भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 भूरचन्द जयपाल 8 Jan 2017 · 1 min read **** थक गया हूं आज मैं ***** ************ थक गया हूं आज मैं संग भीड़ के चलता हुआ ********** ***** प्यार की पगडंडिया फिर खोजता हूं चलता हुआ ******** ***** चाहने लगा हूं फिर चिर जीवन की... Hindi · मुक्तक 352 Share भूरचन्द जयपाल 8 Jan 2017 · 1 min read *** जज्बा देशभक्ति का *** जज़्बा देशभक्ति का बना रहे जवानों में भय बना रहे सदा मुल्क के हैवानों में खैरियत अपनी मना लो देश के दुश्मनों आज भारत की शुमार है नोजवानों में ।।... Hindi · मुक्तक 785 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * मेरा मन मचल गया * अब मेरा मन मचल गया अब मेरा दिल फिसल गया मेरे हाथ से कब पता नहीं सम्भला , गिरकर टूट गया ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 366 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * साये से डरते रहे हम * यूं ख़्वाब सजाते रहे हम यूं दिल बहलाते रहे हम जब से ख़्वाब बन आये साये से डरते रहे हम।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 530 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *जिंदगी कही गलतफहमियों का नाम तो नहीं* जिंदगी कहीं गलतफहमियों का नाम तो नहीं जीवन में ज़हर घोलना लोगो का काम तो नहीं किस क़दर भय दिखाकर लूटते हैं हमको लोग कहीं स्वार्थ सिद्ध करनेवालो का काम... Hindi · मुक्तक 296 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *मेरी साफ़गोई* मेरी साफ़गोई कभी भी मुझको धोखा दे सकती है तेरी तारीफ़ कभी भी तुझको धोखा दे सकती है मान ले मुझ नादान की कुछ तो समझदारी अब ये जिंदगी कभी... Hindi · मुक्तक 257 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * अंतर से * मंथन मेरे मन में चल रहा आज अंतर से वो क्योंकर दीवानी मेरी हुई आज अंतर से उसके सहलाने से दर्द कब छूमंतर हो गया दिल मचल गया जानने को... Hindi · मुक्तक 293 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read वो मुझको सताने लगी है आज मुझे मेरी तन्हाई भाने लगी है ना जाने क्यूं मुझे वो चाहने लगी है तन्हा हूं मगर जब लेता अंगड़ाई हूं लगता है वो मुझको सताने लगी है ।।... Hindi · मुक्तक 280 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *कुछ बातों को अनकहे की रहने दो* कुछ अनकहे ख्वाब रहने दो आँखों की बात आँखों को कहने दो राज़ खुल जायेंगे मुहब्बत के सारे कुछ बातों को अनकहे ही रहने दो ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 194 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * सब्र कर * सब्र कर ये तेरे इम्तिहान की घड़ी है रात अब इंतेजार की दो चार घड़ी है तारीक-ए-रात रोशनाई सी है छायी सुबह आनेवाली रौशनी की घड़ी है।। ?,,मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 492 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *नादान तितलियां* नादान तितलियां समझती है कि मरता भ्रमर हम पर ले मकरन्द भ्रमर उड़ जाता तितलियां विकलमन पर कौन जाने मन की व्यथा करती मन को वृथा व्याकुल आज किसने क़तर... Hindi · मुक्तक 775 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *बेताब* बेताब तेरे दिल को इस क़दर कर दूंगा आयेगी मेरी याद ऐसा जादू कर दूंगा तलब इजलास-ए-ख़ुदा कर लूंगा तुझे बेताब-ए-यार ख़ुद जां निसार कर दूंगा।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 295 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *मेरी रूह को मत आज़ाद कर* मेरी रूह को मत आज़ाद कर तेरे आंचल में रख यूं छुपाकर शीत हवाओं का कहर ना छू सके कम से कम ऐसा एक पहर कर।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 209 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * मैं महक हूं * मैं महक हूं बस तूं मुझे महसूस कर दूर हूं पर पास दिल से महसूस कर एक दिन ये ख़्वाब ही हक़ीक़त बने जाफ़रानी खुशबू ना दिल से दूर कर।।... Hindi · मुक्तक 698 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read **नक़ाब** खूबसूरत दिल को नकाब की आवश्यकता नहीं नकाब तो झूठे लोग असलियत छुपाने को पहना करते हैं ।। ? मधुप बैरागी Hindi · कविता 571 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jan 2017 · 1 min read *राज-ए-हुस्न* यूं राज-ए-हुस्न कब तक छुपाओगे मुझसे हुस्न की बारीकियां बेहतर जानते तुझसे कत्ल ना कर खंजन सी आँखों के ख़ंजर से दीवाना मरता है भला कोई बेहतर मुझसे ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 312 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jan 2017 · 1 min read *डार्लिंग* डार्लिंग इससे तो हम कुंवारे ही अच्छे थे कम से कम तुम्हें देखकर आहे तो भर लिया करते थे जब से तुम्हे बाहों में भरा है न जाने मिली है... Hindi · कविता 284 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jan 2017 · 1 min read *सावन के महीने में* *********? ??*********** सावन के महीने मेँ रिमझिम ये बरसे बरखा का पानी ।। गौरी की पायल की छमछम ये आवाज़ किसको बुलाती बता ।। भीगा बदन है चोली भी तंग... Hindi · गीत 720 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jan 2017 · 1 min read मजनूं सा ये दिल आजकल मजनूं सा ये दिल उदास रहता है ना नहाया ना धोया बडा परेशान रहता है ना तो वो है सल्तनत की सहजादी फिर भी ये दिल प्यार की गलियों... Hindi · मुक्तक 251 Share भूरचन्द जयपाल 6 Jan 2017 · 1 min read जोकर जिंदगी रंग बिरंगी यह बताता है जोकर कभी हंसाता कभी रुलाता है जोकर अपने बेरंग जीवन-रंग-संग मिलाकर खोकर खुशिया मन बहलाता है जोकर।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 359 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read * आहत हताहत * आहत हताहत हुआ नहीं आज कौन अल्फाज़ो से चाहत-शिकायत ना हो आजमा कौन-अल्फ़ाज़ों से भीरुता बनी आज जिसका गहना वो प्यार क्या शिद्दत से सिर कटवाने की बात कौन-अल्फ़ाज़ों से... Hindi · मुक्तक 381 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read * जिंदगी अगर शायरी होती * जिंदगी अगर शायरी होती ना तुम मुझसे यूं दूर होती अहसास हरदम रहता यूं जिंदगी मजबूर ना होती कहते रात को फलसफे दिन फिर रात ना होती अगर वक्त रहते... Hindi · मुक्तक 558 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read * गुस्ताख़ ये दर्द * गुस्ताख़ ये दर्द अब हमें जीने नहीं देगा पी-पी के हारे ज़ाम अब पीने नहीं देगा रात की तन्हाई हो या दिन का सूनापन पी-पी पी की याद हमे जीने... Hindi · मुक्तक 537 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read * मौन गुस्ताखियां * ये मौन गुस्ताखियां उसकी मुझे भाने लगी है क्या वो मुझको दिल ही दिल चाहने लगी है कब मौन खत्म हो उस नाज़नीन का और हमको तुमसे प्यार हुआ है... Hindi · मुक्तक 323 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read *ये तेरी जुल्फ उठा दूं * ये तेरी ज़ुल्फ़ उठा दूं तो शर्मसार हो जाये तूं ये तेरी ज़ुल्फ़ उठा दूं तो ओठ दांतो से दबाये तूं घनघोर घटा तेरे गेसुओँ की छायी पर्दा बन ये... Hindi · मुक्तक 231 Share भूरचन्द जयपाल 4 Jan 2017 · 1 min read ****बेटियाँ*** 04.01.17 **बेटियाँ** सांय 6.48 *************** बेटियाँ बाबुल के बगीचे की शान होती हैं बेटियाँ ...बाबुल की बुलबुल .. .और ******** माँ ..के दिल का अरमान होती है उसकी चहचहाट घर... Hindi · कविता 733 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read *हम निम्न क्यों ? * हम निम्न क्यों ? **************** हम निम्न इसलिए हैं क्योंकि हमनें सीखा है अपने प्रति अपराध करने वाले को क्षमा करना ........... अश्पृश्य समझने वाले को उच्च समझ गुलामी कर... Hindi · कविता 228 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read *कितने रोज* कितने रोज तरसे हम आज बड़े इंतजार के बाद बरसे तुम तुम भी किसी के साजन की तरह नखरे दिखलाते हो पहले तरसाते हो फिर बरसते हो कम से कम... Hindi · कविता 437 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read शीर्षक- क्या मुहब्बत है * क्या मुहब्बत है कभी हमने तुमसे की कभी तुमने हमसे की ना जाने कब प्यार के सागर में ज्वार आया और क्रोधरूपी हलाहल निकला ........... मैं शिव तो नहीं था... Hindi · कविता 542 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read *डार्लिग आई लव यू* डार्लिंग आई लव यू* ********************* कल रात में चैन से सोया था अचानक खटिया हिलने लगी मैंने सोचा भूकम्प आ गया... मगर आँखे खोली तो देखा..... मेरी बीबी मुझ अदने... Hindi · कविता 422 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read *बाबा साहेब ने कहा था* बाबा साहेब ने कहा था आखिरी वक्त सावधान कभी भी छल सकता है वक्त इसलिए मैं तुन्हें आगाह करता हूं खोना मत अपने अधिकारों को यूं बड़ी मुश्किल से जीती... Hindi · कविता 314 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read ?कजरारे नैनोवाली? ?कजरारे नैनोंवाली? ???????? कजरारे नैनों वाली बता दे दिल आशना हुआ है किससे आँखों के आस्तां से कोई आन बसा है खान-ए-दिल में ?????? कौन है वो हमसफ़र ढूंढती जिसको... Hindi · गीत 355 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read *भजन* *भजन* ?*******? पीरां में पीर कहावे रामापीर आन हरो म्हारे हिवड़े री पीर ****** अरे ध्यावे थांने अखो बीकाणो ध्यावे थांने जोधाणो सारो ******* अरे दुखियां रा दुःख दूर करो... Hindi · कविता 480 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक कत्ल कर ना यूं तीरे नज़र से मुझको हम तो पहले से ही तुझी पर मरते हैं आती हो ख्यालात में मेरे तुम जब चाँद छुप जाता है अपने ही... Hindi · मुक्तक 405 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read भगवान को किसने बनाया ? भगवान को किसने बनाया ? *******######******** भगवान को किसने बनाया? है ना एक अजीब सा सवाल हम अक़्सर ये सोचते हैं कि सभी को भगवान ने बनाया फिर भगवान ने... Hindi · कविता 1k Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read शेर 12.12.16 ******* दोपहर 1.15 समझ नहीं आता इस हुस्न को क्या नाम दूं एक हल्की स्मित सी मुस्कान को क्या नाम दूं ।। ?मधुप बैरागी 12.12.16 ******* सांय 4.25 ये... Hindi · शेर 315 Share भूरचन्द जयपाल 3 Jan 2017 · 1 min read नशा शराब या तुम्हारी आँखों में नशा शराब या तुम्हारी आंखों में ************** नशा केवल शराब में ही नहीं है तुम्हारी आँखों में भी है शराब पीने के लिए तो महखाने जाने पड़ता है तुम पिलाती... Hindi · कविता 810 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jan 2017 · 1 min read तेरी आँखों के इशारे 29.12.16 ***** प्रातः 10.45 आज एक छोटा सा प्रयास ग़ज़ल ******* प्रारम्भिक बोल *********** जानेमन तेरी आँखों के इशारे ही बहुत है हमें अब मय पीने की जरूरत क्या है।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 849 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jan 2017 · 1 min read *नये साल की शुभकामनाऐ* *नये साल की शुभकामनाऐ * **************** खेतो की मेड़ो पर धूलभरे पाँव को ******************* कुहरे सर लिपटे उस छोटे से गांव को ********************* जाडे के गीतों को बेलों की चाल... Hindi · कविता 388 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jan 2017 · 1 min read मसलहत मसलहत थी इक आशियां बनाने की तुम बना बैठे महखाने को अपना घर । तल्ख़ कर बैठे जिन्दगी अपनी ज़ाम-ए-ज़हर जो सीने में उतरा तुमने परतोख़ बहुत थे तुम्हारे सामने... Hindi · कविता 376 Share भूरचन्द जयपाल 2 Jan 2017 · 1 min read ख़्वाब मैंने देखा था इक ख़्वाब मगर आँख लगने लगी उसमें मेरी हर हक़ीक़त बनने लगा ख़्वाब जब लेने लगा मैं ख़्वाब ही ख़्वाब ।। तन्द्रा टूटी-2 जबी मेरी हक़ीक़त कुछ... Hindi · गीत 627 Share Previous Page 12