सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2624 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read समाज के ठेकेदार चूर चूर कर डाले रिश्ते समाज के ठेकेदारों ने खुद के दोष रहे छिपाए लगे औरों को उछलाने में भावहीन भयमुक्त हो गए लगे औरों को धमकाने में छोटों को... Hindi · कविता 3 2 3k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा मेरा अभिमान **तिरंगा मेरा अभिमान** ******************* तिरंगा मेरे देश की है शान वीर जवानों का है सम्मान खुशियों भरे होते हैं लम्हें लहराता झंडा खुले मैदान प्रफुल्लित होता है तन मन तीन... Hindi · कविता 5 1 1k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Aug 2019 · 2 min read सुहागरात गृहस्थ जीवन की पावन शुरुआत थी बिछी हुई सुहागरात की सेज थी दो प्यासे अन्जान चेहरे आत्माओं का होना जो स्वर्णिम पवित्र मिलन था काली अर्द्ध सर्द रात का प्रथम... Hindi · कविता 3 1k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Dec 2019 · 1 min read उन्नति-मंत्र परिश्रम कर या फिर कर हजूरी जीवन में आगे बढ़ना है जरूरी तरक्की के बदल गए तौर तरीके चमचागिरी, जी हजूरी है जरूरी अधिकारी को रखोगे सदैव खुश कार्यालय कार्य... Hindi · कविता 2 1k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Dec 2019 · 2 min read हिंदू धर्म सनातन धर्म विज्ञान आधारित धर्म जो वह सनातन धर्म है विश्व का प्राचीनतम धर्म यह सनातन धर्म है वैदिक धर्म यह धर्म, वेद आधारभूत स्तंभ है चारों वेदों पर है आधारित यह... Hindi · कविता 2 985 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Dec 2019 · 1 min read सर्दी के दोहे सर्दी का मौसम आया, ठंड बहुत है छाई स्वेटर जर्सी अब पहनो ,ढूँढों गर्म रजाई मूँगफली संग रेवड़ी , खाओ खूब खजूर सर्दी नजर ना आएगी, मानो बात हुजूर सोहबत-ए-मयख्वारी... Hindi · कविता 1k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2019 · 2 min read थूक का महत्व मुँह में जो लार है थूक उसे हम कहते हैं खूले में जो थूकते तो लोग उसे सहते हैं समय और स्थान का थूक पर प्रभाव है परिस्थितिवश थूक का... Hindi · कविता 940 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jul 2020 · 1 min read गुरु बिन गति नहीं ******** गुरु बिन गति नहीं ********* ******************************* गुरु शिष्य की रीति सदियों से चलती आई गुरु बिना कभी शिष्य ने है गति नहीं पाई कुंभकार कच्ची मिटृटी से कलाकृति बनाए... Hindi · कविता 3 885 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Aug 2020 · 1 min read आजादी के दीवाने ****आजादी के दीवाने**** ********************** आओ याद करें हम अफसाने जांबाज आजादी के दीवाने सिर पर कफन बांध लिया था खूब लड़े देश के लिए मरदाने शमशीरों ने खेली खूनी होली... Hindi · कविता 1 1 896 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Nov 2019 · 1 min read दिल के हो पार चली प्रेम जब बयार चली दिल के हो पार चली देखता ही रह गया मैं सीना कर चीर चली नजर से नजर मिली नजर ना टिक सकी नेस्तनाबूद कर दिया कायनात... Hindi · कविता 834 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Nov 2021 · 1 min read वियोग के दोहे ********* वियोग के दोहे ******** ***************************** 1 हृदय में है अगन लगी,भीगें दोनों नैन। जोगन मीरा प्रेम में,लूटा हिय का चैन।। 2 प्रीत में है मगन हुई,भूल गई संसार। पागल... Hindi · दोहा 970 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 2 min read नृत्यांगना का जादू नृत्यांगना का जादू युवा महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रंग कलामंच पर एक हरियाणवी सुन्दर नृत्यांगना ने हरियाणवी लोकगीत की लय पर ढोलक की तेजतर्रार लयबद्ध थाप पर पतली... Hindi · कविता 1 828 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Aug 2020 · 2 min read प्रेम का रंग बहुत निराला ********** प्रेम का बहुत निराला *********** ************************************** प्रेम का रंग बहुत निराला जो सब रंगों से न्यारा है प्रेम रंग मे रंग जाए रंगीला लगता सबसे प्यारा है होते बहुत... Hindi · कविता 2 806 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 1 min read नजराना नजराना तेरा यूं मंद मंद मुस्कराना जीना दुष्वार करता है तेरा यूं हँस के शर्माना ईश्क ए इजहार करता है तेरे अधरों की लालिमा धड़कने थाम दें दिल की गुलाबी... Hindi · कविता 1 820 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Aug 2020 · 1 min read जय बोलो पत्नी महारानी की ** जय बोलो पत्नी महारानी की ** **************************** जय जय बोलो पत्नी महारानी की जय दुखधरणी और कष्टदायिनी की सारा दिन आन्नद ,मौज मस्ती उड़ावें पति घर आगमन पर मुँह... Hindi · कविता 1 1 837 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jul 2020 · 1 min read ठंडी ठंडी हवा चले ठंडी ठंडी हवा चले *************** ठंडी ठंडी हवा चले जवां दिल रवाँ चले नभ में बादल छाये जियरा है घबराये काली घटा घनघोर नहीं किसी का जोर बारिश बूँदे है... Hindi · कविता 4 4 747 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read बस सरकारी ***** बस सरकारी ***** ********************* सरकारी बस की सवारी, कभी नहीं मिलती उधारी। खाली कंडक्टर का झोला, चालक बजाता है थाली। खिड़की पर लटकते रहते, सीट को तरसती सवारी। बस... Hindi · कविता 747 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Oct 2019 · 1 min read सती प्रथा भारतीयता की है पहचान भारतीय संस्कृति संस्कार होता परस्पर आदान प्रदान पीढी को पीढी से संस्कार भारतीय संस्कृति है समृद्ध विभिन्न प्रथाएं भिन्न प्रभार कुछ थी ऐसी हमारी प्रथाएँ जिन... Hindi · कविता 748 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Oct 2020 · 1 min read फूल.बने अंगारे **** फूल बने अंगारे **** ********************* ये फूल बन जाते हैं अंगारे शूल बिन हो जाते बेसहारे सुगंधि को रहते हैं बिखेरते धीरे धीर से रहें पाँव पसारे आते जाते... Hindi · कविता 774 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Mar 2021 · 1 min read नारी तुम नारायणी हो *नारी तुम नारायणी हो* ****************** नारी से ही जीवन है, नारी से जन जीवन है। प्रसव पीड़ा सहकर वो, शिशु को दे नवजीवन है जग में मिलती पहचान, दे सभी... Hindi · कविता 1 1 686 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2021 · 1 min read स्कूल की यादें ********** स्कूल की यादें ********* ******************************** भुलाए नहीं है भूलती स्कूल की यादें, दिल को है झकझोड़ती स्कूल की यादें। आज भी जब उस गली में से है गुजरते, याद... Hindi · कविता 795 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2019 · 1 min read औरत तेरी कहानी औरत तेरी आज भी है वही कहानी आँचल में है दूध आँखों में रहे पानी सदियों से चलता आ रहा है यह रंज कभी ना कभी ये कहानी होगी पुरानी... Hindi · कविता 687 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Nov 2019 · 1 min read रिमझिम रिमझिम है बारिश रिमझिम रिमझिम है बारिश टपक रहा बादलों से है पानी तन बदन में रहे अग्न लगाए पास नहीं दूर है दिलबर जानी छोटी छोटी ठंडी गिरती बूंदें दिल अंदर चुभन... Hindi · कविता 660 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2021 · 1 min read प्रेम पर दोहे *********** प्रेम पर दोहे *********** ******************************** 1 पहला दोहा ************ गीत गाता हुआ चला,प्रेम नगर की डगर प्रीत मिली न प्रेम मिला,अधूरा रहा सफर 2 दूसरा दोहा *********** तुम बनो... Hindi · कविता 3 3 701 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jan 2020 · 1 min read छाई है काली घटा घन घोर छाई है काली घटा घन घोर -------------------------------- छाई बहुत काली घटा घनघोर गरज रहे बादल यहाँ पुर जोर सुनाई दे तूफांं,आँधी का शोर बरसेंगे आज बादल जोर शोर मंडराते मेघों... Hindi · कविता 2 672 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Apr 2020 · 1 min read सब्जी संग बहू पाई ******* सब्जी संग बहू पाई ******** ******************************* बेटा गया था बाजार, सब्जी भाजी लाने ले आया सब्जी बनाने वाली माँ सिराहने माँ घर में बैठी कर रही थी मसाला तैयार... Hindi · कविता 2 1 667 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Mar 2021 · 1 min read नशा इश्क ए जुनून का ********* नशा इश्क ए जुनून का ********* ************************************* आँखों में है छा गया ,नशा इश्क ए जुनून का, तन मन मे लगाए आग,नशा इश्क ए जुनून का। दिन में न... Hindi · कविता 703 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Dec 2019 · 1 min read बेटी माँ जननी के जिगर का टुकड़ा है बेटी पिता का स्वाभिमान अभिमान है बेटी सांसों की कीमत पर सदा पलती बेटी दहेज की बलि पर चढती जलती बेटी असुरक्षित वातावरण... Hindi · कविता 697 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 1 min read घरवाली बाहरवाली *****घरवाली बाहरवाली****** ************************** आजादी में बंधन,बंधन में आजादी प्रेमिका से प्रेम करें, पत्नी से शादी पत्नी और प्रेमिका में अन्तर इतना जायज और नाजायज में है जितना सोच कभी कहीं... Hindi · कविता 2 2 776 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Mar 2021 · 1 min read कुर्सी की लड़ाई ****** कुर्सी की लड़ाई ****** ************************* जब शुरू होती कुर्सी पर लड़ाई, शत्रु बन जाते भाई भरजाई। जिस लाठी उसकी होती है भैंस, बात सच कहता है कालू नाई। बोली... Hindi · कविता 1 713 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Aug 2020 · 1 min read प्रेम पथिक ************* प्रेम पथिक ************** ************************************ प्रेम पथिक प्रेम पथ पर पग धर मेरे साथ चलो विनती मेरी तुम करो स्वीकार , मेरे साथ चलो मैं प्यासी चातक सी धोखे खाती... Hindi · कविता 1 619 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2020 · 1 min read गोरा काला रंग *** गोरा काला रंग *** ****************** गोरा रंग है गुमान का सांवला रंग पहचान का खुदा ने दो रंग हैं बख्शे रंग में क्या रखा इंसां का हों गर करतूतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 812 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Aug 2020 · 1 min read मेरा भारत महान ****मेरा भारत महान*** ******************** मेरा भारतवर्ष बहुत महान विश्व भर में है ऊँची शान भांति भांति के लोग यहाँ भांति भांति का पहरावा खानपान भी है भिन्न भिन्न भिन्न भाषा... Hindi · कविता 2 1 652 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2020 · 2 min read प्रेममयी वर्णण **प्रेममयी वर्णमाला** ****************** अ से अंग यौवन भारी आ से आँखें तेरी प्यारी इ से इत्र तन से है आए ई से ईश तुम में समाए उ से उल्लू सीधा... Hindi · कविता 1 660 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Oct 2019 · 1 min read राधा मीरा का प्यार सुनो एक प्रेम भरी कहानी प्रेम कहानी बहुत थी पुरानी कन्हैया जो एक था दीवाना कन्हैया की दो थी दीवानी एक थी राधा सुन्दर प्यारी दूसरी थी मीरा प्रेमदिवानी दोनों... Hindi · कविता 624 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2021 · 1 min read उसी तीर से हुआ नशा उसको बहर :- 1212 1122 1212 112/22 काफ़िया :- स्वर “ आ “ :::: रदीफ :- “उसको “ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ **** उसी तीर से हुआ नशा उसको ***** ********************************* लगा था तीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 673 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2022 · 1 min read ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ ****** ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ ****** ********************* ਤਖ਼ਤ ਹਜ਼ਾਰੇ ਪਿੰਡ ਦਾ ਰਾਂਝਾ ਰਾਂਝੇ ਗੋਤ ਦਾ ਗੱਭਰੂ ਸਰਦਾਰ ਵੰਝਲੀ ਵਜਾਉਂਦਾ ਐਸ਼ ਕਰਦਾ ਪਿਓ ਦਾ ਮਿਲੇ ਬਾਲ੍ਹਾ ਦੁਲਾਰ ਜਦੋਂ ਭਰਾਵਾਂ ਜ਼ੁਲਮ ਕਮਾਇਆ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 639 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2020 · 1 min read लोरी ********* लोरी ******** ********************** अखियों में आजा निंदिया री जल्दी से सुला जा निंदिया री कब से हैं बैचन नैना रै बैचेनी मिटा जा निंदिया री चाँद तारे भी है... Hindi · कविता 1 639 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम ******** मुक्तक(प्रेम) ******** ************************** 1 हम जानते यह सब अज्ञानी नहीं हैं जानबूझ कर किया नादानी नहीं है टप टप जो बरसे नैनों से इस कदर आँखों से बहें आँसू... Hindi · मुक्तक 1 3 613 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Mar 2021 · 1 min read बैठ जाओ पास ******बैठ जाओ पास****** ************************ दो घड़ियाँ बैठ तो जाओ पास, करनी है तुम से दिल की बात। पूछना है, क्या हुई खता बता, क्यों नही करते हो दो पल बात।... Hindi · कविता 1 626 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read न कोई सहारा मिला 212 212 212 212 काफिया-आरा रदीफ़-मिला ***** न कोई सहारा मिला **** ************************** जिन्दगी में न कोई सहारा मिला, यार तेरे न जैसा दुबारा मिला। छोड़ दी आदतें जो नकारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 651 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Dec 2019 · 1 min read प्याज पर दोहे प्याज पर दोहे प्याज ब्याज पर हैं मिलें,हुआ विकास महान प्याज रत्न अनमोल है, भाव छुए आसमान सेब हुए हैं प्याज समान,प्याज समान हैं सेब प्याज पहुँच बाहर हुए ,खाली... Hindi · कविता 1 650 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jun 2021 · 1 min read खुशी की दवा **** खुशी की दवा (ग़ज़ल) *** ************************** **** 212 212 212 212 *** ************************** जिंदगी में नही फासला चाहिए, आपका बस हमें आसरा चाहिए। लो जमीं,लो धरा,आसमां जान लो, सांस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 599 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Nov 2020 · 1 min read भैया दूज *********** भैया दूज *********** ****************************** कार्तिक शुक्ल पक्ष की जब बेला आई भाई बहन पावन पर्व भैया दूज है लाई भाइयों की खुशहाली दीर्घायु के लिए बहने मस्तक पर तिलक... Hindi · कविता 1 632 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2019 · 2 min read देहाती सीधे साधे लोग देहाती होते हैं बड़े परिश्रमी भोली भाली सूरत होती नहीं होते हठधर्मी सादा खाना पीना पहरावा मीठी होती बोली सादा रहन सहन है होता करते खूब ठिठोली... Hindi · कविता 1 599 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Apr 2022 · 1 min read माँ की बरसी **आ गई फिर माँ की बरसी** ************************ आ गई माँ तेरी फिर बरसी, इस बार भी तू वापिस न परती। आसमां में बन गई सितारा, ढूंढ - ढूंढ तुम्हे मैं... Hindi · गीत 600 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2019 · 1 min read प्रेम भरी चिट्ठियाँ अतीत के गर्भ में खो गई मेरी प्रेम भरी चिट्ठियाँ बेहतरीन थी प्रेम की चासनी में डूबी हुई चिट्ठियाँ प्रेयसी से अतरंग प्यार की भावनाओं का एहसास थी इन्कार करार... Hindi · कविता 2 699 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2021 · 1 min read क्या खाक मजा है जीने में *क्या खाक मजा है जीने में* ********************** कुछ दर्द छिपा है सीने में, क्या खाक मज़ा है जीने में। लाख कोशिश की कमाने की, बहुत श्रम छिपा पसीने में। हर... Hindi · कविता 1 663 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2021 · 1 min read कब का छोड़ा गिद्धों ने नोचना ***कब का छोड़ा गिद्धों ने नोचना**** ****************************** शमशानों में हैं चिताएं ही जल रही, इंसानों की साजिशें पल पल चल रही। कब का छोड़ा है गिद्धों ने अब नोचना, खुद... Hindi · कविता 1 586 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Aug 2019 · 1 min read ट्राँसफर ड्राइव ट्रांसफर रूपी दानव आया ड्राइव में होकर सवार दुखदायी और सुखदायी था जो भी थे इस पर सवार उम्र,युगल,बीमारी नतीजे के अंक भी अर्जित कर किए तैयारी कर वांछित प्रबली... Hindi · कविता 5 2 573 Share Page 1 Next