Ashok Chhabra Language: Hindi 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Ashok Chhabra 2 Jan 2019 · 1 min read बेटियाँ रक्षाबंधन के दिन मैं घर के बरामदे में बैठा हुआ था।तभी अचानक मेरी पडोसन राहुल की मम्मी दूसरी पडोसन पिंकी की मम्मी को आवाज दे रही थी, अरे पिंकी की... Hindi · लघु कथा 264 Share Ashok Chhabra 4 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक है जिनका सपना हर तरफ भारत की जय जयकार हो, गरीब को हक मिले अच्छे दिन का स्वप्न साकार हो, है चाह उनके मन में बस सबका साथ सबका विकास,... Hindi · मुक्तक 1 328 Share Ashok Chhabra 1 Nov 2018 · 1 min read माँ तूने मुझे लिखा है मैं तुझ पर क्या लिख सकता हूँ। 'मदर्स डे' पर लोग मुझसे कहने लगे माँ पर कुछ लिख। मैं क्या लिखूँ। क्या मैं सचमुच इतना बडा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 54 941 Share Ashok Chhabra 19 Oct 2018 · 1 min read वो दिन गए आंखों ही आंखों में होती थी बात वो दिन गए बडी मुश्किल से होती थी मुलाकात वो दिन गए। भेजो अगर संदेश तो तुरंत जवाब आता है पहले लिखना फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 543 Share Ashok Chhabra 23 Sep 2018 · 1 min read ' दिनकर ' जी काश प्रेरणा ले सके साहित्यिक संसार। 'दिनकर' वाणी आपकी राष्ट्र का आधार।। अशोक छाबडा 23092018 Hindi · दोहा 407 Share Ashok Chhabra 22 Sep 2018 · 1 min read कविता पढने आया हूँ सच तो सच ही होता है मैं ये बतलाने आया हूँ धूल हटा करके सबको दर्पण दिखलाने आया हूँ। न सोचना कि गुणगान किसी का बस करने आया हूँ कवि... Hindi · कविता 1 2 351 Share Ashok Chhabra 22 Sep 2018 · 1 min read गाय गाय क्यों पूजनीय है हमारे लिए मैं आज बतलाता हूँ क्यों ये माता है हमारी आईना दिखलाता हूँ। कृपा होती जिस पर गाय की वो कुल तर जाता है तैंतीस... Hindi · कविता 263 Share Ashok Chhabra 21 Sep 2018 · 1 min read मतदाता मतदाता से मत लेकर मतदाता का सम्मान भी करना उनके काम को मत मत कहना उनसे बचकर रहना। फर्श से अर्श पर पहुँचाए तुम्हें वो है मतदाता अर्श से फर्श... Hindi · कविता 1 542 Share Ashok Chhabra 19 Sep 2018 · 1 min read क्यूँ न कलम उठाऊँ मैं देते मुझको दर्द रोज आजकल उस दर्द को कैसे पी जाऊँ मैं वो कहते मेरे देश को गंदा क्यूं न कलम उठाऊं मैं। जहर उगलते सुबह शाम वो नित नई... Hindi · कविता 373 Share Ashok Chhabra 18 Sep 2018 · 2 min read अखबार क्यूँ लाता है तू ऐसी खबरें, जो हम सभी को रूला देती हैं। मुझे ही नहीं सारे समाज को, अंदर तक खूब हिला देती है। सुबह की चाय पर बेसब्री... Hindi · कविता 2 466 Share Ashok Chhabra 17 Sep 2018 · 1 min read आजादी की कीमत आज जो हम ये इतना इतरा रहे हैं रातों को भी चैन की नींद सो रहे हैं आसान नहीं था पाना ये सब पूरा पता नहीं हमे अब भी आजादी... Hindi · कविता 1 1 513 Share Ashok Chhabra 15 Sep 2018 · 1 min read चिंतन की बात कर अंधेरे की नहीं उजाले की बात कर निराशा की नहीं आशा की बात कर। बहुत हो चुका अभिमान हुस्नो शवाब पर रूठने की नहीं मनाने की बात कर। दोस्ती बचपन... Hindi · कविता 282 Share Ashok Chhabra 14 Sep 2018 · 1 min read मजदूर हूँ कडी धूप को हूँ सहता तेज सर्दी में काम करने को मजबूर हूँ मजदूर हूँ मजदूर हूँ बस हर सुख सुविधा से दूर हूँ। खून पसीना एक करता हूँ तब... Hindi · कविता 489 Share Ashok Chhabra 14 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक देश के ही लिए मेरा हर काम हो देश के ही लिए मेरी हर शाम हो मेरा तन मेरा मन सब वतन के लिए आखिरी साँस भी देश के नाम... Hindi · मुक्तक 357 Share Ashok Chhabra 14 Sep 2018 · 1 min read मुक्तक ना ही किसी भी धर्म ना परिवेश में लिए ना ही मैं लिखता व्यक्ति ना विशेष के लिए बस दे दुआ माँ शारदे मैं मांगता यही ये लेखनी जब भी... Hindi · मुक्तक 260 Share Ashok Chhabra 13 Sep 2018 · 1 min read हिन्दी बढी खूब साख ताज, हिंद का है हिंदी आज, भाषा पर नाज मन, मीत होना चाहिए। छाई हर देश मन, भाई नर नेक अब, बने देश भाषा ये , प्रयास... Hindi · घनाक्षरी 2 2 323 Share Ashok Chhabra 13 Sep 2018 · 1 min read आजादी देख देख भारत की आजादी याद रखेंगे कुर्बानी नमन कर शहीदों को आंखों में भर आता पानी। मिली आजादी जिनकी बदौलत हमारी भारतमाता को चुका न पाएंगे ऋण उनका हमने... Hindi · कविता 252 Share Ashok Chhabra 13 Sep 2018 · 1 min read अमर हो तुम विवेकानंद धन्य है भारत की धरती यहां हुए विवेकानंद सदा तुम्हें हम शीश झुकाते अमर हो तुम विवेकानंद। जनवरी 12 साल 1863 था पावन दिन वो दिया हमें संत नमन बारम्बार... Hindi · कविता 243 Share Ashok Chhabra 12 Sep 2018 · 1 min read तुम हो कडकती धूप में ठंडी छांव सी तुम हो, सर्द मौसम में एक गर्माहट सी तुम हो। मेरे दिल की धडकन मेरी जिंदगी हो, क्या कहूँ मेरी खुशी मेरी पूरक तुम... Hindi · कविता 1 596 Share Ashok Chhabra 11 Sep 2018 · 2 min read माँ तूने मुझे लिखा है मैं तुझ पर क्या लिख सकता हूँ। मदर्स डे पर लोग मुझसे कहने लगे माँ पर कुछ लिख। मैं क्या लिखूँ क्या मैं सचमुच इतना बडा... Hindi · कविता 1 1 275 Share Ashok Chhabra 10 Sep 2018 · 1 min read भारत, मेरा भारत। भारत, मेरा भारत, मेरा प्यारा भारत है, बचपन से बचपन से बचपन से चाहत है। मेरी मातृभूमि मेरी जन्मभूमि मेरी कर्मभूमि है, मिट्टी इसकी माथे लगा होठों से चूमी है।... Hindi · गीत 1 247 Share Ashok Chhabra 9 Sep 2018 · 1 min read पापा मुझे पढने दो आसमान को छूने दो आगे मुझे बढने दो, मै आपकी प्यारी बेटी पापा मुझे पढने दो। भैया भी जाते स्कूल मै भी पढना चाहती हूँ, नाम रोशन करूंगी आपका पापा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 3 512 Share Ashok Chhabra 3 Sep 2018 · 1 min read कहाँ हो हे मेरे कृष्ण कहाँ हो हे मेरे कृष्ण तुम्हें पुकारे दुनिया सारी, मचा हरसू हाहाकार है धरती पर है आफत भारी। बढ रहा अधर्म का बोलबाला धर्म बचाने आओ, मानव करे भ्रूण हत्या... Hindi · कविता 240 Share Ashok Chhabra 2 Sep 2018 · 1 min read बेटी बचाओ बेटी पढाओ समय विकट है मानव अस्तित्व संकट में है, खुद जागो और ओरो को भी जगाओ। हो रही भ्रूण हत्या घट रहा अनुपात इनका, हो जाएगा खत्म घर संसार सबको बताओ।... Hindi · कविता 440 Share Ashok Chhabra 1 Sep 2018 · 1 min read दोहे--देशभक्ति 1 भारत माँ की है धरा सदा मोक्ष का द्वार, जन्म लिया जिसने यहाँ भवसागर वो पार। 2 सकल विश्व माँ भारती ऊँचा तेरा नाम, दिल से मैं हूँ कर... Hindi · दोहा 1 1 627 Share Ashok Chhabra 2 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक तीन बहन फिर मरी भूख से बेबस उनकी माई है, नन्ही तीन कली खिलने से पहले ही मुरझाई है। कहीं स्विस में पैसा सडता कहीं जिंदगी दम तोड़े, कहीं अमीरी... Hindi · मुक्तक 231 Share Ashok Chhabra 21 May 2018 · 1 min read कुण्डलिया- लोकतंत्र लोकतंत्र का आजकल बना कैसा मजाक, केवल पाना ही सत्ता बनती सबकी नाक। बनती सबकी नाक उडे. मजाक जनता का, स्वार्थी हो अब गए भोगे वे सुख सत्ता का। कह... Hindi · कुण्डलिया 499 Share Ashok Chhabra 6 May 2018 · 1 min read मुक्तक पीर ही पीडितों की सदा गाऊँ मैं, शासको तक उसे ले दिखा जाऊँ मैं। हक मिले हो भला ये मिरे हाथ ही, शारदे माँ मिरी वर यही पाऊँ मैं।। अशोक... Hindi · मुक्तक 356 Share Ashok Chhabra 28 Apr 2018 · 1 min read मत काटो मुझे मत काटो मुझे मैं पेड़ हूँ हरा भरा मैं हूँ बड़े काम का सोच विचार करो जरा। देता तुमको शीतल छाया पाती सुख तुम्हारी काया जीवन रक्षक वायु देता क्या... Hindi · कविता 606 Share Ashok Chhabra 30 Mar 2018 · 1 min read मुक्तक आँख ये थी मिरी तुमसे मिल जब गई, दूसरी जिंदगी थी मिली थी नई, तुम बिना तन मिरा था गिरा क्या कहूँ, दिल मिरे को लगा धड़कनें मिल गई।। अशोक... Hindi · मुक्तक 229 Share Ashok Chhabra 20 Mar 2018 · 1 min read कुण्डलिया- वहाटस ऐप जीवन में बस बन गया व्हाट्स ऐप जंजाल, कौन पडोसी क्या करे पता नहीं है हाल। पता नहीं है हाल जमाना कैसा आया, सिर्फ स्मार्ट ये फोन सभी के मन... Hindi · कुण्डलिया 316 Share Ashok Chhabra 2 Mar 2018 · 1 min read खेली होली खेली होली बहुत ही, मुझे लगी ना खास। जीवन भर ना भूलता, तुम होती जो पास।। अशोक छाबड़ा 02032018 Hindi · दोहा 346 Share Ashok Chhabra 25 Feb 2018 · 1 min read मुक्तक छोड़ दो बोल ये चीरते हैं मुझे, प्यार से मान लो ना रहो यूँ बुझे। सोच यह मीत लो फाग है छा गया, खेल होली सुजन अंग भर लूँ तुझे।।... Hindi · मुक्तक 518 Share Previous Page 3