Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

मैं वो मजमूं ढूंढता हूं

मैं वो मजमूं ढूंढता हूं
जिस पर वो निसार हो
मैं वो राह ढूंढता हूं
जो बेमिसाल हो
मैं ढूंढता हूं उसको जिसकी
नजरें ढूंढती है मुझको ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Comment · 243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
प्रेम लौटता है धीमे से
प्रेम लौटता है धीमे से
Surinder blackpen
फ़ितरत-ए-धूर्त
फ़ितरत-ए-धूर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
जिंदगी और जीवन में अंतर हैं
Neeraj Agarwal
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
पहले तेरे हाथों पर
पहले तेरे हाथों पर
The_dk_poetry
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फेसबुक गर्लफ्रेंड
फेसबुक गर्लफ्रेंड
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हटा 370 धारा
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
#हास्यप्रद_जिज्ञासा
*Author प्रणय प्रभात*
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सरसी छंद
सरसी छंद
Charu Mitra
दिनकर की दीप्ति
दिनकर की दीप्ति
AJAY AMITABH SUMAN
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
*वर्तमान को स्वप्न कहें , या बीते कल को सपना (गीत)*
*वर्तमान को स्वप्न कहें , या बीते कल को सपना (गीत)*
Ravi Prakash
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
Anis Shah
They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
"कुछ भी असम्भव नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
Phoolo ki wo shatir  kaliya
Phoolo ki wo shatir kaliya
Sakshi Tripathi
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
लेके फिर अवतार ,आओ प्रिय गिरिधर।
Neelam Sharma
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर।
संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हक हैं हमें भी कहने दो
हक हैं हमें भी कहने दो
SHAMA PARVEEN
आयी प्यारी तीज है,झूलें मिलकर साथ
आयी प्यारी तीज है,झूलें मिलकर साथ
Dr Archana Gupta
ताल्लुक अगर हो तो रूह
ताल्लुक अगर हो तो रूह
Vishal babu (vishu)
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
चोट ना पहुँचे अधिक,  जो वाक़ि'आ हो
चोट ना पहुँचे अधिक, जो वाक़ि'आ हो
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...