Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2021 · 1 min read

दीपक

दीप उजास
परिस्थिति अंजान
तले तमस ,

नाजुक बाती
अंधियारा सघन
मन अडिग ,

दीया – दीपक
दीप्तिमान जगत
ओज – आलोक ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 19/03/2021 )

Language: Hindi
2 Likes · 259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
Sandeep Pande
LIFE has many different chapters. One bad chapter does not m
LIFE has many different chapters. One bad chapter does not m
आकांक्षा राय
गुनो सार जीवन का...
गुनो सार जीवन का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Wishing you a Diwali filled with love, laughter, and the swe
Lohit Tamta
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Augmented Reality: Unveiling its Transformative Prospects
Shyam Sundar Subramanian
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
Ravi Prakash
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
इंसानियत
इंसानियत
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
" दीया सलाई की शमा"
Pushpraj Anant
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
#वंदन_अभिनंदन
#वंदन_अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार क्या है
प्यार क्या है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
दबी जुबान में क्यों बोलते हो?
Manoj Mahato
तुम ख्वाब हो।
तुम ख्वाब हो।
Taj Mohammad
सर्वंश दानी
सर्वंश दानी
Satish Srijan
आ रहे हैं बुद्ध
आ रहे हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...