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23 Feb 2017 · 1 min read

मुक्तक

जब भी मैं शाँम की तन्हाइयों में चलता हूँ!
बेकरार पलों की खामोशियों में ढलता हूँ!
गम की तस्वीरों में नजर आती है जिन्दगी,
धीरे-धीरे हसरतों की आग में जलता हूँ!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

Language: Hindi
219 Views
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