Sushma Singh Tag: कविता 299 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Sushma Singh 11 Apr 2023 · 1 min read इंतजार इंतजार --------- हरपल रहता है इंतजार तेरा, आहट सी जब भी कोई होती, आता है आंखों में चहरा तेरा। आज भी ढलती शाम में इंतजार है, ऐ आंखें भी बोझिल... Hindi · कविता 192 Share Sushma Singh 7 Apr 2023 · 1 min read तुम मुझको हो प्रिय! तुम मुझको हो प्रिय! ---------------- तुम मुझको हो प्रिय, हृदय में तेरा ही वास तुझको ही ढूंढ़ती हैं आंखें। और करूं मैं इंतजार क्या! तेरा ही पथ देखें नैना, पल-पल... Hindi · कविता 302 Share Sushma Singh 6 Apr 2023 · 1 min read जलती हूं दीपक सी जलती हूं दीपक सी -------------------- जलती हूं दीपक सी मैं, रोशन करती सबका जीवन। जलती हूं मैं पल-पल इसलिए, जगत को कर दूं मैं रोशन ।। प्रेम करो तो दिया... Hindi · कविता 136 Share Sushma Singh 16 Feb 2023 · 1 min read मौसम तो बदलते रहते हैं मौसम तो बदलते रहते हैं ------------------------------- मौसम तो बदलते रहते हैं, पर! कहां है उसमें बिसात, जो मेरा पथ बदल दे ! मैंने तो ठाना है, सत्य की राह पर... Hindi · कविता 165 Share Sushma Singh 5 Feb 2023 · 1 min read पंछियों की दुनिया मंच को नमन ----------- पंछियों की दुनिया कितने प्यारे लगते पंछी, जब आसमान में है उड़ते। कौन देश से आए पंछी, कौन देश को है जाते।। हम सब समझ नहीं... Hindi · कविता 153 Share Sushma Singh 5 Feb 2023 · 1 min read सागर विषय -सागर ----------- बांहे फैलाए खड़ा आसमां, सागर ने हृदय में भरा। आ जाओ वर्षा बनकर मिलने, मेरे प्रिय सागर तुम धरा ।। विरह की पीड़ा में घुट-घुट कर, राह... Hindi · कविता 227 Share Sushma Singh 27 Jan 2023 · 1 min read कैसे शुक्र करूं मैं माता कैसे शुक्र करूं मैं माता -------------------------- कैसे शुक्र करूं मैं माता, तेरे सकल अहसानों का। ज्ञान दिया है शारदे तूने, सागर!से भंडार का ।। आई थी मां द्वारे तेरे, लेकर... Hindi · कविता 155 Share Sushma Singh 16 Jan 2023 · 1 min read दर्पण दर्पण ----------- कैसा है मन का ये दर्पण, जाने क्या -क्या ये कहता है। आंखों ही आंखों में, कितनी बातें करता है। दिल की बातें जानकर, मन ही मन मुस्काता... Hindi · कविता 1 264 Share Sushma Singh 16 Jan 2023 · 1 min read अटल हिमालय अटल हिमालय --------------------- युगों से देखो अडिग खड़ा, अपने पथ से नहीं डिगा, रहता पथ में अटल हिमालय! पथ में जो भी बाधाएं आती, चीर सभी से लड़ा हिमालय। अपनी... Hindi · कविता 132 Share Sushma Singh 1 Jan 2023 · 1 min read छाया है कोहरा शीर्षक -छाया है कोहरा ------------------ मेरे साथ! चांद है और चांदनी, और हैं सर्दी की ठिठुरती रातें! छाया है चारों और कोहरा, तुम!और में साथ,और मधुर रागिनी!! चांदनी की है... Hindi · कविता 2 1 153 Share Sushma Singh 1 Jan 2023 · 1 min read राम नाम जप ले प्राणी राम नाम जप ले प्राणी ------------------------- राम नाम जप ले प्राणी,भव सागर पार हो जाए। बनेंगे सारे बिगड़े काम, और उद्धार हो जाए।। जो भी उर में ध्यान लगाता। तन,... Hindi · कविता 130 Share Sushma Singh 1 Jan 2023 · 1 min read आया नव-वर्ष आया नव-वर्ष -------------- नव वर्ष का सभी स्वागत करें, मिलकर हम सभी युग निर्माण करें। सबकी पीड़ा को बांटे हम, आओ जगत का कल्याण करें। भूल कर बीती बातों को,... Hindi · कविता 1 1 133 Share Sushma Singh 19 Dec 2022 · 1 min read मेरी वेदना शीर्षक -मेरी वेदना -------------- मेरी वेदना को तुम,सुन न पाओगे। सुनाऊं जो उर की पीड़ा, तुम सह न पाओगे।। जीवन के पथ पर मैंने, कांटे ही पाए थे! मैं चली... Hindi · कविता 1 155 Share Sushma Singh 5 Dec 2022 · 1 min read सागर की चांदनी शीर्षक -सागर की चांदनी ----------------------------------- सागर किनारे लहरें, जो मचलती हुई आती हैं। जो दिल को हमारे, विभोर कर जाती हैं।। देख विशाल तरंगों को, लहरों का दम घुटने लगता।... Hindi · कविता 110 Share Sushma Singh 2 Dec 2022 · 1 min read तेरी ही राह देखें आंखें मेरी तेरी ही राह देखें आंखें मेरी --------------------------- तेरी ही राह देखें आंखें मेरी, थक गई इंतजार करते आंखें मेरी। आकर सांवरे कब दर्शन दोगे, प्यासे नैनों की पीड़ा,कब दूर करोगे।... Hindi · कविता 214 Share Sushma Singh 30 Nov 2022 · 1 min read धरा की पुकार धरा की पुकार -------------------- अब! पेड़ों पर कहां, चिड़िया नजर आती हैं, और न ही उनके कलरव ,की आवाजें सुनाई देती हैं।। मानुष तूने कैसा ये निर्मम काम किया। अपना... Hindi · कविता 1 2 120 Share Sushma Singh 29 Nov 2022 · 1 min read कृष्ण तुम्हारे मंदिर में कृष्ण तुम्हारे मंदिर में ------------------------- कृष्ण तुम्हारे मंदिर सब, जाते प्रेम के साथ। बना रहे सबके माथे, सदा कृष्ण का हाथ।। तुम्हारे अनंत प्रेम से,जागे उर में आस। सबके हृदय... Hindi · कविता 134 Share Sushma Singh 29 Nov 2022 · 1 min read श्रीराम जाप ही पार लगाएगा राम जाप ही पार लगाएगा ------------------------------ श्रीराम!जाप ही मानव को पार लगाएगा। हर दुःख तेरे मिटेंगे,तू सुखों से भर जाएगा।। कैसा समय आज आया,सब राम को बिसारे। कष्टों को सबके... Hindi · कविता 118 Share Sushma Singh 26 Nov 2022 · 1 min read शबरी बाट निहारे शबरी बाट निहारे --------------------- राम! तुम्हारी शबरी बाट निहारे, हर -पल है राम -राम पुकारे । सुमिरन करती पथ निहारे आ जाओ राम , आकर मुझ भक्तन को दर्श दे... Hindi · कविता 1 2 104 Share Sushma Singh 26 Nov 2022 · 1 min read उगता सूरज उगता सूरज ---------------- रोज सबेरे सूरज उगता, करता अंधकार को दूर। सूरज निकले नीलगगन में, फैलाए उजियारा भरपूर।। कलियां -कलियां डोलती, हवा सुहानी चल रही। धरा हो गई पीतांबरी, ओस... Hindi · कविता 91 Share Sushma Singh 21 Nov 2022 · 1 min read प्रिय तुम आ जाते एक बार प्रिय तुम आ जाते एक बार ---------------------------- प्रिय तुम आ जाते एक बार! कितनी पीड़ा,कितनी बातें कहनी थी, पथ में फूलों सा बिछ जाते? तार-तार उर का है गाता, तुम... Hindi · कविता 126 Share Sushma Singh 21 Nov 2022 · 1 min read श्रीराम धरा पर आ जाओ श्रीराम धरा पर आ जाओ --------------------------- हे! श्रीराम तुम धरा पर आ जाओ, जग के दानवों का संहार कर जाओ। हे श्रीराम तुम धरा पर आ जाओ ---- कैसी! हैवानियत,... Hindi · कविता 92 Share Sushma Singh 19 Nov 2022 · 1 min read रानी लक्ष्मीबाई रानी लक्ष्मीबाई -------------------- लक्ष्मी बाई थी वीर बालिका,भारत को आजाद कराया था। चिंगारी जला सबके मन में, भारत को आजाद करने का ठाना था।। अंग्रेजों के अत्याचार लिए, आवाज उठाई... Hindi · कविता 126 Share Sushma Singh 3 Nov 2022 · 1 min read फूल सब पथ मैं सजा लूं फूल सब पथ मैं सजा लूं ++++++++++++++ फूल सब पथ मैं सजा लूं, प्रभु राम!का है आगमन, आज दीपों को जला लूं! आसमान के तारों से प्रभु को, पुष्पों का... Hindi · कविता 1 326 Share Sushma Singh 31 Oct 2022 · 1 min read जगमगाते तारे जगमगाते तारे ------------------- सांझ होते ही सुनहले, जगमगाते आसमां में तारे, अनगिनत बिछे हुए सारे, जैसे! आसमां में असंख्य पुष्प खिले? बन गई जिंदगी फूलों की बगिया मेरी! ऐसा! लगता... Hindi · कविता 1 2 132 Share Sushma Singh 26 Oct 2022 · 1 min read भाई दूज पर्व भाई दूज पर्व ---------------- भाई बहन का प्यार अमर, सारी दुनिया जाने। भाई माथे तिलक लगाकर, बहना अपना भाग्य माने। कुम-कुम अक्षत थाल सजाए, भाई को ढेरों प्रेम दिखाए, बहना... Hindi · कविता 1 2 245 Share Sushma Singh 22 Oct 2022 · 1 min read हे करूणाकर हे ! करूणाकर ---------------- हे! करूणाकर दीनदयाल हरी, सब भक्त तुम्हें नित सुमिरे हैं। हे! करूणानिधि कृपा करिए, सब नित अर्चन करते हैं।। जब कष्ट पड़ा सब भक्तों पर, सब... Hindi · कविता 172 Share Sushma Singh 22 Oct 2022 · 1 min read जब ही शुभ दीवाली होगी जब ही शुभ दीवाली होगी ------------------------------ आओ हम सब मिलकर, एक प्रेम का दीप जलाएं। अपनी पावन भूमि को हम, फिर से स्वर्ग बनाएं।। सबके दिलों में प्यार हो, नफ़रत... Hindi · कविता 221 Share Sushma Singh 15 Oct 2022 · 1 min read खुशियों की सौगात मिली खुशियों की सौगात मिली ------------------------------ तुमसे मिलकर खुशियों की सौगात हुई, अब के वर्ष साजन तुमसे मुलाकात हुई ये!मत पूछो क्या मुझ पर जीवन में गुजरी , ज़ख्मों से भरा... Hindi · कविता 1 176 Share Sushma Singh 15 Oct 2022 · 1 min read ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं, --------------------------------------- ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं, जीवन को भक्ति में डुबाने लगी हूं। कभी उड़ती थी खोजने आसमां में, अब धरा... Hindi · कविता 105 Share Sushma Singh 12 Oct 2022 · 1 min read करवा चौथ का चांद करवा चौथ का चांद ----------------------- ऐ! चांद तुम आसमान में दिख जाना। बादलों में मत छुपना, तुम जल्दी दर्शन देना।। पूरा दिन में भूखी , प्यासी रह कर, तेरे ही... Hindi · कविता 117 Share Sushma Singh 28 Sep 2022 · 1 min read तुमसे ही जिंदगी रोशन तुमसे ही जिंदगी रोशन -------------------------- आपके प्रकाश से हमारी जिंदगी रोशन हुई है, आपकी चाहत से हमारी जिंदगी गुलज़ार हुई है। आपको क्या कहूं शब्द ही नहीं -- बस!हर पल... Hindi · कविता 1 97 Share Sushma Singh 28 Sep 2022 · 1 min read मोहन से प्रेम मोहन से प्रेम --------------- बैठी हूं राह में कान्हा तेरे इंतज़ार में, कब आओगे दरश तो दे दो, नींद नहीं मेरी अंखियों में। छोड़ा घर द्वार मैंने, डूबी हूं भक्ति... Hindi · कविता 98 Share Sushma Singh 14 Sep 2022 · 1 min read बदलता जमाना शीर्षक -बदलता जमाना -------------------- ऐ! मेरे नादान मन, तू चलता चल, बीती मीठी यादें दिल में, करें हैं हल चल। वो बचपन की सुनहरी बातें, जो हमने साथ की थी।... Hindi · Poem · कविता 254 Share Sushma Singh 10 Sep 2022 · 1 min read मचलती हुई यादें मचलती हुई यादें -------------------- लहरों की तरह यादें, मेरे मन में मचलती हैं। नदियों की धारा बनकर, सागर में समा जाती हैं।। बिछौना बनाकर यादें,तेरी राह देखते हैं तुम ही... Hindi · कविता 113 Share Sushma Singh 6 Sep 2022 · 1 min read मुझे शक्ति देना भगवान मुझे शक्ति देना भगवान --------------------------- मुझे इतनी शक्ति देना भगवान! में बढ़ाऊं सदा भारत का मान, जग में कंरू देश का नाम, मुझको ज्ञान देना, में कंरू देश हित काम।... Hindi · कविता 115 Share Sushma Singh 6 Sep 2022 · 1 min read श्री बालाजी स्तुति श्री बालाजी स्तुति --------------------- मेंहदीपुर अवतार लिया, भक्तों का उद्धार किया है। बालरूप प्रगटे यहां, संकट सबका दूर किया है।। हे !बाला जी बड़े महान, तेरा होवे सदा गुणगान। जो... Hindi · कविता 1k Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read मोहन से नेह मोहन से नेह ------------- तुमको में भूलना चाहूं मोहन, तू और याद आता है। मेरे दिल के मंदिर में, आकर घंटियां बजाता है।। अंधेरी रात से मुझको, लगता बहुत है... Hindi · कविता 81 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read आसमान सा बनों आसमान सा बनों ---------------------- बनना है तो आसमान सा बनों। कोई भेद नहीं,जाति, धर्म -वेश का, सब ही एक समान, गोरे, काले का भेद नहीं, मिलकर सभी रहते, आसमां की... Hindi · कविता 214 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read भक्ति का सागर भक्ति का सागर ----------------- दिल के अपने भावों का मैंने , फूलों का हार बना, प्रभु के गले पहनाया, अपने उर का अनंत प्यार। अपने झीने से आंचल में, भरा... Hindi · कविता 142 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read तुम्हारी पुजारी प्रिय तुम्हारी पुजारी प्रिय ----------------------- क्षितिज में यादें मेघा बनकर छा जाने दो। बरसा बनकर, बूंदों सी बरस जाने दो।। मीठी मधुर यादें देने वाले, पीड़ा को भूल नहीं सकते। खुशियों... Hindi · कविता 131 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read स्वीकार करो या ठुकरा दो स्वीकार करो या ठुकरा दो ------------------------------ ईश! तुम्हारे कई पुजारी ,कई रूप में आते हैं। तुम्हें चढ़ाने कई भेंट वो लाते हैं।। साज-बाज और धूप दीप ले, मंदिर में आते... Hindi · कविता 200 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read दुर्गमता का पथ दुर्गमता का पथ -------------------- सकून से और सुखी होकर, जीवन के दिन बिताने दूं? कोई एक पथ बनाकर, मैं चलूं तुम्हें भी जाने दूं? कैसा है ये दुर्गम पथ! समझ... Hindi · कविता 255 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read मेरे ईश मेरे ईश! ---------- मुझ भक्तन को प्रभु,तेरी शरण में आना है। मीरा सा प्रेम कर,जोगन बन जाना है।। मुझको तुम्हारा प्यार मिले,जो सबको मिला है। तुम्हारी भक्ति में डूबी, मुझे... Hindi · कविता 80 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read मेरे कान्हा मेरे कान्हा ----------- लाख करो प्रयत्न तुम,बिन प्रभु कृपा के सब आधा है। जिसका जग में कोई नहीं, उसके साथ करूणामयी राधा है।। उर से सुमिरन कर लो, मुरली धर... Hindi · कविता 116 Share Sushma Singh 6 Aug 2022 · 1 min read नारी तुमको नमन नारी तुमको नमन -------------------- हे नारी! तुझसे ही सारी सृष्टि है, तुम ही दुर्गा, तुम ही काली , तू ही धरा की शक्ति है । हे नारी! तुम रूप धरो... Hindi · कविता 114 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read गुरु की महिमा गुरु की महिमा ----------------- गुरु ही वह कल्पवृक्ष, जो मन चाहा फल देता है। गुरु ही वह पारस पत्थर, लोहे को कंचन करता है।। गुरु वही जो "ईश्वर,,को पाने का... Hindi · कविता 434 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read मायावी संसार मायावी संसार ------------------- मन को चैन मिले,तू भजन गाता चल, पथ में जो मिले, उसे गले लगाता चल, आंधी आए,चाहे तूफान आएं तुम नहीं डरना। अपनी मंजिल पर जाकर, ही... Hindi · कविता 429 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read सतरंगी रंग सतरंगी रंग -------------- सतरंगी रंग बिखरे ज़मीं पर, तो कुछ बात बने। मन में कोई महक उतरे, तो कुछ बात बने।। चांद उतरा दिन की पेशानी में, चांदनी सब हो... Hindi · कविता 246 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read प्रभु की महिमा प्रभु की महिमा --------------- प्रभु वर मेरे सबको तुम देना अनंत ज्ञान अंधकार उर से हरो, दूर करो अज्ञान। हर मानव के हृदय से, दूर करो प्रभु बैर, इसी से... Hindi · कविता 248 Share Previous Page 2 Next