Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2018 · 1 min read

मुक्तक

छोड़ दो बोल ये चीरते हैं मुझे,
प्यार से मान लो ना रहो यूँ बुझे।
सोच यह मीत लो फाग है छा गया,
खेल होली सुजन अंग भर लूँ तुझे।।
अशोक छाबड़ा 24022018

Language: Hindi
434 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
goutam shaw
हादसों का बस
हादसों का बस
Dr fauzia Naseem shad
बसहा चलल आब संसद भवन
बसहा चलल आब संसद भवन
मनोज कर्ण
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
Anand Kumar
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
' जो मिलना है वह मिलना है '
' जो मिलना है वह मिलना है '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
अभिरुचि
अभिरुचि
Shyam Sundar Subramanian
-------ग़ज़ल-----
-------ग़ज़ल-----
प्रीतम श्रावस्तवी
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Dr Parveen Thakur
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
*किसान*
*किसान*
Dr. Priya Gupta
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
बाढ़ का आतंक
बाढ़ का आतंक
surenderpal vaidya
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
■ शेर
■ शेर
*Author प्रणय प्रभात*
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
अपेक्षा किसी से उतनी ही रखें
Paras Nath Jha
विषय - पर्यावरण
विषय - पर्यावरण
Neeraj Agarwal
जाति-पाति देखे नहीं,
जाति-पाति देखे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
बस एक कदम दूर थे
बस एक कदम दूर थे
'अशांत' शेखर
सूरज का ताप
सूरज का ताप
Namita Gupta
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
मैं तो महज चुनौती हूँ
मैं तो महज चुनौती हूँ
VINOD CHAUHAN
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
शिव प्रताप लोधी
Loading...