V.k.Viraz 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid V.k.Viraz 31 Aug 2020 · 1 min read // रात // ये रात भी क्या कुछ दे जाती है थके हुए इंसान को प्यारी नींद सुलाती है। चिंताओ के बोझ से भय मुक्त करवाती है ये रात भी क्या कुछ दे... Hindi · कविता 3 2 589 Share V.k.Viraz 24 Apr 2021 · 1 min read दुनिया पूरी क़ायनात को बस ये ही बीमारी है कि दुनिया ही मुसीबतों की जड़ सारी है। ख़ुद को कभी कोई शामिल करता नही, बस बदनाम करने का काम जारी है।... Hindi · मुक्तक 1 2 538 Share V.k.Viraz 21 May 2020 · 1 min read {【मुश्किल】}(एक पथ प्रदर्शक) जीवन मे जितनी भी मुश्किलें आती हैं। राहें मंजिलों के उतनी ही क़रीब पहुँच जाती हैं। इनसे घबराकर पीछे चलने वालों को कुछ हासिल नही होता। जिनके ईरादों में जान... Hindi · कविता 3 2 538 Share V.k.Viraz 19 Jul 2020 · 1 min read 【जसाला वर्ड पिरामिड विधा】 (1) हैं कुल मानव एक जैसा तो क्यों कुछ सुर और कुछ असुर बन बैठे ★■■★ (2) है जब तक ये जातिवाद न होगा ख़त्म इस पावन ज़मी से कभी... Hindi · कहानी 6 5 535 Share V.k.Viraz 5 May 2021 · 1 min read ■ सुर या असुर इंसान ■ तुम सुर हो के असुर मुझे बता दो इंसानों इस गहरे राज़ से पर्दा आज उठा दो इंसानों। खोल दो आज हक़ीक़त का चिट्ठा अपने, सच जो हैं सबके सामने... Hindi · कविता 3 2 489 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read !:::बुरी राहें चलना मत:::! तारीफ़ों की आंच से पिघलना मत चिनगारियों से कभी जलना मत। बुरी राहें मंज़िल तक क्यों न जाएं, साथ उनके कभी तुम चलना मत। By-वि के विराज़ Hindi · मुक्तक 4 471 Share V.k.Viraz 7 Aug 2020 · 1 min read ©®°°°|||【दुनिया】|||°°°®© आग-ऐ-शोलों पे चलाती है दुनिया हर काम मे टांग अड़ाती है दुनिया। सुनती नही किसी की कभी अक्सर अपनी ही अपनी चलाती है दुनिया। दूसरों के पथ पर ढेरों रोड़े... Hindi · कविता 3 4 442 Share V.k.Viraz 13 Nov 2020 · 1 min read माँ-बाप-और बेटा पार्ट 2 ◆ --------------------------- क्या हुआ के माँ बाप ने कुछ कह दिया तुझे इस बड़े संसार मे अमूल्य जीवन दिया तुझे। बातें आज उनकी तुझे बे-फिजूल लगती हैं जिन बातों से जीने... Hindi · कविता 474 Share V.k.Viraz 23 Sep 2020 · 1 min read {【ब्याज़ पे मदद 】} अपनों से ही तो बस ,अपनीयता दिखाती है। दूसरों पर तो दुनिया मदद,ब्याज पे उठाती है। By vk viraz Hindi · शेर 4 475 Share V.k.Viraz 26 Aug 2020 · 1 min read ||{ कलम }|| कलम हूँ मैं कमाल हूँ। लिखता मै बेमिसाल हूँ। क्रांति की बौछार हूँ। लेखक की तलवार हूँ। सच्चाई की पुकार हूँ। समाज का सुधार हूँ। संसार का आईना हूँ। भावों... Hindi · कविता 1 2 435 Share V.k.Viraz 15 May 2020 · 1 min read दुःख की घड़ी (दुःख कि घड़ी) ************ चिंता को दूर कर भय के मायाजाल से बाहर निकल। ये दुःख की घड़ी है प्यारे जल्दी ही तेज़ हवा की भांति ये भी जाएगा टल।... Hindi · कविता 3 6 476 Share V.k.Viraz 14 Jul 2020 · 1 min read \// अंतिम प्रयास //\ फ़ौलाद भरा है सीने में तो हार कैसे मानु। जब जीत है मेरी मुट्ठी मे तो भेद शिकस्त का क्यों जानु। परिश्रम पर विश्वास करूँ मै न और किसी पर... Hindi · कविता 3 10 432 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **मोम न बनो** पत्थर मोम बना तो पल में पिघल गया। इंसान मोम बना तो हरकोई निग़ल गया। Hindi · शेर 1 2 441 Share V.k.Viraz 19 Nov 2020 · 1 min read #क़ाबिल /// मेहनत -ऐ- महफ़िल में शामिल हो जाइये। कुछ न कीजिए तो बस क़ाबिल हो जाइये। Hindi · शेर 2 446 Share V.k.Viraz 15 Jul 2020 · 1 min read **प्रभु अब अवतार लो** घड़ा पाप का भर गया प्रेम बाग़ सब उजड़ गया। राक्षसों का खुनी मेला अंतिम चरण चढ़ गया। के मानवहित ख़ातिर प्रभु फिर नरसिंह रूप धार लो प्रभु तुम अब... Hindi · कविता 5 6 445 Share V.k.Viraz 25 Jul 2020 · 1 min read **प्यार व्यापार** रंग से लोग सच्चे प्यार नही करते। जिन्हें रूह की परख होती है वो जिस्मों का व्यापर नही करते। विराज़ Hindi · शेर 4 4 429 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **बात पैसों की** दोस्ती वहीं आकर अटक जाती है जहाँ पैसों की बात पड़ जाती है। Hindi · शेर 1 4 421 Share V.k.Viraz 29 Oct 2020 · 1 min read **हमदर्द न बनो** बेवज़ह न किसी के हमदर्द बनो, दुनिया जीनी है तो खुदगर्ज बनो। Hindi · शेर 1 454 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \कुछ गहरे घाव// उभर आए हैं कुछ दर्दों के भाव नजऱ आए फिर कुछ गहरे घाव। टूटा है फिर दिल का सन्नाटा मेरे, है इस पर फिर यादों का दबाव। Hindi · मुक्तक 3 2 411 Share V.k.Viraz 20 Nov 2020 · 1 min read \मजबूर हूँ मैं// कुछ मै हूँ मजबूर,कुछ वक़्त मेरा है अच्छा हूँ इसलिए,सबने आ घेरा है। Hindi · शेर 1 3 400 Share V.k.Viraz 17 May 2020 · 1 min read समय अभी निकला नही है समय अभी निकला नही है ********************* पछता न अपनी करनी पर जो भूल हुई सो भूल जा। माथा टेक के बैठ न फिर से मन मे जोश जगा के वक़्त... Hindi · कविता 2 2 453 Share V.k.Viraz 10 Jul 2020 · 1 min read ■【(3) हाइकु】■ याद प्रीतम- मन करे विभोर- हो दुःख जोर! ********* प्रेम रुआता- ह्रदय को जलाता- दर्द बढ़ाता! ********* सावन बर्षा- न आई सवारिया- मन तरसा! कवि-वि के विराज़ Hindi · हाइकु 5 4 388 Share V.k.Viraz 3 Feb 2021 · 1 min read *कुछ खत मोहोब्बत के * पैसों के दौर में हम ग़रीब लगे उसे। शायद इसलिए वो हमसे नज़रें चुराकर गई। निभा न सके हम उससे जिस्मानी मोहब्बत शायद इसलिए वो हमसे हाँथ छुड़ाकर गई। प्यार... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 398 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **चलन** वफादारी अच्छा चलन है चलाए रखिए। लाख बुराइयों में भी हुनर ख़ुद में ये बनाए रखिए। Viraz Hindi · शेर 2 4 411 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read \लोग काम नही आते// आदतों से लोग अपनी अब बाज नही आते। इंसानियत वाले लोग लोगों को रास नही आते। गुनगान करते हैं सिर्फ बुरी फ़ितरत वालों के काम आने वालों के भी लोग... Hindi · मुक्तक 2 2 413 Share V.k.Viraz 21 Aug 2020 · 1 min read 【◆कभी दिल से हाल पूछा होता◆】 कभी दिल से हाल पूछा होता तो दिल से अपना हाल बताते हम। ग़म के कितने काँटे चुभे हैं हर किस्सा कह सुनाते हम। तुम तो बस यूं ही ख़ैरियत... Hindi · कविता 4 2 419 Share V.k.Viraz 2 Mar 2021 · 1 min read उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है? मौत को शिकस्त दे पाया कौन है उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है। दो-चार क़दम का सभी का सफर है, पूरे रास्ते पे चल पाया कौन है।... Hindi · कविता 2 2 357 Share V.k.Viraz 1 Oct 2020 · 1 min read धूल भी कब्र बना देती है// यादों में यार कि अब सारे दिन कटते हैं साँसों के प्यारे गुब्बारे हर रोज़ सिमटते है। मिट्टी कि नन्ही सी धूल भी कब्र बना देती है जिसमे हर रोज... Hindi · मुक्तक 3 2 392 Share V.k.Viraz 18 May 2020 · 1 min read कोरोना हरि हरि की गुहार कर भगवान को पुकार कर मानव आज चीख़ रहा मृत्यु निकट जान कर। मंदिर में कर पूजा पाठ गलती अपनी सुधार रहा कैसे निपटें महामारी से... Hindi · कविता 3 4 384 Share V.k.Viraz 23 Jul 2020 · 1 min read ||【*त्याग*दो*】|| बुरी मनोस्तिथियों पर गोलियाँ अब दाग दो जिस चीज़ का असर बुरा हो उस चीज को अब त्याग दो। कटु वाणी पर न सुर न ताल न अब राग दो... Hindi · कविता 4 8 372 Share V.k.Viraz 30 Oct 2020 · 1 min read ●■ मैं अगर भगवान हुआ तो ■● मैं अगर भगवान हुआ तो दुनिया नई बनाऊंगा। हर जाति बस जाएगी इंसान नही बसाउंगा। ये हैं मानव रूपी शैतान लेते सिर्फ़ हवस का ज्ञान। कई दफाइन्हें दियाजीवन पर अब... Hindi · कविता 1 380 Share V.k.Viraz 4 Jun 2020 · 1 min read 【मानवता धँसती जाएगी】 मानवता और अधिक जमी में धँसती जाएगी। बस्ती इंसानों की जैसे जैसे और बसती जाएगी। बढ़ती जाएगी क्रूरता और प्रेम भावना घटती जाएगी। बुराइयों के ढेर बढ़ेंगे अच्छाइयों की चट्टानें... Hindi · कविता 5 8 329 Share V.k.Viraz 25 Oct 2020 · 1 min read ●◆दर्द का हिसाब◆● दर्द का मेरे कोई हिसाब नही लगाता बुरे वक़्त में मेरे कोई पास नही आता। दूर से निकल जाते हैं राम-राम करके नज़दीक से कोईभी हाँथ नही मिलाता। चमक जबतक... Hindi · कविता 1 335 Share V.k.Viraz 23 Oct 2020 · 1 min read ●【--मैं क़तरा ज़मी का--】● चमक चहरे पे मग़र दिल मे दर्दों के साए रहते हैं। मैं ज़मी का ऐसा क़तरा हूँ जिसके सर पे सदा बादल छाए रहते हैं। एक पल भी सुकूँ का... Hindi · कविता 2 2 319 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read 【फूटी क़िस्मत】 नही लिखी जाएंगी नज़्में कोई नही खाई जाएंगी कसमें कोई। सबकुछ छोड़ दिया हमने अब जब से है हमारी ज़िन्दगी रोई। हर बाज़ी हारते हि चले गए हम क़िस्मत जब... Hindi · कविता 4 3 364 Share V.k.Viraz 9 Jun 2020 · 3 min read 【बेटियों की उड़ान】 कृपालाल एक मजदूर है जो कबाड़े का काम करके अपने बीवी,बच्चों का भरण पोषण करता है उसके घर मे उसकी बीवी के अलावा उसकी दो बेटियां हैं जो स्कूल जाती... Hindi · कहानी 3 2 308 Share V.k.Viraz 8 Feb 2021 · 1 min read 【◆जब सितारे गर्दिश में हों◆】 जब सितारे गर्दिश में हो तो चुभ जाते हैं फूल साफ़ पड़े कमरे में भी लग जाती है धूल। हट जाते हैं सर से अपनों के भी सहारे। किनारे में... Hindi · कविता 1 3 369 Share V.k.Viraz 4 Jul 2020 · 2 min read ¶¶【हमे चलते रहना चाहिए】¶¶ दिन तो ढलता ही है उसे ढलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है हमे चलते रहना चाहिए। सूरज तो जलता ही है उसे जलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है... Hindi · कविता 4 4 320 Share V.k.Viraz 20 Aug 2020 · 1 min read 【●【मानव पर विकट संकट】●】 संकट तुझ पर विकट आ गया है, मानव तेरा अंत निकट आ गया है। भर गया अब,तेरे पाप का घड़ा पानी सर से अब ऊपर चढ़ा। बादल आख़िरी साँसों का... Hindi · कविता 2 4 363 Share V.k.Viraz 16 May 2020 · 1 min read भविष्य साथ समय ने जब दिया तब ख़ास कुछ भी किया नही। व्यर्थ गवांते रहे वक़्त को ध्यान भविष्य पर दिया नही। घूमना फिरना काम रहा चर्चों में बदनाम नाम रहा।... Hindi · कविता 2 2 306 Share V.k.Viraz 22 Nov 2020 · 1 min read ■■ कलयुग अंत ■■ हद से ज्यादा द्वेष,पाप जब बढ़ जाएगा अंत कलयुग का तब आएगा। संभोग की लालसा स्त्री को सताएगी पुरुष बहनों तक से हवस मिटाएगा। दया धर्म सब मिट चुका होगा... Hindi · कविता 1 2 305 Share V.k.Viraz 23 Aug 2020 · 1 min read ■||तुम चलो हम आ रहे हैं||■ तुम चलो हम आ रहे हैं जरा दोस्तों से हाथ मिला रहे हैं। न जाने फिर कब मिल पाएंगे जिनको आज छोड़कर जा रहे हैं। काटी थी जिनके संग मस्ती... Hindi · कविता 5 2 307 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read (ख़्याल तुम्हारा) ख़्याल तुम्हारा आता रहता है मुझे नींदों से जगाता रहता है। रह रह कर मेरे मन के भीतर दर्द सदा ये बढ़ाता रहता है। ख़्याल तुम्हारा आता रहता है पल... Hindi · मुक्तक 2 303 Share V.k.Viraz 8 Jul 2020 · 1 min read ** ||| फ़ौलादी ज़िगर||| ** मन की व्यथाओं से जीवन की दुविधाओं से भी बाहर आया जा सकता है गर जिगर फ़ौलादी हो तो हर दोष मिटाया जा सकता है। चिंताओं को आग लगाकर भय... Hindi · कविता 4 6 323 Share V.k.Viraz 9 Mar 2021 · 1 min read *ईमान के पहरेदार* हुक़ूमत-ऐ-नफऱत है प्यार कि मिनारों पर ईंटे पड़ रहीं भारी ऊँची दीवारों पर। निकल रहे बचकर काले पाप के ठेकेदार लग रहा इल्ज़ाम ‘ईमान’ के पहरेदारों पर। V.k.Viraz Hindi · मुक्तक 1 2 306 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **कुछ भी हो सकता है** ये दुनिया है कुछ भी हो सकता है। पल में ख़ुश कोई पल में रो सकता है। Viraz Hindi · शेर 5 2 300 Share V.k.Viraz 29 Aug 2020 · 1 min read ||●||साथी||●|| एक साथी बिछड़ गया है उसे ढूंढ रहा हूँ। खोज रहा हूँ पूछ रहा हूँ। यादों में उसकी तड़प रहा हूँ सिसक रहा हूँ। मिलने को उससे तरस रहा हूँ... Hindi · कविता 4 6 294 Share V.k.Viraz 17 Oct 2020 · 1 min read ■///【बदलता दौर】■ दौर उल्फ़त का ख़तम हो गया है। मतलबी अबहर सनम हो गया है। पहले इंसानियत हीधरम था,अब पैसा सभी का मजहब हो गया है। कागज़ के नोटों पे चलती है... Hindi · कविता 3 2 297 Share V.k.Viraz 27 Sep 2020 · 1 min read ::(लोग मतलबी):: --------------------------------------------------- केवल धोका है सब यहाँ अपनों के नाम पर देता है ध्यान हर कोई बस अपने काम पर। किसी को क्या किसी की मन्ज़िल की फ़िक्र रखता है नज़र... Hindi · मुक्तक 3 315 Share V.k.Viraz 22 May 2020 · 2 min read ■【【हमे मानव मोल चुकाना है】】■ प्रेम के पथ पे जाना है मन उपवन में पुष्प खिलाना है। दिखा के सब पे दया दृष्टि हमे मानव मूल चुकाना है। सो चुकी जो मानवता दिल मे उसे... Hindi · कविता 2 6 285 Share Page 1 Next