DR.MDHU TRIVEDI Language: Hindi 796 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 15 Next DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2016 · 1 min read अर्पित है मन समर्पित है मन अर्पित है . लिखने को एक नई मधुशाला. साकी कैसे कैसे लिखूं मै तू. बतलाना मुझको आज फिर तू. एक रहस्य नया उडेल दू मै. बनाने... Hindi · कविता 72 343 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 2 min read खुदा की अनुपम कृति स्त्री खुदा ने संसार में आकर्षण - विकर्षण का जो जाल रचा उसके पीछे प्रभु की इच्छा जीवन को सरल - सरस एवं जीने योग्य बना देना है यदि जीवन के... Hindi · लेख 67 543 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 1 min read कलम सूरज की पहली किरण के साथ कुछ कहने को कुछ लिखने को लालायित मैं उत्साहित हो उठी पर कलम चुप थी कुछ दुनियाँदारी के बोझ तले मैं कुछ अप्रकट अहसासों... Hindi · कविता 70 385 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 1 min read भारत भूमि के लाल जाया भारतभूमि ने दो लालों को वो गाँधी और लाल बहादुर कहलाये बन अलौकिक अनुपम विभूति भारत और विश्व की शान कहलाये दो अक्टूबर का यह शुभ दिन आया विश्व... Hindi · कविता 71 1 562 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 1 min read समर्पण मृदु मंद मुस्काँ अधरों की रक्तवर्णी चेहरे को उष्णता देती कोरों के झरोखों से झाँक मौन आत्मसमर्पण कर कहती दूर तुम इतने हो मुझसे प्रिय जितना दूर यह गगन जमीं... Hindi · कविता 72 575 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Oct 2016 · 1 min read तकिया खूबसूरत दुनियाँ में आने से पहले माँ का गर्भ ही मेरा मात्र तकिया था किसी शहनशाह के तख्तेताऊस सा वो सर्वदा ऊँचा मुझे लगा करता था स्मृतियाँ अस्तित्व की बुलबुलों... Hindi · कविता 72 436 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Oct 2016 · 1 min read जहाँ में चाँद सा ऊँचा नहीं है जहाँ में चाँद सा ऊँचा नहीं है सदा वो आसमाँ उजला नहीं है चला जाये सदा को छोड़ दुनियाँ जमीं ये घर कभी तेरा नहीं है कमाया पाप तूने जिन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 318 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Sep 2016 · 1 min read मुल्क ऐसा दुष्ट वो हैवान है मुल्क ऐसा दुष्ट वो हैवान है मौत से क्यों अपनी अंजान है वार चोरों सा हमेशा छिप करे जो किसी शैतान की पहचान है रोज लोगों को करे बर्बाद वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 323 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2016 · 1 min read इज्जत करना तू सीख जरा जाँ यह मेरी कुरबान नहीं दिल में कोई अरमान नहीं मिली किराये पर गिनीचुनी इन साँसों का कप्तान नहीं पता नहीं कहाँ चला जाये कोई धरती पर मेहमान नहीं क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 72 426 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2016 · 1 min read नजरअंदाज मत करो जो आम होते है नजर अन्दाज मत करो जो आम होते है पड़े जब वक्त वो ही तब हमारे काम होते है सलाहें भी बहुत महंगी मिलेगी रोज लोगों से मगर जब मान कहना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 1 324 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2016 · 1 min read शेर लाल माँ के मार दीये कायरों से आज फिर छीन ली मुसकाँ जवानों के घरों से आज फिर गोद माँ की छोड़ कर जो इस जहाँ से अब चले बीतती... Hindi · शेर 73 358 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2016 · 1 min read देख चाँद गगन का देख चॉद गगन से मुझे यूँ कहने लगा इशारे इशारों में ही मुझे बुलाने लगा आ जाओ अब छोड़ कर धरती तुम कह कर चाँद इतना घूरने यूँ ही लगा... Hindi · कविता 72 519 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2016 · 1 min read लाल माँ का यूँ ही मारा जायेगा लाल माँ का यूँ ही मारा जाएगा देश से केवल ये देखा जायेगा देखती जब लाल लिपटे तिरंगे एक माँ का चीर सीना जाएगा मौत वीरों की मरेगा आज फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 566 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read हर सुबह को आता है नींद से जगा देना हर सुबह को आता है नींद से जगा देना सत्य को भी आता इंसान को सजा देना जिन्दगी की बगियाँ को फूल से खिला देना बीज चाह के बो सरगम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 364 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read जी” का काव्य में प्रयोग ‘ तुम आवाज दे बुलाते सूनो जी मैं जबाब देती जी कहती बोलो जी कितना प्रिय लगता जी कहना हाँ जी में जी मिलाना फिर एक मौन मैं कहती कहो... Hindi · कविता 73 377 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 4 min read पितरो का श्राद्ध कर्म श्राद्ध कर्म क्या है ----- ---------------------- "दीयते यत् , तत् श्राद्धम्’ श्राद्ध कर्म" अर्थात वह कर्म जो पितरों की तृप्ति के लिए श्रद्धा और विश्वास से किया जाता है उसे "श्राद्ध... Hindi · लेख 68 703 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read जारी है अस्मत इनकी तार -तार करना जारी है रूह इक पर अनगिनत जिस्म पुजारी है आत्म नर पिशाचों का गंदगी में खो गया खेल जो परदें के पीछें नारी यहीं हारी... Hindi · मुक्तक 71 320 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read विधुर बाप विधुर बाप विधुर बाप निर्बल ,असहाय बेचारा सा होता है है अगर छोटी -छोटी गुडिया तो किस्मत का मारा होता है है अबोध ,अनजान शिशु तो माँ जैसा ही दुलारा... Hindi · कविता 73 437 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read मान नहीं यार नही तो मान नहीं है प्यार नहीं तो शान नहीं है प्रिय मेरा साथ न हो फिर से घर में कोई भी जान नहीं है निभने में आती बाधाएँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 325 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read जानते है मुहब्बत को जताना जानते है तुझे दिल में छिपाना जानते है कभी कहना न मानो बात का तो समय ऐसे सताना जानते है करो जब हसरतें पूरी हमारी तुझे तब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 662 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read आसमां बुलाता है आसमां बुलाता करता, हमें इशारे भी छोड़ के जमीं को आ , लोक यह पुकारे भी याद तू करा जाये , छोड़ जब यहाँ आये समय बाद भूले तुझको ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 554 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read चाह चाह है आज कुछ लिखूँ तुम पर पर क्या कविता ,छन्द या दोहा कविता से भी सरस तुम मुक्तक से स्वच्छन्द तुम चाह है कुछ लिखूँ तुम मेरे प्रिय हो... Hindi · कविता 73 399 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read मुहब्बत है सलोने ख्याव को हर पल सजाये मुहब्बत है तभी तों जिन्दगी में बस मुसीबत ही मुसीबत है लहू से कर बगावत जब जवानी ये चली आती छुअन भर से बड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 1 478 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read आने से आ गई ये बहार आने से अब मिली है खुशी हँसाने से फूल मुसकाँ सजा रहे तेरी ये नशा है तुझे पटाने से आ रहा पास रोज तू मेरे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 70 299 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read कभी वक्त वापस वो चला आया कभी घाव सारे दे गया ताजा कभी फिर चमन तुमसे प्रश्न पूछे यहीं तू न क्यों वापस चला आया कभी खून तेरा जब बहेगा आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 68 527 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read चाहते है सभी रिश्ते निभाना चाहते है तुझे अपना बनाना चाहते कदम तेरा हमेशा हो सही ही नया दीपक अब दिखाना चाहते है सभी की जिन्दगी हो फिर रंगीँ सी जमीं पर... Hindi · कविता 71 302 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read पितृ पक्ष हाइकू पक्ष पितृ में याद उनको आप कर लीजिये 2 क्वार माह में आये घर हमारे पूजा कीजिये 3 अर्चना कर ले आशीष उनका तृप्त कीजिये 4 धरा पर वे... Hindi · हाइकु 71 1 485 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read बागबाँ हो जाता है पढ बच्चन की मधुशाला मन बागबां हो जाता है पढ बच्चन की मधुशाला ख्याब नया मैं बन जाता है पी बच्चन की मधुशाला भाव विभोर मैं हो जाता हूँ पी... Hindi · कविता 72 311 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read मुक्तक जब पुकारेगा खुदा सब कुछ धरा रह जायेगा छोड़ दुनियाँ रूह से अपनी जुदा रह जायेगा रुप अपना तू निखारे देख कर के आयना एक तेरा रेत का महल ढला... Hindi · मुक्तक 70 557 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Sep 2016 · 1 min read --मजदूर -- मैं मजदूर हूँ वक्त का मारा सताया हुआ दुर्दिन्ता के दिन देखे बडे करीब से ये ऊँचे महल जिनमें बचपन बीता तुम्हारा बनाये ईट पर ईट रखकर मैने ये जाडों... Hindi · कविता 73 525 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Sep 2016 · 1 min read कब तक चुप रहेगें उरी आर्मी बेस हमले पर कब तक चुप रहोगे कितना गम खाओगें जाँबाज हमारे मरते है दिल्ली चुप ही रहता है कभी समुद्री राह टेरते कभी सरे आम सिर काटते... Hindi · कविता 73 401 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Sep 2016 · 1 min read कोन समझाये कोन समझाये इस जवानी को शर्म आयेगी खानदानी को गर सँभल तुम सके न देख कर वक्त छोड़ेगा तब निशानी को देश की देखरेख कैसे हो जब डसे साँप राजधानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 703 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Sep 2016 · 1 min read हमारा हुआ कभी क्यों न कोई हमारा हुआ है जहाँ में न मेरा जमाना हुआ है भरोसा नहीं हो रहा आज हमको मुझे आज शायद ये धोखा हुआ है बहुत प्यार उसको... Hindi · कविता 73 2 361 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Sep 2016 · 1 min read सजा दें मुहब्बत दिखा जब किसी से फँसा है कभी क्यों न उसको जरा सी सजा दें दुखाया किसी का कभी दिल न तूने दुआ को सभी की सदा ही फला दें... Hindi · शेर 73 389 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Sep 2016 · 1 min read रह जायेगा जब पुकारेगा खुदा सब कुछ धरा रह जायेगा छोड़ दुनियाँ रूह से अपनी जुदा रह जायेगा रुप अपना तू निखारे देख कर के आयना एक तेरा रेत का महल ढला... Hindi · मुक्तक 70 332 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Sep 2016 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना दवाओं में नहीं दुआओं में ही फलती है प्रार्थना देवता नहीं यहाँ पत्थरों में ही फलती है प्रार्थना जमीन पर उतर आतें है जब रख मनुज का रूप राम... Hindi · कविता 72 587 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Sep 2016 · 1 min read चाँद (हाइकू ) 1 चाँद पर मैं बना के एक बस्ती संग रहूँगी 2 कर सिंगार झिलमिल तारों काँ मुस्कराऊँ मै 3 श्वेतवर्णी हो धवल चन्दिका में आसमां साफ 4 चाँद आगोश में... Hindi · हाइकु 72 554 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Sep 2016 · 1 min read संवेदना जग धरती पर ऐसा भी है होता वेदना उतर कर पॉव पसारती संवेदना व्यक्ति की नग्न हो जाती देख विकलता मन है मर जाता दया ,ममता ,करूणा कहाँ है जाती... Hindi · कविता 74 405 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Sep 2016 · 1 min read दो चार करेंगे हम आपसे आँखे फिर दो चार करेंगे हर रोज नये रूप में स्वीकार करेंगे फेरे हमने सात लगाये संग तेरे तेरे पर हम तो फिर से ही अधिकार करेंगे गर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 69 772 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Sep 2016 · 1 min read जारी है अस्मत इनकी तार -तार करना जारी है रूह इक पर अनगिनत जिस्म पुजारी है आत्म नर पिशाचों का गंदगी में खो गया खेल जो परदें के पीछें नारी यहीं हारी... Hindi · मुक्तक 69 376 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Sep 2016 · 1 min read मैं हिंदी -हिन्दी मैं हिंदी - हिंदी ✍✍✍✍ मै हिन्दी हिन्दी गाऊँ विश्व गुरू कहलाऊँ मै हिन्दी हिन्दी गाऊँ कुछ कह कर इतराऊँ मैं हिन्दी हिन्दी ------- मैं हिंदी हिंदी बोलूँ भाषा की... Hindi · कविता 69 425 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Sep 2016 · 2 min read मैं हिंदी हूँ मैं हिंदी हूँ ✍✍✍✍ मैं हिन्दी हूँ ,मैं हिन्दी हूँ भारत माँ के माथे की बिन्दी हूँ हिन्दी मेरी सखि सखा प्रियतम है मेरी चिर संग संगिनी अंगनि है निखर... Hindi · कविता 69 1 2k Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read क्यों मिली है क्यों मिली है आज ये तन्हाइयाँ जो चलाये दिल पे मेरे छुरियाँ हुश्न तेरा जो निखरता ही गया क्योंकि थी इस प्यार में गहराईयाँ तुम चले जाते कहाँ दिल समा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 71 441 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read तुम मेरी सखी हो तुम मेरी सखी हो सखी हो या सनेही तुम जो भी हो मेरी छाया हो क्योंकि तुम मेरी सखी हो मेरे सोते जागते उठते बैठते साथ मेरे रहती हो क्योंकि... Hindi · कविता 72 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read मैं नहीं शब्द शिल्पी मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी जो शब्दों की ग्रन्थमाला गूथू लिख साहित्य की विविध विधाए गधकार कहानीकार मुक्ततकार और अनेकानेक कार कहलाऊ मैं नहीं कोई शब्द शिल्पी जो देख निकलते... Hindi · कविता 73 933 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read आँखे आँखे कैसे कहूँ आँखों की बात देखूँ तो लगे झील की गहराई स्वप्न सी सच्चाई एक मधुशाला सी प्रेम की पाठशाला सी नृत्य की रंगशाला सी आँखों मे न मिटने... Hindi · कविता 71 668 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read क्या लिखूँ आज कुछ लिखूँ तुम पर पर क्या लिखूँ कविता ,छन्द या दोहा कविता से सरस तुम मुक्तक से स्वच्छन्द तुम पर मैं क्या लिखूँ तुम मेरे प्रिय हो मुझे बडे... Hindi · कविता 71 597 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read ईश्वर ईश्वर है आस्था है विश्वास है पर कहाँ कब है नहीं पता है ईश्वर है मंदिर में,मस्जिद में काबा,कैलाश में घट घट कुम्भ में ईश्वर है तीर्थंकरों ने ढूढा योगियों... Hindi · कविता 72 473 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read इतराती सी इतराती सी पनघट को जाती बलखाती सी गागर धरे मटकाय कमर पनघट पे नटि सी चाल पूछत कोऊ हाल लगत माल अधखुले से नव विकसित से दिखत उर भरत जल... Hindi · हाइकु 71 573 Share DR.MDHU TRIVEDI 3 Sep 2016 · 1 min read रूह रूह एक दिन बदन से निकल जायेगी बस यूँ ही तकदीर सभल जायेगी किरण आसमा बन लपट जलं जायेगी नीचे वालों की क्यूं याद कल जायेगी नदियाँ बह चट्टान में... Hindi · कविता 73 756 Share Previous Page 15 Next