Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh Language: Hindi 49 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 24 Sep 2022 · 1 min read आंखें न देख सकीं, आंखें न देख सकीं, हालांकि ये सब देख लेतीं हैं, कभी कभी जो, दिल नहीं समझ पाता, उसे भी भांप लेतीं हैं. कभी कभी, बड़ी भोली, बन जाती है, किसी... Hindi 3 180 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 19 Sep 2022 · 1 min read रास्ते में वो मिला, रास्ते में वो मिला, और वो सबको ही मिलता है, किसी ने भांप लिया, तो, किसी ने नजरंदाज कर दिया. जिस ने, जान लिया, उसे डगर मिल गयी, और, जिसने... Hindi 2 142 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 18 Sep 2022 · 1 min read माँ याद आती हैं... माँ याद आती हैं... कोई दिल के करीब हो, और हमें बहुत ही अजीज हो, फिर उनकी याद जो आए, आंखों से आंसू छलक ही जाते हैं. हर लम्हा जो... Hindi 1 154 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 17 Sep 2022 · 1 min read हौसला नहीं होता, हौसला नहीं होता, तो वो, कुछ कर न पाती, बस, सहती, और, बस सहते ही जाती. मगर, वक्त को, भी, कुछ तरस आ गया, उसने, अपना, रुख, स्त्री की तरफ,... Hindi 1 125 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 17 Sep 2022 · 1 min read सही राह दिखाओ... सही राह दिखाओ... कभी कभी, किसी से मिलकर, दिल उदास हो जाता है, लोगों को मायूस करने का हुनर, जाने उन्हें, कैसे आता है. लोग उनके पास, आस लेकर आते... Hindi 2 129 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 14 Aug 2022 · 1 min read एक है अब देश हमारा, एक है अब देश हमारा, एक है तिरंगा हमारा, सारी दुनिया घूम आओ, नहीं है भारत से प्यारा. Hindi · कविता 1 197 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 13 Aug 2022 · 1 min read सुबह, दोपहर, रात और शाम, सुबह, दोपहर, रात और शाम, दिन भर मेहनत ढेरों काम, जिसके जीवन में है ये सब, वह खुशनसीब है, इंसान!! Hindi 1 300 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 13 Jul 2022 · 1 min read हर मोड़ पर , लोग मिले, हर मोड़ पर , लोग मिले, लगे कुछ न कुछ सिखाये, जिनकी सीख से, जिंदगी बने, वही गुरु कहलाएं. Hindi 136 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 7 Jul 2022 · 1 min read जैसे प्यारे से चांद को, जैसे प्यारे से चांद को, सितारे खूबसूरत बनाते हैं, उसी तरह हमें, हमारे अपने, अपनापन महसूस कराते हैं. Hindi 1 1 222 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 5 Jul 2022 · 1 min read समय वो दिखता है, हमारे बस में, मगर बस में, कुछ भी नहीं है, लाख संभालने की कोशिश करें हम, वो तो वक्त है जनाब!! ठहरता ही नहीं है. Hindi · कोटेशन 2 1 163 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 25 Jun 2022 · 1 min read रिश्तें मुझे रिश्तों को खोने से डर लगता है, उनसे दूर होने से डर लगता है, देखा है मैंने, कईयों को तडपते हुए, अपनों के लिए, अपनों को तरसते हुए. पास... Hindi 1 220 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 7 Jun 2022 · 1 min read ये चाँद, ये सितारे ये रात, ये सितारे, लगते हैं, कितने प्यारे, इनका यूँ झिलमिलाना, इशारों से, चांद को बुलाना. चांद, का नखरे दिखाना, फिर छुप छुपाते हुए आना फिर सितारों के साथ घुलमिल... Hindi · कविता 1 1 183 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 4 Jun 2022 · 1 min read वो पिता है वो पिता है, वो काम करते रहता है, अपनी फिक्र कम, सिर्फ घर के बारे में सोचता है. जो कोई समझता नही, वो भी वो समझ जाता है, किसे क्या... Hindi · कविता 1 2 218 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 4 Jun 2022 · 1 min read जो लम्हे बीत गये.. वो लम्हे जो बीत गये, वो फिर कहाँ लौटेंगे... वो जो दुनिया छोड गये, वो फिर कहाँ लौटेंगे. मगर वो जो रूठा है, जरूर मान जाएगा, थोड़ा जो तुम मना... Hindi · कविता 1 314 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 2 Jun 2022 · 1 min read सुनो... सुनो, ये क्या हाल बना रखा है, एसे क्यों मुंह फुला रखा है?? जाओ, एसे दिखावा मत करो, झूठे ही मन मत रखो... आपने कहा था, जल्दी आओगे, मुझे बाहर... Hindi · कविता 1 1 161 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read कल कल जो बीत गया है, वो फिर कहाँ आएगा, ज्यादा मत सोच, वरना उलझकर रह जाएगा. शुक्र मना कि अब भी, आज का दिन नसीब हुआ है, कहीं कोई नेकी... Hindi · कविता 417 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read नन्हा सा पौधा नन्हा सा पौधा, जब पहली बार उठता है, सुर्य से शक्ति पाकर, धीरे धीरे बढता है. बरसों लगते हैं, तब हराभरा होता है, जाने कितने ही तूफानों से वो लडता... Hindi · कविता 361 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read नया दिन, नयी पहल रोज सुबह होती है, नया दिन निकलता है, एक आध नही, ढेरों मौके देता है, चारों ओर हमारे रोशनी कर देता है. मगर हम नादान, जाने क्यों भटक जाते हैं,... Hindi · कविता 377 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read जिंदगी के किस्से जिंदगी के किस्से, मैं किसे सुनाऊं? समझ नहीं आता, मैं कहाँ जाऊँ? दुनिया इतनी बड़ी है, फिर भी मैं अकेला हूँ, बचपन से अब तक, सिर्फ मुश्किलों से खेला हूँ.... Hindi · कविता 395 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read मेरी बेटी, मेरी गुड़िया मेरी बेटी, मेरी गुड़िया, मेरी लाडो, मेरी रानी, प्यारी प्यारी आखों वाली, मेरी सोनी, मेरी लाली. गोलमोल बालों वाली, बिन बात के, गुस्सा जताने वाली. सुबह उठते ही, मुस्काने वाली,... Hindi · कविता 354 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read ख्वाइशें काश! ख्वाइशें ही ना होती ं, तो किसी हद तक, जिंदगी आसान हो जाती, ये तो, उलट, और, बढते ही जाती ं है, मन को विचलित कर जातीं है. जैसे... Hindi · कविता 158 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 31 May 2022 · 1 min read मायका कैसे पल भर में सब बदल जाता है, जो घर होता है, वो मायका बन जाता है, जहाँ हमारा घर, हमारी दुनिया होता था, अब वो, सिर्फ, माँ बाप का... Hindi · कविता 151 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 29 May 2022 · 1 min read माँ का सितारा जब मैं गली मैं बैट से खेलता, माँ मुझे, क्रिकेटर, समझ लेती, जब मैं, घर, पढाई, सुनाता, तो मुझे, हुशियार समझ लेती. उनकी दुनिया का मैं, इकलौता सितारा, होता था.... Hindi · कविता 322 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 29 May 2022 · 1 min read हफ्ते में दो रविवार हो. हफ्ते में दो रविवार हो.... मैं गृहिणी हूँ, मेरा भी वार हो, हफ्ते में दो रविवार हो. एक रविवार मैं सबके लिए पकाउंगी, स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर खिलाउंगी. दूसरा रविवार में... Hindi · कविता 164 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 27 May 2022 · 1 min read बीते हुए बुरे लम्हे जब बिते हुए बुरे लम्हें याद करती हूँ, तो मन खराब हो जाता है, बहुत गुस्सा आता है, और आज का दिन भी बर्बाद हो जाता है. काश! हम अपनी... Hindi · कविता 222 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 26 May 2022 · 1 min read आधी दौलत, पूरी शौहरत. आधी दौलत, पूरी शौहरत जमाना भी अजीब बदला है, इंसान ने पहनावा ही नहीं, जीने का तरीका, सलीका, और तो और, बार बार, अपना चेहरा भी बदला है. थोड़ा कमाया,... Hindi · कविता 1 1 114 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 26 May 2022 · 1 min read क्या ही हो.. क्या ही हो जाए, जब एसा हो जाए, उसकी अनकही बातें, सब अपने आप समझ जाएं. क्या ही हो जाए, जब एसा हो जाए, उसके दबे हुए, अरमान हर कोई... Hindi · कविता 1 160 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 25 May 2022 · 1 min read एसी कैसी काउंसिलिंग ? आज जिंदगी को उदास पाया, अपनी सहेली को रोता पाया, हमारी पुरानी जिंदगी, हमारे सामने घूम गयी, खिल खिलाते हुई, यादें ताजा कर गयीं. हमने नहीं सोचा था, इस तरह... Hindi · कविता 158 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 25 May 2022 · 1 min read बूंद और सागर एक दिन सागर, बूंद से बातें कर रहा था, जाने कितनी ही खरी खोटी सुना रहा था. कहने लगा मैं बड़ा विशाल हूँ, जाने कितने, अनमोल खजाने से मालामाल हूँ.... Hindi · कविता 2 302 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 25 May 2022 · 1 min read ठहरा हुआ पानी ठहरा हुआ पानी कितना गहरा है, ये पता नहीं चलता है देखकर, वो न खुद बढ पाता है, और ना ही आगे बह पाता है. इसीलिए, रूकना, नहीं है हमें,... Hindi · कविता 375 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 25 May 2022 · 1 min read धूप छाँव छाँव की एहमियत, धूप सहने के बाद ही समझमें आती है. ठीक, इसी तरह, सुख का महत्व, दुख से गुजरने के बाद ही समझती है. Hindi · कविता 323 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 25 May 2022 · 1 min read खरी खरी बातें.. खरी खरी बात हम तो जब भी बोलते हैं, खरी खरी बोलते हैं, अपने मन में कुछ नहीं रखते हैं, ये वाली बात सुनने तक ही, अच्छी लगती है, कौन... Hindi · कविता 1 363 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 24 May 2022 · 1 min read माँ वो सुबह जल्दी उठ जाती है, एक एक कर सबको जगाती है, किसी को नाश्ता, तो चाय पिलाती है, सबको, औफिस और स्कूल भगाती है. फिर सारे काम निपटाती है,... Hindi · कविता 2 405 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 24 May 2022 · 1 min read जो बीत गया.. जो बीत गया, उसे याद करने से क्या फायदा, उसी में उलझकर, कुडकुडाने से क्या फायदा, मुश्किल है मगर, इससे बाहर आना पड़ेगा, सब कुछ भूल कर, आगे कदम बढाना... Hindi · कविता 124 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 24 May 2022 · 1 min read घर की औरतें घर की औरतें नमक ज्यादा हो तो जहर, कम होतो, क्या बनाया है? मिर्च ज्यादा हो तो, बकवास, कम हो तो, कुछ नहीं आता है?? ये क्यों बना है? वो... Hindi · कविता 2 1 146 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 24 May 2022 · 1 min read वक्त वक्त.. वक्त वक्त की बात है, कल तुम्हारी बारी थी, आज मेरी है, कल किसी और की होगी, इसमें, इतना इतराने की क्या बात है?? Hindi · कविता 148 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 23 May 2022 · 1 min read चार दिन चार दिन की जिंदगी है, यही सुनते आयी हूँ, शायद इसका यही मतलब है, चार दिन सही गुजारो, तो ये चार दिन बढ जाएगी. Hindi · कविता 250 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 23 May 2022 · 1 min read कर्म कर नुकसान किसी का, तू सोचता है, सब चलता है, मत भूल, हमारे हर कर्म का, सिला, आखरत से पहले, मिलता है. Hindi · कविता 152 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 23 May 2022 · 1 min read चलते चलते.. चलते चलते थक जाओ तो, थोडा ठहर जाना, मगर इतना भी ना रूकना, कि मंजिल, भूल जाना. Hindi · कविता 124 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 23 May 2022 · 1 min read वही तेरा है माना कि युग बदल गया है, पहले जैसा कौन अब रह गया है, मगर, उम्मीदों का, मंजर, अब भी वही है, तू जिसके लिए है, वही तेरा है. Hindi · शेर 130 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 23 May 2022 · 1 min read मदद मत सोच... कि मैं क्यों मदद करूँ? मेरे अकेले के करने से क्या होगा? एक बात तू याद रख... जो देगा, वही लौटेगा. Hindi · कोटेशन 138 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 23 May 2022 · 1 min read खुद से मुलाकात खुद से मुलाकात.. एक दिन अजीब सी बात हो गयी, मेरी खुद से मुलाकात हो गयी, यकीन मानिये, मैं खुद को पहचान ही नहीं पाया, अंजान रहा, जान ही नहीं... Hindi · कविता 655 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 21 May 2022 · 1 min read गुड़ और नमक गुड़ और नमक.. उसके व्यवहार में नमक की कमीं थी, वो सबको धोका देते चला गया, अक्ल और समझ तब आयी, जब सबकी नजरों से उतर गया. उसकी वाणी में,... Hindi · कविता 4 3 203 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 21 May 2022 · 1 min read उसके आंसू ऑंखों से छलके आंसू, तो सबको नजर आए, मगर मन में, वो रोईं, तो किसी को दिखाई न दिया. जब जोर जोर से, वो चिल्लायी, तो सबने सुन लिया, मगर,... Hindi · कविता 1 1 141 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 20 May 2022 · 1 min read सीख... कुछ सीख एसी होतीं हैं, जो सीख तक ही, सीमीत होती हैं. जब अमल की बारी आये, न जाने, कहाँ छुपी होती हैं? जब बात, दूसरों की, हो, सभी को... Hindi · कविता 131 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 18 May 2022 · 1 min read विदाई जब बेटी की विदाई होती है, वो मन ही मन रोती है, जाने कितनी ही, उलझनों को दिल में लिए होती है. बहोत कुछ छूटता जाता है, बहोत कुछ आता... Hindi · कविता 2 4 167 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 12 May 2022 · 1 min read पिता पिता पिता बनते ही, फिर से जिम्मेदार हो जाता है, बड़ी समझदारी से, पाई पाई जमाता है. बच्चे कहीं तरस ना जाएं, और ज्यादा मेहनत करता है, घर में बेहतर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 213 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 20 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता पिता पिता बनते ही, फिर से जिम्मेदार हो जाता है, बड़ी समझदारी से, पाई पाई जमाता है. बच्चे कहीं तरस ना जाएं, और ज्यादा मेहनत करता है, घर में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 139 Share Shivanshi (Shashi Nimesh) Nimesh 17 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता बनते ही, फिर से जिम्मेदार हो जाता है, बड़ी समझदारी से, पाई पाई जमाता है. बच्चे कहीं तरस ना जाएं, और ज्यादा मेहनत करता है, घर में बेहतर सुविधा... Hindi · कविता 1 176 Share