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हैं तो वो इंसान ही.. ना उसे औरत कहाँ जाता हैं ना ही उसे आदमी कहाँ जाता हैं उसे समाज से दुत्कार कर किन्नर कहाँ जाता हैं………..?
बहुत खूबसूरत रचना Sidhant Sharma ji
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
हैं तो वो इंसान ही..
ना उसे औरत कहाँ जाता हैं
ना ही उसे आदमी कहाँ जाता हैं
उसे समाज से दुत्कार कर
किन्नर कहाँ जाता हैं………..?
बहुत खूबसूरत रचना Sidhant Sharma ji
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।