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उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.

23 Jun 2020 07:49 AM

बड़ सुन्दर कका कऽ प्रेमक परित्याग ।
धन्यवाद!

??
आभार गलती स लिखा गेल मुदा लोक सभ पसिन केलिथि ।

22 Jun 2020 04:19 PM

थोड़ा समझने में मैथिली ,
??

थोड़ा ही समझ आया ?

जी मैथिली साहित्य का सामान्य उपमा को अगर हिंदी साहित्य में अनुवाद करें तो भाव हास्य में बदल जाता है।
अभगला ,फटीचर,लुच्चा,इत्यादि शब्द मैथिली में गाली है किन्तु इस गाली में भी सौंदर्य छुपा है !जो चित को आनंदित करता है मज़ा आता है।

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