दार निकले // छिप के पल्लू में जो रहते थे सुकूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 299 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read वर्षागीत वर्षागीत // दिनेश एल० "जैहिंद" कौन है ऐसा जिसे मेघा नहीं सुहाता,,,,,, बाल-गोपाल शोर मचाते हैं, युवा-नर-नारी मौज़ मनाते हैं | सजनी यादों में खो जाती है, कुँवारे सपनों में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 4 517 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 9 min read "तीन चरित्रहीन पत्ते" कहानी: तीन चरित्रहीन पत्ते लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" ब्लू ह्वेल सभागार मेहमानों, आगन्तुकों व श्रोताओं से खचाखच भर चुका था । विशेष कर महिलाओं व उनके साथ आए हुए बच्चों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 522 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 Dec 2021 · 1 min read ग़ज़ल: मैं वहीं से इक फ़साना हो गया ! #मैं_वहीं_से_इक_फ़साना_हो_गया ! काफ़ - आना रदीफ़ - हो गया वज्न - २१२२_२१२२_२१२ ...ये ज़माना अब सयाना हो गया ! झूठ दिल का आशियाना हो गया !! ..रब मिला था इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 244 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 2 min read - मेरा एक तरफा प्यार - मेरा एक तरफा प्यार // दिनेश एल० "जैहिंद" देखकर उसकी सुंदरता बढ़ गई मेरी भावुकता फिर तो मैं पगला गया जाने कैसे हड़बड़ा गया वो तो मुझको भा गई वो... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 382 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 Jun 2023 · 1 min read [[[सामाजिक सद्भाव]]] सामाजिक सद्भाव // दिनेश एल० "जैहिंद" (१) खुदा के वास्ते खुदा की बात भूल जा खुदा न आएगा ! खुदा खुदा कहते कहते तू मर जाएगा खुदा न आएगा !!... Poetry Writing Challenge · कविता 2 743 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jun 2023 · 1 min read खुद खुदा मत बन खुद खुदा मत बन // दिनेश एल० "जैहिंद" बोया वही काट रहा, विधना का है लेख। कर्म-योगी काहु नहीं, काट सके जो रेख।। स्वत: हुआ जा रहा सब चुपचाप तू... Poetry Writing Challenge · कविता 2 255 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 Jun 2023 · 1 min read [[[[मेरा जीवन मेरे ख्वाब]]]] मेरा जीवन मेरे ख्वाब // दिनेश एल०" जैहिंद" अफसोस, रह गए मेरे ख़्वाब अधूरे ! दुखद ! मैं नहीं कर सका इनको पूरे !! बचपन में बालमन मचलकर रह गया... Poetry Writing Challenge · कविता 2 81 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 6 Jun 2023 · 1 min read हाय रे ! मेरे बंजर सपने हार रे ! मेरे बंजर सपने // दिनेश एल० "जैहिंद" सुबहो शाम तारों के गुच्छों-से मन-मंदिर में लगे बनने,, लाखों में एक, सबसे हटकर, मेरे सपनों के क्या कहने,, हाय... Poetry Writing Challenge · गीत 2 64 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read कड़वी बात~ कड़वी बात~ भारतीय परिवार पाश्चात्य संस्कृति के कुचक्र में बुरी तरह फँस चुका है। और इसमें भारतीय कानून व सरकार दोनों मिलकर घी में आग डालने का काम कर रहे... Hindi · Quote Writer 2 231 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jun 2023 · 1 min read सच्चाई ~ सच्चाई ~ बुराई का पलड़ा अच्छाई से भारी है। चारों तरफ बुराई फैली हुई है। इससे बचने के लिए अच्छाई आज भी लड़ रही है। जैसे श्रीकृष्ण ने लड़ा था।... Hindi · Quote Writer 2 444 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 Jan 2017 · 1 min read (((( वात्सल्य )))) ==== वात्सल्य ==== •दिनेश एल० "जैहिंद" मैं क्या जानूँ वात्सल्य-रस क्या होता है !!? मेरा मन मात-तात हेतु तिल-तिल रोता है || जब मैं जन्मा माँ जन्म देकर, भगवान को... Hindi · गीत 1 2 378 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Feb 2017 · 2 min read [[[ यूँ ही शुरू हो गया फ़िल्मी सफ़र ]]] ((((यूँ ही शुरू हो गया फिल्मी सफर)))) #दिनेश एल० "जैहिंद" फिल्मी लाईन" एक तालाब है | मैं औरों की तरह कम उम्र में इस तालाब में कूद पड़ा था |... Hindi · कविता 1 225 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 25 Mar 2017 · 1 min read ### मंजिल-मंजिल गाता चल ,,,,,, ! गीत -- ""नई राह के सब हैं राही, चलना सबका है काम | है रुकना मौत के सदृश, रुकने का न लेना नाम ||"" मंज़िल-मंज़िल गाता चल, हँसता और हँसाता... Hindi · गीत 1 285 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 27 Mar 2017 · 1 min read +++ गीत/बेवफा +++ गीत --- [[[बेवफ़ा]]] जी करता है जी भर कोसूँ ,, मैं अब तो उस कुदरत को || गिरगिट की तरह क्यूँ रब ने,, बनाया हुस्न की फितरत को || (... Hindi · गीत 1 243 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 Jun 2017 · 1 min read (((( नालंदा )))) ((( नालंदा ))) विश्व प्रसिद्ध पुरातन विश्वविद्यालय, चहुदिश प्रसिद्धि - प्राचीन ज्ञानालय । बजता डंका देश-विदेश को जिसका, है नाम अतिविलक्षण नालंदा उसका । प्राचीन भारत का है द्दोतक नालन्दा,... Hindi · कविता 1 448 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 12 Nov 2017 · 1 min read क्या-क्या नाम दूँ !!! क्या-क्या नाम दूँ !!! // दिनेश एल० “जैहिंद” कटीली, रसीली, नशीली हैं ये गोरियाँ छबीली, सजीली,रंगीली हैं ये गोरियाँ और भला क्या-क्या नाम दूँ, और भी हैं नाम हजार इनके... Hindi · गीत 1 509 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Feb 2018 · 1 min read गीत : वसंत ऋतु गीत : वसंत ऋतु ¤दिनेश एल० “जैहिंद” बुलबुल गाए, कोयल कूके, पपीहा मचाए शोर । मैना चहके, मुर्गे के कूकने से अब हो जाए भोर ।। बड़ी लुभावन सुबह दुआर... Hindi · गीत 1 272 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 23 Mar 2018 · 1 min read गीत : तेजस्वी आत्माएँ गीत: तेजस्वी आत्माएँ ¤दिनेश एल० “जैहिंद” ( 1 ) वे सारी तेजस्वी आत्माएँ याद हैं...... निज देश का गौरव तथा सौरभ अतीत का, मन में वह यश-गर्व यश-गर्व उस राजपूत... Hindi · गीत 1 307 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 May 2018 · 1 min read कुदरत की करिश्मा कुदरत की करिश्मा // दिनेश एल० “जैहिंद” कुदरत की करिश्मा अजीब है ।। कोई अमीर तो कोई गरीब है ।। कोई एक निवाले को तरसता,, तो कोई यहाँ अन्न का... Hindi · कविता 1 451 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 May 2018 · 1 min read गीत : आओ चलो....... ! गीत:--- आओ चलो चलें हमदम ¤दिनेश एल० “जैहिंद” आओ चलो चलें हमदम मेरे धरती के पार । अब महफूज नहीं हैं हम और हमारा प्यार ।। आओ चलो चलें हमदम......................... Hindi · गीत 1 238 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 May 2018 · 1 min read [[[ प्रेरणा गीत ]]] प्रेरणा गीत: आदमी हो आदमी बनकर ¤दिनेश एल० “जैहिंद” आदमी हो आदमी बनकर तो देखो हर संकटों में खड़ा तनकर तो देखो स्वर्ग यही धरा नर्क भी यही धरती ।... Hindi · गीत 1 328 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 3 May 2018 · 1 min read गीत : मौसम ** मौसम ** // दिनेश एल० “जैहिंद” मौसम ने तो ली अँगड़ाई,, बहने लगी अब पुरवाई ।। सजनी ने आवाज़ लगाई,, मैं आई, मैं आई, मैं आई.... पुरवा की अगलगन... Hindi · गीत 1 331 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 5 Jan 2019 · 1 min read गीत : तू जाग कविता गीत: तू जाग कविता छोड़ लज्जा, उतार घूँघट, ले हाथों में तलवार । तू जाग कविता इस भारत का कर कुछ उद्धार ।। कबतक रहेगी सुस्त बनी । अब ना... Hindi · गीत 1 1 391 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read ## निर्लज्ज पुरुष ## निर्लज्ज पुरुष @दिनेश एल० "जैहिंद" नारी माता, नारी बेटी, नारी भार्या है हमारी व तुम्हारी !! फिर जलती क्यों, मरती क्यों, क्यों फिरती मारी-मारी !! बैठ आज एक मंच पर... Hindi · कविता 1 1 269 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 2 min read ~ बच्चों की शैतानी ~ संस्मरण : बच्चों की शैतानी @दिनेश एल० "जैहिंद" बच्चे गजब के शैतान होते हैं | कोई-कोई बच्चे तो शैतानी की हद पार कर जाते हैं | मगर कुछ-एक बच्चे बड़े... Hindi · कहानी 1 884 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read उँगलियाँ यूँ ना सब पर..... उँगलियाँ यूँ ना सब पर उठाया करो २१२__२१२__२१२__२१२ तुम कभी यूँ ना दिल अब दुखाया करो ! छत पे मेरी कभी आ भी ...जाया करो !! है बदी से नेकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read [[[ ग़ज़ल ]]] तेरी क्यूँ नींद में गुम है जवानी वजन -- १२२२/१२२२/१२२ कथा भारत की है बर्षों पुरानी ! नयी पीढ़ी से अब ये है बतानी !! हमारे बच्चे ये क्या सीखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 275 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read ..... जिगर में कहीं तो छुपालो मुझे ! वज्न - २१२__२१२__२१२__२१२ खो न जाऊँ कहीं मैं बुलालो मुझे !! यार इन जुल्मियों से छुडा़लो मुझे !! मैं फँसी हूँ अकेली भँवर बीच में,, डूब जाऊँ कहीं मैं निकालो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 272 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Dec 2021 · 1 min read चुनाव: कुछ दोहे चुनाव: कुछ दोहे // दिनेश एल० " जैहिंद" राजनीति से चिढ़ हुई, खत्म हुए हैं चाव / पाँच वर्ष की चोट ले, सहलाए अब घाव // नेताओं की आँख में,... Hindi · दोहा 1 2 702 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 May 2023 · 1 min read [[सरहद पे जवान]] सरहद पे जवान // दिनेश एल० "जैहिंद" देश के रक्षक हैं सरहद पे जवान बम, गोले, तोप, रॉकेट हैं जवान दिन-रात मुस्तैद सेना सरहद पर,, अमन-चैन, गति-प्रगति हैं जवान राष्ट्र... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 1 180 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 17 May 2023 · 1 min read )))मुझे मुक्त कर((( मुझे मुक्त कर // दिनेश एल० "जैहिंद" खोकर विवेक मैं अपवित्र हुआ हूँ ! मैं पुरुष चरित्र से अचरित्र हुआ हूँ !! हे खुदा, मुझे ये कैसी सजा दी है,,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 348 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 17 May 2023 · 1 min read शिव: एक विश्वास शिव: एक विश्वास // दिनेश एल० "जैहिंद" तुझ पे भरोसा है तुझ पे आस है | तू कहीं-न-कहीं सब की साँस है || तू ही पाताल है तू ही आकाश... Poetry Writing Challenge · कविता 1 249 Share Page 1 Next