अखिलेश 'अखिल' 127 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 अखिलेश 'अखिल' 11 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी तूँ किसी के संग रहना या की मेरे साथ, जब भी रहना प्यार से बड़ी वफ़ा के साथ, जिंदगी तक़सीम है इबादत के सिवा क्या, मर भी जायँ पर होना... Hindi · मुक्तक 4 6 254 Share अखिलेश 'अखिल' 10 Jun 2020 · 1 min read तराना, प्यार की रात है पर बात नहीं होती है, क्या इस मौसम में बरसात नहीं होती है, मेरा मसीहा मुझे कितना तूँ बर्बाद करे, दिन गुजरते हैं पर रात नहीं... Hindi · मुक्तक 4 2 227 Share अखिलेश 'अखिल' 10 Jun 2020 · 1 min read हसरतें आज मेरा जन्मदिन है।इस महत्त्वपूर्ण दिन के उपलक्ष्य में कविता/मुक्तक से बड़ी कोई सौगात नहीं हो सकती।कविता से ही जिंदा हूँ।जिंदादिली कविता में सादगी,असलियत व जोश पैदा करती है।सादर! हमारे... Hindi · मुक्तक 4 8 395 Share अखिलेश 'अखिल' 8 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी, मोहब्बत मिली जो दाग़दार रही, निशानी उसकी और यादगार रही, दोस्ती ऐसी की अदावत न हुई, दुश्मनी हुई भी तो वफ़ादार रही, Hindi · कविता 5 2 396 Share अखिलेश 'अखिल' 8 Jun 2020 · 1 min read सच बयानी, हर हाथ मेरे लिए ही उठे ये आसान नहीं, क़लन्दर हूँ कद का कोई अरमान नहीं, मरने पे आ जाऊं तो दिल बेखौफ मरे, जमीं जज्बात की है कोई आसमान... Hindi · मुक्तक 1 2 395 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read प्रगतिशील कविता आइए अब चर्चा करें कुछ दलित के घाव पर, जकड़ी हुई हैं बेड़ियां आज भी उस पावँ पर, मेज़ पर अंगूर है व्हिस्की रखी गिलास में, चर्चा के लिए आ... Hindi · कविता 2 2 270 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read मोहब्बत, जो सोचता है सब कुछ हमारा होता, वह मेरे लिए हरगिज़ नागवारा होता, जान लुटा देता उसके एक इशारे पे, वो शख़्स दिल से अगर प्यारा होता, Hindi · मुक्तक 2 2 457 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत, सब कुछ मुझे मिला पर औकात में रहा, ये जिंदगी तुझे समझा तेरी बात में रहा, कितने को मिल जाती है फ़न की दौलत, फ़न भूला जो इंसान तो किस... Hindi · मुक्तक 2 2 481 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read मेरी कविता, लिख न सका जो कह न सका, कविता जिसका मैं हो न सका, शब्दों अर्थों तक पहुंच कठिन, और भाव भी अंतिम हो न सका, दुख दर्द की क्या परिभाषा... Hindi · कविता 1 2 459 Share अखिलेश 'अखिल' 6 Jun 2020 · 1 min read कविता के मयख़ाने मेरी जवानी तेरी जवानी की मोहताज़ नहीं, शोर तो बहुत है पर तूँ कोई आफताब नहीं, फट चुके हों सारे पन्ने,कवर का क्या करें, जो मयख़ाने में मिट जाय वो... Hindi · मुक्तक 2 2 424 Share अखिलेश 'अखिल' 6 Jun 2020 · 1 min read "'मैं लोकतंत्र से बोल रहा हूँ'" मैं लोकतंत्र से बोल रहा हूँ,सबकी आंखें खोल रहा हूँ, बाहर कितनी लूट मची है,खुली आंख से देख रहा हूँ, व्यापारी हों,अधिकारी हों,निज़ी और सरकारी हों, चाहे सत्ता के व्यभिचारी... Hindi · कविता 1 5 248 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read शहीद की आत्मा शहीद हुआ तो बदनाम किया, ये वतन बदन तेरे नाम किया, खून इस बात से खौला नहीं, जमीं के नाम से कुर्बान किया, मज़म्मत जो भी कोई गम नहीं, कफ़न... Hindi · कविता 1 4 449 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read प्यार बांटें स्याह के पत्थर को हटा क्यों नहीं देते, प्यार मोहब्बत का बढ़ा क्यों नहीं देते, दरिया की बेचैनी से घायल हुआ साहिल, आग जमाने भर की बुझा क्यों नहीं देते, Hindi · कविता 2 4 272 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी न तो ज़मीर बेचा न ही गिरने दिया, तन्हा अपने आपको मग़र रहने दिया, वफ़ा की खुश्बू ने मुझे तालीम किया, पर जिस्म को हकीकत में रहने दिया, सबको समझा... Hindi · मुक्तक 2 519 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read मिट जाना। न तूँ है और न तेरा वजूद है, जा में इस क़दर तूँ मौजूद है, शाम जब भी हसीन होती है, हिज्र में उल्फ़त बहुत खूब है, Hindi · मुक्तक 2 225 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read फलसफा, जहां भी गया वहीं पर किनारा हुआ, अफसोस यह है कोई न हमारा हुआ, इंतज़ार जिसका था मुझे दिलों जा में, वो शख़्स किसी और का सहारा हुआ, यह सच... Hindi · मुक्तक 1 2 445 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read ज़िगर में जो रही,,, वो इस तरह अब तो रुख़सत हो गयी, मैं टूटा और उसकी ख़िदमत हो गयी, ज़िगर में जो रही क़त्ल उसी ने किया, यह सुनकर मुझे तो दहशत हो गयी,... Hindi · मुक्तक 1 2 240 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Jun 2020 · 1 min read कोरोना और बचाव सोचा था किसने एक दिन देश में ऐसे आयेंगे, थम जायेगी रफ़्तार हमारी हम बेबस हो जाएंगे, प्रकृति हमारे हाथों में है कुछ भी कर सकते हैं, पूंजीवाद के दम्भ... Hindi · गीत 1 2 205 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Jun 2020 · 1 min read सफ़ाई सफ़ाई देता है जो सफ़ाई देता है, मुझे तो सब कुछ दिखाई देता है, तूँ चाहता है मैं न सुनू कुछ भी, मग़र मुझे तो ऊंचा सुनाई देता है, तूँ... Hindi · मुक्तक 3 412 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Jun 2020 · 1 min read मिट्टी है अनमोल! जगह किसी की नहीं जो चाहे जहां बैठ गया, अब इसमें क्या लेना वो शख्स वहां बैठ गया, अमीरे शहर का निज़ाम तो कुछ ऐसा हुआ, बैठना था नहीं जिसे... Hindi · मुक्तक 2 314 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read जिंदगीनामा फ़ैसला करिये अब कोई तत्काल नहीं, मेरा क़त्ल हुआ है कोई इंतक़ाल नहीं, दुनिया भरम में है वो आदिल रहा मेरा, बात मुक़म्मल हो ऐसे तो अल्फ़ाज़ नहीं। कामिले दुनिया... Hindi · मुक्तक 2 4 253 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी के मरहले, जिंदगी तेरी चौखट पर जूझ रहा हूँ, ग़म इतने की ग़म से ही पूछ रहा हूँ, इतना नहीं मयस्सर इफ़रात कर सकूं, टूटा हूँ और टूट के महफ़ूज रहा हूँ।... Hindi · मुक्तक 4 4 397 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका तख़्त-ओ-ताज अमीरों को मिला करता है, ग़रीब फ़टी चादर हर वक्त सिला करता है, हम हैं परिन्दें इस कौम के असली वारिस, तस्वीर बनाने में तो हर हाथ घिसा करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 241 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक क़िरदार हुआ हल्का जो सनासाई में, अज़ाब है इतना दुश्वारी है बिनाई में, दुनिया तेरे क़दमों में और गिरूं कितना, उबर नहीं पाता हूँ दर्द-ए-तन्हाई में, सनासाई-परिचय अज़ाब-समस्या,कष्ट बिनाई-चुनना Hindi · मुक्तक 3 2 233 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका उम्मीद को आंखों से बिखरते देखा, हौसलें टूटे हैं और टूट के गिरते देखा, हुनर कैसे कोई चांद पे जाने का रखे, मैंने इंसान को इंसान से मिटते देखा। कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 323 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक जो मुझे भूल जाना नहीं चाहता, मैं भी उसको भुलाना नहीं चाहता, खुद ही आये अकल वही ठीक है, बेअकल के मैं गाना नहीं चाहता, चांद सूरज जमीं पे तो... Hindi · मुक्तक 2 2 313 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक निशानी लेकर फिर निशाना बनता है, गरीब को हटा के आशियाना बनता है, तूँ ख़ैर क्या मांगता है बेखैरख्वाहों से, जो अनजान बना के अनजाना बनता है, परिन्दें चाहते हैं... Hindi · मुक्तक 4 4 299 Share Previous Page 3