Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2020 · 1 min read

औरत की कहानी

*******औरत की अहानी********
****************************

औरत तेरी आज भी है वही कहानी
आँचल में दूध आँखों से बरसे पानी

सदियों से चली आ रही वही दास्तानें
न जाने कब होंगी ये कहानियाँ पुरानी

सदा होता आया सौतेला व्यवहार
घर में हालत ऐसी जैसे नौकरानी

प्रभात पहले उठती, देर रात सोती
कहते आती नहीं जिम्मेदारी निभानी

संसार की है सर्वश्रेष्ठ सुंदर रचना
भला क्यों की समझी जाती है बेगानी

अबला से क्यों नहीं बन पाई है सबला
कभी तो होगी औरत आत्म सम्मानी

पुरुषों के अधीनस्थ जीवन बीताती
सुता,बहन,पत्नी,माँ हर रूप में मर्दानी

दिली हसरतों को सदा रहती दफनाती
कब तक सहेंगी बन बेचारी बेमानी

मायके में पराई, ससुराल ना अपनाए
कौन सी है वो दुनिया जो है अंजानी

सबकी कार्य अवधियाँ होती है निश्चित
नारी में कौनसी शक्ति जो है रवानी

सृष्टि पर रब्ब की दृष्टि में उत्तम कृति
समाज में क्यों कुंठित है नारी मस्तानी

आज भी दरिंदगी के कहर से न बचती
कब तक रहेगी असुरक्षित मृदु जवानी

बदला जमाना बदल गई है कायनात
कब तक आएगी उनकी घटाएँ सुहानी

करोगे कुछ होश,बदलोगे अपनी सोच
देखिए कहाँ पहुँचती नारी इन्सानी

न चाहिए बदले में स्त्री को हीरे रत्न
प्रेम मान सम्मान की भूखी मरजानी

मनसीरत देश सचमुच होगा विकसित
देश में होगी सम्मानित नारी बलिदानी
*****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Comment · 536 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
शिव छन्द
शिव छन्द
Neelam Sharma
"*पिता*"
Radhakishan R. Mundhra
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
बोल हिन्दी बोल, हिन्दी बोल इण्डिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन है
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*अध्याय 6*
*अध्याय 6*
Ravi Prakash
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
Neeraj Agarwal
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अहमियत 🌹🙏
अहमियत 🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
Taj Mohammad
🌷मनोरथ🌷
🌷मनोरथ🌷
पंकज कुमार कर्ण
``बचपन```*
``बचपन```*
Naushaba Suriya
■ हुडक्चुल्लू ..
■ हुडक्चुल्लू ..
*Author प्रणय प्रभात*
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
आज तुझे देख के मेरा बहम टूट गया
Kumar lalit
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
संत ज्ञानेश्वर (ज्ञानदेव)
संत ज्ञानेश्वर (ज्ञानदेव)
Pravesh Shinde
23)”बसंत पंचमी दिवस”
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
सब दिन होते नहीं समान
सब दिन होते नहीं समान
जगदीश लववंशी
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
नींद कि नजर
नींद कि नजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
3237.*पूर्णिका*
3237.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे
जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
=====
=====
AJAY AMITABH SUMAN
तु आदमी मैं औरत
तु आदमी मैं औरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
अपनी हिंदी
अपनी हिंदी
Dr.Priya Soni Khare
Loading...