अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 2 min read मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं मेरे दित्र के मन मंदिर में . आओ साईं बस जाओ मेरे साई निहुर न होना मेरे... Hindi · गीत 2 2 554 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jun 2021 · 1 min read जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे जिन्दगी तेरी इबादत की जुस्तजू हो खुदाया मेरे शम्मा सी रोशन जिन्दगी सबकी हो खुदाया मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 213 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read राष्ट्रभाषा खोजता एक राष्ट्र राष्ट्रभाषा खोजता एक राष्ट्र राष्ट्रभाषा खोजता एक राष्ट्र अजीब उलझन में उलझा कुत्सित राजनीति का हिस्सा हो क्षेत्रीयवाद की चक्की में पिसता | राष्ट्रभाषा खोजता एक राष्ट्र यह राष्ट्र कभी... Hindi · कविता 3 6 214 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 2 min read अवसाद के क्षणों में भी अवसाद के क्षणों में भी अवसाद के क्षणों में भी खुशियों के पल की आस जगा लेता है ये मन अभाव के दौर में भी खुशनुमा पलों की आस में... Hindi · कविता 3 6 188 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read थका नहीं हूँ , रुका नहीं हूँ थका नहीं हूँ , रुका नहीं हूँ थका नहीं न हूँ , रुका नहीं हूँ हौसलों से पस्त हुआ नहीं हूँ | कोशिशों से डरा नहीं हूँ प्रयासों से भटका... Hindi · कविता 2 5 534 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read मजदूर हूँ मजबूर हूँ - कोरोना काल में लिखी गयी रचना मजदूर हूँ मजबूर हूँ मजदूर हूँ मजबूर हूँ इस देश की संतान हूँ सरकार को समझना होगा मैं भी एक इंसान हूँ | एक निवाला रोटी नहीं , ने ही... Hindi · कविता 2 8 545 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read छूट गयी जो छैयां छूट गयी जो छैयां छूट गयी जो छैयां मुझको वापस ला दो बीत गया जो बचपन मुझको वापस ला दो | माँ का वो प्यार दुलार मुझको वापस ला दो... Hindi · कविता 2 4 380 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read कोरोना – गीत कोरोना – गीत कोरोना कोरोना कोरोना कोरोना कोरोना कोरोना कोरोना घर से बाहर निकलो न भैया घर से बाहर निकलो न कोरोना ................................... एक दूसरे को समझाओ भैया एक दूसरे... Hindi · गीत 2 4 268 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read श्री राम श्री राम चेतना के सर्वोत्तम रूप संकल्प, धैर्य और तप से पोषित एक चरित्र | एक सफल , गुणवान और दिव्य चरित्र संयत , संतुलित और निजी सुखों के त्याग... Hindi · कविता 3 3 344 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read कहीं किसी आसमां पर कहीं किसी आसमां पर कहीं किसी आसमां पर लिखा होगा मेरी मंजिल का पता मैं उसी आसमां को कर लूंगा अपनी मंजिल का हमसफ़र | बढ़ चलूँगा मैं अपने हौसलों... Hindi · कविता 2 2 227 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read मुहब्बत के गीतों को मुहब्बत के गीतों को मुहब्बत के गीतों को लबों पर सजाये रखना यादों के चरागों को हमेशा जलाए रखना | मुहब्बत के आशियाँ को सजाये रखना यादों का एक समंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 195 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान तमस से ज्योति की ओर एक यात्रा अन्धकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान कुत्सित विचारों का अंत कर सदविचारों का आत्मसात पतन से उत्थान... Hindi · कविता 2 3 379 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read खिलाये फूल मुहब्बत के खिलाये फूल मुहब्बत के खिलायें फूल मुहब्बत के , आशिकी में डूब जाएँ हम किसी को गुनगुनाएं हम , किसी पर मुस्कुराएँ हम उनके पहलू में सिर रख के ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 182 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jun 2021 · 1 min read मजदूरों की घर से दूरी - कोरोना काल में लिखी रचना मजदूरों की घर से दूरी मजदूरों की घर से दूरी , ऊपर से ये कैसी मजबूरी कोई राह दिखाओ तो , घर तक हमें पहुँचाओ तो दो वक़्त की रोटी... Hindi · कविता 2 2 315 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read दिल के घावों को दिल के घावों को दिल के घावों को बरकरार रखना हर एक गम के लिए दिल में जगह रखना दिल में चुभोया है नश्तर जिन्होंने उन इंसानियत के गुनाहगारों को... Hindi · कविता 5 2 251 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read जिन्दगी है तो उम्मीद भी है जिन्दगी है तो उम्मीद भी है जिन्दगी है तो उम्मीद भी है उम्मीद है तो आशाएं भी हैं आशाएं है तो सपने भी हैं सपने है तो लक्ष्य भी हैं... Hindi · कविता 5 4 350 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read क़ुबूल कर मेरी आशिक़ी क़ुबूल कर मेरी आशिक़ी क़ुबूल कर मेरी आशिकी को, यूं इनकार न कर इस आशिके - मजनू को , यूं बेकरार न कर कुबूल कर मेरी आशिकी को, यूं इनकार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 270 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read सपनों की नगरी में सपनों की नगरी में सपनों की नगरी में इक मेरा भी सपना छोटा सा , नन्हा सा कुसुमित पुष्प सा कोमल पंखुड़ियों , कुछ काँटों के सानिध्य में पल्लवित होता... Hindi · कविता 3 2 197 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read हौले - हौले बदल रही है नारी छवि नारी छवि हौले - हौले बदल रही है नारी छवि हौले - हौले निखर रहे हैं हौसले हौले - हौले आसमां की ओर बढ़ती हौले - हौले खुद से प्यार... Hindi · कविता 3 4 219 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read अपने ही देश में अपने ही देश में अपने ही देश में मुझको पराया कर दिया न जाने क्यूं मुझको बेगाना कर दिया कोरोना की इस त्रासदी में लोगों ने छला है मुझको मजदूर... Hindi · कविता 3 2 289 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read ये कैसी पनघट की डगर ये कैसी पनघट की डगर ये कैसी पनघट की डगर ,जिसका न कोई हमसफ़र चल पड़े घर की ओर , सूझती नहीं कोई डगर जिसने पूछा हाल मेरा, वो हो... Hindi · कविता 2 2 456 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read बीत जाएगा ये दौरे - त्रासदी बीत जाएगा ये दौरे - त्रासदी बीत जाएगा ये दौरे – त्रासदी रोशन होगी फिर एक नयी सुबह स्वयं को संभालना सीखना होगा स्वयं को बनाना होगा ऊर्जावान तिनका -... Hindi · कविता 2 6 388 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 2 min read जानो है अपने गाँव - गीत जानो है अपने गाँव जानो है अपने गाँव रे भैया, जानो है अपने गाँव रे जा शहर ने न प्रीत निभाई का से करूँ मै प्रीत रे भैया जानो है... Hindi · गीत 3 2 347 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2021 · 1 min read थोड़ा है थोड़े की जरूरत है थोड़ा है थोड़े की जरूरत है थोड़ा है थोड़े की जरूरत है पीड़ा है मरहम की जरूरत है सपने हैं आसमां की जरूरत है मंजिल है साहिल की जरूरत है... Hindi · कविता 2 2 225 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने आयेंगे एक दिन सब माथा तुझे झुकाने हर लेना पीर सबकी, आयेंगे तुझे मनाने इस त्रासदी में प्रभुजी, द्वार बंद कर दिए हैं... Hindi · कविता 6 10 326 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read पिघलते बादलों के बरसने का इंतज़ार है मुझे पिघलते बादलों के बरसने का इंतज़ार है मुझे पिघलते बादलों के बरसने का इंतज़ार है मुझे भीगती बयार का इंतज़ार है मुझे सजाये हैं प्रकृति से , आलिंगन के सपने... Hindi · कविता 6 14 291 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read कुदरत की अनुपम कलाकृति हैं हम कुदरत की अनुपम कलाकृति हैं हम कुदरत की अनुपम कलाकृति हैं हम पंचतत्वों से निर्मित एक परिपूर्ण मूर्ति स्वयं के उद्धार की संस्कृति से संस्कारित मुक्तिपथ के ज्ञान बोध से... Hindi · कविता 5 6 534 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read मंजिल की चाह जिन्दगी मंजिल की चाह जिन्दगी मंजिल की चाह जिन्दगी क़दमों का रुक जाना जिन्दगी नहीं कोशिशों का कारवाँ है जिन्दगी थक कर हार जाना जिन्दगी नहीं सपनों का समंदर रोशन करना... Hindi · कविता 2 2 258 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 2 min read कोरोना की भीषण त्रासदी को बयाँ करती यह रचना कोरोना कोरोना की इस भयावह त्रासदी के समंदर में डूबे करोड़ो मजदूर कोरोना की इस महात्रासदी में मैंने , इंसानियत को तार - तार होते देखा दो वक़्त की रोटी... Hindi · कविता 2 2 356 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read कहाँ गए वो लोग कहाँ गए वो लोग कहाँ गए वो लोग, वतन पर जान दिया करते थे कहाँ गए वो लोग, मातृभूमि पर न्योछावर हो जाया करते थे कहाँ गए वो लोग, जो... Hindi · कविता 2 3 525 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read कोई बताये हमें - कोरोना काल पर ......... कोई बताये हमें कभी कोरोना कभी सुनामी , कभी भूकंप से हो रहे रूबरू हम कभी दंगों की पीड़ा , कभी मजदूरों की पीड़ा से रूबरू हो रहे हम वक़्त... Hindi · कविता 2 2 207 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read तेरे चरणों का लिए सहारा तेरे चरणों का लिए सहारा तेरे चरणों का लिये सहारा जीवन पथ पर बढ़ जाऊं मैं पार लगाना नैया मेरी भक्ति राह पर बढ़ जाऊं मैं पावन करना कर्म सभी... Hindi · गीत 2 2 263 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read हे पिता,करूँ मैं तेरा वंदन हे पिता,करूँ मैं तेरा वंदन तुमसे रोशन दुनिया मेरी तुमसे रोशन जीवन मेरा पथ प्रदर्शक थे तुम मेरे तुमसे रोशन आशियाँ मेरा हे पिता अभिनन्दन तुम्हारा तुमसे ही था घर... Hindi · कविता 2 2 323 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read प्रकृति की हर एक पात में तू प्रकृति की हर एक पात में तू प्रकृति की हर एक पात में तू गीता , बाइबिल , शब्द ग्रन्थ, कुरआन में तू बस रहा प्रकृति के हर एक कण... Hindi · कविता 1 2 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read क्या कहिये - ग़ज़ल क्या कहिये वो कहते हैं कि रहते हैं वो हर एक के दिल में फिर भी एक दूरी है दिलों के बीच, क्या कहिये उन्हें गुमां है अपने “रिश्ता -... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 244 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read कलम कलम मैं कलम से अलख जगाता हूँ जगाता हूँ सोये हुए भाग्य पीर दिलों की मिटाता हूँ जगाता हूँ चेहरे पर मुस्कान संवेदनाओं का समंदर करता हूँ रोशन भटकों को... Hindi · कविता 2 2 249 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 5 Jun 2021 · 1 min read बेवजह बेसबब आँखें नम हो जाया नहीं करतीं बेवजह बेसबब आँखें नम हो जाया नहीं करतीं बेवजह बेसबब आँखें नम हो जाया नहीं करतीं कभी ख़ुशी कभी गम के साए तले छलक जाती हैं ये कभी रिश्तों की... Hindi · कविता 2 2 269 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 6 min read कुछ ले दे के साब ( व्यंग्य ) कुछ ले दे के साब ( व्यंग्य ) - ( इस व्यंग्य का किसी व्यक्ति विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है अगर ऐसा होता है तो उसे मात्र संयोग समझा... Hindi · लेख 2 2 525 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read इंसानियत हुई तार - तार है इंसानियत हुई तार - तार है इंसानियत हुई तार - तार है मानवता हुई बेजार है कोरोना की इस त्रासदी में कैसी ये कुदरत की मार है ऑक्सीजन का अभाव... Hindi · कविता 2 2 289 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read किताबें किताबें मानव मन को आनंद से परिपूर्ण कर देती है किताबें चिंतन का एक समंदर रोशन कर देती है किताबें कल्पनाओं के सागर में हिलोरें मारने लगता है मन खुद... Hindi · कविता 3 8 458 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां - गीत ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां - गीत ये चाँद ये सितारे ये जमीं और ये आसमां इक तेरे दीदार की आरज़ू हैं लिए तू बसता है... Hindi · गीत 1 1 212 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read अपने पंख तलाशो अपने पंख तलाशो अपने पंख तलाशो और उन्हें अपनी धरोहर कर लो अपना आत्मविश्वास ढूंढो और उसे अपनी अमानत कर लो जीवन संघर्ष है और संघर्ष ही जीवन अपना हौसला... Hindi · कविता 1 2 230 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक शायरी का एक खुशनुमा दौर हुआ था रोशन , हिन्दुस्तान में " ग़ालिब " शायरों की महफ़िल में गुलाब बन महका लैला - मजनू , हीर - रांझा ,... Hindi · मुक्तक 2 1 241 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read अंदाज़े - शायरी १. मैं अक्सर उसकी गली के चक्कर लगाया करता हुँ खुली जुल्फों के साथ उसे खिड़की के करीब पाया करता हूँ जब दीदार नहीं होता है, मैं उदास हो जाया... Hindi · मुक्तक 2 1 343 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक १. खामोश जुबां की अपनी जुबान होती है बिना कहे भी बहुत कुछ कह जाती है २. वो महसूस तो करते होंगे, मेरे दर्द - दिल की आवाज़ यूं... Hindi · मुक्तक 2 4 232 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read मुक्तक १. जब मन से कुटिल भावों का अंत होने लगे जब सुविचारों की निर्धनता समाप्त होने लगे जब ग्रीष्म में भी तुम्हें शीतलता महसूस होने लगे तुम महसूस करोगे हृदय... Hindi · मुक्तक 2 4 265 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read मुक्तक १. जब देवालय तुम्हारे प्रयोजन सिद्ध करने लगें जब तुम पर देव पुष्प बरसाने लगें जब तुम पर से ग्रहण रुपी बादल छंटने लगें तुम महसूस करना तुम उस परमेश्वर... Hindi · मुक्तक 2 1 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read मुक्तक १. जब तुम्हारा अन्धकार, भक्ति रुपी मार्ग से मिटने लगे जब तुम स्वयं को प्रभु का सेवक समझने लगो जब तुम असीम शांति का अनुभव करने लगो समझना तुम पर... Hindi · मुक्तक 2 1 284 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 30 May 2021 · 1 min read नारी हूँ मैं , देह नहीं हूँ नारी हूँ मैं , देह नहीं हूँ नारी हूँ मैं , देह नहीं हूँ आनंदमयी चेतना हूँ मैं मात्र शरीर नहीं हूँ, मोक्ष का आधार हूँ मैं करुणा और प्रेम... Hindi · कविता 2 2 218 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 May 2021 · 1 min read निराशा से मुक्ति का मंत्र निराशा से मुक्ति का मंत्र निराशा से मुक्ति का मंत्र है सृजन निराशा से मुक्ति का मंत्र है अर्थपूर्ण व्यस्तता निराशा से मुक्ति का मंत्र है स्वयं पर विश्वास निराशा... Hindi · कविता 2 2 256 Share Previous Page 11 Next