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19 Oct 2018 · 1 min read

वो दिन गए

आंखों ही आंखों में होती थी बात वो दिन गए
बडी मुश्किल से होती थी मुलाकात वो दिन गए।
भेजो अगर संदेश तो तुरंत जवाब आता है
पहले लिखना फिर वो पहुंचाना पात वो दिन गए।
मिल बैठ बतियाना और गलबहियां सहज है आज
एक झलक को सनम की जगे दिन रात वो दिन गए।
अब न याद न तडपन और न पाने की दुआ कोई
दीवाना बन दुनिया से खाये मात वो दिन गए।
महज जिस्म का आकर्षण रह गया है बस अशोक
दिल से दिल थे मिलते हो तुम्हें ज्ञात वो दिन गए।
अशोक छाबडा

1 Like · 1 Comment · 520 Views
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