दीपक झा रुद्रा Language: Hindi 160 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next दीपक झा रुद्रा 22 May 2021 · 1 min read जिसने तोड़े हैं दिल मुहब्बत में 2122 1212 22 जिसने नफरत के बीच बोए हैं। वो ही अपनी ज़मीर खोए हैं। जिसने तोड़े हैं दिल मुहब्बत में याखुदा उम्रभर वो रोए हैं। जिसने पाया मुकाम दहशत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 250 Share दीपक झा रुद्रा 21 May 2021 · 1 min read अच्छी थी। एक गजल आपके नज़र 1222 1222 1222 1222 तेरी चाहत में पलते पल दो पल की बात अच्छी थी। मिले थे ख्वाब में हम तुम सनम मुलाकात अच्छी थी। जबीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 495 Share दीपक झा रुद्रा 25 Apr 2021 · 1 min read असहाय *असहाय* अपने पत्नी को खोकर बन गया दरिद्रता का निवाला इलाज़ जरूरी था तो बेच दी सारी दौलत बेटी के कहने पर। जो थी जीने की वजह लेकिन वो भी... Hindi · कविता 1 500 Share दीपक झा रुद्रा 24 Apr 2021 · 1 min read मुझको तुफां से खौफ नहीं मुझको तुफां से खौफ नहीं ,लेकिन डरता हूं साहिल से। बहुत कठिन था मगर बनाया, घर मैंने तो मुश्किल से। घर की चौखट पर ताक रहा, रातों की सघन अंधेरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 201 Share दीपक झा रुद्रा 24 Apr 2021 · 2 min read निश्छल मन का है मोल नहीं निश्छल मन का है मोल नहीं,लेकिन वो मन बेमोल नहीं। कुदरत को प्यारा निश्छल मन,मानुष का सच तो बोल नहीं। ये कनक सोहती है उसको,जो पड़े गरलता के पीछे। उनका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 213 Share दीपक झा रुद्रा 24 Apr 2021 · 1 min read चराग बुझ जाए। आज फिर याद में जो तुम आए। मेरे आंखों में फिर लहू छाए। दर्द कितना है सोचिए इतना लाश जिंदा हो तो किधर जाए । मुझको अंधेरों से मुहब्बत है... Hindi · शेर 1 477 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read इश्क़ में कॉक कर दिया तूने। 2122 1212 22 दिल का दर नॉक कर दिया तूने। आज फिर सॉक कर दिया तूने। चैट में जानूं सोना करके बता मुझको क्यों ब्लॉक कर दिया तूने। प्यार था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 235 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read ऐसी अल्हड़ सी चाहत है। सबको सोने की फुरसत है मेरा ख्वाबों से निसबत है। जलकर सूरज सा चमकूं मैं ऐसी अल्हड़ सी चाहत है। तुमको कब मैंने इश्क़ कहा तुमसे तो मेरी अस्मत है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 400 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read कान्हा के दृष्टि में मधुरिम, मिरा सी अल्हड़ प्रियतम। प्रेम वृष्टि ये सृष्टि खोजे, यौवन से परे, बनो योगन। कान्हा के दृष्टि में मधुरिम, मिरा सी अल्हड़ प्रियतम। हो निर्मोही दैहिक द्रोही मादकता से परे नयन कानन गुंजित स्वर... Hindi · कविता 1 1 238 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read नयन से छू लिया मैंने तो मुझको बेशरम कहना। 1222 1222 1222 1222 नयन से छू लिया मैंने तो मुझको बेशरम कहना। जुबां ए तल्ख़ से यारा मुझे अब तो सनम कहना। किसे चाहा है कबसे हां तुम्हें मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 366 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read दें कैसे उन्हें फुरसत ही नहीं रूठने से। मेरे तबियत का खबर लें कैसे? उसकी चाहत मुझे मालूम नहीं तो अपनी जां ओ जिगर दें कैसे? मुझे शक है कि तू नहीं... Hindi · मुक्तक 236 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read धुआं ले लो इश्क़ मुझे है चाहो तो इंतेहां लेलो। दिल जिगर चैन चाहत है मेरी जां लेलो। दहक रहा हूं तेरे वास्ते ही मैं "दीपक" रोशनी राख काजल या धुआं लेलो। दीपक... Hindi · मुक्तक 1 431 Share दीपक झा रुद्रा 23 Apr 2021 · 1 min read हृदय के यवनिका पर इस हृदय के यवनिका पर , जो छपी तस्वीर तेरी। है हृदय हर्षित उसी से, और हां तकदीर मेरी। देखिए कुस्मित हुई है, आज मन कि वो धरा भी जो... Hindi · कविता 221 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read बिकने लगा ज़मीर यहां पर कागज के टुकड़े के बदले, मिलता हवा और जल है। अब तो सोचो कैसा मानव आने को आतुर कल है। बिकने लगा जमीर यहां पर, और बिका नाहक पल है।... Hindi · कविता 251 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read लिख दूं कातिल है तेरी निगाहें, चेहरे की मुस्कान लिखूं। लिख दूं कातिल है तेरी निगाहें, चेहरे की मुस्कान लिखूं। तू मेरी दिल की धड़कन है, तुझको अपनी जान लिखूं। ख्वाबों में तुम बसने वाली दिल की चैन उड़ाती हो... Hindi · कविता 1 694 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read प्रेम क्या है? #प्रेम पर नई कविता लेकिन अभी अधूरी है आप पढ़िए और कहिए तो पूरा करने का प्रयास करूं।❤️ प्रेम में अमृत समाहित है सुखद मकरंद भी। प्रेम से ही भाष... Hindi · कविता 2 1 283 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read शे'र चैन खुशियां सुसुप्त स्वप्न जगा दो फिर से इक नज़र देख के मेरे ये सितारे कर दो। सामने जो भी है सबकुछ हुआ बेजान यहां जुल्फ पे हाथ रख के... Hindi · शेर 2 326 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read दिल में रहकर भी दिल से दूर थी वो। न जाने कौन सी मद में चूर थी वो। न जाने किसलिए मगरूर थी वो। खुदा कसम मैंने उसे संभाला था दिल में रहकर भी दिल से दूर थी वो।... Hindi · कविता 1 3 288 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read प्रेयसी इस हृदय के यवनिका पर , जो छपी तस्वीर तेरी। है हृदय हर्षित उसी से, और हां तकदीर मेरी। देखिए कुस्मित हुई है, आज मन कि वो धरा भी जो... Hindi · कविता 1 442 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read आशिक़ के लिए शाम जलाया नहीं जाए। 221 1221 1221 22 हर बात मेरे दिल को बताया नहीं जाए । जो सच है मगर वो भी छुपाया नहीं जाए । ये बात सही है कि मेरा दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 394 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 2 min read राष्ट्र जागरण गीत देखिए उत्कर्ष और उत्थान का पथ गढ़ रहा हूं। स्वर्ण पृष्ठों पर रचित है आज गाथा पढ़ रहा हूं। देखिए मुगलों पे टूटे ये मराठी वीर हैं देखिए निज पंथ... Hindi · गीत 1 2 323 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read मुझको तूफान से खौफ नहीं मुझको तुफां से खौफ नहीं ,लेकिन डरता हूं साहिल से। बहुत कठिन था मगर बनाया, घर मैंने तो मुश्किल से। घर की चौखट पर ताक रहा, रातों की सघन अंधेरों... Hindi · कविता 2 2 202 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read वेदना वेदना देखिए कितनी भयानक आ गई है त्रासदी। भूल कर न भूल सकता है जिसे हां ये सदी। क्या लिखें कोई कथानक दृश्य है उन्माद का काल का रथ आ... Hindi · कविता 3 3 471 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read कैसे करूं बयां मैं!! 2212 122 2212 122 देखो शिकन नहीं है , मेरे जबीं पे यारों। क्या दौड़ था जिया मैं, कैसे करूं बयां मैं। ख़्वाब में चांदनी थी, आंखों में रोशनी थी।... Hindi · कविता 1 245 Share दीपक झा रुद्रा 22 Apr 2021 · 1 min read काल का नव रूप काल के नव रूप में आ गया फिर से कोरोना। देखिए कि दृश्य कृंदित दिख रहा जन जन का रोना। देखिए ये जाल कैसा बिछ रहा संसार में। छेद होता... Hindi · कविता 2 272 Share दीपक झा रुद्रा 21 Apr 2021 · 2 min read आप में यूं झांकिए छोड़िए अब क्या लिखें हम स्वयं के दर्द पर सूर्य से भी प्राप्त होती है मुझे उस सर्द पर। अब तो दूरी में भलाई है कलम से राखिए। छोड़िए भी... Hindi · गीत 289 Share दीपक झा रुद्रा 21 Apr 2021 · 1 min read मनु के वंश को बचाइए लीजिए एक रचना सबसे मुश्किल और सबसे कम लिखे जाने वाले *छंद पंच चामर में* बसात में जहर घुला मिला जहान में यहां अभी पसारता दिखा कराल काल भाल को।... Hindi · कविता 1 2 602 Share दीपक झा रुद्रा 29 Sep 2020 · 1 min read है आरंभ की आकांक्षा। अंत ही आरंभ है आरंभ की आकांक्षा। तुम चलो विध्वंस मध्य आग को लपेटने। लपट लपट अग्नि हो झपट झपट हो कृपाण। और नवीन गान युद्ध राग को समेटने। प्रेम... Hindi · कविता 2 6 570 Share दीपक झा रुद्रा 4 Sep 2020 · 1 min read यार मंजिल मिरा है नहीं बेवफ़ा। 212 212 212 212 रास्ते हर दफा हो रही है खफा। यार मंजिल मिरा है नहीं बेवफ़ा। मैं थका कब कहो राह चलते मगर। ना वफ़ा हो सकी यार मेरी... Hindi · गीत 230 Share दीपक झा रुद्रा 16 Aug 2020 · 1 min read छंद मुक्त रचना बेवजह यूं ही इल्ज़ाम लगाने वाले। मेरे दामन में दाग दिखाने वाले। कुछ तो अपना भी ख्याल कर लो मेरे दर पर खुशियां पहुंचाने वाले। इश्क़ है तो दिल जां... Hindi · कविता 2 1 304 Share दीपक झा रुद्रा 16 Aug 2020 · 1 min read चाहिए हमको। एक गजल की कोशिश आपके नजर करता हूं । 1222 1222 1222 1222 कहां आजाद है भारत निशानी चाहिए हमको। दिलों में आग जिस्मो में जबानी चाहिए हमको। यहां सहमी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 695 Share दीपक झा रुद्रा 14 Aug 2020 · 1 min read जरूरी है! कसौटी है मोहब्बत की उतरना भी जरूरी है। सफ़र है इश्क का हद से गुजरना भी जरूरी है। अभी आगाज है यारों तलाश ए इश्क के सह का कवायद है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 280 Share दीपक झा रुद्रा 12 Aug 2020 · 1 min read करती है! एक नज़्म आपके नज़र इश्क के, आगोश में, खामोश वक़्त, मुकर्रर, उकुबत को, कबूल करती है । यह जज़्बात है ,इश्क के जानिब से ख्याल बारहा हमको स्थूल करती है।... Hindi · कविता 2 4 433 Share दीपक झा रुद्रा 30 Jul 2020 · 1 min read जरूरी हुआ! 212 212 212 212 आंख से अश्क गिरना जरूरी हुआ। मेरे दिल का यूं जलना जरूरी हुआ। जिंदगी ने हमारा ये हालत किया। आज फिर सांस गिनना जरूरी हुआ। नींद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 368 Share दीपक झा रुद्रा 18 Jul 2020 · 2 min read कैसी विपदा अाई मुल्क में! *छंद मुक्त रचना* कैसी विपदा अाई मुल्क में कैसी विपदा अाई मुल्क में, क्या दीपक मैं गीत लिखूं। वहशीपन ने तोड़ी गुड़िया मैं तो पापी का जीत लिखूं। प्रथम पद... Hindi · कविता 2 2 459 Share दीपक झा रुद्रा 17 Jul 2020 · 1 min read किसको सुनाता 122 122 122 122 अगर तुम न होते मिरे जिंदगी में कहो यार किसको यूं दीपक सताता। तु है जान मेरी जरा पास आना यूं लिखता किसे और किसे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 475 Share दीपक झा रुद्रा 17 Jul 2020 · 1 min read मिरे दिलबर *हिन्दुस्तानी गजल* 122 122 122 122 हक़ीक़त जहां की सुनो मिरे दिलबर। भला शौक़ से तुम चुनो मिरे दिलबर। अभी क्या सुनोगे मिरे हाल दिल की खुदी धड़कनों में सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 559 Share दीपक झा रुद्रा 16 Jul 2020 · 1 min read गांव को इस शहर में ,हर कदम पर खोजता हूं, गांव को। खेत की हरियालियों को बड़गदो के छांव को। खेत के दलदल के हमने हां कभी मिट्टी में लेटा। ख़्वाब थी... Hindi · कविता 2 4 263 Share दीपक झा रुद्रा 16 Jul 2020 · 1 min read है यहां 2122 2122 2122 212 ये मदद के नाम पर करते तिजारत है यहां। प्यार है कुछ भी नहीं सबकुछ हि दौलत है यहां। आपने मुझको कहा सबकुछ मुझी में है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 234 Share दीपक झा रुद्रा 4 Jul 2020 · 1 min read हरिक बूंद में इश्क बरसा रहा है!! रिमझिम बरसता है सावन जनेजां बूंद बूंद में ख्याल तिरा है जानेजां तेरी नजर में नशा जैसे कि भांग का बरसा रहा है इश्क मुझपे ये आसमां। गीत नया सा... Hindi · गीत 3 2 417 Share दीपक झा रुद्रा 1 Jul 2020 · 1 min read जद हमारा गगन से कभी कम नहीं। हिन्दुस्तानी गजल 212 212 212 212 आंख उनकी कभी हो कहीं नम नहीं। जिंदगी आपको दे कभी ग़म नहीं। चांद बैठा बगल में अगर आपके। जद हमारा गगन से कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 340 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2020 · 1 min read सुनो न... सुनो न... ! एक बात तुमसे कहना है मुझे। संग तेरे उम्रभर रहना है मुझे। सुनो न...!सुनो ...न मानता हूं रहा अब मोहब्बत भी वफ़ादार नहीं। और मेरा कोई यहां... Hindi · कविता 3 3 284 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2020 · 1 min read गजल गजल 122/122/122/122 तुम्हारे हवाले करूं जान को भी। मिरे ख़्वाब अरमां हुनर शान को भी। तुझी से मिरे चाहतें भी बची है! बचाया तुने यार ईमान को भी! मरा ख्वाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 292 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2020 · 1 min read को भी हिन्दुस्तानी गजल 122/122/122/122 तुम्हारे हवाले करूं जान को भी। मिरे ख़्वाब अरमां हुनर शान को भी। तुझी से मिरे चाहतें भी बची है! बचाया तुने यार ईमान को भी! मरा... Hindi · कविता 2 451 Share दीपक झा रुद्रा 25 Jun 2020 · 1 min read हकीकत 122 122 122 122 तुम्हीं से मोहब्बत तुम्हीं से शिकायत । तुम्हीं से गिला है तुम्हीं से नज़ाकत। वफ़ा में जमाना यहां है सितमगर। उसे रश्क तुमसे तुम्हीं से किताबत।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 254 Share दीपक झा रुद्रा 22 Jun 2020 · 1 min read हमने कहा चांद से हमनें कहा है चांद से अब तो रास्ता बदल गगन पे हक हमारा है तुम्हें नहीं खबर !!! हमने मढ़ा है माथ पर आफताब को। लाया है कदम तल में... Hindi · गीत 3 2 261 Share दीपक झा रुद्रा 22 Jun 2020 · 1 min read देता हूं दुआएं कि यार तुमको प्यार हो! मधुरिम खिला खिला दिल का बहार हो। देता हूं दुआएं कि यार तुमको प्यार हो!! क्या क्या नहीं दिखा था साथ ख्वाब में हां चांद उतर आई थी हमार नाव... Hindi · गीत 3 6 562 Share दीपक झा रुद्रा 22 Jun 2020 · 1 min read प्रितक व्यथा (हास्य कविता) किये अभगला प्रीत केले तों आब भोग प्रितक तों दण्ड बड़े निक छलहू तोहर प्रेयसी बड़े रहौ ने प्रेम क घमंड !! ई प्रेम ककर भेेले अहि जग में जे... Hindi · कविता 2 5 521 Share दीपक झा रुद्रा 18 Jun 2020 · 1 min read न चाहिए हिन्दुस्तानी ग़जल 221/2121/1221/212 दिल ने कहा इनाम मोहब्बत न चाहिए। बेशक रहे तु दूर शिक़ायत न चाहिए। खैरात आप पास रखो मेरि जानिजां तू ख्वाब ही सही कि हकीकत न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 523 Share दीपक झा रुद्रा 12 Jun 2020 · 1 min read तुम्हारी झील सी आंखें 1222/1222/ 1222/1222 तुम्हारी झील सी आंखें लगे जैसे कि मयखाना। हमारा हाल तो देखो, बना हूं जान दीवाना। कभी तेरी अदा मुझको , सताती है मगर यारा। तिरा गुस्सा तिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 476 Share Previous Page 3 Next