विनोद सिल्ला 574 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद सिल्ला 29 Aug 2021 · 3 min read पत्रकारिता और हिन्दी साहित्य पत्रकारिता और हिन्दी साहित्य -विनोद सिल्ला भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में समाचार-पत्रों, पत्रकारों और पत्रकारिता सराहनीय योगदान रहा। उस समय पत्रकारिता वही लोग करते थे, जो साहित्यकार भी थे। देश... Hindi · लेख 2 1k Share विनोद सिल्ला 4 Jan 2022 · 1 min read नरक स्वर्ग दोहे नरक स्वर्ग सब है यहीं, नहीं कहीं भी और। हांसी-ठठ्ठे हैं स्वर्ग में, मचा नरक में शोर।। नरक स्वर्ग के फेर में, उलझे सब नर नार। शातिर उलझा है... Hindi · दोहा 1 1k Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read स्वर्ग की कल्पना स्वर्ग की कल्पना सावन माह में ठंडी हैं फुहार मौसम है सुहावना शायद ऐसा ही मौसम देख कर की गई होगी स्वर्ग की कल्पना -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 804 Share विनोद सिल्ला 9 Jul 2022 · 4 min read बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना -विनोद सिल्ला प्रत्येक शादी में वर और वधु दोनों पक्ष हर संभव यह प्रयास करते हैं कि शादी का कार्यक्रम सुख-शान्ति से संपन्न हो जाए।... Hindi · निबंध · लेख 2 2 862 Share विनोद सिल्ला 14 Nov 2020 · 1 min read बचपन बाल दिवस पर विशेष बचपन मैं हूँ एक अभागा बचपन। समाज द्वारा त्यागा बचपन।। कूड़े से रोटी बीन रहा, भूखी नींद से जागा बचपन।। भूख गरीबी का पहनावा, कहें सभी... Hindi · कविता 2 4 729 Share विनोद सिल्ला 28 Aug 2021 · 3 min read साहित्य, साहित्यकार और ढकोसला साहित्य, साहित्यकार और ढकोसला -विनोद सिल्ला दुनिया में प्रत्येक राष्ट्र अपने साहित्य व साहित्यकारों का यथेष्ट सम्मान करता है। भारत में साहित्य और साहित्यकारों को जाति, धर्म व भाषा के... Hindi · लेख 1 777 Share विनोद सिल्ला 10 May 2021 · 1 min read विनोद सिल्ला के दोहे विनोद सिल्ला के दोहे ताजे खाओ फल सदा, रहोगे तुम निरोग| फास्ट फूड को छोड़ के, फल का लाओ भोग|| फल खाओ तुम रोज ही, फल हैं गुण की खान|... Hindi · दोहा 1 5 683 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read अथाह प्रेम अथाह प्रेम मेरे घर के आगे बैठा रहता है एक लाल कुत्ता जो रोटी के एक टुकड़े के बदले लुटाता है हम पर अथाह प्रेम इस स्वार्थ के युग में... Hindi · कविता 662 Share विनोद सिल्ला 19 Nov 2020 · 1 min read चमचे चमचे होते हैं चमचे कई प्रकार के कुछ सजीव होते हैं कुछ निर्जीव होते हैं कुछ धातु के कुछ अधातु के होते हैं सब के सब लाए जाते है प्रयोग... Hindi · कविता 1 2 682 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भोर का सपना भोर का सपना भोर में सपना आया सपने में था जातिविहीन समाज भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन चिकित्सा-शिक्षा व रोजगार के समान अवसर वर्ग व वर्ण विहीन समाज महिला-पुरुष सभी को समान... Hindi · कविता 692 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read समता का भाव समता का भाव फूल उपवन को महका रहे हैं हर एक पर खुशी लुटा रहे हैं हर चेहरे को खिला रहे हैं पावन अहसास करा रहे हैं अगङे पिछङों का... Hindi · कविता 613 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2021 · 1 min read दाढ़ी वाले दोहे दाढ़ी वाले दोहे दाढ़ी तेरी बढ़ गई, कैसा तेरा हाल। दीवानों सा तू लगे, कैसा है जंजाल।। दाढ़ी तेरी सितमगर, बड़ी चार सौ बीस। दमघोटू सी लग रही, रही सभी... Hindi · दोहा 678 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read काठ की हांडी काठ की हांडी तेरे वोटों से जीतकर चुनाव वो पहुँच गया संसद में अब वो पूरी तरह भूल गया तुझे वोटार्थ फिर आएगा कहना उसे काठ की हांडी बार-बार नहीं... Hindi · कविता 607 Share विनोद सिल्ला 16 Jan 2021 · 1 min read दोहे दर्पण दर्पण देखो गौर से, देखो बारम्बार| दिखलाए सच-सच सदा, नहीं करे इंकार|| दर्पण बोले सच सदा, नहीं तनिक भी झूठ| जैसे को तैसा कहे, भले लाख जा रूठ|| दर्पण... Hindi · दोहा 2 4 621 Share विनोद सिल्ला 18 Mar 2022 · 1 min read मूक भाषा मूक भाषा अध्यापक कपिल तबादला होकर इस विद्यालय में आए। वाकिफकारी न होने के कारण मुख्याध्यापक व अन्य अध्यापक कपिल से घुले-मिले नहीं थे। इसलिए वह अपने आप को विद्यालय... Hindi · लघु कथा 582 Share विनोद सिल्ला 3 Dec 2019 · 3 min read पुस्तक समीक्षा पुस्तक समीक्षा -कृष्णलता यादव विनोद सिल्ला द्वारा संपादित समीक्ष्य कृति ‘प्रकृति के शब्द शिल्पी : रूप देवगुणʼ’ में देवगुण की साहित्य को देन के तथ्यपरक विवरण सहित 13 खंड समुद्र,... Hindi · लेख 1 1 617 Share विनोद सिल्ला 15 Nov 2020 · 1 min read धर्म अफीम है धर्म अफीम है पूरा साल एक-एक पैसे का मोहताज रहने वाला श्रमिक भी धनतेरस को अपनी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई से मिलावटी मिठाई आतिशबाजी सेल से अमीरजादों द्वारा नकारा गया... Hindi · कविता 2 624 Share विनोद सिल्ला 18 Mar 2022 · 1 min read सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति सभागार श्रोताओं से खचाखच भरा था। आकर्षक व्यक्तित्व का धनी युवक ने बतौर मुख्यवक्ता संबोधित किया। उसके भाषण की हर तरफ मुक्त कंठ से प्रशंसा हुई। बार-बार... Hindi · लघु कथा 1 555 Share विनोद सिल्ला 8 Sep 2020 · 1 min read भोर का सपना भोर का सपना भोर में सपना आया सपने में था जातिविहीन समाज भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन चिकित्सा-शिक्षा व रोजगार के समान अवसर वर्ग व वर्ण विहीन समाज महिला-पुरुष सभी को समान... Hindi · कविता 5 2 590 Share विनोद सिल्ला 6 Apr 2021 · 1 min read हिसाब चुकता हिसाब चुकता तुमने तोड़ लिया हर नाता कर लिया हर हिसाब चुकता अपना ले लिया मेरा दे दिया लेकिन चुकता हो भी कहाँ पाया? तेरे दुख में दुखी हुआ तेरी... Hindi · कविता 1 570 Share विनोद सिल्ला 2 Apr 2020 · 1 min read मघुर संदेश मघुर संदेश पेड़ों के पत्तों से छनकर हरियाली के सागर में नहाकर आई हवा ले कर प्रकृति का मधुर संदेश -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 1 535 Share विनोद सिल्ला 29 Oct 2019 · 1 min read कैसी दीवाली कैसी दीवाली कैसी दीवाली किसकी दीवाली जेब भी खाली बैंक भी खाली हर तरफ हुआ है धूंआ-धूंआ पर्यावरण भी दूषित हुआ जीव-जन्तु और पशु-पखेर आतिशी दहशत में हुए ढेर कितनों... Hindi · कविता 3 1 518 Share विनोद सिल्ला 25 Mar 2022 · 1 min read मीठे पानी की छबील मीठे पानी की छबील वृद्ध खुशहाल सिंह अपने बुढ़ापे के सहारे, इकलौते पुत्र जगरूप से तीन बार, पीने के लिए पानी मांग चुका। लेकिन जगरूप शीशे के सामने खड़ा अपनी... Hindi · लघु कथा 2 549 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read खारा ही रहा खारा ही रहा सागर की तरह मानव जीवन में मीठे जल की कितनी ही नदियाँ मिलीं फिर भी मानव जीवन सागर की तरह खारा ही रहा जबकी नदियों ने खो... Hindi · कविता 507 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read छोटी मछली छोटी मछली मैं हूँ एक छोटी - सी मछली ! सपनों के सागर में मचली !! सोचा सारा सागर मेरा , ले आजादी का सपना निकली ! बङे - बङे... Hindi · कविता 561 Share विनोद सिल्ला 12 Sep 2019 · 1 min read मैं क्या करता मैं क्या करता उसकी दोस्ती से साजिशों की बू आ रही थी उससे पीछा न छुङाता तो क्या करता भले ही वह आज मुझे बेवफा कहे -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 509 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 4 min read कारण बताओ नोटिस कारण बताओ नोटिस आज कार्यालय में अजीबो गरीब शांति थी| सभी अधिकारी/कर्मचारी सदमे में थे| जबकि यह कार्यालय तो हंसी-ठ्ठठों के ठहाकों के लिए विख्यात था| संदिग्ध खामोशी के बारे... Hindi · कहानी 1 2 517 Share विनोद सिल्ला 8 Sep 2020 · 1 min read अंतिम पायदान का व्यक्ति अंतिम पायदान का व्यक्ति वो है अंतिम पायदान पर धकेला गया व्यक्ति उसके द्वार पर होती है दस्तक धर्माचार्यों की इस आग्रह के साथ धर्म है असुरक्षित करो शामिल अपने... Hindi · कविता 3 2 516 Share विनोद सिल्ला 19 Mar 2022 · 1 min read सरपंच का भाई सरपंच का भाई नवंबर 2016 की नोटबंदी के दौरान बैंक के सामने लम्बी कतार लगी थी। एक सफेदपोश अनाधिकार पूर्वक बैंक में घुसने की चेष्टा कर रहा था। कतार में... Hindi · कहानी 1 486 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read झोपड़पट्टी झोंपड़पट्टी ढह गईं झुग्गियाँ उनके स्थान पर बन गए शॉपिंग मॉल साथ में ढह गई बस्ती के छोटे दुकानदारों की हाट वहीं उसारे गए गगनचुंबी भवन एक बार फिर बन... Hindi · कविता 481 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read वर्तमान और जीवन वर्तमान और जीवन जन्मते हैं सभी वर्तमान में। करते हैं सभी जीवन की शुरुआत वर्तमान में जीने से। ज्यों-ज्यों होते जाते हैं बड़े खोते जाते हैं अतीत की यादों में... Hindi · कविता 1 465 Share विनोद सिल्ला 16 Dec 2020 · 5 min read एक नूर से सब जग उपज्या एक नूर से, सब जग उपज्या महाराष्ट्र के नागपुर शहर के रेलवे स्टेशन से "गोंडवाना एक्सप्रैस" दोपहर के ठीक एक बजकर चालीस मिनट पर, अपने निर्धारित समय पर, दिल्ली जाने... Hindi · कहानी 2 468 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read स्वच्छता अभियान स्वच्छता अभियान जरूरत है भारत को स्वच्छता अभियान चलाने की जिससे हो जाए स्वच्छ मानव-मन हो जाए स्वच्छ मानव-मन में भरा कूड़ा-कर्कट हर गली में व्याप्त जाति-पांति का कीचड़ धर्मस्थलों... Hindi · कविता 530 Share विनोद सिल्ला 6 Nov 2020 · 1 min read भोली जनता लूट ली विनोद सिल्ला की कुंडलियां भोली जनता लूट ली, कर-कर के पाखंड| तार्किकता छोड़ कर के, थाम लिए हैं फंड|| थाम लिए हैं फंड, कई घर बर्बाद हुए| भोले भगतों की... Hindi · कुण्डलिया 1 476 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read शब्दों के अर्थ शब्दों का अर्थ उनके शब्द स्पष्ट थे परन्तु उन शब्दों के नहीं थे अर्थ स्पष्ट सबने अपने-अपने विवेक से निकाले अर्थ उन शब्दों के अर्थ का कर दिया अनर्थ वो... Hindi · कविता 480 Share विनोद सिल्ला 22 Aug 2019 · 1 min read झूठ की चकाचौंध झूठ की चकाचौंध चीखते हैं टी. वी. चैनल एक सुर में मिला रहे हैं ताल सभी समाचार-पत्र इनके मालिक हैं सरकार में सांझेदार या हैं नतमस्तक विज्ञापन के नाम पर... Hindi · कविता 1 455 Share विनोद सिल्ला 15 Nov 2020 · 1 min read बारूदी उत्सव बारूदी उत्सव अमावस्या थी कार्तिक मास की उत्सव था बारूदी मनाया गया धूमधाम से धूम-धड़ाकों ने नहीं सोने दिया रातभर बेरहमों ने जमकर फूंका बारूद नहीं खाया तरस निरिह प्राणियों... Hindi · कविता 1 2 496 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read बरसात बरसात आ गई बरसात देख रहे थे कब से राह इसकी लहलहा उठे पेड़-पौधे टर्रा उठे मेंढक हुई धींगा-मस्ती बच्चों की चल पड़ीं कागज की नाव मिल गई गर्मी से... Hindi · कविता 2 484 Share विनोद सिल्ला 7 Sep 2019 · 1 min read भ्रष्ट शिक्षा तंत्र भ्रष्ट शिक्षा तंत्र शिक्षा के नाम पे चल रहे, कारोबार बंद हों। विकासोन्मुखी लाभदायक, शिक्षा का प्रबंध हो।। सेल लगी है आज उपाधियों की बाजार में, कहीं नकद में सौदे... Hindi · कविता 533 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जुर्म भी बता दो जुर्म भी बता दो हमें सज़ा दो लाख, पर जुर्म भी बता दो। चाहे न करो माफ, पर जुर्म भी बता दो।। घुङचढी पर घोङी से,भी हमें उतार दिया, मंदिरों... Hindi · गीत 487 Share विनोद सिल्ला 4 Sep 2019 · 1 min read झाड़-झाड़ बैरी झाड़-झाड़ बैरी झाड़-झाड़ बैरी हुआ, क्या कर सके इंसान| ऐसे - ऐसे चल रहा, जैसा उसको ज्ञान|| जैसा उसको ज्ञान, हैं नेता मूर्ख बनाएं| जात - पात के रफड़, उसे... Hindi · कुण्डलिया 502 Share विनोद सिल्ला 6 Apr 2021 · 1 min read विचार भी मरते हैं विचार भी मरते हैं सच है ये विचार भी मरते हैं सरकारें मार देती हैं उन विचारों को जिनसे महसूस होता है उसे खतरे में सिंहासन जिन्हें नहीं मार पाती... Hindi · कविता 2 2 477 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read क्यो? क्यों? पशु आपस में लङते हैं खूब पंछी भी आपस में भिङते हैं खूब कीट-पतंग भी करते हैं संघर्ष इनके गुण इनके स्वभाव इनकी आदत इनका खानपान इनकी प्रवृत्ति अलग-अलग... Hindi · कविता 1 452 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read चुनाव चुनाव देखा चुनाव का दौर प्रचार का शोर लगा हुआ एड़ी-चोटी का जोर किसी को बेचा किसी को खरीदा शह-मात का खेल शेर-बकरी का मेल किसी को रिझाया किसी को... Hindi · कविता 1 484 Share विनोद सिल्ला 8 Sep 2020 · 1 min read बाह्य मूल्यांकन बाह्य मूल्यांकन कोट-पैंट टाई ने बाह्य व्यक्तित्व बना दिया आकर्षक गिटपिट भाषा ने बना दिया इक्किसवीं शदी का लेकिन अंदर आदमी था वही पंद्रहवीं सत्रहवीं शदी पुराना वर्णाश्रम के सांचे... Hindi · कविता 3 3 478 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भूमिका भूमिका तुम बखूब निभा सकते हो स्वयं की भूमिका लेकिन अफसोस तूने खो दिया स्वयं का व्यक्तित्व औरों की भूमिका अदा करने में कभी तुम पर हावी रहा धर्मगुरुओं का... Hindi · कविता 429 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read भीम की औलाद हैं हम भीम की औलाद हैं हम भीम की औलाद हैं हम। इसीलिए फौलाद हैं हम।। है संघर्ष हमारा मूलमन्त्र, इसीलिए आबाद हैं हम।। बाबा साहब हक दे गए, इसीलिए आजाद हैं... Hindi · कविता 1 1 486 Share विनोद सिल्ला 29 Oct 2019 · 1 min read धनतेरस - - ० ० धनतेरस ० ०- - निर्धन व्यक्ति तंगहाल है, धनतेरस का नहीं ख्याल है, मिठाई नहीं रोटी के लाले, चुल्हे पे लगे मकङी जाले, तवा उपेक्षित रो... Hindi · कविता 2 2 471 Share विनोद सिल्ला 29 Jan 2022 · 1 min read नींद नींद जब भी नींद ले लेती है अपने आगोश में मन की चाल पड़ जाती है धीमी पलकों के कपाट होने लगते हैं बंद दिल और दिमाग चला जाता है... Hindi · कविता 1 438 Share विनोद सिल्ला 1 Jun 2021 · 1 min read सामान जल्दी लदवा दो सामान जल्दी लदवा दो शिक्षक सुंदर सिंह भवन निर्माण सामग्री लेने बाजार गए| गद्दी पर पसरा पड़ा सेठ, सरकारी कर्मचारी व अधिकारियों को कोस रहा था| इतनी तनख्वाह लेते हैं,... Hindi · लघु कथा 1 462 Share Page 1 Next