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3 Oct 2016 · 1 min read

भारत भूमि के लाल

जाया भारतभूमि ने दो लालों को
वो गाँधी और लाल बहादुर कहलाये
बन अलौकिक अनुपम विभूति
भारत और विश्व की शान कहलाये

दो अक्टूबर का यह शुभ दिन आया
विश्व इतिहास में पावन दिवस कहलाया
राष्टपिता बन गाँधी ने खूब नाम कमाया
लाल ने विश्व में भारत को जनवाया

सत्य अहिंसा के गाँधी थे पुजारी
जनमन के थे गांधी शांति दाता
दीन हीनों के थे गाँधी भाग्य विधाता
बिना तीर के थे गाँधी अस्त्रशस्त्र

चल के गाँधी ने साँची राह पर
देश के निज गौरव का मान बढाया
दो हजार सात वर्ष को अन्तर्राष्टीय
अहिंसा दिवस के रूप में मनवाया

शांति चुप रहना ही उनका हथियार था
भटकी जनता को राह दिखाना संस्कार था
बन बच्चों के बापू उनके प्यारे थे
तो मेरे जैसों की आँखों के तारे थे

लालबहादुर गांधी डग से डग
मिलाकर चला करते थे
एक नहीं हजारों को साथ ले चलते थे
राह दिखाते हुए फिरंगियों को दूर करते

फिरंगी भी भास गये इस बात को
अन्याय अनीति नही अब चलने वाला
अब तो छोड़ जाना होगा ही कर
हवाले देश गाँधी जी को ही

गाँधी जी नहीं है आज हमारे बीच
फिर हम रोज कुचल देते है उनकी
आत्मा और कहलाते है नीच
आत्मा है केवल किताबों में बन्द

अपना कर गाँधी बहादुर का आदर्श
हम देश को बचा सकते है
घात लगाये गिद्ध कौऔं से लुटने
से हमेशा बचा सकते है

– डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
71 Likes · 1 Comment · 503 Views
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