लक्ष्मी सिंह 1035 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2018 · 1 min read देखो आई होली ???? आनंद उमंग संग लाए, रास रंग रंगोली.। धरती अंबर लाल हुए, देखो आई होली । बज उठी कान्हा की बंसी, नाचे राधा प्यारी । आओ मिल प्रेम रंग बाँटे,... Hindi · गीत · होली 1 227 Share लक्ष्मी सिंह 25 Feb 2018 · 1 min read मुस्कान ? ? ? ? मानव जीवन का सच्चा प्यार है मुस्कान। चेहरे का बढ़ाता श्रृंगार है मुस्कान। ओठों पर दबी हुई इकरार है मुस्कान, कभी-कभी बन जाती इनकार है मुस्कान।... Hindi · मुक्तक 237 Share लक्ष्मी सिंह 25 Feb 2018 · 1 min read होली ? ? ? ? ? तरह-तरह के रंगों वाली फिर से आयी होली। रंग गुलाल हाथ लिए निकली मस्तों की टोली। स्वागत में बजते हैं ढोल, तबले, चंग, सारंगी, गोरी... Hindi · मुक्तक 343 Share लक्ष्मी सिंह 22 Feb 2018 · 2 min read प्रेम ? ? ? ? ? पीकर प्याला प्रेम का, मैं तो हुई मलंग। मतवाली बन डोलती, जैसे उड़े पतंग।। १ दीपक उर में प्रेम की, फिजा हुई सतरंग। बगिया मेरी... Hindi · दोहा · प्रेम 419 Share लक्ष्मी सिंह 22 Feb 2018 · 1 min read ऋतु वसंत की आई है ? ? ? ? सुरभित स्वर्ण मुकुट पहने मधुकर सुषमा छाई है। बासंती परिधान पहन , ऋतु वसंत की आई है। आनंद उमंग संग में, भर जीवन आलिंगन में। मस्ती... Hindi · गीत · बसंत 365 Share लक्ष्मी सिंह 21 Feb 2018 · 1 min read हो यदि संभव प्रियवर ? ? ? ? हो यदि संभव प्रियवर तो, मेरे संग-संग डोलिए। कर्ण में घोले मधुर रस, प्रिय ऐसी वाणी बोलिए। छोड़ कर उन्मुक्त मन को, प्रिय प्यार से मुझे... Hindi · मुक्तक 419 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2018 · 1 min read पराग ???? बन पराग पथ में बिछ जाऊँ मैं । जीवन स्पंदन बन जाऊँ मैं । जैसे सुगंध रहता चंदन में, वैसे ही तुझ में घुल जाऊँ मैं। ? ? ?... Hindi · मुक्तक 290 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2018 · 1 min read महुआ ? ? ? ? महुआ मादकता भरा, मधुकर मदिर सुगंध। प्रेम पथिक प्यासा फिरे, प्रिय पागल प्रेमांध।। १ भोजन गरीब का रहा, खाते किशमिश मान। रहा जन्म से मरण तक... Hindi · दोहा 350 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2018 · 1 min read वसंत ? ? ? ? कण-कण सुरभित रस भरा, मधुरिम हुए दिगंत। चहुँ दिश कुसुमित यह धरा, सुषमा सरस वसंत।। १ रंग-बिरंगे फूल के, पहने हुए लिबास। रंग बसंती आ गया,... Hindi · दोहा · वसंत 399 Share लक्ष्मी सिंह 17 Feb 2018 · 1 min read तुम क्या जानो ? ? ? ? तड़प किसे कहते हैं प्रियवर, मैं जानूँ , तुम क्या जानो? दिल पर कितने चुभते नश्तर, मैं जानूँ , तुम क्या जानो? गम के बादल उमड़-घुमड़... Hindi · मुक्तक 352 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2018 · 3 min read महुआ बसंत ऋतु का आगमन और महुआ का जिक्र ना हो तो सब कितना अधुरा-सा लगता है। महुआ वृक्ष की महिमा प्राचीन काल में भी रही है। वर्तमान में महुआ से... Hindi · लेख 1 573 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2018 · 1 min read अाशाओं के दीप जलाओ ????? आशाओं के दीप जलाओ। घृणा-द्वेष तम दूर भगाओ। ममता, समता, मानवता का, हर आँगन में पुष्प खिलाओ। ????-लक्ष्मी सिंह ?☺ Hindi · मुक्तक 159 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2018 · 1 min read मष्तिष्क ?????? क्षीर कलश अन्तःचेतना का ज्ञान। मष्तिष्क है विशाल सागर महान। जिसके भीतर अनन्त चीजे छिपी, विचार भावनाएं लहर के समान। ????—लक्ष्मी सिंह ?☺ Hindi · मुक्तक 131 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2018 · 1 min read इस रिश्ते में एक अलग अहसास है ???? इस रिश्ते में एक अलग अहसास है। थोड़ा सा खार है थोड़ा मिठास है। एक अनोखा रिश्ता है ये हमारा जैसे पानी के संग-संग प्यास है। ????—लक्ष्मी सिंह ?☺ Hindi · मुक्तक 302 Share लक्ष्मी सिंह 15 Feb 2018 · 1 min read चाॅक्लेट (बाल कविता) ? ? ? ? रंग-बिरंगी रैपर में लिपटी, चाॅक्लेट भला किसे नहीं भाती। नाना - नानी, दादा-दादी, सबके मुँह में पानी लाती। चाॅक्लेट देखकर जी ना माने। खाते रहते कर-कर... Hindi · कविता · बाल कविता 369 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read दिन दुनिया से बेखबर यूँ नशे का परस्तार कौन ????? दिन दुनिया से बेख़बर, यूँ नशे का परस्तार कौन है। इतनी दिलगीर अंधेरी रात में ये बेदार कौन है। पहनकर वनमानुष का खदो-खाल मुंह बिचकाये, कमर में बाँधकर मियान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 386 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read सरस्वती वंदना ????? शांत-सजल -शीतल-सरल, ज्ञान दायिनी मात। वर दे माँ पाये तुझे, भजे तुझे दिन-रात।। १ साहस, संयम, विमल मति, उर में भर दो ज्ञान। हे माँ हमको शक्ति दो, दो... Hindi · दोहा · वंदना · स्तुति 2 3k Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read नये साल की पहली बारिश नये साल की पहली बारिश, नूतन खुशियाँ लेकर आई। नई उमंगें नई तरंगें, नई-नई उम्मीदें लाई। पुष्प-लता हर्षित पुलकित है, ऋतु वसंत ने ली अँगड़ाई। पीली दुल्हन बनी धरा है,... Hindi · गीत 300 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read गणतंत्र दिवस ???? गणतंत्र दिवस पर मिलजुल कर, चलो तिरंगा फहराये। भारत माता की जय गाकर, चलो तिरंगा फहराये। नमन करे वीर सपूतों को, आजादी परवानों को, गर्व मुझे मेरे भारत पर,... Hindi · मुक्तक 1 288 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read ये तिरंगा ? ? ? ? ये तिरंगा दिल की धड़कन, ये हमारी जान है। ये बल पौरूष सदियों का, ये सकल जहान है। पवित्र, सौम्य, शांति की शिखा, तार-तार में गुथा,... Hindi · मुक्तक 134 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मन मुरझाया ? ? ? ? ? ? सूख गई कोमल सी काया, मन मुरझाया। चारों ओर घोर तम छाया, मन मुरझाया। कोमल मन पर घाव कटीले, चुभते सारे, गहन वेदना गम... Hindi · मुक्तक 164 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 2 min read प्रिय विरह - १ ? ? ? ? ? ? साजन मैं किससे कहूँ, अन्तर्मन की बात। पल युग जैसे बीतते, कटें नहीं दिन - रात।। १ अंतर्मन में ली सँजो , पिया मिलन... Hindi · दोहा · विरह 553 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये। ? ? ? ? ? यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये। हम दिल की पीड़ा अश्क से धोते चले गये।। बड़ी ही बेरहमी से जज्बातों का कत्ल कर, हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read शिव ? ? ? ? शिव सदाशिव औघढ़दानी भक्ति-मुक्ति के दाता है। करुणा के अवतार हैं शिव, मृत्यु के अधिष्ठाता हैं। आदि-अनादि, अनंत-अखंड, सगुण साकार ब्रह्म रूप महामृत्युंजय महाकाल शंभू विश्वविधाता... Hindi · मुक्तक 324 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read शिव शंकर ? ? ? ? मेरे तन- मन में सदा , शिव शंकर का वास। उसके बिन जग में नहीं, कहीं किसी से आस।।१। जगत पिता संसार के, शिव शंकर भगवान।... Hindi · दोहा · वंदना · स्तुति 1 1 382 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read ॐ नमः शिवाय। ? ? ? ? भक्ति भाव से नित दिन प्राणी, जप लो ॐ नमः शिवाय। शिव शंकर का महामंत्र है, जीवन मुक्ति का उपाय। हर संकट में यह नाम जपो,... Hindi · मुक्तक 332 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read तिमिर ? ? ? ? ? सदैव ही जिसके हृदय, होता प्रभु का वास। ताप - तिमिर का तनिक भी, उसे नहीं आभास।। १। पाप तिमिर सब मिट गया, फैला सत्य... Hindi · दोहा 192 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read चंद्र ग्रहण ? ? ? ? ? आज चाँदनी रो रही, चाँद हुआ है ग्रास। गहन अँधेरा हो गया, व्याकुल गगन उदास।।१। मनोदशा सबसे गहन, चंद्र ग्रहण की रात। आज सखी किससे... Hindi · दोहा 210 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read युवा वर्ग ? ? ? ? युवा वर्ग तो आज कल, झूठा करें प्रपोज। बदले कपड़ों की तरह,अपना साथी रोज।। १। युवा वर्ग में आज कल, पागलपन की होड़। संस्कारों को भूलकर,... Hindi · दोहा 326 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read गुलाब ? ? ? ? ऋतु राज का दूत बनकर, आया गुलाब। प्रेम का संदेश लेकर, आया गुलाब। रंग-रूप, रस-गंध लिए, शूल में खिला, जीवन प्रतीक शुभ मधुकर, आया गुलाब। ?... Hindi · मुक्तक 134 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read गुलाब ? ? ?? ? सुमनों में प्यारा सुमन, कोमल नर्म गुलाब। मंत्र-मुग्ध मन को करे, खुश्बू का सैलाब ।। 1। लाक्षा, पाटल, शतदली, तरह-तरह के नाम। गुणकारी गुलाब बहुत, इत्र... Hindi · दोहा 302 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 2 min read गंगा है पवित्र पावन नदी, गंगा जिसका नाम। बदली निर्मल नीर की, लेती नहीं विराम।। गंगा गरिमा देश की,कल-कल करे निनाद। भारत माँ की वंदना, करती भर उन्माद।। आदिकाल से बह... Hindi · दोहा 253 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट (5) ? ? ? ? धन-धान्य वैभव को जिसने दोनों हाथों से समेटा है । सिवा दुग्ध सी मृदु शैया पर कभी नहीं जो लेटा है । देखो तो आज वही... Hindi · मुक्तक 1 336 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट( 4) ? ? ? ? माया तेरी चेरी है अद्भुत तेरा सामर्थ्य है। किन्तु एक सीमा है तेरी तू जीव एक मर्त्य है। वैश्वानर के सर्वस्वाहा हवन हुआ मरघट में, हर... Hindi · मुक्तक 386 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट (3) ? ? ? ? चारों तरफ रहस्य का साया, मूक धरा घना सन्नाटा पाले हैं । घोरी-अघोरी तांत्रिक तंत्र क्रियाएँ घोर साधना वाले हैं । बुझी चिंताये, भस्म, अस्थियाँ, जली... Hindi · मुक्तक 323 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read मरघट (2) ? ? ? ? प्राण पखेरू क्षण में उड़ गया ,रह गया काया कंचन है। मुंद गयी अखियाँ, झड़ गयी पखियाँ, लगा वियोगी अंजन है । गंगा जल स्नान कराया,... Hindi · मुक्तक 243 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 1 min read दिल्ली का प्रदूषण ????? दिल्ली का मत पूछिए, क्या बतलाये हाल। चलती जहरीली हवा, हर कोई बेहाल।। 1 वायु प्रदूषण बढ़ गया, धूल-धुआँ का राज। तेजी से घुलने लगा, जहर साँस में आज।... Hindi · दोहा 262 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 1 min read दोहे मेरे मन के ????? टूट रही हैं ख्वाहिशें, बुझे हुए हालात। वक्त बताता है यहाँ, किसकी क्या औकात।। १ जब भी की हमने यहाँ, सच्ची सीधी बात। लोग हमे कहने लगे, ये औरत... Hindi · दोहा 667 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 2 min read शाम सुहानी विधा - दोहा छंद ?????? शाम सुहानी दे रही, प्यार भरा पैगाम। कुछ-पल बैठे साथ में, इक-दूजे को थाम।। 1 जीवन भर यूँ ही बहे, प्यार भरी यह नाव। तेरे... Hindi · दोहा · प्रेम 2 1 597 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 3 min read स्वाति ?स्वाति ? स्वाति बचपन से यही देखती आई है, कि उसकी माँ कभी भी किसी भी भिखारी को खाली हाथ नहीं जाने देती थी। किसी को पापा के, भाई के... Hindi · लघु कथा 1 582 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 1 min read मकरसक्रांती ????? मकर राशि में सूर्य जब, करने लगे प्रवेश। पर्व मकर संक्रांति का, दे जाते संदेश।। 1 सूर्य मकर संक्रांति का, झिलमिल दिखी उजास। छोटे दिन बढ़ने लगे, हुआ सुखद... Hindi · दोहा 371 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read हर हर किसी बात का जवाब नहीं होता है ??????? हर किसी बात का जवाब नहीं होता है। हर नशे का नाम #शराब नहीं होता है। टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते, जो झुक जाये वो #नवाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read ना जफा कहिये ना खफा कहिये ?????? ना जफा कहिये ना खफा कहिये। कहिये - कहिये मुझे बला कहिये। बर्बाद ख्वाहिशें बिखरा सपना, दर्दे- दिल गमों से भरा कहिये। प्यार मुहब्बत सब कहाँ खो गई, दिलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read बादल और स्त्री ???? कभी घिरते बादल और स्त्री को पढ़ा है। दोनों का चरित्र एक सा ही गढ़ा है। वे नारी सन्दर्भों की रागात्मकता है। नारी जीवन की जीवंतता है,सार्थकता है। वे... Hindi · कविता 1 565 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read एक तरफा प्यार ?????? एक तरफा ही सही प्यार तो प्यार होता है। किसी को हो ना हो उसे बेशुमार होता है। इतना ऐतबार अपनी धड़कनों पर भी नहीं, जितना उसकी बातों पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read दोस्ती ???? दर्पण सम है दोस्ती, नहीं बोलता झूठ। जीवन तन्हा सा लगे, गया दोस्त जब रूठ।। 1 मात-पिता, भाई - बहन, ये रिश्ते हैं खास। लगे दोस्ती का मगर ,... Hindi · दोहा 396 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत होती है ??????? तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत होती है। इक तेरे रूठ जाने से मुसीबत होती है। डाल ली आदत गमों में मुस्कुराने की, जिन्दा आदमी की ही तो आदत होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 290 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read मरघट ????? क्रन्दन करूण स्वर वेद ध्वनि अखण्ड है मरघट । ना मोह - माया, ममता ना उदण्ड है मरघट । अंतिम ठहराव चिर शान्तिमय एक विश्राम स्थल, नित शव चिता... Hindi · मुक्तक 286 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read श्रम ?????? श्रम का फल मिलकर रहे, लगती थोड़ी देर। फल इतना मीठा लगे, फीके लगते बेर।। श्रम के दोनों हाथ पर, नाच रहा संसार। जीवन भट्ठी में जले, इस श्रम... Hindi · दोहा 426 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read मासूम बचपन की बातें पुरानी ????? मासूम बचपन की बातें पुरानी। नहीं भूल सकता मैं वो जिन्दगानी। वो गुड़िया, खिलौना धरौंदे बनाना, वो मासूम सी चाहत की निशानी। कड़ी धूप में मेरा तितली पकड़ना, बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 387 Share Previous Page 15 Next