डी. के. निवातिया Tag: मुक्तक 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 15 May 2024 · 1 min read मुहब्बत भी करके मिला क्या दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४ विद्या : ग़ज़ल विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 43 Share डी. के. निवातिया 13 Apr 2024 · 1 min read लिखावट - डी के निवातिया १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ पढ़ा जो उसे तो ये जाना कसम से, लिखावट में दम है खुदा के करम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 65 Share डी. के. निवातिया 7 Oct 2023 · 1 min read अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया पी लेंगे मिले जहर अगर तेरे हाथों से, टूटना भी मंजूर है मगर तेरे हाथों से ! ! अंजाम-ऐ-मुहब्बत है मंजूर ये भी हमे, खा लेंगे खंजर-ऐ-जिगर तेरे हाथों से... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 102 Share डी. के. निवातिया 9 May 2023 · 1 min read हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, खिलते गुलशन को होते हुए बंजर देखा है ! अपने अपनों के हाथो से खायी है शिकस्त, हमने घूमिल होते ख्वाबो का... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 157 Share डी. के. निवातिया 25 Mar 2023 · 1 min read नजदीक होकर भी बहुत दूर होते है *** नजदीक होकर भी बहुत दूर होते है, जिंदगी में लोग कितने मजबूर होते है ! दिखने में सब साथ नजर आते है मगर, सब अपनी-अपनी मस्ती में चूर होते... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 99 Share डी. के. निवातिया 7 Jan 2023 · 1 min read सादगी - डी के निवातिया घर का साज-ओ-सामान मांग उधार ले जाए, महलो के सपनें दिखा लूट घरसंसार ले जाए, इतनी सादगी भी खुदा न किसी को बख्शे, कोई कपड़ो संग संग चमड़ी उतार ले... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 1 134 Share डी. के. निवातिया 16 Dec 2022 · 1 min read आखों में इतना पानी है इस ज़िन्दगी की भी कितनी अजीब कहानी है, चाहत होती है जिस चीज़ की वो ही बेगानी है, मुस्कुराते हम इस दुनिया को हंसाने के लिए, वरना दुनिया डूबा दूँ... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक · शेर 218 Share डी. के. निवातिया 14 Dec 2022 · 1 min read स्वाद अच्छा है - डी के निवातिया चूम कर मेरे गाल कुछ यूँ बताया उसने, स्वाद अच्छा है मीठा तेज जताया उसने ! चाय पीता है कोई चुस्की ले-लेकर जैसे, मिलकर इस तरह बहुत सताया उसने !!... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक · शेर · हास्य 131 Share डी. के. निवातिया 28 Jul 2022 · 1 min read शिक्षा पर अशिक्षा हावी होना चाहती है - डी के निवातिया शिक्षा पर अशिक्षा हावी होना चाहती है, ! शिक्षा पर अशिक्षा हावी होना चाहती है, विराजमान सत्ता में भावी हों चाहती है, युगो युगो में जो कभी संभव न हो... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 1 591 Share डी. के. निवातिया 27 Jul 2022 · 1 min read सजा मुस्कराने की क्या होगी - डी के निवातिया सजा मुस्कराने की क्या होगी, बता रजा ज़माने की क्या होगी, अगर मैं रो भी लूँ कुछ देर तक, तुझे वजह बताने की क्या होगी !! ! डी के निवातिया Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 227 Share डी. के. निवातिया 15 Jul 2022 · 1 min read जिंदगी की फरमाइश - डी के निवातिया जिंदगी की फरमाइश ! जिंदगी की फरमाइश यही कुछ ख़ास कर मेहनत पर जोर दे मुफ्त की न आस कर मत बैठ भरोसे किस्मत के कुछ न होगा, चमकेगा सितारा... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 2 2 617 Share डी. के. निवातिया 13 Jul 2022 · 1 min read याद बीते दिनों की - डी के निवातिया याद बीते दिनों की *** बिताई न जाए रात बीते दिनों की, छुपाई न जाए बात बीते दिनों की, लौटकर न आएंगे फिर से वो दिन, मिटाई न जाए याद... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 2 886 Share डी. के. निवातिया 11 Jul 2022 · 1 min read आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, ! आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, हम अपनी ही दुनिया लुटाये बैठे है, वादा किया था रोशन तुम्हे करने का इसलिए... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 3 2 232 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read अब उठना होगा - डी के निवातिया अब उठना होगा ! बहुत सो चुका मैं मुझे अब उठना होगा, शिद्द्त से काम में फिर से जुटना होगा, आजमा चुका इस दुनिया को अच्छे से, खुद के लिए... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · मुक्तक 1 166 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read मिलना सीखो - डी के निवातिया मिलना सीखो ! जो खिल नहीं सकते उनके लिए खिलना सीखो, जो चल नहीं सकते उनके लिए चलना सीखो, जरुरी नहीं है, सब तुम जैसे हो इस दुनिया में जो... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 1 118 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read मजबूर कर दूंगा - डी के निवातिया मजबूर कर दूंगा ! खुद को तेरी दुनिया से दूर कर दूंगा, यादों को तेरी मैं चकनाचूर कर दूंगा पल पल तरसेगी, मुहब्बत को मेरी, मैं, तुझको इतना मजबूर कर... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 150 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read दुनिया छोड़ सकते है - डी के निवातिया दुनिया छोड़ सकते है ! उफनती हुई लहरों का रुख मोड़ सकते है, हम फूल की चोट से पत्थर तोड सकते है, यकीन न हो तो तू आजमाकर देख लेना,... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 157 Share डी. के. निवातिया 4 Jul 2022 · 1 min read दिन बड़ा बनाने में दिन बड़ा बनाने में ! साहस जुटाना होता दिल कड़ा बनाने में, मिटटी को मथ-मथ कर, घड़ा बनाने में, यूँ ही नहीं आती है बहारें इस जिंदगी में रात खर्चनी... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 2 4 333 Share डी. के. निवातिया 18 Jun 2022 · 1 min read जुबान काट दी जाएगी - डी के निवातिया जुबान काट दी जाएगी, ! सच बोलॉगे तो जुबान काट दी जाएगी, सजा ऐ काला पानी की बांट दी जाएगी, सोच समझकर हिलाना अपने लबों को, वरना तुम्हारी भी श्रेणि... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक · शेर 2 591 Share डी. के. निवातिया 31 May 2022 · 1 min read कूटकर चले गए - डी के निवातिया कूटकर चले गए ! आये थे माली बनकर, चमन लूटकर चले गए, देख उन के घड़याली आंसू हम भूलकर चले गए, जिन पे किया दिल ने भरोसा वो जख्म ऐसा... Hindi · मुक्तक 1 2 196 Share डी. के. निवातिया 30 May 2022 · 1 min read भेड़ को शेर बनाने में गूंगा बहरा बन बैठ गया अपने मयखाने में, काम काज सब ठप्प पड़ा गूंगे को मनाने में, हाथी,घोड़े,भालू,गीदड़, आँख मूँद सब बैठे है, सारे बन्दर लगे हुए है भेड़ को... Hindi · मुक्तक 1 155 Share डी. के. निवातिया 31 Mar 2022 · 1 min read सच्चा उसका प्यार निकला - डी के निवातिया सच्चा उसका प्यार निकला *** छोड़कर गया तन्हा बड़ा बेदरदी मेरा यार निकला, वो झूठा ही सही मगर सच्चा उसका प्यार निकला, इस तरह से लिखा था एक एक लफ्ज... Hindi · मुक्तक 2 1 167 Share डी. के. निवातिया 28 Mar 2022 · 1 min read पानी बहुत है - डी के निवातिया पानी बहुत है *** सब की जिंदगी में बसी कहानी बहुत है, यह जिंदगी-ऐ-दास्तान बेगानी बहुत है, दिल के सूखे दरिया को समन्दर कर दूँ, मेरी इन आँखों में अभी... Hindi · मुक्तक 1 1 172 Share डी. के. निवातिया 21 Mar 2022 · 1 min read नज्म अधूरी रहती है - डी के निवातिया नज्म अधूरी रहती है *** वायदे जब तक पूरे न हो हर कसम अधूरी रहती है दो दिल जब तक न मिले हर रस्म अधूरी रहती है, शेर कितने भी... Hindi · मुक्तक 3 2 311 Share डी. के. निवातिया 19 Mar 2022 · 1 min read लफ्ज मेरे - डी के निवातिया लफ्ज मेरे लफ्ज मेरे आते नहीं आजकल बुलाने पर इक से इक नए बहाने बनाते है बहाने पर करते नहीं वाह वाह सुनकर ग़ज़ल हमारी, हर तरह से आमादा है... Hindi · मुक्तक 320 Share डी. के. निवातिया 19 Mar 2022 · 1 min read कब समझा उनको लगता रहा उन्होंने बहुत समझा, मगर, जो समझना था वो कब समझा समझ के भी रहे नासमझ के नासमझ क्योकि बहुत समझकर भी कम समझा !! Hindi · मुक्तक 196 Share डी. के. निवातिया 16 Mar 2022 · 1 min read उनकी नजर - डी के निवातिया उनकी नजर ... *** उनकी नजर में बड़े आराम से जीते है हम, वो क्या जाने कैसे अपने आँसू पीते है हम, पढ़ नहीं सकते मेरी खामोशोयों की सदाए, कोई... Hindi · मुक्तक 1 1 334 Share डी. के. निवातिया 7 Mar 2022 · 1 min read सबसे बुरे है हम - डी के निवातिया चाहे जितने भी खरे क्यों न हो हम, चाहे कितने भी मरे क्यों न हो हम, जब तक उनके मन की बात न करो, उनकी की नजर में सबसे बुरे... Hindi · मुक्तक 211 Share डी. के. निवातिया 22 Feb 2022 · 1 min read वक्त बदलते देर नहीं वक्त बदलते देर नहीं *** अपने कब अनजान हो जाए क्या भरोसा बूढ़े मय पिए जवान हो जाए क्या भरोसा मुहब्बत करते रहो वक्त बदलते देर नहीं, न जाने कब... Hindi · मुक्तक 165 Share डी. के. निवातिया 22 Feb 2022 · 1 min read संभव संभव *** आजकल ताकतवर को कमजोर मार जाता है दस झूठ संग मिले जाए तो सच हार जाता है कलयुग में सब कुछ संभव होता पाया गया है, गुनाह करके... Hindi · मुक्तक 185 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2022 · 1 min read मुहब्बत करता है वफ़ा का हिसाब माँगता है - डी के निवातिया मुहब्बत करता है वफ़ा का हिसाब माँगता है, होकर बेपर्दा सबके सामने, हिजाब मांगता है, बड़ा नादाँ शख्स है, दुनिया से वाकिफ नहीं है, खुदा की इनायत के लिए भी... Hindi · मुक्तक 1 2 426 Share डी. के. निवातिया 1 Sep 2021 · 1 min read सावन की बारिश - डी के निवातिया सावन की बारिश ने मुझे सताया बहुत है, तेरी यादो ने अबकी दिल दुखाया बहुत है, वैसे तो पहले भी कई दफ़ा तन्हा रहे, मगर इस बार मुहब्बत ने मुझे... Hindi · मुक्तक 3 442 Share डी. के. निवातिया 4 May 2021 · 1 min read जन्नत की हूर - डी के निवातिया अच्छा नहीं होता *** हुस्न पर शबाब का सुरूर अच्छा नहीं होता, खूबसूरती पर करना गुरुर अच्छा नहीं होता, पानी के बुलबुले की तरह होती है ये जिंदगी, समझना खुद... Hindi · मुक्तक 1 4 424 Share डी. के. निवातिया 22 Sep 2020 · 1 min read गिला कैसा सभी को यार मन माफिक नहीं मिलते, अगर धोखा दे जाए तो गिला कैसा ! तुझे समझा खुदा मैंने, खता मेरी, मेरी किस्मत मुझे साथी मिला कैसा !! ! डी... Hindi · मुक्तक 2 249 Share डी. के. निवातिया 3 Sep 2020 · 1 min read मदारी या फ़रेबी - डी के निवातिया मदारी या फ़रेबी *** मदारी हर दफ़ा कोई नया खेला रचाता है फँसाकर जाल में अपने हमें बुद्धू बनाता है सुई की छेद में हाथी घुसाता है सुना हूँ मैं... Hindi · मुक्तक 4 367 Share डी. के. निवातिया 18 May 2019 · 1 min read बाली उम्र बाली उम्र *** ये किस मोड़ पे जिंदगी ने खड़ा कर दिया बाली उम्र में हमे तज़ुर्बे से बड़ा कर दिया उम्र अठखेलियों की न जाने कब बीत गई नरम... Hindi · मुक्तक 243 Share डी. के. निवातिया 14 Feb 2019 · 1 min read वैलेंटाइन-डे वैलेंटाइन-डे *** देशी चमड़ी को विदेशी पहरन से सजाते है, प्रेम नाम पर पार्को होटलो में रंग जमाते है, सरेआम अश्लील फूहड़ता का नंगा नाच कर, आ चल हम भी... Hindi · मुक्तक 1 203 Share डी. के. निवातिया 14 Jul 2018 · 1 min read “पायल” “पायल” *** तुम जितना धीरे चलती हो, पायल उतना शोर करती है ! धड़कने दिल कि बहक जाती है, ये गज़ब का जोर करती है !! रह-रहकर यूँ सताती है,... Hindi · मुक्तक 2 304 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read गुनगुनी सी धूप — डी के निवातिया गुनगुनी सी धूप शरद ऋतू में पीली सुनहरी गुनगुनी सी धूप कुहासे की श्वेत चादर में लिपटे रवि का रूप फुर्रफुराती कलँगी में डाल-डाल फुदकते पंछी अच्छा लगे अलसायी बेलो... Hindi · मुक्तक 3 414 Share डी. के. निवातिया 3 Aug 2017 · 1 min read काव्य रो रहा है काव्य रो रहा है *** साहित्य में रस,छंद,अलंकारो का कलात्मक सौंदर्य खो रहा है, काव्य मंचो पर कविताओं की जगह जुमलो का पाठ हो रहा है, हास्य के साथ व्यंग... Hindi · मुक्तक 3 2 736 Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 1 min read रोमांच रोमांच बदन संगमरमर है या तराशा हुआ टुकड़ा कांच सा शबनम की बूँद ढले तो लगे है तपता कनक आंच सा नजर है की उसके उत्कृष्ट बदन पर ठहरती ही... Hindi · मुक्तक 2 1 635 Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read फेल हो गया फेल हो गया सत्तर साल वालो का तो ख़त्म खेल हो गया। छप्पन इंच का सीना भी अब फेल हो गया । दुश्मन रोज़ जख्म पे जख्म दिये जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 766 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read रांझे की हीर रांझे की हीर कल तक करते देखा था मुहब्बत कि खिलाफत जिनको। आज शिद्दत से करते पाया एक रांझे कि वकालत उनको । ऐसा क्या हुआ, फिजा-ऐ-मिजाज़ ही बदल गया... Hindi · मुक्तक 379 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read सत्ता कितनी प्यारी सत्ता कितनी प्यारी मेरे देश के हुक्मरानो को सत्ता कितनी प्यारी है रोज़ मरे मजदूर किसान सैनिको ने जान वारी है आदि से अंत तक का इतिहास उठाकर देख लो... Hindi · मुक्तक 507 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read कोई नाराज नहीं चाहिये कोई नाराज नहीं चाहिये कितने अमन पसंद लोग है यहाँ किसी को कोई आवाज नही चाहिये। रसूख तो खुदा के फरिश्ते जैसा हो पर रोजा -ऐ- नमाज नही चाहिये। कहिं... Hindi · मुक्तक 544 Share डी. के. निवातिया 22 Mar 2017 · 1 min read मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई ना पूछो यारो मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई फ़ज़ीहत इसकी आजकल जमाने में आम हुई जिस्म के भूखे है जो दरिंदे वो प्रेम क्या जाने सुबह को मिले, शाम तक... Hindi · मुक्तक 547 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read नोट के तेवर—मुक्तक—डी. के. निवातिया नोट के तेवर क्या बदले, बहुत कुछ बदल गया ! छोड़ काम धाम इंसान लंबी कतार में ढल गया !! कल तक तिजोरी में बंद सर चढ़कर बोलता था वो... Hindi · मुक्तक 640 Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2016 · 1 min read रहम कर अरे ओ जाने वाली हवा, सुन ज़रा इन बिखरी यादो को समेट ले ज़रा बहुत सताती है ये तेरे जाने के बाद वफ़ा के नाते रहम कर हम पर जरा... Hindi · मुक्तक 1 2 339 Share डी. के. निवातिया 3 Nov 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना–१०—मुक्तक—-डी के निवातिया सीना ताने खड़ा रहूँ, हर पल दुश्मन हो निशाना अंत घडी जाये प्राण, लबो पे हो जयहिंद का नारा चाह नही मुझे किसी, धन दौलत या शोहरत की देश सेवा... Hindi · मुक्तक 562 Share डी. के. निवातिया 21 Oct 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-९ ---मुक्तक---डी के निवातियाँ मैया कहे परिलोक से आयी, कुंवर देश तोहे जाना पराया धन मेरे आंगन जिसे ब्याज समेत चुकाना ससुराल में सब ताने मारे, तू अपने मायके जा ना बिटिया बाबुल से... Hindi · मुक्तक 1 497 Share Page 1 Next