MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next MITHILESH RAI 23 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी मैं शाँम की तन्हाइयों में चलता हूँ! बेकरार पलों की खामोशियों में ढलता हूँ! गम की तस्वीरों में नजर आती है जिन्दगी, धीरे-धीरे हसरतों की आग में जलता... Hindi · मुक्तक 243 Share MITHILESH RAI 22 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी मैं शाँम की तन्हाइयों में चलता हूँ! बेकरार पलों की खामोशियों में ढलता हूँ! दर्द के पायदानों से गुजरती है जिन्दगी, धीरे-धीरे हसरतों की आग में जलता हूँ!... Hindi · मुक्तक 503 Share MITHILESH RAI 22 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको कभी मेरी तन्हाई मार डालेगी! मुझको कभी तेरी रुसवाई मार डालेगी! कैसे रोक सकूँगा मैं तूफाने-जख्म़ को? मुझको कभी बेरहम जुदाई मार डालेगी! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 264 Share MITHILESH RAI 21 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी दर्दे-सितम की इन्तहाँ होती है! बेकरार लम्हों की जुत्सजू रोती है! यादें भी चुभती हैं पलकों में इसकदर, जिन्द़गी अश्कों से खुद को भिगोती है! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 447 Share MITHILESH RAI 20 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक कोई है पराया कोई अपना सा होता है! कोई यादों का काफिला सपना सा होता है! ख्वाबों की तस्वीरें भी तरसाती हैं जिस्म को, कभी धड़कनों का चलना तड़पना सा... Hindi · मुक्तक 1 297 Share MITHILESH RAI 20 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी तस्वीर को कबतलक देखूँ? जख्मे-तकदीर को कबतलक देखूँ? सिसकते लफ्ज़ हैं लबों पर मेरे, गम की जंजीर को कबतलक देखूँ? #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 470 Share MITHILESH RAI 19 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे दर्द को मैं ईनाम समझ लेता हूँ! तेरे प्यार को मैं इल्जाम समझ लेता हूँ! सब्र टूट जाता है जब कभी पैमानों का, जिन्दगी को मयकशे-जाम समझ लेता हूँ!... Hindi · मुक्तक 354 Share MITHILESH RAI 19 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मेरा दर्द तेरा ही नाम बोलता है! मेरी जिन्दगी का अंजाम बोलता है! बंदिशें जमाने की मगरूर हैं लेकिन, तेरी आरजू का पैगाम बोलता है! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 271 Share MITHILESH RAI 18 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर तन्हा हर रात हुआ करती है! दर्द और तन्हाई से बात हुआ करती है! आती हैं साँसें भी तेरी यादों को लेकर, अश्कों की पलकों से बरसात हुआ... Hindi · मुक्तक 378 Share MITHILESH RAI 18 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर तन्हा हर रात हुआ करती है! दर्द और तन्हाई से बात हुआ करती है! आती हैं साँसें भी तेरी यादों को लेकर, अश्कों की पलकों से बरसात हुआ... Hindi · मुक्तक 235 Share MITHILESH RAI 18 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मेरा दर्द तेरा ही नाम बोलता है! मेरी जिन्दगी का अंजाम बोलता है! बंदिशें जमाने की मगरूर हैं लेकिन, तेरी आरजू का पैगाम बोलता है! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 312 Share MITHILESH RAI 16 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी जिन्दगी को तन्हाई ढूँढ लेती है! मेरी हर खुशी को रुसवाई ढूँढ लेती है! ठहरी हुई हैं मंजिलें अंधेरों में कबसे, मेरे दर्द को तेरी जुदाई ढूँढ लेती है!... Hindi · मुक्तक 504 Share MITHILESH RAI 15 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक जिस्म है मेरा मगर जिन्दगी तुम्हारी है! तेरे बगैर तन्हा हर खुशी हमारी है! सुलग रही है साँसों में आग चाहतों की, शामे-मयकशी भी मेरी लाचारी है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 177 Share MITHILESH RAI 14 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक शाम ढल गयी है मगर रात रह गयी है! मेरी चन्द लम्हों की बात रह गयी है! किसतरह मैं रोक दूँ यादों का कारवाँ? तेरे दर्द की अभी सौगात रह... Hindi · मुक्तक 248 Share MITHILESH RAI 14 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको याद तेरा अफसाना आ रहा है! मुझको याद चाहत का जमाना आ रहा है! जिन्द़गी में आयी है तन्हाई लौट कर, मुझको याद महफिले-पैमाना आ रहा है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 215 Share MITHILESH RAI 13 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक है चाहत उस मुकाम की जहाँ कोई कमी न हो! ख्वाब हों पलकों में कोई अश्कों की नमी न हो! इसतरह से फैली हो जहाँ रोशनी ख्यालों में, सरहदें हों... Hindi · मुक्तक 222 Share MITHILESH RAI 12 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तुझे मैं ढूँढता हूँ कहाँ कहाँ पर? कदम यादों के हैं जहाँ जहाँ पर! दर्द की मिनारें हैं मौजूद जिसजगह, जिन्दगी भी दफ्न है वहाँ वहाँ पर! #महादेव_की_कविताऐं Hindi · मुक्तक 269 Share MITHILESH RAI 12 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको गमे-तन्हाई से डर लगता है! मुझको गमे-रुसवाई से डर लगता है! मुश्किल है अब देखना नजरों से दूरी, मुझको तेरी जुदाई से डर लगता है! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 223 Share MITHILESH RAI 11 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक होकर दूर तुमसे मैं जाऊँगा कहाँ? अश्कों को पलकों में छुपाऊँगा कहाँ? बेहिसाब गम हैं मौजूद जिन्दगी में, मंजिलें नसीब से मैं पाऊँगा कहाँ? #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 199 Share MITHILESH RAI 11 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक जब कभी तुम मेरी यादों में आते हो! धूप सा ख्यालों को हरबार जलाते हो! घुल जाती हैं साँसें फूलों के रंग में, चाँद की शकल में सामने आ जाते... Hindi · मुक्तक 215 Share MITHILESH RAI 10 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक आज मैं यादों को भुलाने चला हूँ! आज मैं जख्मों को मिटाने चला हूँ! दर्द छुप गये हैं खामोशी के तले, आज मैं महफिले-मयखाने चला हूँ! #महादेव_की_कविताऐं'(21) Hindi · मुक्तक 470 Share MITHILESH RAI 10 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल मुझको रुलाने आ गया है! तेरा ख्याल मुझको सताने आ गया है! मांगा था तकदीर से मंजिल को लेकिन, तेरा दर्द मुझको तड़पाने आ गया है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 204 Share MITHILESH RAI 9 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी निगाहों को तेरी प्यास रहती है! तेरी चाहत मेरे आसपास रहती है! हरतरफ फैली हुई हैं हसरतों की आहें, मेरी जिन्द़गी भी बदहवास रहती है! #महादेव_की_कविताऐं'(24) Hindi · मुक्तक 206 Share MITHILESH RAI 8 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बिना छायी हुई हरतरफ उदासी है! तेरे बिना अब भी मेरी जिन्दगी प्यासी है! उम्र थक रही है मेरी मंजिल की तलाश में, तेरे बिना ठहरी हुयी हर खुशी... Hindi · मुक्तक 227 Share MITHILESH RAI 7 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक शामों-सहर तेरा क्यों ख्वाब देखता हूँ? दर्द का ख्यालों में आदाब देखता हूँ! अजनबी सी बन गयी हैं मंजिलें लेकिन, रंग ख्वाहिशों का बेहिसाब देखता हूँ! #महादेव_की_कविताऐं' (23) Hindi · मुक्तक 424 Share MITHILESH RAI 6 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक बिखर गये हैं ख्वाब मगर यादें रह गयी हैं! जिन्दगी में दर्द की फरियादें रह गयी हैं! साँसें भी थक गयी हैं तेरे इंतजार में, तेरी तमन्नाओं की मुरादें रह... Hindi · मुक्तक 212 Share MITHILESH RAI 5 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक आज जो भी है वो कल न होगा! बेबसी का पल हरपल न होगा! रोशनी मिल जाएगी ख्यालों को, दर्द का कभी हलाहल न होगा! #महादेव_की_कविताऐं'(18) (हलाहल=जहर) Hindi · मुक्तक 208 Share MITHILESH RAI 5 Feb 2017 · 1 min read आज भी मुझे तेरी कमी महसूस होती है! ख्वाबों की… आज भी मुझे तेरी कमी महसूस होती है! ख्वाबों की पलकों में नमी महसूस होती है! रूठी हुई है मंजिल भी तकदीर से मेरी, दर्द की कदमों तले जमीं महसूस... Hindi · मुक्तक 308 Share MITHILESH RAI 4 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक कभी न कभी हमारा ख्वाब बदल जाता है! रूठे हुए पलों का जवाब बदल जाता है! जज्बों की आजमाइशें होंगी कभी न कम, दर्दे-जिन्दगी का आदाब बदल जाता है! #महादेव_की_कविताऐं'(24) Hindi · मुक्तक 311 Share MITHILESH RAI 3 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा नाम लेकर तन्हाई मिल जाती है! तेरा दर्द बनकर रुसवाई मिल जाती है! शामों-सहर भटकता हूँ मैं तेरे लिए मगर, मेरी जिन्द़गी को जुदाई मिल जाती है! #महादेव_की_कविताऐं'(25) Hindi · मुक्तक 461 Share MITHILESH RAI 2 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक कौन है वो शक्स जो हमारा बनेगा? बेबसी के दौर में सहारा बनेगा! बुझ न जाए तन्हा चिराग जिन्द़गी का, डूबते इरादों का किनारा बनेगा! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 219 Share MITHILESH RAI 1 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बिना तन्हा मैं रहने लगा हूँ! दर्द के तूफानों को सहने लगा हूँ! बदल गयी है इसकदर मेरी जिन्दगी, अश्क बनकर पलकों से बहने लगा हूँ! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 192 Share MITHILESH RAI 31 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे लिए हरपल बेकरार सा रहता हूँ! तेरे लिए हरपल तलबगार सा रहता हूँ! गुफ्तगूँ की चाहत भी जिन्दा है लेकिन, तेरी बेरुखी से लाचार सा रहता हूँ! #महादेव_की_कविताऐं'(24) Hindi · मुक्तक 416 Share MITHILESH RAI 31 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी जिन्दगी से यादों को तुम ले लो! मेरे दर्द की फरियादों को तुम ले लो! हर घड़ी रुलाती हैं अब तेरी ख्वाहिशें, मेरे ख्यालों से इरादों को तुम ले... Hindi · मुक्तक 1 250 Share MITHILESH RAI 30 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा कमाल आज भी नहीं जाता! तेरे बगैर कुछ नजर नहीं आता! छायी हुई है बेखुदी ख्यालों में, तेरे सिवा कोई भी नहीं भाता! #महादेव_की_कविताऐं'(20) Hindi · मुक्तक 194 Share MITHILESH RAI 29 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक आज भी ख्यालों में यादों की तन्हाई है! आज भी दामन में जख्मों की गहराई है! मंजिलें बिखरी हुई हैं बेरुखी से तेरी, धड़कनों में गूँजती तेरी बेवफाई है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 357 Share MITHILESH RAI 28 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक मुझे चाहतों का ईनाम मिल गया है! मुझे बेरुखी का पैगाम मिल गया है! बिखरी हुई लकीरें हैं अरमानों की, दर्द का आलम सुबह शाम मिल गया है! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 1 1 278 Share MITHILESH RAI 27 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक होते ही शाम मैं किधर जाता हूँ? जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ! खौफ होता है यादों का इसकदर, जाँम की महफिल में नजर आता हूँ! #महादेव_की_कविताऐं'(20) Hindi · मुक्तक 211 Share MITHILESH RAI 27 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी आरजू को मचलने दो! रोशनी चाहतों की जलने दो! ख्वाब नजर आये हैं ख्यालों में, सरहदें साँसों की पिघलने दो! #महादेव_की_कविताऐं'(18) Hindi · मुक्तक 290 Share MITHILESH RAI 26 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक बेक़रार लम्हों से जब बात होती है! धीरे-धीरे दर्द की शुरुआत होती है! खोजती है जिन्दगी जामे-पैमानों को, मयकशी की जैसे तन्हा रात होती है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 484 Share MITHILESH RAI 26 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक जिन्दगी में सबको प्यार मिलता नहीं है! महफिलों में सबको यार मिलता नहीं है! हुस्न की अदा के तलबगार हैं लेकिन, गम में सबको मददगार मिलता नहीं है! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 331 Share MITHILESH RAI 25 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक हौसला मैं चाहत का बुलन्द रखता हूँ! दर्द को पलकों में नजरबंद रखता हूँ! कहीं ख्वाब खो न जाऐं हसीन लम्हों के, हर याद को मैं जिगर में बंद रखता... Hindi · मुक्तक 1 369 Share MITHILESH RAI 24 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक रात जाती है फिर से क्यों रात आ जाती है? धीरे---धीरे दर्द की बारात आ जाती है! भूला हुआ सा रहता हूँ चाहतों को लेकिन, करवटों में यादों की हर... Hindi · मुक्तक 230 Share MITHILESH RAI 23 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक देखकर जिसको हमें करार मिलता है! ऐसा नसीब से हमें प्यार मिलता है! याद करता हो हमें हर घड़ी दिल़ से, ऐसा कभी कभी हमें यार मिलता है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 327 Share MITHILESH RAI 22 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू ने यही काम किया है! मेरी जिन्द़गी को बदनाम किया है! कैसे मैं छुपाऊँ अंजाम को सबसे? दर्द ने नुमाइश तेरे नाम किया है! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 254 Share MITHILESH RAI 20 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक इसतरह से जागी है तेरी कामना! जाँम को लबों से हो जैसे थामना! बर्फ सी पिघल रही हैं हसरतें मेरी, आग से ख्वाबों का हो जैसे सामना! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 234 Share MITHILESH RAI 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक जबसे जिन्दगी में आप मिल गये हैं! रास्ते मंजिल के फिर से खिल गये हैं! जागे हुए हैं पल ख्वाबों के इसतरह, जख्म भी जिगर के जैसे सिल गये हैं!... Hindi · मुक्तक 236 Share MITHILESH RAI 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक तुमको मैं जबसे खुदा मान बैठा हूँ! जिन्द़गी को गुमशुदा मान बैठा हूँ! खोजती हैं महफिलें जमाने की मगर, खुद को मैं सबसे जुदा मान बैठा हूँ! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 528 Share MITHILESH RAI 19 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक मेरे दर्द का आलम गुजर गया है! तेरी बेरुखी का जख्म भर गया है! कोई नहीं है मंजिल न राह कोई, चाहतों का हर मंजर बिखर गया है! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 521 Share MITHILESH RAI 18 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक थोड़ा होश है मुझे थोड़ी सी मदहोशी है! मेरी तन्हाई में यादों की सरगोशी है! शामों-सहर रुलाती हैं करवटें इरादों की, रंग है ख्वाबों का मगर गम की खामोशी है!... Hindi · मुक्तक 480 Share Previous Page 10 Next