सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2627 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2020 · 1 min read रिमझिम बारिश (चौपाई) ***** रिमझिम बारिश ***** (चौपाई) *********************** रिमझिम रिमझिम बारिश आई प्रेम वर्षण की झड़ी लगाई आसमान में छाये बादल काले घने घनरे बादल धरती पर छम छम बरस रहे नभ... Hindi · घनाक्षरी 2 657 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jan 2020 · 1 min read बाल्यकाल ------बाल्यकाल------ --------------------------- बचपन प्यारा बीत गया , काल सुनहरा बीत गया जो दिल को भाता था,दिलकश जमाना बीत गया मीठी -मीठी मुस्कान थी, मधु सी मधुर जुबान थी बाल्य राहें... Hindi · कविता 2 624 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read मित्रता के भाव मित्र दिवस अवसर पर प्रस्तुत हैं ये भाव जीवन में इनके आने पर होते पूरे सब चाव जब कभी तनाव में होता है कोई इन्सान मित्र राम बाण बन ओषधि... Hindi · कविता 3 579 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2021 · 1 min read दादी माँ का प्यार ******** दादी माँ का प्यार ******* ****************************** भुलाए नहीं भूलता दादी माँ का प्यार, नसीबों से है मिलता दादी माँ का प्यार। याद आती रहती परियों की कहानियाँ, पास बस... Hindi · कविता 1 595 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Dec 2021 · 1 min read संध्या गीत ****** संध्या-गीत ****** ********************** संध्या शोभित सी है आई, खुशी के पल पुलकित लाई। आ जाओ दिल की तुम रानी, याद करूँ दिल से दीवानी, शाम सुहानी कब से आई।... Hindi · गीत 1 577 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read जुल्फों की पनहां अपनी जुल्फों के साये तले पनहां दे दो हम तो गम की रातें जुल्फों में गुजार देंगे शमां प्यार की जला के थोड़ा मुस्कुरा दो उन्हीं यादों के सहारे ही... Hindi · कविता 1 599 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी मेरे देश की आशा हिन्दी मेरे देश की आशा ******************* हिन्दी मेरे देश की आशा अंधकारमय घोर निराशा हिंदुस्तान में बोली जाती जन जन की है मातृभाषा अभिव्यक्ति का है संप्रेषण मीठी मीठी मधुरिम... Hindi · कविता 1 3 586 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Oct 2019 · 1 min read बीत गई दीवाली बीत गई दीपावली देकर एक पैगाम खर्च,प्रदूषण बढाकर करते हो बदनाम दीवाली का नाम लेकर करते हो काम नहीं हैं सामाजिक बदनाम हो सरेआम ढेर पटाखे चलाकर बढाएं कूड़ा कबाड़... Hindi · कविता 1 599 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Apr 2020 · 1 min read घर घर में अब विभिषण सारे लोग हो गए घर घर में अब विभिषण सारे लोग हो गए ******************************* मर्यादा पुरुषोत्तम राम जग से लोप हो गए घर घर में अब विभीषण सारे लोग हो गए राजा दशरथ जैसे... Hindi · कविता 2 679 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Dec 2019 · 1 min read राहों में लग गए यारों के मेले घर से निकले थे हम अकेले राहों में लग गए यारों के मेले अकेले कैसे लंबी राह कटेगी काली छायी घटा कैसे घटेगी यूँ ही राह चलते बन गए चेले... Hindi · कविता 2 557 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Nov 2021 · 1 min read कामद कंचन काया *** कामद कंचन काया*** ********************** कामुक कामद कंचन काया, सुंदर सलिला साहिल साया। मंजुल मोहक मोहिनी मूरत, सुखद स्वप्न संजोती सूरत। अर्ध अधर अधरस अपनाता, निर्मल निश्चल निर्झर नाता। किंचित... Hindi · कविता 557 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read बेटी घर संसार ** बेटी घर संसार ** *****घनाक्षरी***** घर मे है चहकती। फूलों सी हैं महकती।। आंगन हो सूना सूना। बेटी घर संसार।। नन्ही नन्ही चिड़िया हैं। खुशियों की पुड़िया है।। घर... Hindi · घनाक्षरी 670 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Oct 2020 · 1 min read मतदाता जागरुक **मतदाता जागरूकता** ******************** जागो मतदाता जागो रे लालच मन से त्यागो रे मदारी आए खेल दिखाने तमाशा देख कर भागो रे तरह तरह के लोभ भी देंगे लोलुपता से सुदूर... Hindi · कविता 575 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Apr 2020 · 2 min read दूध और चाय की प्याली दूध और चाय की प्याली ******************** दूध और चाय की प्याली जंग छिड़ गई बहुत भारी दूध की प्याली यूँ बोली कान कर सुन चाय प्याली रंग में काली कलोटी... Hindi · कविता 2 559 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Aug 2021 · 1 min read औरत की लाचारी **********औरत तेरी लाचारी********* ********************************* समझ न पाए कोई भी औरत की लाचारी जिस पर भी विश्वास करे वही देह व्यापारी आदिकाल से ही चलती आए यह रीत पुरानी घर आंगन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 596 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Mar 2021 · 1 min read प्यार करें या न करें ******* प्यार करें या न करें ******** ******************************* सोचते रहते हैं प्यार करें या न करें, ईश्क में खाए हैं घाव कुछ करें या न करें। शुरू से ही ये... Hindi · कविता 537 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Feb 2020 · 1 min read मैं किसे गुलाब पकड़ाऊं मैं किसे गुलाब पकड़ाऊं ******************* वेलेंटाइन दिवस आ गया मैं किसे गुलाब पकड़ाऊं जिसे जान से ज्यादा चाहा ख्वाबों में था जिसे सजाया दिल की बात ना कह पाया अब... Hindi · कविता 1 608 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Dec 2019 · 1 min read भाईचारा भाईचारे बिना नहीं है गुजारा भाईचारा है जिन्दाबाद हमारा अकेला चना भाड़ नही भोड़े भाई जितने हों,वो भी हैं थोड़े अकेले कभी चले नही मकोड़े अकेला नहीं , रहना है... Hindi · कविता 562 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Jan 2020 · 1 min read विदाई गीत -----------विदाई गीत--------- --------------–-------------------- आखों में आँसू हम संजोए हुऐ कर रहें हम तुम्हें,हैं खुद से जुदा खुश रहो तुम सदा,जहाँ भी रहो दे रहें हम तुम्हें,हैं दिल से दुआ सुन्दर... Hindi · गीत 1 562 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Mar 2021 · 1 min read बेरी के खट्टे मीठे बेर **** बेर के खट्टे मीठे बेर *** *********************** दे कर बेरी , खट्टे मीठे बेर, खाती रहती पत्थर,शाम सवेर। काँटो तले सदा खिलतें हैं फूल, युद्ध में सदैव लड़ते हैं... Hindi · कविता 2 530 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2019 · 3 min read नवोदय और नवोदियन नवोदय विद्यालय है भारत की शान मेरा नवोदय विद्यालय है बहुत महान राजीव गांधी ने देखा था एक सपना हर वर्ग क्षेत्र स्तर का बच्चा है अपना सर्वांगीण विकास करना... Hindi · कविता 3 575 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Aug 2020 · 1 min read माँ का आँचल ***********माँ का आँचल********* ******************************* माँ का आँचल है बहुत शीतल और शान्त मिलती जहाँ पर अपार जन्नत और राहत निज कोख से जननी ने हमें जन्म दिया जग में आगमन... Hindi · कविता 586 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Oct 2020 · 1 min read गंगा नदी ************** गंगा नदी *************** ************************************* हिमनद से निकली धारा ,भागीरथी है कहलाए पर्वतों को वो चीर कर, मैदानों में फैल जाए हिमालय में से निकलकर,बंगाल खाड़ी में सयाई गंगोत्री उदगम... Hindi · कविता 1 590 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2019 · 2 min read नवोदियन दिन कोई हाल मस्त कोई चाल मस्त कोई खा कर है रोटी दाल मस्त नवोदियन तो यारों वहांँ होता है होता है वहांँ पर हर हाल मस्त वहांँ रंग बिरंगी अजब... Hindi · कविता 580 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read विदाई आखों में आंसू संजोए हुऐ कर रहें हैं तुम्हे हम खुद से जुदा खुश रहो तुम सदा जहाँ भी रहो दे रहें है तुम्हे हम दिल से दुआ सुंदर बगिया... Hindi · कविता 3 535 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2019 · 1 min read अंग्रेजी व्याकरण A B C D E F G H There are Letters Letters are combined Give meaning,sense Knowns as a Word Words use in sequence With meaningful sense Make a Sentence... Hindi · कविता 569 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Sep 2020 · 1 min read गुरु शिष्य का है भाग्य विधाता गुरु शिष्य का है भाग्य विधाता *********************** जग में सबसे श्रेष्ठ है यह नाता गुरु शिष्य का है भाग्य विधाता भटके हुए राह के राहगीरों को सीधी और सही राहें... Hindi · कविता 1 618 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Aug 2019 · 1 min read प्यार दी पींग सोहणी कुड़ी मलूक जही मेरे नित सुपने च आवे सुपने दे विच आके यारों मैनूं ओह रोज जगावे चेहरा खिड़े फुल गुलाब दा की सिफतां मैं गांवा रेशमी गुलाबी अंग... Hindi · गीत 2 544 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Apr 2021 · 1 min read कब होगी मुलाकात ******* कब होगी मुलाकात ******** ******************************* कब होगी मुलाकात किसी को नहीं पता, कब होगी शुरुआत किसी को नही पता। धक धक धड़कता है प्यासा दिल मेरा, कब होगी बरसात... Hindi · कविता 1 552 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Aug 2019 · 1 min read कैसे कैसे रिश्ते नाते कैसे कैसे लोग यहाँ,कैसे हैं रिश्ते नाते कहीं अधर में छोड़ते,कहीं हैं अपनाते प्रेम भाव का कोई मोल रहा नही यहाँ कीमत रह गई चन्द सिक्कों की यहाँ प्रतिदिन रिश्ते... Hindi · कविता 1 663 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Dec 2020 · 1 min read ईश वंदना ******** ईश वंदना ********* ************************** कीजिए मिल कर सब गुरु वंदना संपूर्ण कारज होंगे करो ईश वंदना करबद्ध हो कर गुणगान कीजिए खाली झोली भर देगी ईश वंदना मन में... Hindi · कविता 2 3 548 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Nov 2019 · 1 min read हरियाणा हरियाणे की सरजमीं तुझको सलाम है विश्व पटल परिदृश्य में चमकता नाम है पंजाब जन्म भूमि जननी से जन्मा था 1 नवंबर 1966 को पूर्ण राज्य बना था हिंदधरा में... Hindi · कविता 543 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read गैरतमंद कहाँ हमे मिले गैरतमंद कहाँ हमें मिले ****************** व्यवधान पैदा हैं करते समाधान कहाँ से मिले काँटो में रहते हम सदा बातें काँटों की हम करें बागों से फूल तोड़ते हार फूलों के... Hindi · कविता 532 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Oct 2020 · 1 min read पत्नी प्रकृति की सुंदर रचना * पत्नी प्रकृति की सुंदर रचना * ************************* पत्नी प्रकृति की श्रेष्ठ सुंदर रचना क्या मैं वो हूँ पत्नी की कल्पना जिसको सोचा उसने ख्वाबों में सजाया होगा अपने अरमानों... Hindi · कविता 1 522 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jun 2021 · 1 min read मानव मन चंचल सा *** मानव मन चंचल सा *** *********************** मानव मन चंचल नटखट सा, सागर लहरों सा लहराता है, फूल देखकर सुंदर गुलाब सा, जुबान सा फिसल जाता है। पुरुष प्रेम है... Hindi · कविता 557 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Nov 2019 · 1 min read बहकते कदम अंगुलियां थम गई जब देखी एक प्रोफाइल हो गई धुँधली याद फिर ताजा देख उसका सालों बाद छायाचित्र में सुंदर मनोरम हसीन मुखड़ा जो था कायनात पर चाँद का टुकड़ा... Hindi · कविता 556 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 1 min read साक्षर.भारत स्कूल में भेजो अपना लाडला महान बनाएंगे बच्चा बच्चा साक्षर कर हम विद्वान बनाएंगे भारतवर्ष देश को हम सब महान बनाएंगे सर्व शिक्षा अभियान योजना सफल बनाएंगे आज का बच्चा... Hindi · कविता 1 583 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Apr 2020 · 1 min read खुदा की नियामत है खुदा की नियामत है *************** आप मेरे पास हो खुदा की इनायत है तुम जो मिल गए हो गिला ना शिकायत है तेरे बिना मैं नहीं मेरे बिना तुम नहीं... Hindi · कविता 566 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2019 · 1 min read सर्दी के ठंडे दिन सर्दी के ठण्डे दिन ------------ सर्दी के ठण्डे दिन जाम कर देते तन ठण्ड की ठिठुरन पैदा करे अकड़न लेने ना दे अंगड़ाई रूक जाए जम्हाई याद आती है रजाई... Hindi · कविता 556 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read गजरा **** गजरा (चौपाई)***** ********************* केश में गूँथ गजरा आई, थोड़ा सा गोरी शरमाई। नैनो से था किया इशारा, मर गया नादान कुंवारा। दीवाने ने सुध - बुध खोई, विरह में... Hindi · कविता 495 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read याद आते हो तुम ****** याद आते हो तुम ****** ************************** वक्त से बेवक्त याद आते हो तुम दिलोदिमाग में छाये रहते हो तुम आँखों में नींद नहीं दिल है बेचैन काली सी रातों... Hindi · कविता 2 1 558 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Mar 2021 · 1 min read महिलाएँ ******** महिलाएँ ******* *********************** जब यदि सीखना हो सत्कार, याद आती हैं महिलाएँ। शिक्षित करना हो गर समाज, शिक्षित करनी होगी महिलाएँ। कैसे सीखोगे भला शिष्टाचार, अनुकरणीय होती हैं महिलाएँ।... Hindi · कविता 498 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Mar 2021 · 1 min read सूखी डाली पतझड़ से पूछती **सूखी डाली पतझड़ से पूछती** *************************** सूखी हुई डाली पतझड़ से पूछती, पत्ते न झड़ते तो वो भी नहीं सूखती। पथिकों को देती शीतल घनी छाँव, पहले हरी भरी हरियाली... Hindi · कविता 1 495 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Oct 2021 · 1 min read Life is so precious Life is so precious, ******************* Life is so seriius, Please be serious. Do not bother dear, Do not be hilarious. Take step carefully, Winds are furious. Noesis is strength, Always... English · Poem 489 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 1 min read शिष्टाचारी विद्यार्थी मेरा था प्यारा दोस्त मांगे राम करता था वो नित अच्छे काम प्रातः उठते वो दंतमंजन करता माता पिता की चरण वंदन करता नहा धौकर वह तैयार हो जाता साफ... Hindi · कविता 1 836 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Apr 2020 · 1 min read दारू कच्ची पक्की **दारू कच्ची पक्की** ******************* दारू पक्की चाहे कच्ची नहियों सेहत लई अच्छी शरीर खुरदा ही जावे बर्फ खुरदी जिवें कच्ची दारु हो जावे जदो भारु बंदा हो जांदा उतारू दिल... Hindi · कविता 1 505 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jul 2020 · 1 min read नीले गगन के तले ***** नीले गगन अशके तले ***** **************************** सब छोड़ कर बैठे नीले गगन के तले दिल हार कर बैठे नीले गगन के तले चलती पूर्वाई के साथ न बह सके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 537 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2021 · 2 min read वचन भंग ************वचन भंग (लघु कथा)******************** ************************************************* बिरजू एक खुशहाल किसान था,जो कि अपनी जीवनसंगिनी संग खुशहाल जीवन जी रहा था। लेकिन दोनों की खुशहाल जिंदगी में कमी औलाद की थी।शादी के... Hindi · कहानी 1 549 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Apr 2020 · 1 min read छोड़ दी हमने अब तेरी चाह छोड़ दी हमने अब तेरी चाह ********************** छोड़ दी हमने अब तेरी चाह तेरी मेरी अलग - अलग राह कर के देखे है प्रयत्न हजार मिल ना पाई हमें तेरी... Hindi · कविता 1 558 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2020 · 1 min read औरत की कहानी *******औरत की अहानी******** **************************** औरत तेरी आज भी है वही कहानी आँचल में दूध आँखों से बरसे पानी सदियों से चली आ रही वही दास्तानें न जाने कब होंगी ये... Hindi · कविता 1 547 Share Previous Page 2 Next