Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2019 · 1 min read

झोपड़पट्टी

झोंपड़पट्‍टी

ढह गईं झुग्‍गियाँ
उनके स्‍थान पर
बन गए शॉपिंग मॉल
साथ में ढह गई
बस्‍ती के
छोटे दुकानदारों की हाट
वहीं उसारे गए
गगनचुंबी भवन
एक बार फिर
बन गई झुग्‍गियाँ
शहर से बाहर
शायद निकट भविष्य में
फिर से
उसारे जाएंगे भवन
फिर से
खदेडे़ जाएंगे झुग्‍गीवासी
जान कब तक चलेगा
ये क्‍रम

-विनोद सिल्‍ला©

Language: Hindi
478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें)
AJAY PRASAD
*मां*
*मां*
Dr. Priya Gupta
జయ శ్రీ రామ...
జయ శ్రీ రామ...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
"दुनियादारी के रिश्तों की पींग मिज़ाजपुर्सी से मातमपुर्सी तक
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
दुष्यन्त 'बाबा'
ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ
ग़ज़ल/नज़्म : पूरा नहीं लिख रहा कुछ कसर छोड़ रहा हूँ
अनिल कुमार
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
फ़ब्तियां
फ़ब्तियां
Shivkumar Bilagrami
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
पहला अहसास
पहला अहसास
Falendra Sahu
23/10.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/10.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
नाथ सोनांचली
क्रिकेटफैन फैमिली
क्रिकेटफैन फैमिली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
*कभी कभी यह भी होता है, साँस न वापस आती (गीत )*
*कभी कभी यह भी होता है, साँस न वापस आती (गीत )*
Ravi Prakash
"धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
बेदर्द ...................................
बेदर्द ...................................
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
तमाशा जिंदगी का हुआ,
तमाशा जिंदगी का हुआ,
शेखर सिंह
वक़्त की रफ़्तार को
वक़्त की रफ़्तार को
Dr fauzia Naseem shad
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
Manisha Manjari
तमाम उम्र काट दी है।
तमाम उम्र काट दी है।
Taj Mohammad
अपने और पराए
अपने और पराए
Sushil chauhan
Loading...