Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2022 · 1 min read

सरपंच का भाई

सरपंच का भाई

नवंबर 2016 की नोटबंदी के दौरान बैंक के सामने लम्बी कतार लगी थी।
एक सफेदपोश अनाधिकार पूर्वक बैंक में घुसने की चेष्टा कर रहा था।
कतार में खड़े लोग उसके घुसने का विरोध कर रहे थे।
तो उसने कहा, “जाने दो मैं समाधखेड़ा के सरपंच का भाई हूँ। थोड़ी जल्दी है।”
एक ने पूछा, “राजमल का साला है क्या? समाधखेड़ा की सरपंच तो राजमल की पत्नी “कविता” है।”
सफेदपोश मुंह बिचकाते हुए बोला, “राजमल का भाई हूँ।”
कतारबद्ध जनसमूह ने जोर का ठहाका लगाया। सफेदपोश पानी-पानी हो गया।

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
1 Like · 485 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
मूल्यों में आ रही गिरावट समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी क्या है
हिंदी क्या है
Ravi Shukla
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मौसम मौसम बदल गया
मौसम मौसम बदल गया
The_dk_poetry
गोंडवाना गोटूल
गोंडवाना गोटूल
GOVIND UIKEY
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"भुला ना सकेंगे"
Dr. Kishan tandon kranti
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran
नारी सम्मान
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
नारी तेरा रूप निराला
नारी तेरा रूप निराला
Anil chobisa
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
कोई हमको ढूँढ़ न पाए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सफर,रुकावटें,और हौसले"
Yogendra Chaturwedi
राम आएंगे
राम आएंगे
Neeraj Agarwal
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
Kanchan Khanna
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
पोथी- पुस्तक
पोथी- पुस्तक
Dr Nisha nandini Bhartiya
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Sukoon
2316.पूर्णिका
2316.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
दिखावा
दिखावा
Swami Ganganiya
सो रहा हूं
सो रहा हूं
Dr. Meenakshi Sharma
Loading...