Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2021 · 1 min read

कैसे करूं बयां मैं!!

2212 122 2212 122

देखो शिकन नहीं है , मेरे जबीं पे यारों।
क्या दौड़ था जिया मैं, कैसे करूं बयां मैं।

ख़्वाब में चांदनी थी, आंखों में रोशनी थी।
खिलते हुए लवों पे, दिखती सदा खुशी थी।
करते थे इश्क़ जब हम, बनते सदा थे मरहम।
देखो यही डगर है , सबको यहां खबर है।
बनकर के मुंतजिर हम, राहों में खोजते थे।
आती नहीं थी वो तो, खुद को ही कोसते थे।
रुकते थे एक छत पर, बस देखने उन्हीं को।
नादानियों के बल पर, जीता था जिंदगी को।
लेकिन हुआ था ऐसा उसको जो खो दिया था।
ऐसा लगा कि पत्थर ,आंखों ने रो दिया था।
सहकर जुदाई तेरी आंसू को था पिया मैं।
देखो शिकन नहीं है , मेरे जबीं पे यारों।
क्या दौड़ था जिया मैं, कैसे करूं बयां मैं।

©®
दीपक झा रुद्रा ❤️

Language: Hindi
1 Like · 214 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईच्छा का त्याग -  राजू गजभिये
ईच्छा का त्याग - राजू गजभिये
Raju Gajbhiye
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
Dr MusafiR BaithA
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
*कोई भी ना सुखी*
*कोई भी ना सुखी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ओसमणी साहू 'ओश'
Hajipur
Hajipur
Hajipur
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
"औरत"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द और अर्थ समझकर हम सभी कहते हैं
शब्द और अर्थ समझकर हम सभी कहते हैं
Neeraj Agarwal
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
शुभ मंगल हुई सभी दिशाऐं
Ritu Asooja
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
2761. *पूर्णिका*
2761. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Sampada
ऐ ज़ालिम....!
ऐ ज़ालिम....!
Srishty Bansal
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
Shyam Pandey
प्रभु जी हम पर कृपा करो
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
Ravi Prakash
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
अगनित अभिलाषा
अगनित अभिलाषा
Dr. Meenakshi Sharma
निराला का मुक्त छंद
निराला का मुक्त छंद
Shweta Soni
अफसोस न करो
अफसोस न करो
Dr fauzia Naseem shad
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली 2023
Shashi Dhar Kumar
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...