sushil sharma Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read एक शिक्षक होना कहाँ आसान है.... एक शिक्षक होना कहाँ आसान है.... (शिक्षक दिवस पर कविता ) शिक्षक सिर्फ शिक्षक नहीं होते वो होते हैं जिन्न वे एक साथ कई भूमिकाएँ निभाते हैं। जब खिलखिलाते हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 38 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read चिर-प्रणय चिर-प्रणय हे परम काल शिव! हे प्रणव में प्रणय के आत्म स्वरूप हे मंगलाचरण नाद के स्वस्तिमय सामवेद। अपर्णा का अपराजिता व्रत स्थावर जंगम में अलौकिक आवाहन करती दिव्य बालिका... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 2 min read बड़े खुश हैं हम बड़े खुश हैं हम ( जल दिवस पर एक कविता ) डॉ सुशील शर्मा एक बादल मेरे ऊपर से गुजर गया लेकिन बरसा नहीं। धरती झुलसती है सूखती नदी चीखती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 51 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद कुण्डलिया छंद 1 आशा आशा का सूरज उगा ,नयी मधुर है भोर। अंधकार को चीर कर ,मिला सुपथ का छोर। मिला सुपथ का छोर ,नवल नित उर्जित मन है। नया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कुण्डलिया 56 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read मानस कुण्डलिया छंद (तुलसी जयंती पर विशेष ) 1.मानस पावन मानस की कथा,शुभ्र अमिय का रूप। जीवन का संतोष धन,हरती सब विद्रूप। हरती सब विद्रूप,पाप से मुक्त कराती। मानवता सन्देश,कुटिलता को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 42 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read शिक्षक पर दोहे शिक्षक पर दोहे सुशील शर्मा शिक्षक जीवन वृक्ष है ,प्राणवायु है ज्ञान। अहंकार को नष्ट कर ,देता सुपथ विधान। है दधीच का अंश यह ,देता सब कुछ त्याग। शिष्य अगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 63 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 2 min read हे कलमकार हे कलमकार कलमकार का काम नहीं है, दो पैसों में बिक जाना। कलमकार का काम नहीं है, चार शब्द लिख रुक जाना। लिखना बस लिखते ही जाना बिन थकना बिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read हिंदी पर कुण्डलिया छंद हिंदी पर कुण्डलिया छंद 1. हिंदी जीवन की सुधा ,हिंदी मन अस्तित्व। हिंदी से ही सज रहा ,जन -जन का व्यक्तित्व।। जन-जन का व्यक्तित्व ,बिना हिंदी सब सूने । बनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 64 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read खुशियों की दीवाली हो खुशियों की दीवाली हो (दीपावली पर गीत ) दूर करो मन के अँधियारे खुशियों की दीवाली हो। मंगल कलश सजे हर द्वारे घर-घर में उजियाला हो। हर मुखड़ा खुशियों से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 71 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 2 min read काश तुम समझ सको काश तुम समझ सको मेरे बोलने में और तुम्हारे समझने में उतना ही अंतर है जितना सड़क पर अपने अधिकारों के लिए लड़ते चीखते मजदूर में और आर्ट गैलरी में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read मकर संक्रांति कुण्डलियाँ छंद मकर संक्रांति 1 पोंगल बीहू लोहड़ी ,मकर राशि आदित्य। बिखरा है हर ओर अब ,मौसम का लालित्य।। मौसम का लालित्य,सूर्य अब उत्तरगामी। मन है उड़ी पतंग ,डोर प्रभु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 50 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read अखिल विश्व के स्वामी राम अखिल विश्व के स्वामी राम गीत अखिल विश्व के स्वामी राम भक्तों के अनुगामी राम माँ कौशल्या के राजदुलारे। कैकई माता के हैं प्यारे। नेह भरी सुमित्रा माई। लखन शत्रुघ्न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 58 Share sushil sharma 1 Nov 2018 · 1 min read माँ पर दोहे माँ पर दोहे सुशील शर्मा जीवन तपती धूप है, तू शीतल सी धार। थपकी लोरी में छुपा, माँ का अनगढ़ प्यार।। तुझ से ही सांसे मिलीं, तुझ से जीवन गीत।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 19 982 Share sushil sharma 13 Feb 2017 · 7 min read कर्ण का प्रण कर्ण का प्रण (लघु नाटिका ) सुशील शर्मा प्रस्तावना -यह एकांकी महाभारत के उस प्रसंग को प्रसारित करता है जिसमे कृष्ण कर्ण को उसके जन्म का रहस्य बता कर उसे... Hindi · कविता 369 Share sushil sharma 13 Feb 2017 · 1 min read मेरी अपनी मेरी अपनी सुशील शर्मा तुम्हारा चेहरा। सूरजमुखी बगीचे में जैसे। खिलखिलाता सबेरा। तुम्हारी मुस्कान। निर्दोष सा बचपन जैसे। मिटाती थकान। तुम्हारा समर्पण। मेरे अस्तित्व पर। सर्वस्व अर्पण। तुम्हारा प्यार तुलसी... Hindi · कविता 248 Share sushil sharma 4 Feb 2017 · 1 min read दिव्य नर्मदा दिव्य नर्मदा (माँ नर्मदा प्रार्थना ) सुशील शर्मा अशुतोषी माँ नर्मदा मुझे ऐसा ज्ञान दे दो। सर्व पाप विनिर्मुक्तयो का शुभ वरदान दे दो। मनुज अब घिर गया है अति... Hindi · कविता 480 Share sushil sharma 14 Jan 2017 · 1 min read बड़े खुश हैं हम बड़े खुश हैं हम सुशील शर्मा जीने के ढंग में राग और रंग में प्रेम की उमंग में *बड़े खुश हैं हम* खिजाओं में बहारों में गोरी के साथ रारों... Hindi · कविता 224 Share sushil sharma 14 Jan 2017 · 1 min read बेटी का दर्द-अपना समझती हूँ मैं बेटी का दर्द-अपना समझती हूँ मैं सुशील शर्मा रोपित किया तुमने मुझे पुत्र की चाह में। फिर भी तुम्हारे अनचाहे प्यार को अपना समझती हूँ मैं। पीला जर्द बचपन स्याह... Hindi · कविता 1 545 Share