भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read * किसी के मन में चाहत ना हो * मत टूट शीशे की तरह मत बिखर शीशे की तरह कहीं मेरे मासूक के क़दम इन टुकड़ों पर ना पड़ जाये लहूलुहान ना हो जाये कहीं मेरे मासूक के नाजुक... Hindi · मुक्तक 1 278 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *आँख के आंसू ने बरसात की बूँद से कहा* आँख के आंसू ने बरसात की बूँद से पूछा किस तरह इतनी ऊंचाई से गिरकर ........ ... ........भी तुम शीतल रहती हो क्या तुन्हें गिरने का जरा भी दुःख नहीं... Hindi · कविता 1 226 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *** वार्धक्य का प्रेम *** वार्धक्य में ज्यादातर लोग दुखी होते हैं क्यों ?************************************7*7 उम्र ना देखो दोस्तों मेरी मेरा ज़िगर तो देखो ग़म झेलता है किस क़दर इसका फिगर ना देखो क्या उम्र रोकती... Hindi · कविता 1 288 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** सही कहा ** अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता सख्त हो तो दांत जरूर तोड़ सकता है ।। मशक्कत इतनी ही कर थकान ना हो तुझको निकम्मा बन कर बैठा तो मकान कहां... Hindi · शेर 1 278 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** दम्पति *** मेरी पत्नी अक्सर मुझसे पूछा करती दम्पति का मतलब मैं हरबार टाल देता वो नाराज़ होती आप हिंदी पढ़ाते हो फिर भी नही बताते आज मैंने दम भरा चाहे कुछ... Hindi · कविता 1 475 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** मां के चरणों में सादर नमन ** माँ से पत्नी प्यारी होती है पति की पत्नी असाध्य बीमारी होती है फिर भी माँ से पत्नी प्यारी होती है ।। ***क्यों ? आप बुद्धिजीवी हैं सोच समझकर जवाब... Hindi · मुक्तक 1 536 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** भूकम्प **** लातूर का जब भूकम्प आया लोगों ने बहुत पूछा.........पर भूकम्प का कारण किसी ने ना बताया ...... अब नेपाल का भूकम्प आया कई शोध हुए .......... भूकम्प का पता लगाने... Hindi · कविता 1 298 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** हमारी शुभकामनाऐ *** ना दुखी हो इतना तूं शुक्र मना............. पांव ही दबवा रही है नानुकर मत करना वरना ........ गला दबाने में देर नहीं करने वाली है । चाहत को दिल में... Hindi · कविता 1 201 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** बुधवारी त्योंहार **** मुफ़्त में कोई बांटता नही मुहब्बत के लड्डू ये कोई बुधवारी त्योंहार नही है जो गणेश जी के भोग लगाया और सिजदा करके बडी आसानी से खा .......लिया अगर खा... Hindi · कविता 1 577 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** लोग कहते हैं **** लोग कहते हैं कि आप बहुत बड़ी-बड़ी कविताऐ लिखते है हम पढ़ते-पढ़ते थक जाते हैं जम्हाई आने लगती है मैंने कहा भइया...बीबी उवाच प्रवचन सुनते हो सिर धुनते ही और... Hindi · कविता 1 231 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read **** घबराहट *** मेरी पहली कविता *********** मर रहा था मगर डर रहा था मौत से नहीं मै घबराहट से मर रहा था कहने जा रहा था दो चार पंक्तियां मुर्दा लाश की... Hindi · कविता 1 296 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read **** फ्रेंडशिप डे **** फ्रेंडशिप डे की हार्दिक शुभकामनाऐ मेरे सभी फेसबुक फ्रेंड्स को बधाई ** हम समझते हैं मित्रता केवल हमउम्र लोगों से ही हुआ करती है कतई नहीं -मित्रता छोटे-बडे अमीर-गरीब का... Hindi · कविता 1 353 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read *** ये मूरत तेरी **** ये मूरत तेरी दिल में उतर आई है तेरी सूरत पे लिखा जो ** मेरा नाम ** दिखलाई नहीं देता आँखों से दिल की नज़र से झांके दिल में ऐसी... Hindi · कविता 1 311 Share भूरचन्द जयपाल 13 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल:-नफ़रत की आंधियां बसर की जिस शज़र के नीचे जिन्दगी अपनी रोशनी पसर क्या आज उस शज़र तक पहुंची नफ़रत की आंधिया इस असर तक पहुंची प्यार के अमर शज़र ले सफर तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 308 Share भूरचन्द जयपाल 13 Feb 2017 · 1 min read ***** मंजिलें मेरे कदमों तले ****** मै मंजिलों की तलाश में भटका नहीं बोलो कहां आज मंजिले मेरे क़दमो तले ढूंढू तो बोलो कहां मन-मधुप विचलित सा आज तेरे साये को है काश तेरी-मेरी मंजिलें मिलती... Hindi · मुक्तक 1 239 Share भूरचन्द जयपाल 9 Feb 2017 · 1 min read *** तेरी ख्वाहिश *** क्या कहूं एक तेरी ख्वाहिश है कि मिटती ही नहीं जितना करता हूं तेरा दीदार उतना ही खाली होता जाता हूं तेरे साथ भरी भरी ये जिंदगी सुकून से जीने... Hindi · कविता 1 414 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** दूर चले जायेंगे हम **** .दूर चले जाऐंगे हम दुनियां से तेरी पर प्यार तो करेंगे हम तुमसे ओ सनम ।। इकरार तो करेंगे हम तुमसे ओ सनम ।। दूर ................................................तेरी ।। पर याद तो... Hindi · गीत 1 505 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read ***** निशा आती है ****** निशा आती है दिनभर की थकान के बाद अँधेरा धीरे धीरे घना होता जाता है पर फिर भी थके हारे श्रमिक के मन को भाती है क्योकि वह दिनभर की... Hindi · कविता 1 533 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read ***** मिट्टी के घरोंदे सा ***** मिट्टी के घरोंदे सा हमारा दिल है जरा सी ठेस लगते ही टूट जाता है । मकां तो फिर भी बना लिए जाते हैं टूटा हुआ दिल फिर बनाने से... Hindi · कविता 1 504 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** मैं जिसे पसन्द हूं *** बहुत बार मन में ऐसा ख्याल आता है कि मै जिसे पसन्द हूँ उसे में मिला नही मगर मुझे वो पसन्द है मुझे अब भी पता नहीं फिर भी मुझे... Hindi · मुक्तक 1 238 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read **** आग्रह **** ऐ यार ! मायूस हो चला हूँ मै एक सूखे पेड़ की तरह अरे ! सूखे पेड़ में भी मौसम-ए-बहार आती है फिर मुझे ही क्यो ? वियोग में छोड़ा... Hindi · कविता 1 279 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** आईना हक़ीक़त नहीं होता **** आईना हकीकत नही होता आईने पर धूल जमी हो तो आईने में भी सूरत साफ नजर नहीं आती हम इस बहम में रहते है कि हम अकेले नही है कहने... Hindi · कविता 1 303 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read ****** दिल ***** दिल उलझा उलझा रहता है उनकी जुल्फों या फिर उनके ख्यालों में उलझा उलझा रहता रात-दिन पयमानो में डूबा-डूबा रहता है हम सोचते हैं उनका दिल हमारे करीब होता है... Hindi · कविता 1 674 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read **** बीमार **** मै तेरे प्यार का बीमार हूँ ऐ जाने जिगर । तेरे प्यार की हर स्वांस से जिन्दा हूँ मगर । रफ़्ता-रफ़्ता ये जिंदगी मेरी चलने लगी किस ऒर । ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 349 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read * दिल का दर्द सुनाऐं किसको * दिल का दर्द सुनाऎं किसको कोई सुनने वाला नहीं । मुझको मिल ही गया अब तो मेरी वफ़ाओं का सिला । दर्द देके मुझे तुम तो दवा दे ना सके... Hindi · गीत 309 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read * इस आदत को सुधारा ना जाये * इतना भी विश्वास मुझपे ना कर कि तूं धोखा खा जाये इतना भी उधार मुझपे ना कर कि क़र्ज उतरा ना जाये बहुत खूबियां है तुझमे और बहुत कमजोरियां है... Hindi · मुक्तक 271 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read **** रहस्य ***** सुबह कितनी ताजा हवा आती है शैशवावस्था की मुस्कान की तरह दोपहर के गर्म थपेड़े झुलसाने वाली लू जवानी की बेपरवा गर्मजोशी अल्हड़पन सन्ध्या थकान विश्रांति की शून्य अवस्था वार्धक्य... Hindi · कविता 279 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read * हम तक़दीर कहां बना पातें हैं * तकदीरें बनती बिगड़ती है हम तक़दीर कहां बना पाते हैं मगर तस्वीर हम जब चाहे तब सीने से लगाकर सुकून पा लेते हैं फिर भी किसी ने ठीक ही कहा... Hindi · मुक्तक 175 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read *** असमंजस *** बीज रूप में आया मैं था कुछ विकसित हो दुनियां देखी ।। आँखे खोली अनजाने में बचपन बीता हंसने रोने में ।। आया लड़कपन का दौर दूसरा असमंजस में डाला... Hindi · कविता 271 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read मैं वो मजमूं ढूंढता हूं मैं वो मजमूं ढूंढता हूं जिस पर वो निसार हो मैं वो राह ढूंढता हूं जो बेमिसाल हो मैं ढूंढता हूं उसको जिसकी नजरें ढूंढती है मुझको ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 292 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read ** मालिक की सौगात *** अल्फ़ाज नहीं है ये मेरे उस मालिक की शौगात है ये मैं तो केवल इक जरिया हूँ वो इश्क महोबत का दरिया है जर्रा-जर्रा जिससे रोशन है उसकी क्या तारीफ... Hindi · कविता 235 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read ** पांच शेर ** तेरी जुल्फ की तरह उलझी है मेरे प्यार की गुत्थी जितना सुलझाना चाहता हूं उलझती ही जाती है ।। ख्वाहिशे मिटती नहीं उनके मिटने से मगर आज मिटने को दीवाना... Hindi · शेर 516 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read ** शेर *** रात की तन्हाईयाँ उस पर घना अंधकार। .. चाँद बन पूनम आ जाओ दूर करने तम घना ।। प्यार इक धुंवा है आँख खोले तो आँख फूटती है . करे... Hindi · शेर 317 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read *** पहचान **** पहचान छुपाकर ......... पहचान बढ़ाना चाहते हो । ये कैसी दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हो । बड़ा नाजुक रिश्ता होता है दोस्ती का क्या यूं ही गंवाना चाहते हो... Hindi · कविता 485 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read गीत :- मैं एक मुसाफ़िर हूं मैं एक मुसाफ़िर हूं दिल एक मुसाफ़िर है ना मेरी मंजिल है ना मेरा ठिकाना है मैं एक मुसाफ़िर हूं दिल एक मुसाफ़िर है जज़्बा एक दिल में है मंजिल... Hindi · गीत 262 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read * क्षणिका * समझ नहीं आता जिंदगी इतनी जिद क्यूँ करती है जीने के तमाम रास्ते रोककर जीने की कसम देती है ।। ***** आदमी लिखता है और लिखकर उसे बेचना चाहता है... Hindi · कविता 400 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read * पवित्रता मन में बसी होनी चाहिए * पवित्रता मन में बसी होनी चाहिए केवल लोगों को दिखाने के लिए नही प्यार जिसे भी करो चाहे भगवान से महज दिखावे के लिए नहीं जो भी करो पूरे मन... Hindi · कविता 211 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read * हुश्न की बारीकियां * यूं राज-ए-हुस्न कब तक छुपाओगे मुझसे हुस्न की बारीकियां बेहतर जानते तुझसे कत्ल ना कर खंजन सी आँखों के ख़ंजर से दीवाना मरता है भला कोई बेहतर मुझसे ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 226 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read भजन :- * श्याम मोरे अब दे दो दर्शन * प्रारम्भिक बोल श्याम मोरे अब दे दो दर्शन जीवन -सन्ध्या आन खड़ी मीच मुझे ताकन लागी दाव पड़े खावन लागी।। ********* आलाप श्याम मोरे श्याम श्याम मोरे श्याम ********** **... Hindi · कविता 361 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read * एक बहिन की पीड़ा * यह कविता नहीं है एक बहन की पीड़ा है ******************************** राखी की पूर्व सन्ध्या पर स्मरण दिलवाने के वास्ते ताकि नहीं हो भाई-बहिन के अलग- अलग रास्ते ************************* आज राखी... Hindi · कविता 339 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read **** कुछ मुक्तक **** हम हठ करते हैं अपने साथ ख़ुदा को करते अपने साथ समझ अपना जिसे करते खुश भान नहीँ रखे उसे अपने साथ।। आपको जन्म दिवस की हो बधाई जीवन हो... Hindi · मुक्तक 1 329 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read *** ये मेरा दिल *** ये मेरा दिल भी कभी लाल हुआ करता था गुल-ए-गुलशन में गुलफ़ाम हुआ करता था न जाने कब लगा इसको कायनात का धुआं धुंधला सा गया इसका प्यारा सा कलेवर... Hindi · कविता 318 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read **** तेरे छूने से *** तेरे छूने से एक सिहरन सी उठती है जो तुझे और मुझे अंतर तक हिला देती है इक भूकम्प सा ला देती है न तुम सम्भल पाते ना हम ।।... Hindi · कविता 511 Share भूरचन्द जयपाल 5 Feb 2017 · 1 min read * हां कृष्ण कन्हैया हूं मैं * हां कृष्ण कन्हैया हूं मैं अच्छा है आपने मेरे मोहन का रूप तो देखा मुझमे पर तुम क्यों कंस का रूप धरते हो ईर्ष्या में परवश होकर नाहक जलते हो... Hindi · कविता 249 Share भूरचन्द जयपाल 5 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल:- मैं बहुत साद हूं . ** ग़ज़ल ** 5.2.17 *** 11.45 ************** मैं बहुत साद हूं तेरी बेखुदी से तूं है मेरी उम्मीदो का राज़ **** मैं बहुत साद हूं तेरी बेखुदी से मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share भूरचन्द जयपाल 4 Feb 2017 · 1 min read गीत :- दिल मेरा इक कच्चा शीशा 4.2.17 * गीत * 9. 00 ************ दिल मेरा है इक कच्चा शीशा दिल में रहता है दिलबर मेरा **** टूट गया गर् शीशा- दिल तो ग़म नहीं,पर ग़म है... Hindi · गीत 1 341 Share भूरचन्द जयपाल 4 Feb 2017 · 1 min read ** भाव भाषा का ** भाव भाषा का समझते हैं हम तभी जब माँ की तरह प्यारी हो मातृभाषा मात प्यारी है तात् जिस तरह हमारी प्यारी हो मातृभाषा भी हमें हमारी निज भाषा का... Hindi · कविता 486 Share भूरचन्द जयपाल 3 Feb 2017 · 1 min read गीत :-सितम तुम्हारे प्यार में 3.2.2017 ***** समय 6.50 ******************* सितम तुम्हारे प्यार में सहते रहे जो हम फ़िजा बदल गयी राहे - खिज़ा के वास्ते ****** हो गये रास्ते अलग क्यों मेरे नदीम अब... Hindi · गीत 312 Share भूरचन्द जयपाल 1 Feb 2017 · 1 min read ** भगवान के चरण कमल ** भगवन के चरण-कमल कितने मनोरम सुंदर है मन चाहता है मन को इन्ही में अर्पण कर दूं हम कितने स्वार्थी हैं जब दुःख आते है तब दोष देते हैं भगवान... Hindi · कविता 520 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read **** नोकरी वाळो **** बण्यो नोकरी वाळो छुटको बडे ने ऐसो खटक्यो टाबर टोळी उण रा पहरे सूटबूट अर टाईयां म्हारे टाबरियाँ न कोनी छींट छांट का गाबा छुटके री घरवाली पहरे सिल्क रेशमी... Hindi · कविता 246 Share Previous Page 10 Next