Vindhya Prakash Mishra Language: Hindi 371 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Vindhya Prakash Mishra 17 Sep 2019 · 1 min read माँ तो आखिर माँ होती है । माँ तो आखिर माँ होती है । माँ तो आखिर माँ होती है । नहीं कमी होती दुलार में। पालन पोषण स्नेह प्यार में । वत्सलता भरपूर मिली है ।... Hindi · कविता 2 459 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Sep 2019 · 1 min read शब्द है पर बोलू कैसे कहने को बहुत विचार उठे पर शब्द नहीं बोलूं कैसे । अपने अपने न हुए आज। यह राज भला खोलूं कैसे। दूसरे सहारा दे देते मानवता के लेखे देखे। बेचैन... Hindi · कविता 1 410 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Sep 2019 · 1 min read आंशू शब्द बहुत है बोलूं कैसे, हृदय पटल को खोलूं कैसे । जग जानेगा पीड़ा अपनी, भरभर आंशू रो लूँ कैसे ।। Hindi · कविता 1 242 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Sep 2019 · 1 min read रो लूं कैसे । कहने को बहुत विचार उठे पर शब्द नहीं बोलूं कैसे । अपने अपने न हुए आज। यह राज भला खोलूं कैसे। दूसरे सहारा दे देते मानवता के लेखे देखे। बेचैन... Hindi · कविता 228 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Sep 2019 · 1 min read अवधी कविता- जाडा जाडा आवा। ठिठुर ठिठुर सी सी बोलय सब। छिपे रहै न मुह खोलय सब। डगर होइगवा सून। जमत अहै अब खून। रोटी कय जुगाड मुश्किल भा सब धंधा मंदा चौपट... Hindi · कविता 678 Share Vindhya Prakash Mishra 14 Sep 2019 · 1 min read जल गजल कदम दर कदम हम बढा करते हैं । अपनी ऊँचाइयों तक यूँ ही चढ़ा करते हैं । लिखते कम है आजकल खुद की बातें । आपके सारे जज्बात पढा करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2019 · 1 min read शिक्षक #शिक्षक । ——————————– शिक्षक का सम्मान हो, जो है ईश समान। सही राह दिखलाए देते हैं सद्ज्ञान। परिश्रमी नवोन्मेषी जो समाज की शान भावी के निर्माण में इनका योगदान ।... Hindi · कविता 3 649 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2019 · 1 min read हर भाई की इक बहना हो। हर बहना का इक भाई हो, सुंदर सजी कलाई हो। हर भाई को बहना मिले परिवार सानंद सुखदाई हो। आंगन बहनों से गुलजार रहे, रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई हो ।।... Hindi · कविता 2 518 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Aug 2019 · 1 min read कीमत कीमत पर मत जाओ कीमत घट बढ़ जाती है कीमत ही सरे बाजार बोली लगवाती है। मांग सही हो जिसकी वह महंगा कहलाता है । जिसकी कीमत नही कभी लाखों... Hindi · कविता 2 1 237 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Aug 2019 · 1 min read प्यारी बहना तुम खुश रहना सबसे प्यारी मेरी बहना , तुम हरदम यूँ ही खुश रहना, मिले सदा ही प्यार रक्षाबंधन का त्योहार । पावन रिश्ता भाई बहन का, बढ़े प्रेम अपार रक्षाबंधन का त्योहार... Hindi · कविता 2 461 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Aug 2019 · 1 min read माखन सा कष्ट चुरा लो। -श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ - ____________________________________ मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि... Hindi · कविता 2 490 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Aug 2019 · 1 min read बात दिल जो बोलता है, वही बात लिखते हैं । चल रहा है जो आजकल वही हालात लिखते हैं । कवि लेखक वक्ता प्रवक्ता क्यों कहते हो मुझे । मन में... Hindi · मुक्तक 2 568 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2019 · 1 min read नमन स्वर्ग धरा को नमन आज उस स्वर्ग धरा की सोना जिसकी माटी है। झुकना नहीं जानते हम सब, बलिदान मेरी परिपाटी है । ललकारे जो हमें शत्रु उसकी गर्दन काटी है । नमन... Hindi · कविता 2 463 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2019 · 1 min read तिरंगा भारत की है शान तिरंगा भारत की है शान लहर रहा उत्तुंग शिखर तक विजय रही पहचान तिरंगा भारत की है शान। हानि नजर जब शत्रु उठाता पल भर जीवित न रह पाता। वीर... Hindi · कविता 2 469 Share Vindhya Prakash Mishra 13 Aug 2019 · 1 min read मुझे स्वीकार नहीं स्वाभिमान पर चोट मुझे स्वीकार नहीं, जिस जन में है खोट मुझे स्वीकार नहीं । समझौते हो स्वार्थ हेतु स्वीकार नहीं । गल्प रहा हो व्यर्थ मुझे स्वीकार नहीं ।... Hindi · कविता 2 496 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Aug 2019 · 1 min read माँ शारदे माँ शारदे कर मे लेकर पुष्प हार करते वंदन शत शत बार हमको अज्ञानता से तार दे ** माँ शारदे माँ शारदे। आये शरण में तुम्हारे तू अंधेरो से निकाले।... Hindi · कविता 3 435 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Aug 2019 · 2 min read गुड़िया क्यों पीटी जाती है । गुडिया क्यों पीटी जाती है- विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र की कलम से- भारतीय संस्कृति संस्कार में कन्या पूजनीय होती हैं पर यह गुड़िया पीटने की परम्परा आश्चर्य करती हैं ।वह... Hindi · लेख 2 946 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Aug 2019 · 1 min read व्यंजन गीत क ख ग घ ड़ गाओ। च छ ज झ ञ सुनाओ।। ट ठ ड ढ ण सरल है । त थ द ध न से नल है ।। प... Hindi · कविता 2 235 Share Vindhya Prakash Mishra 31 Jul 2019 · 1 min read पुस्तक मेरी सखी सहेली बाल कविता ( पुस्तक) हरी रंगीली काली पीली नयी किताबे रंग रंगीली अगली कक्षा मे हम पहुंचे तब मिलती है नयी नवेली कितनी प्यारी दोस्त हमारी पुस्तक मेरी सखी सहेली... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1k Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jul 2019 · 1 min read बदरा आजा रे! बदरा नभ में घिर घिर आओ, तपन मिलन की धरती को हैं । मिलकर स्नेह बढाओ । बदरा नभ में घिर घिर आओ। तुम बिन नभ शून्य कहाता, तुम ही... Hindi · कविता 2 270 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Jul 2019 · 1 min read भारी बस्ता कापी बीस। -------आधुनिक शिक्षा- --- भारी बस्ता कापी बीस, ऊपर से है मोटी फीस । कही पढ़ाई का नाम नहीं है, अच्छा कोई परिणाम नहीं है । नंबर की है मारा मारी।... Hindi · कविता 2 469 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jun 2019 · 1 min read मुह जबानी मेरी साँस में मेरी एहसास में तुम हो । मेरी आस में मेरी पास में तुम हो । कहने जताने वाले कोई और होते हैं । महसूस करो दिल के... Hindi · मुक्तक 2 225 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Jun 2019 · 1 min read चूहे राजा चूहे राजा मस्त बड़े, दो पैरो रहे खड़े । छोटा मुख पर है शैतान खडे दिखे है दोनो कान। कुतर कुतर कर दाने खाते, बिल्ली देख बिल में घुस जाते... Hindi · कविता · बाल कविता 2 397 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Jun 2019 · 1 min read चांद पर चाहे बाद में जाना चांद पर कुछ बाद में जाना, कुछ आवश्यक कर्तव्य निभाना, काल कवलित हो रहे है मासूम, इस का कोई हल ढूंढना । हाहाकार मचा बिहार में, जान ले रहा बुखार... Hindi · कविता 3 250 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Jun 2019 · 1 min read अनमोल जिंदगानी है । चरागा जल रहा है हवाओ की मेहरबानी है, हवाओ से जला है , हवाओं को ही बुझानी है । कैसे गुरूर करता अपने पर दो दिनों की जिंदगानी है ।... Hindi · कविता 2 243 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read जीवन सूखे बंजर हो गये। जीवन सूखे बंजर हो गए, कांटे बढकर खंजर हो गए। चुभे हृदय में सूल, दुख कैसे जाऊ भूल। कही सहायक नहीं है अपने, भूल गए आंखो के सपने । सब... Hindi · कविता 2 420 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read कभी कभी खुद को समझाया कर । कोई नहीं अपना तो भी खुशी मनाया कर। कभी कभी खुद को समझाया कर। स्वयं चले ही पथ कटते है । अपने बल से ही नग हटते है । कर... Hindi · कविता 2 2 314 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read शुभ प्रभात सुबह हुई सुंदर मतवाली, दूर हुआ नभ से तम अब तो दिखने लगी पूरब में लाली। चिड़िया चहकी कलिया महकी। महक उठी डाली हर डाली । भंवरे मस्त मगन फूलों... Hindi · कविता 2 264 Share Vindhya Prakash Mishra 27 May 2019 · 1 min read बेटी को जन्म दिन पर बधाई । फुलवा बन आंगन में महको, बेटी खुशियाँ से तुम चहको। मिल जाएँ लम्बी उमर तुम्हे, जीवन हो तुम्हारे सौ बरसों । नित नई ऊंचाई पर चढ लो, रोशनी बनो नित... Hindi · कविता 2 252 Share Vindhya Prakash Mishra 15 May 2019 · 1 min read दुख को कैसे जाऊँ भूल । जीवन सूखे बंजर हो गए, कांटे बढकर खंजर हो गए। चुभे हृदय में सूल, दुख कैसे जाऊ भूल। कही सहायक नहीं है अपने, भूल गए आंखो के सपने । सब... Hindi · कविता 2 479 Share Vindhya Prakash Mishra 12 May 2019 · 1 min read मातृ दिवस पर- माता जीवन दाता है । *माता जीवन दाता है ।* माता जीवन दाता है, माता भाग्य विधाता है । माता जन्म प्रदाता है । माता से जन्मो से नाता है । माता से मिलती नित... Hindi · कविता 2 430 Share Vindhya Prakash Mishra 21 Apr 2019 · 1 min read क्योकी धनवान कहाते हो। पैसे से खेल खेलने वाले, क्यों पैसो से मुझको तौल रहे । विश्वास मुझे है धनी हूँ मैं । कैसे गरीब तुम बोल रहे। हो सकता है कम पैसे हैं,... Hindi · कविता 2 413 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Apr 2019 · 1 min read उडी पतंग बाल कविता ---------------------------- उडती नभ में लाल पतंग, जुड़े हैं धागे उसके संग। खींच रहे जब नीचे डोर, उडती है वह नभ की ओर। उछल रहे हैं संगी साथी लूट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 519 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Apr 2019 · 1 min read बिल्ली मौसी बड़ी सयानी *बाल कविता*- बिल्ली मौसी बड़ी सयानी, दिन भर करती है शैतानी। चूहे पर है राज चलाती, आंख दिखाकर उसे डराती। चूहे देख बिल में छिप जाते, सभी मित्रों को समझाते।... Hindi · कविता · बाल कविता 2 590 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Mar 2019 · 1 min read माना कि कमिया बहुत है। माना कि कमियां बहुत है मुझमें, पर मैं दिल से सही कर रहा हूँ । गलत है कदम एक भी यदि हमारे । न नफरत करो मुझसे खुलकर बता दो।... Hindi · कविता 1 523 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Mar 2019 · 1 min read आयी वसंत की होली आयी बसंत की होली मीठी लगती है बोली रंग सराबोर है वन मे लाल सुनहरी पीली फाग का रंग चढा है सब निकल पडी है टोली प्रिय प्रियतम को रंग... Hindi · कविता 1 231 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Mar 2019 · 1 min read जोगीरा सारा रारा रा रोजगार गायब हो गए, नवयुवक हुए बेकार, पकौडा तल रोजगार लो, कहती है सरकार ।। जोगीरा सा रा रा रा रा। धन लूट कर लोग भागते, रक्षा करने वाले बेकार... Hindi · कविता 1 1 319 Share Vindhya Prakash Mishra 18 Mar 2019 · 1 min read वह नेता है । घपले घोटाले में, अपने हिस्से ले लेता है वह नेता है। कभी पेंशन , आवास मे भी आंशिक घूस लेता है वह नेता है । कभी राशन मे घपलेबाजी पल... Hindi · कविता 1 247 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Mar 2019 · 1 min read आंगन की किलकारी बेटी आंगन की किलकारी बेटी, हम सब की दुलारी बेटी । महक रही कोने कोने तक घर की सुंदर फुलवारी बेटी । माँ की राजकुमारी बेटी वत्सलता से पाली बेटी ।... Hindi · कविता 1 676 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Mar 2019 · 1 min read वीणापाणि नमस्तुभ्यम् वीणापाणि नमस्तुभ्यम ------------------------------------------- श्वेताम्भोज सदृश वस्त्र धारिणी अज्ञानापहा देवि हंसवाहिनी वीणा पुस्तक धारिणी सुखकारिणी विद्या वरदान देहि देवि हंसवाहिनी। वीणा नाद करती हो हरती अज्ञान सबका श्वेत कमल वासिनी माँ... Hindi · कविता 1 532 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Feb 2019 · 1 min read अगर कोई चुनाव न हो । अगर कोई चुनाव न हो। गरीबों दलितो मजदूरों, किसानों युवाओ की बात न हो अगर कोई चुनाव न हो। बंद रहे गाली की किताबें छिपे रहे घोटालों के राज, शिलान्यास... Hindi · कविता 2 490 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Feb 2019 · 1 min read *माँ की चरण वंदना* माँ की चरण वंदना कर लो खुशियों से झोली भर लो सभी तीर्थ स्थल चरणों में कहाँ ढूंढता रहता वन में । जन्मदात्री ममता मूरत, माँ के पाँव सब तीर्थ... Hindi · कविता 1 1k Share Vindhya Prakash Mishra 18 Feb 2019 · 1 min read अमर जिसकी निशानी है। नमन उन वीर शहीदो को, अमर हुई निशानी है। देह देकर भारत माता को, अमर हो गयी कहानी है। धन्य हुई मां जनकर जिसको दूध जिसका बलिदानी है। देगे मुहतोड... Hindi · कविता 1 417 Share Vindhya Prakash Mishra 15 Feb 2019 · 1 min read हम नेता ही लोकतंत्र के रखवाले है । हम नेता ही लोकतंत्र के रखवाले है। एक नही सौ सौ गुंडे पाले है। बाहर से है श्वेतवसन पर मेरे हर कारनामे काले है । हम नेता ही लोकतंत्र के... Hindi · कविता 2 256 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Feb 2019 · 1 min read #सरस्वती वंदना# *वीणापाणि भवानी शारदे* वीणापाणि भवानी शारदे, ज्ञान की ज्योति जला दे। भर दो नव पुंज प्रकाश के ज्ञान बढे ऐसा वर दे वीणापाणि भवानी शारदे, कर पुस्तक धारिणी भवानी, हम... Hindi · कविता 1 471 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Feb 2019 · 1 min read मुखौटे में इंसान, कैसे हो पहचान मुखौटा पहने है लोग यहां , सच की कैसे पहचान करे। बाहर से अमृत है दिखता ,अंदर से पूरे गरल भरे । इंसान आज दुर्लभ है जग मे ,रोज ठगे... Hindi · कविता 1 246 Share Vindhya Prakash Mishra 25 Jan 2019 · 1 min read सुंदर गणतंत्र मनाना है । भारत माँ के लाल एक हो सुंदर गणतंत्र बनाना है । हम सबको मिलकर देश में तिरंगा फहराना है । जातिवाद धर्म की आड़ में जो बाटे हमें सबक सिखाए... Hindi · कविता 1 335 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Jan 2019 · 1 min read मन मंथर गति से कुछ डोले मन मंथर गति से कुछ डोले संभल रहा होठो तक आकर चुप हूँ सोच रहा क्या बोलें। पर लेखनी मचल उठती है, नहीं रुके मन की हलचल । कितना चुप... Hindi · कविता 1 225 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Jan 2019 · 1 min read नये वर्ष से बड़ी आस है ।। नया वर्ष स्वागत है तुम्हारा। कुछ आशा कुछ नयी रोशनी लेकर आये साथ साथ में कुछ जिजीविषा का मूल भी लेकर आये नई प्रात में ।। सुबह रोशनी सी विखेर... Hindi · कविता 1 332 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Dec 2018 · 1 min read नया वर्ष हो मंगलमय नया वर्ष आने वाला है कल स्वयं में बदलाव की पहल हर समस्या का सही हल। समय कहता चल चला चल हौसले रहे केवल स्थिर अचल। बदलाव की पहल करें... Hindi · कविता 1 248 Share Previous Page 3 Next