Mugdha shiddharth 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read मैं मर्यादित नहीं ... मैं मर्यादित नहीं मैं इज्जतदार भी नहीं मैं बस भूखी हूं और जरूरतमंद भी तुम अपनी मर्यादा की पाठशाला कहीं और जाकर चलाओ कंठ तक अन्न को ठूसने वाले लोग... Hindi · कविता 5 1 231 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read प्रेम है जब तक अमृता है तब तक जब तक प्रेम जिंदा है अमृता भी जिंदा रहेगी साहिर की जूठी सिगरेट चुनते हुए छुप छुप कर उसे फूंकते हुए धुएं के गोल छलले में साहिर की धुंधली तस्वीर... Hindi · कविता 5 6 256 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read और कहना "वो पागल थी" प्रेम पत्रों की नमकीन दुनियां अब तो ... तबाह हो गई अब नहीं लिखे जाते प्रेम पत्र अब नहीं छुपाया जाता प्रेम पत्रों को आटे के डिब्बों में संदूकची के... Hindi · कविता 5 3 434 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read मैंने ईश्वर को नहीं देखा... 1. मैंने ईश्वर को नहीं देखा... हां... जहां से प्रेम गुज़रा हर उस जगह पे मैंने उसे महसूस किया ... प्रेम और परमात्मा पृथक नहीं हो सकता... ... सिद्धार्थ 2.... Hindi · मुक्तक 5 2 244 Share Mugdha shiddharth 17 Jul 2020 · 1 min read वो भगवान हो गया मैंने पत्थर को तरासा वो भगवान हो गया वो मंदिर में बैठा पुजारी धनवान हो गया आशीष कहां जाकर बरसी मुझे मालूम नहीं मैं दीन तो तब भी था अब... Hindi · कविता 5 1 550 Share Mugdha shiddharth 17 Jul 2020 · 1 min read रहबर ए कौम मेरे सच को भी कसौटियों पे यार परखा जाएगा उनके झूठ को भी इनायत कह कर नवाजा जाएगा हम मूत मइन होकर ही बैठे हैं रहबर ए मुल्क से सच... Hindi · कविता 5 2 353 Share Mugdha shiddharth 17 Jul 2020 · 1 min read मुझे इश्क में गुनाह भी कबूल है तेरे यादों का जो इक फूल है सुबह शाम मुझे यूं ही कबूल है तेरे नक्स में तेरे अक्स में मुझे दर्पण होना भी कबूल है वादा देने की तुम्हारी... Hindi · कविता 5 5 240 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम में मिलना पाना कुछ होता ही नहीं है "जान" प्रेम अपने अंदर की ऊर्जा है इसे ... किस से मांगोगी और किस से कहोगी प्रेम का करो दान ...... Hindi · मुक्तक 5 3 465 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read भूत नाथ दिलों में गर दरारें पड़ गई हो तो बचा क्या रहा खंडहरों की मरम्मत तो नहीं होती न "भूत नाथ" *** कितनी चिकनी और तंग गलियां थी दिलों की आना... Hindi · कविता 5 1 255 Share Mugdha shiddharth 31 Jul 2020 · 1 min read कोई वादा न हमने तुमसे था किया कोई वादा न हमने तुम से था किया कोई वादा न तुमने हमसे था किया पांव रुकता रहा मगर तेरी हर एक आहट पे भीड़ में भी अलग से तुझे... Hindi · कविता 5 3 279 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मीर ग़ालिब हमने मीर भी पढ़े और गालिब भी ये यार मगर ... तेरे अल्फ़ाज़ का गौहर सबसे अलग है ... ~ सिद्धार्थ पानी को थोड़ न पता होता की कंठ से... Hindi · मुक्तक 5 1 215 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read व्यंग PM के विदेश यात्रा और विज्ञापन पर खर्च हुए 66 अरब रुपया ... 66 अरब होता ही कितना है ... वो तो चिल्लर है । मैं रोज अपने बेटे को... Hindi · लेख 5 3 301 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read है मुहब्बत बड़ी बेकार सी चीज है मुहब्बत बड़ी बेकार सी चीज नज़र को जचता है कोई और दिल जिद कर के कर आती है चोरी चोरी आंखों के रस्ते यार का घर दिल दिल के... Hindi · कविता 5 2 478 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read गाहे बगाहे गाहे गवाहे ही सही तुम मुझे भी याद कर लेना वो कौन सा मैं तुमसे लम्हों का हिसाब माॅंगुंगी बहुत शौक था आंखों को ख़वाब देखने की अब कि आंखों... Hindi · कविता 5 1 375 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read रण्डी वो जो मेरे जिस्म से हर रात खेला करता है शौक है उसको वो माॅं जाई को रण्डी कहता है जले भी हम हम्ही वो फूल जो बिस्तर में कुचलेजाएं... Hindi · कविता 5 484 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2020 · 1 min read राहत ... ️ ??? देह का मर जाना हुआ, नेह का रह जाना हुआ वो क्या गया यारों आंखों से लहू का छलक जाना हुआ सब का जाना तय है, उसको तो यूॅं... Hindi · कविता 5 1 447 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2020 · 1 min read सावन - भादो तुम नाचते हो सावन भादो का नाम सुन कर जिस्म से चश्म तक मेरी सब धुलने लगती है करूं भला मैं किस दरवेस से तब शिकवा नेमत-ए-ज़ीस्त भी जब पिघलने... Hindi · कविता 5 2 557 Share Mugdha shiddharth 16 Aug 2020 · 1 min read कमी हर बार मुझी में ढूंढी गई कमी हर बार मैं इंसान ही बनी रही हर बार पलट कर हमने कहा फ़रिश्ते कहीं और ढूंढे जाएं हम इंसान हैं ... बेहतर... Hindi · कविता 5 1 266 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2020 · 1 min read बीज पुरुष बीज हो सकते थे और स्त्री धरा जो धारण कर सकती थी बीज को और दे सकती थी एक बीज के एवज में सैकड़ों बीज ... प्रतिदान में महानता... Hindi · कविता 5 1 252 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक बड़े ऎहतियत से दिल को अपने हमने समझाया था यार को भूल जाने पे भी उसे मनुहार से मनाया था स्वप्न से भिंगी आंख खुली तो था पेशानी पे बोसा... Hindi · कविता 5 2 283 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2020 · 1 min read भूख और राम अतड़ियों की ऐठन जब अपने पूरे उरूज पर होती है मूक - बाधिर से भी रोटी और भूख पर चर्चा करवा लेती है चौंक पड़ेंगे वो भी इक दिन अपने... Hindi · कविता 5 2 517 Share Mugdha shiddharth 9 Sep 2020 · 1 min read मैंने कभी हाॅंथ उठा कर दुआ नहीं मांगी मैंने कभी हाॅंथ उठा कर दुआ नहीं मांगी न ही कभी किसी मन्दिर में पत्थरों के देवता से कोई आशीष मांगी हाॅं झूठ नहीं कहूंगी कई बार जोड़े थे हाॅंथ... Hindi · कविता 5 2 351 Share Mugdha shiddharth 12 Sep 2020 · 1 min read लोग यूॅं ही मर जाते हैैं लोग यूॅं ही मर जाते हैैं कुछ लोग रोते भी हैं कुछ लोग रोने का नाटक भी करते हैं मगर पीछे कुछ तो छूट जाता है और वही कुछ मरने... Hindi · कविता 5 1 195 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2020 · 1 min read लौट जाना नियति है ... लौट जाना नियति है ... इसे स्वीकार करना कठिन है मगर असम्भव नहीं ... हम सभी लौट जाने के लिए ही आए हैं पेड़, पौधे, बादल, पानी, हम और तुम... Hindi · कविता 5 249 Share Mugdha shiddharth 16 Dec 2020 · 1 min read तज के अपने अहंकार को तज के अपने अहंकार को आवाज दो उस झंकार को बिन जिसके महल खंडर हुआ पुकार लो उस दिलदार को शम्स को गर कैद करोगे फिर तिमिर से गिला क्या... Hindi · कविता 5 1 643 Share Mugdha shiddharth 5 Dec 2018 · 1 min read हमारी नस्ल की जड़ों में दीमक लगाना चाहते हैं ! हर बार जब सोचने लगती हूँ सब ठीक हो रहा है , किसी अंधेरे कोने से गेरुया रंग में रगें भेड़िया निकल आतें है कुछ गर्म लोहे उगलते हुए ,... Hindi · कविता 4 397 Share Mugdha shiddharth 8 Dec 2018 · 1 min read घसीट के घुटनों पे लाएँगे ! अकाल पड़ा है, खेतों में नहीं दिलों में,खाये -अघाये लोगों के दिलों में, हम भूख कि बात करते हैं, वो सुख अपना गिनवाते हैं, हम रोटी -रोटी करते हैं, वो... Hindi · कविता 4 2 237 Share Mugdha shiddharth 10 Dec 2018 · 1 min read उड़ान भरने दो ! रोको मत आज इन्हें, आवाज़ उठाने दो सदियों से ख़ामोश लबों पे, कुछ लफ्जों को इतराने दो, रोको मत आज इन्हें कुछ खुल के प्रतिकार जताने दो, इनके बोझिल कँधों... Hindi · कविता 4 1 251 Share Mugdha shiddharth 16 Dec 2018 · 1 min read धर्मांधता उन्होंने तो सिर्फ बीज फेका था, धर्मांधता का, उर्वरक जमीन देख कर, पागल तो हम स्वयं हुए थे, अपने मन कि उर्वरक जमीन दी, अपने सहमति का शीतल जल दिया,... Hindi · कविता 4 3 316 Share Mugdha shiddharth 28 Dec 2018 · 1 min read मेरे शब्दों की बेनी पे ! क्या नया हो जाएगा नए साल में ? जो खुश होजाऊं, इतराऊं, जश्न मनाऊं । क्या गिद्धों के चोंच गिर पड़ेंगे भेड़ियों के रक्तपिपासु दांत गिर पड़ेंगे ? या जिनके... Hindi · कविता 4 244 Share Mugdha shiddharth 25 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे दिल को सुकून क्यों नहीं कुछ टुटा है क्या ? मेरे दिल के पिंजर में दो नाम चीख़ कि तरह आया है चित्रकूट की गलियों से ! ।।सिद्धार्थ।। Hindi · मुक्तक 4 447 Share Mugdha shiddharth 1 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! दुख इसका नही कि वो शांति की बात नही करते हैं हम परेशां हैं कि वो इंसानियत भुलाने की बात करते हैं। हथियारों के व्यपारी हैं जो, शांति दूत बना... Hindi · मुक्तक 4 480 Share Mugdha shiddharth 12 Mar 2019 · 3 min read जकिया जाफरी एक मज़लूमा ! ज़किया जाफ़री ----------------- ये ज़किया बी हैं, आप लोग जानते हैं क्या इन्हें ? शायद जानते हों पर भूल गए होंगे, मैं भी भूल गई थी एक मित्र ने जब... Hindi · लेख 4 1 228 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2019 · 3 min read कालाहांडी, भूख और गरीबी ! ओडिशा: इस चुनावी समय में भी कुछ लोग अपनी जिंदगी कि जरूरी जरूरतों को लेकर आवाज़ बुलंद करने में पीछे नहीं हट रहे ,क्या कर सकते हैं, आश्वासन और जुमलों... Hindi · लेख 4 2 606 Share Mugdha shiddharth 27 Mar 2019 · 1 min read गांव ! कहीं एक गांव था मेरा वो गांव मुझ से छूट गया, आम,सखुआ, महुआ का छांव मुझ से छूट गया। एक शहर मिला था बदले में, गलियां,सड़कें, चैराहे वो सारा राह,... Hindi · कविता 4 321 Share Mugdha shiddharth 9 May 2019 · 1 min read अब उनकी कुर्सी पे बात बन आई है ! वो वोटी हमारी नोच रहे हम रोटी-रोटी करते हैं , वो शासक हैं, हम शोषित हैं वो मालिक हैं हम चाकर हैं. हम दीन-हीन वो धनी बने हम बेबस वो... Hindi · कविता 4 287 Share Mugdha shiddharth 21 May 2019 · 1 min read जो तू न भूले तो बात बराबर। आगाज़ किया है मैंने साथी, सच से सीधा आँख मिला कर, क्या इंकलाब भी रोया होगा, भूखे बच्चों से आँख मिला कर गंगा-सतलुज में क्या आँखे धोया होगा खुद डुबकी... Hindi · कविता 4 2 234 Share Mugdha shiddharth 25 May 2019 · 1 min read मन के सारे मोड़ सच्चे थे ! मन के सारे मोड़ सच्चे थे बस रास्ते जरा से कच्चे थे ! / उम्मीदें सारे अच्छे थी बस बांधी थी जिससे वो दिल के थोड़े बच्चे थे कान के... Hindi · कविता 4 3 407 Share Mugdha shiddharth 11 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक एक चुटकी नमक रखो दिल के ज़ुबान पे ख़ुशियाँ साथ चलेंगी जिंदगी की ढलान पे ! *** कभी अखबारों में सच की सियाही से शब्द फूटते थे आज पैसों के... Hindi · मुक्तक 4 2 266 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक साहेब की मन की बात ; हम जान क्या लेंगे किसी का, अपना हाँथ गंदा क्यूँ कर करना है पूज देते हैं हथियारों को नौजवानों को अभी देश भक्त बनना... Hindi · मुक्तक 4 1 241 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read हम खुद को दो हिस्से में बाटेंगे। ये भी ठीक है कि तन को तुम जंजीरों से बांधोगे! पर कहो तो भला… शब्दों को किस विधि तुम साधोगे..? अपनी हक की बातें करने को रोटी-लंगोटी की बांतों... Hindi · कविता 4 1 332 Share Mugdha shiddharth 17 Aug 2019 · 1 min read बुरी लत तुम्हें खुद को खुदा समझने की ये जो बुरी लत लगी है दरकिनार करके इंसानियत को नरपिशाच हो जाने की जो भूख जगी है तुम्हें रसातल तक लेके जाएगी, तुम्हें... Hindi · कविता 4 1 570 Share Mugdha shiddharth 23 Aug 2019 · 1 min read दीखता नही क्या... ? चुप रहो, जाल बिछाया है, दाना डाला है शिकार दाना चुगने आने वाला है शिकार आज फिर से फंसने वाला है , दीखता नही तुम्हें क्या… ? आज फिर शिकार... Hindi · कविता 4 1 267 Share Mugdha shiddharth 25 Aug 2019 · 1 min read मैं बादल का पांव धरूंगी उसने बादल को भेजा था आंगन मेरा तर कर जाने को मैं सूरज का पांव धरूंगी बादल की छाया हटाने को। मन तो यूँ ही भींगा है आंखों का पानी... Hindi · कविता 4 185 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read बदलते हैं रिश्ते बदलते समय में, बदलते हैं रिश्ते किससे कहोगे दिल के किस्से कल मन में सूखा पड़ा था, आज भावनाओं का बारिस गिरा है किससे कहोगे दिल के किस्से कल जिस... Hindi · कविता 4 1 254 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read तुम्हारा हमारा रिश्ता १. तुम्हारा हमारा रिश्ता दिल की गली का मोड़ वो साबित हुआ है जो चंद कदमों पे टूट के अलग हो जाती है ...सिद्धार्थ २. बिछड़ के भी हम तेरे... Hindi · मुक्तक 4 2 260 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read दो कौर के घटिया निवाले पे... कई प्रश्न है, जो टांक रखे हैं मन के अजीब से आले पे क्या,तुम भी गिरे हो चोट खाके दिल के दोहरे से दीवालों पे अहसास शायद तुम में भी... Hindi · कविता 4 1 202 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read छोटी कविता १. प्रेम सावन का पहला मेघ है , जो बिना गरजे भी बरस जाता है ... सिद्धार्थ २. मैं सारी रात बैठ के कगज से नाव बनाती रही दर्द के... Hindi · कविता 4 679 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read इंकलाब बंट रहे थे पर्चे सब उसकी मर्ज़ी है बस रब को ऐसे ही माना जाये। हम गिर पड़े हैं चलते-चलते चोट खाकर क्या इसको भी उसकी रज़ा ही जाना जाये।... Hindi · मुक्तक 4 342 Share Mugdha shiddharth 16 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. आईने ने हंस कर कहा उम्र ने तो बस अपना काम किया देह के कोरे किताब पर कुछ लकीरों को तेरे नाम किया ! ...सिद्धार्थ २. मेरा चाक-ए-गरेबाँ वो... Hindi · मुक्तक 4 1 214 Share Previous Page 2 Next