Sidhant Sharma 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sidhant Sharma 18 Oct 2023 · 1 min read फूल और तुम तेरे गालों में भी इन पंकुरियों सी मृदुता होगी, तेरे होटों की लाली भी किरणों में चमकती होगी, तेरी खुशबू में भी इनके जैसी ही एक मदहोशी होगी, मुझे पता... 1 169 Share Sidhant Sharma 15 Oct 2023 · 1 min read काश काश मैं अंत देख पाता संभाल पाऊंगा तेरे जज्बातों को, या बिखर जायेंगे दोनों समय की चोट से। काश तुझे ये बता पाता। काश मेरी रूह सहमी ना होती अपना... 159 Share Sidhant Sharma 11 Sep 2023 · 1 min read अरसे बाद ये टूटा सा मन ख्यालों से डरता था, तेरे ख्वाबों में खोकर अरसे बाद एक मुस्कान आई। ये सहमी सी रूह राबते से डरती थी, तेरी बातों में खोकर अरसे... Hindi · कविता 161 Share Sidhant Sharma 23 Feb 2023 · 1 min read तुझे बताने ज़माने बाद, ज़माने से भाग कर आया था तुझसे से मिलने। जो बातें दुरियों में दब गई थीं, आया था तुझे बताने। सर्दियों की धूप, उसकी चमक तेरी मेंहदी से... Hindi · कविता 236 Share Sidhant Sharma 3 Feb 2023 · 1 min read अब हो ना हो सारी ऋतुएं अकेले काट लीं। किसी के साथ इन्हें देखने का मन, शायद अब हो ना हो। तू तो ज़रिया थी बस, मेरी मोहब्बत को मुझसे जोड़ती हुई। अब तो... Hindi · कविता 191 Share Sidhant Sharma 25 Jan 2023 · 1 min read बरसात और तुम मिलन की ऋतु जब बरसात के साथ आती है, आँखें पावस की दिशा में अपलक देखती रेहती हैं। बरसात की हवा के स्पर्श में, त्वचा तेरी मख़मली हाँथों को ढूंढ़ती... Hindi · कविता 173 Share Sidhant Sharma 6 Oct 2022 · 1 min read राहें काली काली राहों में दूंधली सी एक किरण की आस। खो रहें हैं खुद में हम तो, उजली सी सेहर की तलाश। केह दे कोई ये हमसे राहें सारी ऐसी... Hindi · कविता 3 212 Share Sidhant Sharma 7 Sep 2022 · 1 min read कैसे ये समझाऊँ तुझे। तू खो रही है खुद को, कैसे ये समझाऊँ तुझे। मोहोब्बत ना सही, तेरा ख़्याल तो आज भी है। पहाड़ी नदियों सी साफ है तू, ये ठहरे हुए पानी हैं।... Hindi · कविता 1 2 194 Share Sidhant Sharma 10 Aug 2022 · 1 min read जहाँ तुम रहती हो इस खुदगर्ज़ी के खेल से कोशों दूर, ख़्वाबों के भी आगे। एक सुनेहरा सा बसेरा है, जहाँ तुम रहती हो। समय के इन उलझनों से परे, दूरियों के फासलों से... Hindi · कविता 2 250 Share Sidhant Sharma 3 Jun 2022 · 1 min read मदिरा और मैं खुद से हार कर, एक जीत की तलाश में था मैं। शायद उस सागर में, मेरे लिए एक सहारा थी तुम। नशे में ख़ुद को खो कर, अपने अस्तित्व से... Hindi · कविता 1 2 296 Share Sidhant Sharma 21 Apr 2022 · 1 min read यादें सुबह होने से पहले नींद खुली, तेरी ज़ुल्फें मेरे चेहरे को सहला रहीं थीं। तू हमेशा नींद के साथ ही चली जाती थी, महीनों बाद आँखें खुलने पे तुझे पास... Hindi · कविता 1 315 Share Sidhant Sharma 30 Mar 2022 · 1 min read थक गया हूँ माँ। हर साँस में वेदना की वृष्टि, मेरी आत्मा को भिगो जाती है। समय की आग में जलते जलते, थक गया हूँ माँ। हर ख़्वाब के टूटने की आवाज़, मेरी सिसकियों... Hindi · कविता 183 Share Sidhant Sharma 16 Feb 2022 · 1 min read ज़िन्दगी ख़्वाब है ब्रह्माण्ड के इस अनंत समुद्र में, एक बूंद की भाँति हैं हम। अपने निरर्थक किस्सों में खोए, खुद में ही हो जाते हैं भस्म। काल्पनिक लक्ष्यों की लालसा में, एक... Hindi · कविता 422 Share Sidhant Sharma 30 Jun 2021 · 1 min read मुक्तक (आफ़ताब) हर पल, दिल तुझसे मिलने को बेताब था। हर घड़ी, आँखों में तेरा ही ख्वाब था। तेरी मुस्कुराहट की चमक में देखा ही नहीं, डूबा हुआ तेरी वफ़ा का आफ़ताब... Hindi · मुक्तक 304 Share Sidhant Sharma 26 Jun 2021 · 1 min read एकतरफा इश्क़ इस राह की कोई मंज़िल नहीं, सुकून से बहता जा रहा हूँ। ये दिल तेरी दूरियों से वाकिफ़ है, तेरे इश्क़ में खोता जा रहा हूँ। तेरे करीब ना होने... Hindi · कविता 4 2 347 Share Sidhant Sharma 24 Jun 2021 · 1 min read संघर्ष इस समय अकेला है, ख़ुद को तू वक़्त दे। खोया हुआ है जीत की लालसा में, हकीक़त का तू तख़्त ले। मिटा दे हार के इस खौफ़ को, श्रम का... Hindi · कविता 2 4 337 Share Sidhant Sharma 23 Jun 2021 · 1 min read इश्क़ (मुक्तक) कभी दिल लगाकर तो देखो। कभी अपेक्षाएं हटाकर तो देखो। कितना सुकून है इस चाहत में, कभी मेरे इश्क़ को आज़माकर तो देखो। सिद्धांत शर्मा Hindi · मुक्तक 3 412 Share Sidhant Sharma 22 Jun 2021 · 1 min read "तुम" (मुक्तक) तेरी हर गलती नादानी लगती है। तेरी हर अदा रूहानी लगती है। अब तुझसे शुरू और तुझसे ख़त्म, मेरे जीवन की कहानी लगती है। - सिद्धांत शर्मा Hindi · मुक्तक 3 2 315 Share Sidhant Sharma 20 Jun 2021 · 1 min read उसे पिता कहते हैं। जिसका रोम-रोम निःस्वार्थ होता है, उसे पिता कहते हैं। जिसकी आँखों में अभिलाषाओं का सितारा होता है, उसे पिता कहते हैं। जिसकी मुस्कुराहट में आँसुओं का बांध छिपा होता है... Hindi · कविता 3 2 461 Share Sidhant Sharma 18 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" (रुप) मुक्तक ************ इंसान मोर बना बैठा है। पंखों का शोर मचा रखा है। नयन-नक्स देने से पहले ये कुदरत पूछती तक नहीं, रूप का डंका हर ओर बजा रखा है।... Hindi · मुक्तक 1 2 242 Share Sidhant Sharma 17 Jun 2021 · 1 min read किन्नर इस शब्द को उन्होंने चुना नहीं था, लेकिन इसे पहचान बना कर उनपे थोप दिया जाता है। बिना उस व्यक्ति के व्यक्तित्व को जाने, इस समाज से उन्हें ठुकरा दिया... Hindi · कविता 4 2 455 Share Sidhant Sharma 17 Jun 2021 · 1 min read बेकफ़न लाशें मौत नदियों में तैरती रही, लोग शब्दों के जाल में खोते रहे। क्या ज़िंदगी इतनी सस्ती हो गई है ?, अपने आप से हम ये पुछते रहे। कई घर लील... Hindi · कविता 3 6 300 Share Sidhant Sharma 16 Jun 2021 · 1 min read यूट्यूब और बच्चे "मेरा बच्चा मोबाइल चला लेता है।", कई अभिवावकों के मुख से आपने भी ये वाक्य बहुतों बार सुना होगा। ये एक नई प्रथा है जहाँ बच्चे दिन भर यूट्यूब पर... Hindi · लेख 1 4 675 Share Sidhant Sharma 16 Jun 2021 · 1 min read बेवफ़ाई जब तूने मुझे तोड़ा था, कई महीने जला दिए थे मैंने संभलते- संभलते । जिस सच को मेरी आँखों ने देखा था, बिखर सा गया था दिल उसे अपनाते-अपनाते। जब... Hindi · कविता 2 2 279 Share Sidhant Sharma 15 Jun 2021 · 1 min read दरार के व्यापारी एक दरार डाली गई थी अपनो के बीच, सदियों पहले मेरे हिंदुस्तान में। कई मनुष्य और उनके सपने जल गए, रंजिश फैलाने की इस साज़िश में। कुछ अजनबियों ने की... Hindi · कविता 2 1 475 Share Sidhant Sharma 14 Jun 2021 · 1 min read जीवन - एक अर्थहीन कविता जीवन एक कविता कि तरह है, लिपिबद्ध करना है इसे सांसों को कलम बनाकर। कुछ पन्ने तुम्हारी मुस्कुराहट से चमकते होंगे, और कुछ को नम कर दिया होगा तुमने आँसुओं... Hindi · कविता 1 2 444 Share Sidhant Sharma 13 Jun 2021 · 1 min read बरसात की आत्मकथा मैं बरसात हूँ, और मैं थक चुकी हूँ। थक गई हैं मेरी बूंदे, एक दूषित धरती की तड़प मिटाते-मिटाते। टूट चुका है मेरा मन, पक्की ज़मीन की असीमित प्यास बुझाते-बुझाते।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 10 1k Share Sidhant Sharma 11 Jun 2021 · 1 min read मौत - एक झूठ मैं जब देखता हूँ अपने चहुओर, ज़िंदगी जी रहे हैं लोग मृत्यु को झुठला कर। अपने अंत की सोच का अंत करके, मृगतृष्णा में जी रहें हैं लोग एक सत्य... Hindi · कविता 1 2 458 Share Sidhant Sharma 11 Jun 2021 · 1 min read मोहब्बत तू मेरी मोहब्बत नहीं, तुझसे मेरी मोहब्बत थी। तुम्हारी ख़ुशी से जो ख़ुशी मिलती थी, वो मेरी मोहब्बत थी। तुम्हारे आने से एक वीरान शहर जगमगा उठता था, वो मेरी... Hindi · कविता 2 1 593 Share