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25 Jun 2020 · 1 min read

हकीकत

122 122 122 122

तुम्हीं से मोहब्बत तुम्हीं से शिकायत ।
तुम्हीं से गिला है तुम्हीं से नज़ाकत।

वफ़ा में जमाना यहां है सितमगर।
उसे रश्क तुमसे तुम्हीं से किताबत।

मुकम्मल मोहब्बत जहां में किसे है।
मगर है मोहब्बत सही में तिजारत।

यहां दोस्ती है अगर सामने से
मगर पीठ पीछे करेगा अदावत।

न मेरा न तेरा किसी का नहीं है ।
कहा आज दीपक जहां का कहावत।

©®दीपक झा रुद्रा

3 Likes · 1 Comment · 224 Views
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