Santosh Shrivastava Language: Hindi 724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 13 Next Santosh Shrivastava 8 Feb 2019 · 1 min read वह पागल औरत पागल औरत चौराहे पर हंगामा हो रहा था लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे : " न जाने किसका पाप पेट में पाले घुम रही थी यह पागल... Hindi · लघु कथा 552 Share Santosh Shrivastava 7 Feb 2019 · 1 min read हरियाली और खुशहाली हरीभरी धरा लगती है सब को अच्छी कहती है ये जंगलों की कहानी सच्ची वन्यजीवों के हैं यहाँ के रहवासी पंछियों के उड़ते समूह यहाँ के वासी बारिश के आधार... Hindi · कविता 502 Share Santosh Shrivastava 7 Feb 2019 · 1 min read जिन्दगी में सवालों का घेरा जिन्दगी गुजर जाती है सवालों के जंजाल में ! बड़ी बेदर्द से जबाव मांगती है जिन्दगी हर सवाल का सवाल कभी यक्ष प्रश्न बन जाते है और हम जबावो के... Hindi · कविता 345 Share Santosh Shrivastava 6 Feb 2019 · 1 min read मत करो सफल साज़िशों को सफल दुश्मन होती है साजिशे दुनियां में भाई भाई को बांट देती है ये साजिशे शकुनि की साज़िशो के चलते करा डाला था उसने महाभारत स्वविवेक और समझदारी की जरूरत है... Hindi · कविता 202 Share Santosh Shrivastava 6 Feb 2019 · 1 min read जिन्दगी की डोर जब तलक जुड़ी हैं जिन्दगी , सांस से उड़ती है पतंग आसमां में अनजान जगह अनजानों के बीच उड़ती है पतंग बैरानी सी आसमां में देखती आसमां से पतंग दुनियां... Hindi · कविता 417 Share Santosh Shrivastava 5 Feb 2019 · 1 min read चाँद है तो शीतलता है रात के अंधेरे में मैंने पूछा चाँद से कहाँ भटक रहे हो चाँद कहा प्यार से भटको को दिखाता रहा हूँ राह दिनभर की तपन से दिला रहा हूँ राहत... Hindi · कविता 246 Share Santosh Shrivastava 5 Feb 2019 · 1 min read जय विज्ञान जय जवान जय किसान के बाद अब हुआ है जय विज्ञान का उद्घोष जब हुआ तीनों का साथ देश का हुआ चहुंओर विकास और हुऐ मजबूत हाथ विज्ञान की जरूरत... Hindi · कविता 674 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read दरिन्दे वो मासूम थी सामने दरिन्दा था किया उसने कराटे का वार वो हुआ धराशायी चीख कर भागी मासूम सीखे सब बेटियाँ इसी तरह के वार दरिन्दे जाऐगे इसी तरह सब... Hindi · मुक्तक 484 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read सब कुछ खत्म (क्षणिका) 1 बंद कमरा मारपीट की आवाजे औरत की चीख सब कुछ खत्म 2 मस्ती में युगल तेज रफ्तार एक चीख और सब कुछ खत्म स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 350 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read दुश्वारियां मासूम चेहरे पर हो जब मुस्कान खिलने गले फूल महके क्यारियाँ मिले जब हक बराबरी का आसमां छूए ये नारियाँ अब गिला शिकवा काहे का है मिट गयी जब दुश्वारियां... Hindi · मुक्तक 189 Share Santosh Shrivastava 4 Feb 2019 · 1 min read अजब तेरी कहानी कागज क्या लिखूं तेरे बारे में कागज जितना लिखूं उतना है कम कागज बचपन बीता नाव बना पानी में बहाते तुझे कागज तो कभी हवाई जहाज बना उडते सपनों में कागज... Hindi · कविता 219 Share Santosh Shrivastava 3 Feb 2019 · 2 min read बाबू जी की मुस्कान "संध्या ने अपनी पूरी जिन्दगी घर के देखभाल और घर को बनाने में गुजार दी । मैं तो बस आफिस में चपरासी था । इस तनख़्वाह में दो बच्चों का... Hindi · कहानी 643 Share Santosh Shrivastava 2 Feb 2019 · 1 min read बालमन और नटखट यादें बचपन के वो खिलोने कन्चे , गिल्ली डंडे, चपेटे, चक्की और चूल्हा शादी गुड्डे-गुड़िया की राधा बनी दुल्हन और किसन बने है दूल्हा राधा किसन की जौडी निराली लागे सबको... Hindi · कविता · बाल कविता 245 Share Santosh Shrivastava 1 Feb 2019 · 2 min read बेटा दामाद " बाबू जी मुझे रिटायर हुए तीन साल हो गये मेरी पेंशन अभी तक नही बनी बाबू जी बडी परेशानी में हूँ।" रामलाल हाथ जोड़ कर पेन्शन प्रकरण डील करने... Hindi · लघु कथा 1 1 500 Share Santosh Shrivastava 1 Feb 2019 · 1 min read सफर इन्सानियत का हे इन्सान तू इन्सान बन कर रहना सीख फरेब , चापलूसी जो कूट कूट कर भरी है तुझ में उससे निकल और इन्सानियत से जीना सीख ईश्वर ने दिया है... Hindi · कविता 183 Share Santosh Shrivastava 31 Jan 2019 · 1 min read हौसला गगन में उड़ने की चाह थी उसकी बैठा खिडकी के पास देखता गगन में उडते पंछी पर वह लाचार था पैरों से था असहाय मन का था पक्का वह ठान... Hindi · कविता 205 Share Santosh Shrivastava 30 Jan 2019 · 1 min read रंगीली दुनियां मन देखे आसमां में दिल रंगीन हो जाए उड़े सतरंगी चुनरिया जब ऊंची बदरिया पिया संग तब ठुमके दुल्हनिया रंगों की निराली दुनियाँ खुशियों संग हो तो रंगीली दुनियां दुःख... Hindi · कविता 308 Share Santosh Shrivastava 30 Jan 2019 · 1 min read नारी की लज्जा घूंघट लम्बा सफर तय किया है घूंघट तूने चेहरा न दिखे बस सबब था तेरा हर किसी ने बस चेहरा ढका दिया तेरा प्रश्न यह है चेहरा क्यो ढका है नारी... Hindi · कविता 646 Share Santosh Shrivastava 29 Jan 2019 · 1 min read आत्मनिर्भर पंछियों के बच्चे आत्मनिर्भर हो उड जाते हैं इन्सान के बच्चे जिन्दगीभर माँ बाप से पूछते है "तुमने किया ही क्या है हमारे लिए ?" Hindi · मुक्तक 204 Share Santosh Shrivastava 29 Jan 2019 · 1 min read महफ़ूज जिन्दगी मैं तो खुद पर हुकुमत करता हूँ इसलिए महफ़ूज रहता हूँ दूसरों पर हुकुमत करने वाले तो डरे से रहते है मेरा मौला मेरा सिपहसलार इसलिए महफ़ूज रहता हूँ किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share Santosh Shrivastava 29 Jan 2019 · 1 min read सार्थक वार्ता समझौता वार्ता है हर समस्या का समाधान सकारात्मक दृष्टिकोण से करो वार्ता चाहे बात देश की हो या परिवार की जब टूटता है आपसी सामंजस्य वैचारिक मतभेद उभरने लगते है... Hindi · कविता 235 Share Santosh Shrivastava 29 Jan 2019 · 1 min read चाहत आखें हँसती रहती हैं दिल उदास रहता है इस तरह मैं उसके करीब रहता हूँ किसी से कुछ कहता नही हूँ वह मुझसे दूर रहता है बहाना कुछ भी हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 530 Share Santosh Shrivastava 28 Jan 2019 · 1 min read बहुत हैं ख्बाईशे ख्बाईशे बहुत ज्यादा पाल रखी है मैने जानता हूँ जिन्दगी छोटी है और ख्बाईशे लम्बी हैं ख्वाइशों के लिए दिन रात भागता भटकता हूँ नहीं मिले तो , लूट खसोट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share Santosh Shrivastava 28 Jan 2019 · 1 min read बच्चों में संस्कार- दादी की पूजा आज भी भाती है वह पूजा दादी की पहले लड्डू गोपाल को नहलाना श्रृंगार करना टिका लगाना और आसन पर बैठाने फिर दादी के सामने लड्डू गोपाल का इठलाना मेवा... Hindi · कविता 1 339 Share Santosh Shrivastava 27 Jan 2019 · 1 min read मेरी जिन्दगी की कैताब मेरी जिन्दगी की किताब को गौर से पढ़िए करीबी सा लगूं मुझे दिल खोल के पढ़िए। अरसे से पड़ी बन्द किताब के पीले पन्नों में सूखे हुए फूलों में यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share Santosh Shrivastava 26 Jan 2019 · 1 min read सफर आजादी का कम न हो देशप्रेम का जज़्बा यह दिलों में बना रहे शत्रु के षड्यंत्र न हो कामयाब सतर्क हर एक हो रहना है इरादे हो हर भारतीय के मजबूत देशप्रेम... Hindi · कविता 216 Share Santosh Shrivastava 26 Jan 2019 · 1 min read वन्देमातरम हर भारतवासी का देश है ये तो यक्ष प्रश्न है ये अनेकता में भी एकता है तो धर्म का बंटवारा क्यो ? जाति का बंटवारा क्यो ? सम्प्रदाय का बंटवारा... Hindi · कविता 273 Share Santosh Shrivastava 25 Jan 2019 · 1 min read भारत तूझे नमन है (देशभक्ति कविता) जवान ने कभी हार न मानी देशभक्ति से सदा रहा सराबोर एक अकेला रह गया था एक चौकी पर वह शत्रुओ के बीच नहीं खोया उसने मनोबल भारत... Hindi · कविता 375 Share Santosh Shrivastava 24 Jan 2019 · 1 min read धरा तेरे रूप अनेक हरी भरी धरा हमारी रूप अनेक लिए हुए कभी जल से भरी भरी कभी पतझड़ से उड़ी उड़ी आया बसंत जो झूम के फुलवारी सी बनी धरा मनमोहक रंग के... Hindi · कविता 197 Share Santosh Shrivastava 24 Jan 2019 · 1 min read हे माँ तूझे सलाम जन्म लिया है भारत भू पर हमने कण कण में बसी है सोन्धी सुगंध हे भारत मा तूझे कोटी कोटी है नमन जन्म दिया है माँ तूने कण कण है... Hindi · कविता 267 Share Santosh Shrivastava 22 Jan 2019 · 1 min read बोझ के पहलू अनेक जब हो काम के प्रति उत्साह , लगन तो नहीं लगता बोझ वह माता पिता को नहीं लगते बोझ बच्चे वह रूखा सूखा खाते है पैदल चलते है गीले में... Hindi · कविता 1 255 Share Santosh Shrivastava 22 Jan 2019 · 1 min read कलम है जीवन्त समाज माँ सरस्वती की कर वंदना नमन करूँ शीश नाए फिर ले कलम हाथ में लेखन करूँ शुरूआए विचारों पर सीधा प्रहार करें कलम ऐसा हथियार देश समाज में लाए क्रान्ति... Hindi · कविता 206 Share Santosh Shrivastava 21 Jan 2019 · 1 min read चुनावी फंडे (हास्य) आया चुनाव का मौसम हर तरफ सदा बहार जाल बिछाऐ बैठे नेता फंसती जनता बेहाल जनता चुनाव में रानी है आश्वासन देख जाल में फंस जाती है पाँच साल फिर... Hindi · कविता 454 Share Santosh Shrivastava 21 Jan 2019 · 1 min read हमसफर के बिना अधूरी है जिन्दगी सफर जिन्दगी का बहुत मिलते है मुसाफिर जिन्दगी में कुछ चलते है साथ कुछ बिछड़ जाते है हमसफर के बिना अधूरी है जिन्दगी बहुत मिलते है मुसाफिर जिन्दगी में सिर्फ... Hindi · कविता 294 Share Santosh Shrivastava 21 Jan 2019 · 1 min read यादें बचपन की पैंसठ साल के रामलाल दादा ने घर से बाहर निकलते हुए अपने पड़ोसी दोस्त दयाशंकर को आवाज दी : " चलो आज कन्चे खेलते है इसके बाद गिल्ली डंडा खेलेंगे।... Hindi · लघु कथा 1 555 Share Santosh Shrivastava 21 Jan 2019 · 2 min read रीति रिवाज सुलेखा खुले विचारों की लडकी है । वह परम्परागत रीति-रिवाजों को आँख बंद करके नहीं मानती थी हर बात में तर्क ढूढती है और उसी के अनुसार निर्णय लेती है... Hindi · लेख 461 Share Santosh Shrivastava 21 Jan 2019 · 1 min read दर्शन की महिमा माँ सरस्वती के कर दर्शन लिखू कविता आज दर्शन की है महिमा अपरम्पार देव दर्शन से बढे आस्था मन विचार हो पवित्र माता पिता बुजुर्गों के दर्शन से मिले आशीर्वाद... Hindi · कविता 477 Share Santosh Shrivastava 20 Jan 2019 · 2 min read जीने चाह "मेरे लिए जिन्दगी बेकार है, मै किसी को सुख नही दे सका । बचपन में पिताजी कहते रहे बेटा कुछ पढ लिख ले , लेकिन नहीं मेरे दोस्तों का साथ... Hindi · कहानी 415 Share Santosh Shrivastava 19 Jan 2019 · 1 min read कहानी चित्र की चित्र में छिपे है कई रहस्य जो होता है वह दिखता नहीं जो दिखता है वह होता नहीं आयना खींचता है सही चित्र इन्सान का यहाँ बनावट और नहीं होती... Hindi · कविता 498 Share Santosh Shrivastava 19 Jan 2019 · 2 min read बदलाव बदलते परिदृश्य जैसे जैसे घर पास आता जा रहा था कुसुम का मुँह कलेजे को आ रहा था , कैसे करेगी वो माँ का सामना उसने माँ को हमेशा गहरी... Hindi · कहानी 395 Share Santosh Shrivastava 18 Jan 2019 · 1 min read जीवन में सरलता सब को पसंद है सरल स्वभाव सरल व्यवहार व्यक्ति की सरलता बताती है उसका व्यक्तित्व चालाकी दुषित विचार नहीं चलते ज्यादा दिन जिस दिन खुलता राज उस दिन वह अपनी... Hindi · कविता 255 Share Santosh Shrivastava 17 Jan 2019 · 1 min read पिता की इच्छा " हाँ माँ मैं आपको अभी थोड़ी देर में फोन करता हूँ अभी मिटिंग चल रही है ।" दिनेश ने माँ को जबाव दे कर फोन काट दिया और रमादेवी... Hindi · लघु कथा 310 Share Santosh Shrivastava 17 Jan 2019 · 1 min read जीवन में गति जल की गति रोक दो तो प्रलय आ जाता है विचारों का प्रवाह रोक दो तो मन में तूफान आ जाता है शंकर ने समाई जटा में गंगा और दिया... Hindi · कविता 200 Share Santosh Shrivastava 17 Jan 2019 · 1 min read लाईक और कमेन्ट (हास्य) देवीलाल की पत्नी की पोस्ट पर रामलाल ने लाईक किया थोडी देर बाद देवीलाल ने रामलाल को पोस्ट किया : "ओय मेरी बीवी को लाईक करने वाला तू कौन है... Hindi · कविता 202 Share Santosh Shrivastava 17 Jan 2019 · 1 min read प्रवाह है तो जीवन है प्रवाह है तो जीवन है स्थिर जल होता है दूषित स्थिर विचार होते हैं प्रभावहीन और स्थिर लेखनी वंचित करती है समाज को मनोरंजन, मार्गदर्शन देने से पर्यावरण है शुद्ध... Hindi · कविता 177 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2019 · 2 min read आफिस तक का सफर पिताजी के देहान्त के बाद घर की जिम्मेदारी संगीता पर आ गयी थी । मम्मी की तबियत खराब ही रहती थी । पिता जी की पेंशन माँ को मिलती थी... Hindi · कहानी 317 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2019 · 2 min read आफिस तक का सफर पिताजी के देहान्त के बाद घर की जिम्मेदारी संगीता पर आ गयी थी । मम्मी की तबियत खराब ही रहती थी । पिता जी की पेंशन माँ को मिलती थी... Hindi · कविता 379 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2019 · 1 min read पाँच सौ की चब्बनी कल पानी पूरी खाना रहा था तभी एक खूबसूरत लडकी भी आ गयी और उसने भी खूब पानी पूरी खाई । पैसे देते समय मैने इम्प्रेशन मारने के लिए पाँच... Hindi · मुक्तक 532 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2019 · 1 min read जिंदगी में तलाश भावों के मोती दिनांक 16/1/19 तलाश जिन्दगी गुजर जाती है तलाश में कुछ तलाश होती है जरूरी और कुछ माया मोह लिए पढाई के समय स्कूल कालेज की तलाश फिर... Hindi · कविता 217 Share Santosh Shrivastava 15 Jan 2019 · 1 min read दर्द दर्द कहानी में था लोग यूँ ही मरहम लगाने लगे जब हमने पूछी मरहम की कीमत तो बोले: "मत पूछो इसकी कीमत जितना तेज दर्द होगा कीमत कम होती जाऐगी... Hindi · मुक्तक 484 Share Previous Page 13 Next