सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: दोहा 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Feb 2022 · 1 min read दोहे जबतक तन में प्राण है, और रगों में रक्त। राम राम जपते रहो, सुबह शाम हर वक्त।। मन बस में रहता नहीं, जर्जर देह मकान। कच्चे धागे सांस के, अम्बर... Hindi · दोहा 348 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 2 Feb 2022 · 1 min read वरना गैरों पर यहाँ करे कौन विश्वास बेशक हँसना चाहिए, रखकर इतना ध्यान। अतिशय हँसने से हुआ, अपना ही नुकसान।। जीने की ख्वाहिश नहीं, मरना नामंजूर। जीवन इक संग्राम है, लड़ना है भरपूर।। जिनका हर निर्णय मुझे,... Hindi · दोहा 246 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Nov 2021 · 3 min read दोहा बिलख-बिलख रोता सदा, मैं बालक नादान। दर्शन क्यों देता नहीं, ऐ निष्ठुर भगवान।। बिलख बिलख मत रो सदा, होकर सूर्य अधीर। फिक्र जिसे तेरी नहीं, क्या समझेगा पीर।। बिलख बिलख... Hindi · दोहा 1 423 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Nov 2021 · 2 min read कुछ दोहे और शहरों में होती कहाँ, सुखद सुहानी भोर। बहुमंजिली इमारतें, दिखती हैं चहुंओर।। काशी शिव का धाम है, बम-बम बोलो मीत। मधुर करें शम्भू सदा, जीवन का संगीत।। शिव की महिमा... Hindi · दोहा 2 291 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Nov 2021 · 2 min read कुछ दोहे निश्चित है मिलना उसे, जो जिसका है पात्र। चिंतित होकर सूर्य तू, पाएगा दुख मात्र।। निंदक से नजदीकियाँ, चापलूस से दूर। जीवन का यह मंत्र लो, खुश रहो भरपूर।। भाग्य... Hindi · दोहा 1 557 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Oct 2021 · 1 min read लाश देख आते सदा, बिना बुलाए गिद्ध। राजनीति करने लगी, बात सही यह सिद्ध। लाश देख आते सदा, बिना बुलाए गिद्ध।। उलझे हैं हम आप सब, राजनीति में आज। और प्रतीक्षा मौत की , करते गिद्ध समाज।।... Hindi · दोहा 4 5 402 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Sep 2021 · 1 min read हर सरकारी योजना, हो जाती बेकार। हर सरकारी योजना, हो जाती बेकार। भ्रष्टाचारी तंत्र हैं, इसके जिम्मेदार।। अंधों की सरकार है, बहरों का दरबार। लूट खसोट मचा रहे, सारे लम्बरदार।। जाने क्यों ख़ामोश है, दिल्ली का... Hindi · दोहा 253 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Sep 2021 · 1 min read दोहे अपनों के दुख दर्द में, गिरता है जो नीर। जादू सम करता असर, हर लेता हर पीर।। मँहगी हैं अब रोटियाँ, मँहगाई का दौर। रोजगार दुर्लभ हुआ, मँहगा है हर... Hindi · दोहा 313 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 25 Sep 2021 · 1 min read हम पागल प्रेमी हईं, लोग कहे नादान दुश्मन के भी दोस्त हऽ, भारत देश महान। आँख टरेरल बंद कर, ऐ मूरख नादान।। झूठे ललकारत हवे, दिखलावत बा शान। कई बार हारल हवे, चीन पाक नादान।। लालच में... Bhojpuri · दोहा 412 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Sep 2021 · 1 min read सरकारी परियोजना, बन गई झंडुबाम। सब मशीन से हो रहा, मनरेगा का काम। सरकारी परियोजना, बन गई झंडुबाम।। अध्धा पौवा में लुभा, मनरेगा मजदूर। लाभ लिये इस बात का, मुखिया जी भरपूर।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य Hindi · दोहा 3 331 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Sep 2021 · 1 min read समय और संयोग बदल नहीं सकता कभी, समय और संयोग। 'सूर्य' न जाने क्यों लगा, हाय-हाय! का रोग।। ज्यादा कुछ भी भाग्य से, मिले कभी ना यार। सब जीवन के अंश हैं, जीत,... Hindi · दोहा 4 4 509 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Sep 2021 · 1 min read गुनाह प्यार मुहब्बत हो गइल, भइया आज गुनाह। आशिक की मुँह से सदा, निकलत देखीं आह।। दिल तहरा से जोड़ि के, बड़का भइल गुनाह। हमके हमरी हाल पर, छोड़ि बदल लऽ... Bhojpuri · दोहा 1 1 306 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहा अंधे होकर स्वार्थ में, करते हैं जो काम। हो जाते हैं एक दिन, दुनिया में बदनाम।। सुबह-शाम आठो पहर, जो लेता हरिनाम। जीवन भर रुकता नहीं, उसका कोई काम।। शिक्षा... Hindi · दोहा 1 238 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे भरी जवानी में लगा, शुगर वाला रोग। रहना है यदि स्वस्थ्य तो, करते रहिए योग।। निंदक से नजदीकियांँ, चापलूस से दूर। जीवन का यह मंत्र लो, सुखी रहो भरपूर।3। निंदक... Hindi · दोहा 1 287 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे 'सूर्य' तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत। अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१। देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत। 'सूर्य' सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२। 'सूर्य'... Hindi · दोहा 1 835 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहा दरिया, सागर, नैन के, गहरे होते राज। बहता है जब नीर तो, कब होती आवाज।। जिसे सुलाने में गई, जाने कितनी रात। बेटा वह माँ-बाप से, करे न कोई बात।।... Hindi · दोहा 1 584 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे योग रोग का शत्रु है, समझ गए हैं लोग। चिंता खुद की है जिसे, करता है वह योग।। योग बना संजीवनी, जीवन का है अंग। सुबह-शाम करते रहो, रोग न... Hindi · दोहा 442 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे गुरुवर के अहसान को, कभी न जाना भूल। माथे तिलक लगाइए, गुरु चरणन के धूल।। दोहा लिखा न जा रहा, करें छंद निर्माण। मुखपोथी पर देखिए, मिलता खूब प्रमाण।। जिनको... Hindi · दोहा 579 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहे और आरक्षण उसको मिले, जो निर्बल धनहीन। जाति नहीं बस देखिए, भूख, गरीबी, दीन। मीठी वाणी बोलकर, घाव करें गंभीर। बड़े सयाने लोग हैं, देते दुख सह नीर।। जादूगर दृग आपके,... Hindi · दोहा 293 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहे शर्मिंदा जिसको करे, निज भाषा का ज्ञान। ऐसा मूरख आदमी , होता पशु इंसान।। हिंदी मेरा ओढ़ना, हिंदी है परिधान। हिंदी लगती है मुझे, भाषा रस की खान।। निज भाषा... Hindi · दोहा 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहा नमन भोजपुरी दोहालय मंच मिलल न कुछऊ सेतिहा, मान, शान, सम्मान। त्याग दिहल अभिमान जे, पावल साँचा ज्ञान।। मुफ्त मिलल बा लूटिहन, झोला भरि के यार। दाम तनिक लागत हवे,... Bhojpuri · दोहा 1 332 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Sep 2021 · 1 min read धड़कन पहरेदार उर के भीतर आ गया, जबसे तू दिलदार। नैन किवाड़ी बंद हैं, धड़कन पहरेदार।। सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य Hindi · दोहा 281 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Sep 2021 · 1 min read भाषा शर्मिंदा जिसको करे, निज भाषा का ज्ञान। ऐसा मूरख आदमी , होता कब इंसान।। सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य Hindi · दोहा 407 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ भोजपुरी दोहे पर्दा में शोभत हई, घर के बुढ़िया सास। मेक्सी में घूमत रहें, बहुवर से का आस।। चिलमन से झाँकत हई, गोरी जवनी ओर। रजनी में दिनकर खिलल, भक से भइल... Bhojpuri · दोहा 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहे दोहा लिखा न जा रहा, करें छंद निर्माण। मुखपोथी पर देखिए, मिलता खूब प्रमाण।। जिनको समझ न आ रहा, दोहा छंद विधान। निर्माता हैं छंद के, ऐसे लोग महान।। समझ... Hindi · दोहा 197 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read पाँच गो दोहा धन दउलत मिथ्या हवे, जनवे हवे जहान। बड़हन सम्पति स्वास्थ्य बा, राखऽ एकर ध्यान।। करिहऽ जनि कबहूँ सखे, दउलत पर अभिमान। रंक रहल राजा भइल, चहलन जब भगवान।। सम्पति से... Bhojpuri · दोहा 379 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Aug 2021 · 1 min read दोहा दिनांक-२९/०८/२०२१ ईश्वर, अल्ला एक बा, राम, कृष्ण सब एक। असमंजस में जनि पड़ी, कर्म करीं बस नेक।। कइसन ई संकोच बा, काहें आवत लाज। राम नाम सुमिरन कइल, सुरू करीं... Bhojpuri · दोहा 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read रिमझिम शब्द- रिमझिम रिमझिम रिमझिम हो रहल, दोहा के बरसात। दोहालय लहरत हवे, हरिहर आज बुझात।। रिमझिम रिमझिम ए सखी, सावन के बरसात। साजन बिन लागति हवे, नागिन काली रात।२। मौसम... Bhojpuri · दोहा 1 393 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read किताब पढि लऽ लिखल किताब में, नैन हृदय के द्वार। जे अँखिया ना पढि सकल, पोथि पढ़ल बेकार।। जे चाहे आ के पढ़ो, हिरदय खुलल किताब। लिखनी हम महबूब के, हर्फ... Bhojpuri · दोहा 212 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति दोहे 'सूर्य' तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत। अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१। देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत। 'सूर्य' सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२। 'सूर्य'... Hindi · दोहा 738 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Aug 2021 · 1 min read सावन के दोहा सावन में हरिहर भइल, सगरो खेत बघार। सखियन के झूला पड़ल, खुश बा गाँव जवार।। सावन मनभावन भइल, हरिहर भइल जहान। झूला बगियन में पड़ल, विखरल कजरी गान।। सावन बिन... Bhojpuri · दोहा 299 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jul 2021 · 1 min read हाल भइल गंभीर हाल बड़ी बाउर भइल, घाव भइल गंभीर। जबसे कनखी नैन के, लागल हमके तीर।। सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 379 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jul 2021 · 1 min read सावन सम नैना भइल सावन सम नैना भइल, बरसत बा दिन-रात। परदेसी साजन सखी, करें न हमसे बात।। सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 265 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Jul 2021 · 1 min read अर्पित सीस हमार गांधी भगत सुभाष के, नमन करीं सौ बार। मातृभूमि खातिर रही, अर्पित सीस हमार।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 239 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि माई हई, रखिहऽ हरपल ध्यान। माई की सम्मान में, जान करऽ कुर्बान।। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · दोहा 282 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सेनुर शौक हमार।। सावन, बिन साजन सखी, बरसाता अंगार। तन मन मुरझाने लगा, शीतल मन्द... Hindi · दोहा 354 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ ममता प्रतिमूर्ति है, है ईश्वर का रूप। माँ चरणों में बैठ जा, नहीं लगेगी धूप।१। माँ के चरण पखार जो, वंदन करता नित्य। माँ के आशिर्वाद से, बन जाता... Hindi · दोहा 1 2 307 Share