Mamta Singh Devaa 445 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Mamta Singh Devaa 10 May 2021 · 2 min read ' बंगाली नानी ' ललिता अपनी दूसरी बेटी के जन्म से बहुत खुश थी...ससुराल से कोई नही आया सबके मुँह बने हुये थे , पति छुट्टी ना मिलने के कारण नही आ सके थे... Hindi · लघु कथा 2 2 512 Share Mamta Singh Devaa 10 May 2021 · 1 min read ' और बंटवारा रुक गया ' तीन बेटियों और एक बेटे के बाद कांता फिर गर्भवती थी , इस बार उसने एक बड़ा फैसला लिया । बेटियां तो ब्याह कर अपने घर चली जायेगीं एक बेटा... Hindi · लघु कथा 1 2 233 Share Mamta Singh Devaa 28 Apr 2021 · 1 min read आशा की लौ जलाये रखिए..... वर्तमान समय में परिस्थितियां बड़ी विषम हैं...कानों को जो सुनना ना था वो सब सुन रहे हैं और सबके हृदय सह रहे हैं.... ऐसे में उम्मीद का हाथ पकड़ कर... Hindi · कविता 222 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read बिटिया पितृ दुलारी कोमल सुकुमारी नैनन बसो , पुत्री श्रद्धैय दुहिता शिरोधार्य कुमारी प्यारी , पुष्प समान सुकोमल नंदिनी साहबजादी । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 05/03/2021 ) Hindi · हाइकु 2 4 238 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read जल जल पयोधि अमूल्य विरासत व्यर्थ अनर्थ , सलील - नीर संकलन - संचय अन्यथा पीर , शकंर जटा गंगा अवतरण कृपानिधान । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा ,... Hindi · हाइकु 3 2 323 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read स्त्री स्त्रीलिंग - नारी चुनौतियां अपार शूल समान , कंटक बीच सिंहवाहिनी - चण्डी विजयशाली , धरणी - कांता परिस्थिति समान जिगरा सम । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा... Hindi · हाइकु 2 2 402 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read प्रेम इश्क - प्रणय गाफिल - बेकरार तलबगार , अपूर्व - स्नेह प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष चिरस्थायिन , आसक्त - भक्त चाहत धरोहर प्रेम अमर । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह... Hindi · हाइकु 3 270 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read दीपक दीप उजास परिस्थिति अंजान तले तमस , नाजुक बाती अंधियारा सघन मन अडिग , दीया - दीपक दीप्तिमान जगत ओज - आलोक । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा... Hindi · हाइकु 2 262 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read ईश्वर परम ज्ञान आनंदित अपार परमेश्वर , दिव्य प्रकाश संतुष्टि पराकाष्ठा परमानंद , हर्षित मन नैसर्गिक प्रापण चरमोत्कर्ष । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 21/03/2021 ) Hindi · हाइकु 2 2 416 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read आविष्कार ईजाद - खोज तिलस्मिक दुनिया नित नवीन , अनिद्रा रोग चिकित्सा पद्धति जल उपाय , आयुर्वेदिक संस्कृतिर्विश्ववारा पद्धति विधा । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 31/03/2021 ) Hindi · हाइकु 3 250 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read बूढ़ा मजूर गलता तन पेट पीठ समान जर्जर मन , श्रमसीकर हड्डियों का शरीर लाचारी ढ़ोता , हाथ खींचता आत्मिक बोझ - भार अमानवीय । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा... Hindi · कविता 2 2 267 Share Mamta Singh Devaa 9 Apr 2021 · 1 min read जब मैं जाऊँ..... जब मैं जाऊँ..... सखी तुम आना करके श्रृंगार सखी तुम आना बनके बहार , सखी तुम आना नैनन में ले के प्यार सखी तुम आना होके बेहद बेकरार , सखी... Hindi · कविता 3 2 437 Share Mamta Singh Devaa 31 Mar 2021 · 1 min read ' बातों के महिसासुर.....' इन बातों के महिसासुरों का अनर्गल प्रलाप सुन कर लगता है हमें देवी का रूप लेना ही पड़ेगा..... ' बातों के महिसासुर.....' ये आयें हैं हमे बताने अपने हिसाब से... Hindi · कविता 471 Share Mamta Singh Devaa 22 Mar 2021 · 1 min read नीर ( जल दिवस ) #जलदिवस नीर ये जो नीरी नीर है ये ना हो तो बस पीर है , जब होती है ये बेशुमार तो मच जाता है हाहाकार , और फेर लेती है... Hindi · कविता 6 222 Share Mamta Singh Devaa 17 Mar 2021 · 2 min read चुनौती किसको देते हो ? मेरी ये कविता सारी महिलाओं के लिए है हम सबने निम्नलिखित में से कोई न कोई चुनौती ( ताने ) कभी न कभी तो सुनी ही होगी ' जी हाँ... Hindi · कविता 368 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read स्टार्टअप इच्छा बेचती हूँ सपने बेचती हूँ ये सबके साकार हो ज्यादा बेचती हूँ , हिम्मत बेचती हूँ उम्मीद बेचती हूँ ये खतम हो गई है तभी तो बेचती हूँ ,... Hindi · कविता 2 272 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read माँ शिशु विहीन आँचल खाली - खोखा माँ - जननी आहत । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 04/03/2021 ) Hindi · हाइकु 318 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read अवतार काल असुर दसवाँ अवतार समूलनाश । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 04/03/2021 ) Hindi · हाइकु 384 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read ' जज़्बा ' दुहिता - सुता निर्बल असंभव जज़्बा बड़ा , मर्दिनी - दुर्गा हे भवानी - कुमारी विजयी भव । स्वरचित , मौलिक एवं अप्रकाशित ( ममता सिंह देवा , 20/02/2021 ) Hindi · हाइकु 292 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read कृष्ण मध भ्रमित व्याकुलता विकल पधारो प्रभु । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 04/03/2031 ) Hindi · हाइकु 391 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्मान नित्य हृदय गर्वान्वित स्त्री प्रतिदिन । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 08/03/2021 ) Hindi · हाइकु 1 416 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read गौरैया 1 - हाईटेंशन बिजली का जंजाल नाश गौरैया । 2 - नन्ही चिरैया नष्ट घर संसार लुप्त जंगल । 3 - सूना आंगन कलरव के बिन नैना बेचैन । स्वरचित... Hindi · हाइकु 1 289 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read दंभ धन अपार खुमार मग़रूर दंभ शुमार , हथेली गर्द क्षण आवागमन सर्व दृष्टांत। स्वरचित , मौलिक एवं अप्रकाशित ( ममता सिंह देवा , 02/03/2021 ) Hindi · हाइकु 394 Share Mamta Singh Devaa 11 Mar 2021 · 1 min read गुलाब हाइकु 1 - सुर्ख गुलाब संग कंटक - शूल सबक - पाठ । 2 - रक्त समान सुरभि सुगंधित लहूलुहान । 3 - पुष्प कोमल मस्तिष्क भटकाव खार चुभन ।... Hindi · हाइकु 363 Share Mamta Singh Devaa 8 Mar 2021 · 1 min read लो फिर आ गया ' महिला दिवस '..... #अंतर्राष्ट्रीय_महिला_दिवस_2021 हर साल की तरह फिर से आ गया ' महिला दिवस ' ये बताने की शायद दस प्रतिशत सफल बाक़ी बेबस , हम वर्ष - महीने - हफ़्ते -... Hindi · कविता 3 4 333 Share Mamta Singh Devaa 28 Feb 2021 · 1 min read हायकु....मेरा प्रथम प्रयास उड़ान ऊँची उड़ना है तुमको बहुत गिरे , वो तो बैठे हैं तुम्हारे गिरने के इंतज़ार में , उड़ो इतना इंतज़ार उनका इंतज़ार हो , जीवन भर इस इंतज़ार में... Hindi · हाइकु 2 2 377 Share Mamta Singh Devaa 27 Feb 2021 · 2 min read ' हमारा बचपन '...... हमारा बचपन सिर्फ हमारा नही था परिवार - कॉलोनी भर सबका था और ना जाने कितनों का था , हमारी हर बात पर सब राय देते थे हम उनकी राय... Hindi · कविता 251 Share Mamta Singh Devaa 21 Feb 2021 · 1 min read ' सीख ' आज ' अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस ' पर ' मेरी मात्रभाषा भोजपुरी ' में समर्पित मेरी लघुकथा ' सीख ' , गर्व है मुझे अपनी मातृभाषा पर ? ' सीख '... Hindi · लघु कथा 2 2 330 Share Mamta Singh Devaa 19 Feb 2021 · 1 min read ' एक सच ये भी है ' ये सुबह बहुत डराती है मगर ये काली अंधेरी रात दिल को भाती है , बस ये रात ठहर जाये कैसे भी करके ये सूरज को निगल जाये , नही... Hindi · कविता 418 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 2 min read २०२० मेरी नज़र में / ' हौसला कम नही हुआ ' सबके लिए ये साल अलग हट कर था शायद मैं ही अकेली शख्स हूँ जिसको कोई ज्यादा फर्क नही महसूस हुआ सिवाय कोरोना का डर छोड़ कर । मैं बहुत... Hindi · लेख 1 4 263 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 3 min read ' दिया तले अंधेरा ' / हसरत ' दिया तले अंधेरा ' लाखो बार कहा और सुना लेकिन ये मुहावरा खुद मैं बन जाऊँगीं सोचा न था....अपनी ' हालत ' बताती हूँ जी हाँ ' हालत '... Hindi · लेख 1 387 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read मन जो मन करे वो लिखिए किसी का मुँह मत देखिए , अंदर का बाहर तो निकालिए सबकी एक एक कर तहें खंगालिए , फिर देखिए कैसा मज़ा आयेगा मन आसमान... Hindi · कविता 221 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 3 min read ' सबसे अनोखी मैं ' 2020 के बारे में क्या कहूँ समझ नही आ रहा है लोगों के लिए बहुत अलग सा रहा पूरा साल लेकिन मेरे लिए बस थोड़ा सा अलग रहा । 3500... Hindi · लेख 1 2 200 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read मर्यादा तुम्हें कुछ मर्यादा नाम की चीज़ सिखाई नही है तुम्हारे माँ - बाप ने ऐसे पति का नाम लेकर बुलाते हैं भला....नई नवेली बहु को तल्खी भरी आवाज़ में सुधा... Hindi · लघु कथा 1 2 368 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 2 min read ' यादों में बसा वो स्वादिष्टम् चूड़ा मटर ' ( संस्मरण ) पहली बार ' गणतंत्र दिवस ' पर संस्मरण लिखने के लिए आमंत्रित किया गया । वाकई आज भी हर गणतंत्र दिवस पर याद करती हूँ वो गरम - गरम चूड़ा... Hindi · कहानी 203 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read रक्तदान - महादान जब जीवन की सांसें लड़खडा़ती हैं रक्तदान - जीवनदान पुकारती हैं , कोई जीवन के भंवर में रहता है भरोसा वो हम पर ही तो करता है , ऐसे विषम... Hindi · कविता 441 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 2 min read ' तृप्ति ' सोनू और रमेश सुबह से बहुत खुश थे आज माँँ के साथ मेला जो जा रहे थे । माँ ने मेला जाकर खिलौनों की दुकान सोनू और रमेश की मदद... Hindi · लघु कथा 260 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read ' वफा - ए - मुहब्बत ' इतने नासमझ तो नही तुम जो ऐसे अनजान बने बैठे हो या जानबूझ कर मेरी मुहब्बत से झूठ मूठ में नाराज़ हुये ऐठे हो ? तुमको मेरी चाहत का अंदाज़ा... Hindi · कविता 1 219 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read जीवन से पहले ? मृत्यु के बाद ? जीवन से पहले ? मृत्यु के बाद ? आपस में गहरा मेल है दोनों ही परिस्थितियों में शरीर नही रहता सब आत्मा का खेल है , सुना है मरने के... Hindi · कविता 352 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 1 min read ' बूढ़े की लाठी ' गंगा काका आज खुश भी थे और दुखी भी खुश इसलिए की उनका बेटा विदेश से आ रहा था और दुखी इसलिए की घर ना आकर सीधे अपने ससुराल जा... Hindi · लघु कथा 285 Share Mamta Singh Devaa 16 Feb 2021 · 2 min read ' हौसले का एहसास ' ओह ! कितने दर्द और निराशा में बीता पिछला एक साल , अंधकार की गहरी सुरंग लगता था कभी इस सुरंग से निकल ही नही पाऊँगीं । दो साल पहले... Hindi · लघु कथा 218 Share Mamta Singh Devaa 1 Feb 2021 · 1 min read ' अतृप्ति ' पीय तुमको तो मयुर बन अपने प्रेम का पंख फैला बरखा में मदमस्त हो मेरे आस - पास ही बसना था , तुम तो मुझे चातक बना कर खुद बरखा... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 113 1k Share Mamta Singh Devaa 28 Jan 2021 · 1 min read आंदोलन या देशद्रोह ? तुम आंदोलन के नाम पर देश तोड़ने निकले थे लाल किले पर चढ़ कर तिरंगा रौंदने निकले थे ? जब जो मन चाहा बोला सबको गलत बोल ललकारा तुम्हारी ही... Hindi · कविता 1 2 226 Share Mamta Singh Devaa 24 Jan 2021 · 1 min read चमत्कार परेशानी में हर शख्स चिपकता है कि कैसे अंदर से सब उगलवा ले और आपकी इस परेशानी का जी भर - भर कर खूब मजा ले , कोई ये जरा... Hindi · कविता 1 2 353 Share Mamta Singh Devaa 22 Jan 2021 · 1 min read इनका क्या करें...? जो दूसरों पर करते बेकार के कमेंट हैं उनपे करो तो कहते ये नही डीसेंट है , खुद अपनी बदबूदार गिरेबाँँ में नही झाँकते हैं दूसरे की सुगंधित गिरेबाँ भी... Hindi · कविता 1 6 222 Share Mamta Singh Devaa 21 Jan 2021 · 1 min read ' जानू ' घर में नन्हा बच्चा थोड़ा बोलने क्या लगा सब उससे कुछ ना कुछ बुलवाने में लगे थे । बेटा ये कौन हैं...पाप्पा...ये सुन पिता बलिहारी हुये जा रहे थे सभी... Hindi · लघु कथा 3 251 Share Mamta Singh Devaa 20 Jan 2021 · 1 min read भोग बहुत तकलीफ दी है तुमने अपनों को माफी माँगों उनसे कुछ तकलीफ कम होगी तुम्हारी , अन्यथा अंत बहुत खराब है पंडित कमला की कुंडली देख बोला जा रहा था... Hindi · लघु कथा 3 7 273 Share Mamta Singh Devaa 13 Jan 2021 · 1 min read ' कोयला बनाम हीरा ' तुम इतना जल कर क्या करोगे अपने रंग को और ज्यादा गहरा करोगे , क्या कहा ? रंग तुम्हारा साफ है लेकिन हरकतें तो बड़ी मज़ाक हैं , हर बात... Hindi · कविता 2 6 255 Share Mamta Singh Devaa 13 Jan 2021 · 1 min read ' तीसरा बम ' बात सन 1990 के आसपास की है नई - नई शादी हुई थी मेरी अरे मैं यानी सयुंक्ता । ससुराल में कंप्यूटर का कारोबार...कंप्यूटर इस नाम से भी उस वक्त... Hindi · लघु कथा 2 2 315 Share Mamta Singh Devaa 2 Jan 2021 · 1 min read " 2020 / 2021 " सभी आदरणीय एवं प्रिय जनों को नये साल की बहुत बहुत बधाई...पिछला साल याद रखते हुये कोई भी ये नही भूले की कोरोना गया नही बल्कि और भी शक्तिशाली रूप... Hindi · कविता 2 6 299 Share Previous Page 3 Next