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24 May 2022 · 1 min read

वक्त वक्त..

वक्त वक्त की बात है,
कल तुम्हारी बारी थी,
आज मेरी है,
कल किसी और की होगी,
इसमें, इतना इतराने की क्या बात है??

Language: Hindi
126 Views
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